दुनिया का पहला ओपन पेमेंट नेटवर्क बिटकॉइन चर्चा में है। क्‍योंकि, फाइनैंशियल ट्रांजैक्‍शन के लिए यह सबसे तेज और कुशल मानी जा रही है। इसलिए बिटकॉइन को वर्चुअल करंसी भी कहा जाता है। आजकल यह ब्‍लैक मनी, हवाला और आतंकी गतिविधियों में ज्‍यादा इस्‍तेमाल किए जाने की वजह से सुर्खियों में है। इसके बढ़ते इस्‍तेमाल ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। जबकि आरबीआई और किसी भी रेग्‍युलेटर ने इसे कानूनी मान्‍यता नहीं दी है।

दरअसल बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी है जि‍सका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है। इसलिए कई डेवलपर्स और आंत्रप्रेन्‍योर्स ने बिटकॉइन को अपनाया है। जबकि हजारों कंपनियों, लोगों और नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस ने ग्लोबल बिटकॉइन सिस्टम को अपनाया है। दरअसल तीन साल पहले वजूद में आई बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करंसी बन गई है। इस समय एक बिटकॉइन को ऑनलाइन या बाजार में तकरीबन 290 डॉलर में बेचा जा सकता है। भारत में भी बिटकॉइन बनाने और इसका इस्तेमाल करने वालों की बहुत बड़ी संख्या मौजूद है जिसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

क्‍या है बिटकॉइन और कैसे होता है इस्‍तेमाल

बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव डिजीटल टेक्नोलॉजी या वर्चुअल करंसी है। इसको 2008-2009 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने प्रचलन में लाया था। कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्‍यस्‍था के ट्रांजेक्‍शन किया जा सकता है। वहीं, इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है। जबकि जटिल कम्‍प्‍यूटर एल्गोरिथम्स और कम्‍प्‍यूटर पावर से इस मुद्रा का निर्माण किया जाता है जिसे माइनिंग कहते हैं।

जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है। बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है। जबकि गोल्‍डमैन साक्‍स और न्‍यूयॉर्क स्‍टॉक एक्‍सचेंज तक ने इसे बेहद तेज और कुशल तकनीक कहकर इसकी तारीफ की है। इसलिए दुनियाभर के बिजनेसमैन और कई कंपनियां फाइनैंशियल ट्रांजेक्‍शन के लिए इसका इस्‍तेमाल खूब कर रहे हैं।

इसके जरिए ट्रांजेक्‍शन करना है आसान

दरअसल बिटकॉइन का संचालन कम्‍प्‍यूटरों के डिसेंट्रलाइज्‍ड नेटवर्क से किया जाता है। जहां पर ट्रांजेक्‍शन करने वालों की व्‍यक्तिग‍त जानकारियों की जरूरत नहीं होती है। जबकि क्रेडिट कार्ड, या बैंक ट्रांजेक्‍शन के विपरीत इससे होने वाले ट्रांजेक्‍शन इररीवर्सिवल होते हैं। यानी इसे वापस नहीं लिया जा सकता है। कहने का मतलब है कि‍ यह वन वे ट्रैफिक होता है। वहीं, क्रेडिट कार्ड, बैंक ट्रांसफर आदि में पैसे जहां भेजे जाते हैं, उनका आसानी से पता लगाया जा सकता है, लेकिन इसमें ऐसा संभव नहीं है, क्‍योंकि ट्रांजेक्‍शन करने वालों की व्‍यक्तिगत जानकारियां यहां नहीं होती हैं।

उद्योगों को मिल रहा है बिटकॉइन का लाभ

स्‍टार्ट-अप्‍स इंडस्‍ट्री को बिटकॉइन का सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। ये कंपनियां गोल्‍डमैन सैक्‍स, न्‍यू यॉर्क स्‍टॉक एकसचेंज जैसे बड़े संस्‍थानों व कंपनियों से खूब निवेश ले रही हैं। यह फास्‍ट और एफिशिएंट होने के अलावा इसकी ट्रांजेक्‍शन फीस भी अन्‍य इंस्‍टूमेंट्स से कम है। जबकि डिजिटल करंसी बिटकॉइन का उपयोग करने वाले बिजनेसमैन की संख्‍या लगभग 30 लाख बताई जा रही है और जूपिटर रिसर्च के मुताबिक यह संख्‍या 2019 तक 50 लाख तक पहुंच सकती है।

