चर्चा में क्यों?

इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (Indian Society for Training and Development – ISTD) देश में बड़ी संख्या में उपस्थित अकुशल आबादी का उन्नयन (upgrade) करने में मदद करने के लिये कुशल लोगों की एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाने की योजना बना रही है।

ऐसी रजिस्ट्री की आवश्यकता क्यों है?

भारत में कार्यशील जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता है। स्पष्ट है कि न तो ये लोग पूरी तरह से कौशलयुक्त ही हैं और न ही गरीबी के कारण इनकी स्कूली शिक्षा ही पूरी हो पाती है।
यही वज़ह है कि भारत में आधी से अधिक आबादी को अच्छे रोज़गार के अवसर (जिसमें न केवल व्यक्ति के कौशल का विकास हो बल्कि भुगतान की दर भी अच्छी हो) मिलना एक बहुत कठिन कार्य होता है।
संभवतः यही कारण है कि आई.एस.टी.डी. का लक्ष्य ऐसे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य से कौशल के संदर्भ में प्रशिक्षकों की एक रजिस्ट्री तैयार करना है।
ध्यातव्य है कि लगभग 600 ऐसे व्यापार क्षेत्र है जिन्हें प्रमाणित प्रशिक्षकों की आवश्यकता है। इनमें निर्माण उद्योग, कपड़ा, आभूषण, खुदरा, हस्तशिल्प आदि लोकप्रिय उद्योग भी शामिल हैं।

आई.एस.टी.डी. क्या है?

वर्ष 1970 में स्थापित भारतीय प्रशिक्षण और विकास समाज (Indian Society for Training & Development), राष्ट्रीय स्तर की एक पेशेवर और गैर-लाभकारी संस्था है, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है।
इसके अंतर्गत मानव संसाधन के विकास एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में शामिल सरकारी व्यक्तियों एवं संस्थानों के साथ-साथ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र संगठन तथा उद्यम, शैक्षिक और प्रशिक्षण संस्थान (Educational and Training Institutions) और अन्य व्यावसायिक निकाय (Professional Bodies) भी शामिल हैं।
यह संस्था इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (International Federation of Training and Development Organizations – IFTDO), अमरीका तथा एशियाई क्षेत्रीय प्रशिक्षण और विकास संगठन (Asian Regional Training and Development Organizations – ARTDO), मनीला से संबद्ध है।
आई.एस.टी.डी. का कार्य
आई.एस.टी.डी. राष्ट्रीय स्तर पर समस्त देश में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करती है।
इन कार्यक्रमों के तहत मानव विकास संसाधन के चयनित क्षेत्रों जैसे – प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, प्रशिक्षण लक्ष्यों और उद्देश्यों तथा प्रशिक्षण उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी को विशेष बढ़ावा दिया जाता है।
संघीय और असंगठित क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों के ‘परीक्षण और प्रमाणन’ (Testing and Certification) के लिये आई.एस.टी.डी. को राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
स्रोत : इकॉनोमिक टाइम्स

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