: किसान कल्याण की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इस साल के बजट में किसानों को फसलों की उचित क़ीमत दिलाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है ताकि किसानों की मेहनत के अनुरूप बेहतर आय सुनिश्चित की जा सके.  आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उनकी लागत का कम-से-कम डेढ़ गुणा घोषित किया जाएगा. उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया और कहा कि एमएसपी के लिए जो लागत जोड़ी जायेगी, उसमें दूसरे श्रमिकों का मेहनताना, अपने मवेशी, मशीन या किराए पर लिए गए मवेशी या मशीन का ख़र्च, बीज का मूल्य, उपयोग की गयी हर तरह की खाद का मूल्य, सिंचाई का ख़र्च, राज्य सरकार को दिया गया भूमि राजस्व, लगायी गयी पूंजी के ऊपर दिया गया ब्याज़ तथा अगर ज़मीन पट्टे पर ली है तो उसका किराया शामिल है. ‘ उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, किसान जो ख़ुद मेहनत करता है या उसके परिवार में से कोई कृषि-कार्य में श्रम योगदान करता है, उसका मूल्य भी उत्पादन लागत में जोड़ा जाएग.। मोदी ने कहा कि इसके अलावा, किसानों को फसल की उचित क़ीमत मिले इसके लिए देश में कृषि विपणन सुधार पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सरकारी रेडियो आकाशवाणी पर मन की बात के कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया. इसका प्रसारण विभिन्न टीवी चैनलों पर भी किया गया. उन्होंने कहा पूरी दुनिया में राम और रामायाण का प्रभाव है. उन्होंने देश वासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर व किसानों के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा की. उन्होंने इस दौरान पानी के महत्व का उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सरकारी रेडियो आकाशवाणी पर मन की बात के कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया और इसका प्रसारण विभिन्न टीवी चैनलों पर भी किया गया. उन्होंने कहा पूरी दुनिया में राम और रामायाण का प्रभाव है. उन्होंने देश वासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर व किसानों के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा की. उन्होंने इस दौरान पानी के महत्व का उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. आज पूरे देश के हर वर्ग में यह आशा जगी है, विश्वास आया है कि हम आगे बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि यही आत्मविश्वास न्यू इंडिया का हमारा सपना साकार करेगा.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कृषि उन्नती मेले में किसानों से मेरी बात हुई थी. उन्होंने कहा कि मेघालय के किसानों ने कम क्षेत्र में बड़ा काम करके दिखाया है. उन्होंने दिखाया है कि जब लक्ष्य निर्धारित हो तो उसे हासिल किया जा सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार बजट में किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है. यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए लागत मूल्य से कम से कम डेढ़ गुणा एमएसपी दिया जाये.

उन्होंने कहा कि इसके तहत उत्पादन लागत में किसानों के श्रम को भी जोड़ा जायेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें उचित बाजार दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश के 22 हजार ग्रामीण हाट का आधुनिकीकरण किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस साल देश महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ मनाएगा. हम अपने उत्तम कार्यों के माध्यम से बापू को सच्ची श्रद्धांजलि दें. उन्होंने इससे संबंधित कार्यों के लिए लोगों से आग्रह किया कि वे भारत सरकार की वेबसाइट पर आवश्यक सुझाव भी दें.

उन्होंने जन सामान्य के लिए सस्ते हेल्थ सुविधाओं हेतु सरकार द्वारा प्रयास किये जाने की बात कही. प्रधानमंत्री ने योग दिवस के आयोजन की चर्चा भी अपने संबोधन में की. उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र से लोगों की दवाई का खर्च कम हुआ. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के माध्यम से 10 करोड़ परिवार को पांच लाख का कवर प्रदान किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 14 अप्रैल बाबा साहब अांबेडकर की जयंती है. उन्होंने वर्षों पहले देश के औद्योगिकीकरण की बात कही थी. उन्होंने इंडस्ट्रियल सुपर पॉवर के रूप में भारत का जो स्वप्न देखा था वह आज भी हमारे लिए प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में सबसे ज्यादा एफडीआइ भारत में आ रहा है. उन्होेंने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि उद्योगों का विकास शहरों में संपन्न होगा. उन्होंने देश के शहरीकरण का सपना देखा था. इसलिए हम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. बाबा साहेब का आत्मनिर्भरता में दृढ़ विश्वास था. वे नहीं चाहते थे कि कोई गरीबी में जीवन बिताये और वे यह भी मानते थे कि गरीबों में कुछ चीज बांट देने से स्थिति नहीं बदलेगी बल्कि उन्हेंआत्मनिर्भर बनाना होगा, जिसके लिए आज सरकार कई काम कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाबा साहेब राजमार्गों व जल मार्गों के बारे में बात करते थे. उन्होंने जलमार्ग को राष्ट्र शक्ति के रूप में देखा था. इसके लिए सरकार काम कर रही है. हम पुराने बंदरगाह को मजबूत कर रहे हैं.

*⭕️मन की बात में मोदी ने किया कानपुर के डॉ. से लेकर असम के रिक्शाचालक तक का जिक्र*

मोदी ने दावा किया कि आज

⭕️मुद्रा योजना,
🔵स्टार्ट अप इंडिया,
☢स्टैंड अप इंडिया इनीशिएटिव हमारे युवा इनोवेटर्स,
युवा उद्यमी को जन्म दे रही है.

 

किसान कल्याण की अपनी सरकार की कमिटमेंट को अंडरलाइन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में किसानों को फसलों की उचित कीमत दिलाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है ताकि किसानों की मेहनत के अनुरूप बेहतर आय सुनिश्चित की जा सके.

आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में रविवार को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उनकी लागत का कम-से-कम डेढ़ गुणा घोषित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर मैं विस्तार से बताऊं तो एमएसपी के लिए जो लागत जोड़ी जायेगी, उसमें दूसरे श्रमिकों का मेहनताना, अपने मवेशी, मशीन या किराए पर लिए गए मवेशी या मशीन का ख़र्च, बीज का मूल्य, उपयोग की गयी हर तरह की खाद का मूल्य, सिंचाई का ख़र्च, राज्य सरकार को दिया गया भूमि राजस्व, लगायी गई पूंजी के ऊपर दिया गया ब्याज़ और अगर ज़मीन पट्टे पर ली है तो उसका किराया शामिल है.’

मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं, किसान जो ख़ुद मेहनत करता है या उसके परिवार में से कोई कृषि-कार्य में श्रम योगदान करता है, उसका मूल्य भी उत्पादन लागत में जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, किसानों को फसल की उचित क़ीमत मिले इसके लिए देश में कृषि मार्केटिंग सुधार पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है. गांव जिसमें थोक मूल्य बाजार और वैश्विक बाजार से जुड़े, इसका प्रयास हो रहा है.

उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़े, इसके लिए देश के 22 हज़ार ग्रामीण हाटों को ज़रुरी आधारभूत ढांचे के साथ उन्नत बनाने के अलावा एपीएमसी और ई-नैम प्लेटफार्म के साथ जोड़ा जाएगा. यानी एक तरह से खेत से देश के किसी भी बाजार को जोड़ने की व्यवस्था बनाई जा रही है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किसानों से लेकर लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी. मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में कई ऐसे लोगों का जिक्र किया जिन्होंने समाज में अपना योगदान कुछ अलग काम करके दिया है. उन्होंने कानपुर के डॉक्टर से लेकर असम के रिक्शा चालक का जिक्र किया जिनके सरोकार से समाज को फायदा पहुंच रहा है.

मोदी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में कई त्योहार आने वाले हैं जिनमें भगवान महावीर जयंती, हनुमान जयंती, ईस्टर, वैसाखी शामिल हैं. आप सब को आने वाले सभी त्योहारों की ढेरों शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि डॉ. आम्बेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल से 5 मई तक ‘ग्राम-स्वराज अभियान’ आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत पूरे भारत में ग्राम-विकास, ग़रीब-कल्याण और सामाजिक-न्याय पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे. आप सभी इस अभियान में हिस्सा लें.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमने शासन के हर पहलू में सहकारी संघवाद और उससे आगे बढ़ करके प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद के मंत्र को अपनाया है. बाबा साहब पिछड़े वर्ग से जुड़े मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं. बाबा साहब ने संघवाद, संघीय-व्यवस्था के महत्व पर बात की और देश के उत्थान के लिए केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर काम करने पर बल दिया.

मोदी ने कहा कि डॉ बाबा साहब ही थे जिन्होंने जल-शक्ति को राष्ट्र-शक्ति के रूप में देखा. विभिन्न रिवर वैली अथोरिटीज, जल से संबंधित अलग-अलग कमीशन, ये सब बाबा साहब आम्बेडकर की ही नज़र थी. आज देश में जलमार्ग और बंदरगाहों के लिए ऐतिहासिक प्रयास हो रहे हैं.

मोदी ने दावा किया कि आज मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया इनीशिएटिव हमारे युवा इनोवेटर्स, युवा उद्यमी को जन्म दे रही है. उन्होंने कहा, बाबा साहब का आत्मनिर्भरता में दृढ़ विश्वास था. वे नहीं चाहते थे कि कोई व्यक्ति हमेशा ग़रीबी में अपना जीवन जीता रहे. बाबा साहब आम्बेडकर के विजन को आगे बढ़ाते हुए स्मार्ट सिटी मिशन, अर्बन मिशन की शुरुआत की गई ताकि बड़े नगरों, छोटे शहरों में हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.

मोदी ने कहा कि उद्योगों का विकास शहरों में ही संभव होगा यही सोच थी जिसके कारण डॉ० बाबा साहब आम्बेडकर ने भारत के शहरीकरण पर भरोसा किया.

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