बिटकॉइन को कारोबारी मानते हैं सुरक्षित

कारोबारी के लिए बिटकॉइन फास्ट, सस्ता और सुरक्षित माध्यम है। मिसाल के तौर पर यह क्रेडिट कार्ड से ज्यादा सुरक्षित है, जहां फ्रॉड की ज्‍यादा घटनाएं होती हैं। अगर आप ऑनलाइन कारोबार चलाते हैं तो इसके जरिए फ्रॉड से बच सकते हैं। साथ ही पैसे बचाने के अलावा कई नए कस्टमर्स तक भी पहुंच सकते हैं। जबकि उपभोक्‍ता के लिए कई ऐसी ऑनलाइन और ऑफलाइन शॉप हैं जहां वे बिटकॉइन से खरीदारी कर सकते हैं। आमतौर पर कारोबारी बिटकॉइन ट्रांजैक्शन पर डिस्काउंट ऑफर कर रहे हैं, क्योंकि इस पर उन्हें बचत होती है।

आरबीआई और अन्‍य रेग्‍युलेटर ने नहीं दी मान्‍यता

इस डिजिटल करंसी को किसी भी केंद्रीय बैंक का समर्थन नहीं है, इसलिए निजी तौर पर ही इसके जरिए लेन-देन होता है। बिटकॉइन किसी कानूनी दायरे में नहीं आता है और एक सामूहिक नेटवर्क पर होने वाले ये लेन-देन किसी भी क्लियरिंग एजेंसी से होकर नहीं गुजरते हैं। जबकि होने वाली गड़बड़ी की जिम्‍मेदारी किसी की भी नहीं होती है, क्‍योंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग एजेंसी नहीं है। इसके जरिए धन एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के बदले में मामूली फीस ली जाती है जो कि क्रेडिट कार्ड की तुलना में बहुत कम होती है। बिटकॉइन के बढ़ते उपयोग पर भारतीय रिजर्व बैंक समेत दुनिया की कई रेग्‍युलेटरी संस्‍थाओं ने आगाह किया है।

टैक्‍स चोरी और हवाला में बिटकॉइन का इस्‍तेमाल

जिस तरह से बिटकॉइन का इस्‍तेमाल कारोबार के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उसी हिसाब से बढ़ता जा रहा है। क्‍योंकि, इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्‍मेदारी किसी की नहीं होती है। जबकि ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि में इसके बढ़ते इस्‍तेमाल ने दुनियाभर की सुरक्षा एजेंसियों और फाइनैंशियल रेग्‍युलेटर्स की नींद उड़ा दी है। वहीं यह टेक्‍नोलॉजी अब कंपनियों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनती जा रही है। इसके जरिए बढ़ रही फिरौती की घटनाओं ने विभिन्‍न देशों की फाइनैंशियल कंपनियों, ब्रॉकरेज फर्म और पुलिस महकमे तक को हिलाकर रख दिया है।

भारत में बिटकॉइन की उपयोगिता और भविष्‍य

भारत में कई योग्‍य और प्रतिभाशाली आईटी एक्‍सपर्ट्स हैं। इस लिहाज से भी यहां पर बिटकॉइन के लिए उचित जगह है। क्‍योंकि भारत के बहुत सारे लोग अमेरिका और यूरोप में काम कर रहे हैं। वहीं बिटकॉइन से पहले की अपेक्षा पेमेंट करना अब सस्‍ता हो गया है। भारत के कई एनिमेटर्स और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स एक साथ काम करते हैं और हमेशा बिटकॉइन के जरिए पेमेंट करते हैं। क्‍योंकि इसके जरिए पेमेंट करना तेज और सस्ता भी है। इसलिए भारत में इस वर्चुअल करेंसी के लिए जबरदस्त गुंजाइश है।

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