• निवेशकों की निगाह में भारत का आकर्षण बढ़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले एक पायदान सुधरकर भारत निवेश के लिहाज से पांचवां सबसे आकर्षक बाजार बन गया है।
• इसके साथ ही ग्लोबल स्तर पर कारोबारी आशावाद (बिजनेस ऑप्टिमिज्म) भी यहां रिकॉर्ड स्तर पर है। हालांकि, साइबर सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन चिंता की वजह बने हुए हैं। ग्लोबल एडवाइजरी फर्म पीडब्ल्यूसी ने दुनियाभर के सीईओ के बीच कराए गए सर्वेक्षण में यह बात कही है।

• सर्वेक्षण के मुताबिक, 2018 में जापान को पछाड़कर भारत पांचवा सबसे आकर्षक बाजार बन गया है। 2017 में भारत छठे स्थान पर था।
• दुनियाभर के 46 फीसद सीईओ के समर्थन के दम पर निवेश के लिहाज से अमेरिका सबसे पसंदीदा बाजार बना हुआ है। इसके बाद चीन (33 फीसद), जर्मनी (20 फीसद), ब्रिटेन (15 फीसद) और भारत (नौ फीसद) को क्रमश: दूसरा, तीसरा, चौथा और पांचवां स्थान मिला है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के चेयरमैन श्यामल मुखर्जी ने कहा कि निश्चित संरचनात्मक सुधारों के चलते पिछले एक साल में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। ज्यादातर कारोबारी विकास को लेकर आश्वस्त हैं।
• बुनियादी ढांचा, मैन्यूफैक्चरिंग और कौशल जैसे क्षेत्रों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं। हालांकि, इस बीच साइबर सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी नई चिंताएं बढ़ी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कारोबार को लेकर आशावाद बढ़ने के बावजूद व्यापार, सामाजिक और आर्थिक खतरों को लेकर ज्यादातर सीईओ की चिंता बढ़ी है।
• करीब 40 फीसद सीईओ भू-राजनीतिक अनिश्चितता व साइबर सुरक्षा को लेकर, जबकि 41 फीसद सीईओ आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं। 2017 में आतंकवाद को लेकर केवल 20 फीसद सीईओ ने चिंता जताई थी। कुशल लोगों की कमी, लोकलुभावन नीतियां, मुद्रा की अस्थिर कीमत और उपभोक्ताओं का बदलता व्यवहार भी चिंता के कारणों में शुमार हैं।
• एशिया प्रशांत क्षेत्र और पश्चिमी यूरोप में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय नुकसान टॉप पांच खतरों में शामिल किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 40 फीसद सीईओ इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि वैश्वीकरण से अमीर और गरीब के बीच फासला घटा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *