07 February 2018(Wednesday)
1.मालदीव संकट : चीफ जस्टिस की गिरफ्तारी के बाद झुका सुप्रीम कोर्ट
• मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद द्वारा देश में जारी राजनीतिक संकट के समाधान के लिए भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना वह फैसला वापस ले लिया है जिसमें उसने नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था।
• इस फैसले को मानने से इन्कार करते हुए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था और चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद व एक अन्य जज अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया था।
• राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के जज उनकी सरकार का तख्तापलट करने की साजिश रच रहे थे। इसी बात की जांच के लिए उन्होंने देश में आपातकाल लगाया है।
• टीवी पर अपने भाषण में राष्ट्रपति यामीन ने कहा, ‘हमें पता लगाना है कि तख्तापलट की साजिश कितनी गहरी थी।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के बाकी तीन जजों ने नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के पूर्व के फैसले को वापस ले लिया। इन जजों ने एक बयान जारी कर कहा, ‘राष्ट्रपति द्वारा जताई गई चिंताओं की रोशनी में वे इस फैसले को वापस ले रहे हैं।’
• 2012 में देश के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद के अपदस्थ होने के बाद से ही मालदीव लगातार राजनीतिक संकटों से जूझता रहा है। पिछले गुरुवार को मालदीव में संकट उस समय और गहरा गया, जब सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दे दिया। इतना ही नहीं शीर्ष अदालत ने बंदी नेताओं के खिलाफ चल रहे मुकदमों को भी राजनीति से प्रेरित करार दिया था।
• जिन नेताओं की रिहाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था, उनमें निर्वासित नेता नशीद भी शामिल हैं। आदेश मानने से सरकार के इन्कार के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। इस पर सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी।

2. सऊदी अरब के जनाद्रिया उत्सव का आज उद्घाटन करेंगी
• विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तीन दिवसीय यात्र पर मंगलवार को सऊदी अरब पहुंच गईं। बुधवार को वह इस खाड़ी देश के प्रतिष्ठित जनाद्रिया उत्सव का उद्घाटन करेंगी। जनाद्रिया उत्सव का आयोजन नेशनल गार्डस की ओर से किया गया है। इसमें सऊदी अरब की संस्कृति और विरासत का प्रदर्शन किया जाता है।
• भारत इसमें विशिष्ट अतिथि राष्ट्र है। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा भी था कि इस उत्सव में भारत की हिस्सेदारी बहुआयामी होगी। उनके मुताबिक, उत्सव में भारत का एक पैवेलियन होगा जिसमें कई भारतीय थीमों और परियोजनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
• इस पैवेलियन से पारंपरिक और आधुनिक भारत की पूरी झलक मिलेगी। उत्सव में शिरकत करने के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सऊदी अरब के नेताओं के साथ आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर विचार-विमर्श भी करेंगी।
• मालूम हो कि सऊदी अरब में 30 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं। अप्रैल, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्र के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं।
• चीन, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के बाद सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है।

3. भारत के साथ यूरोपीय संघ भी कसेगा पाकिस्तान पर शिकंजा
• आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आने वाले दिनों में यूरोपीय संघ (ईयू) के हाथों भी शर्मिदगी का सामना करना पड़ सकता है। जिस तरह से अमेरिका ने आतंकी संगठनों को पनाह देने के मामले पर पाक पर दबाव बनाया है, कुछ वैसा ही रुख यूरोपीय संघ का भी हो सकता है।
• दरअसल, भारत और यूरोपीय संघ के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग प्रगाढ़ करने को लेकर एक नए व्यापक समझौते पर बातचीत हो रही है। इसके तहत भारत-ईयू मिलकर आतंकी संगठनों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा कठोर कार्रवाई करने का रास्ता निकालेंगे। इस बात के संकेत यूरोपीय संघ के भारत में राजदूत टॉमस कोज्लोस्की दिए।
• कोज्लोस्की के मुताबिक, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों की एक बेहद अहम कड़ी होगी।
• संकेत इस बात के भी हैं कि भारत और ईयू दुनिया के लिए खूंखार बन चुके आतंकी संगठनों की एक सूची भी जारी करेंगे। इस बारे में यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी जांच व सुरक्षा एजेंसी यूरोपोल की भारत की सुरक्षा व जांच एजेंसियों के साथ लगातार उच्चस्तरीय बातचीत हो रही है। कोज्लोस्की के मुताबिक, ‘भारत और ईयू के बीच पिछले कुछ माह से आतंक के खिलाफ सहयोग पर लगातार बात हो रही है।
• दोनों पक्षों के बीच साइबर आतंकवाद और कट्टरता के अलावा आतंकी संगठनों की सूची जारी करने पर बात हुई है।’ इस सूची में यूरोपीय संघ और भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके आतंकी संगठनों और उसके गुर्गे के नाम होंगे। हाल के दिनों में यूरोपीय संघ की तरफ से आतंकवाद के मुद्दे पर पाक की तरफ इशारा करते हुए कई बार तल्ख टिप्पणियां की गई हैं।
• ईयू ने कई बार पाक से कहा है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी संगठनों को नहीं करने दे। 1यूरोपीय संघ से यह सूचना भी आ रही है कि पाकिस्तान को विश्व व्यापार संगठन के तहत दी गई जेनरेलाइज्ड सिस्टम ऑफ रिफरेंस (जीपीएस) सुविधा की समीक्षा की जा रही है।
• इस सुविधा के तहत पाकिस्तान के निर्यातकों को यूरोपीय संघ के देशों को निर्यात करने में कुछ अतिरिक्त सुविधा मिल रही है।
• माना जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों को पाकिस्तान की तरफ से बढ़ावा देने के आधार पर ही जीपीएस सुविधा की भी समीक्षा की जा रही है।

4. दुरुपयोग की आशंका से रद नहीं हो सकता कोई कानून : सुप्रीम कोर्ट
• आधार की वैधता पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कानून की तय व्यवस्था है कि दुरुपयोग की आशंका के आधार पर किसी कानून को रद कर दिया जाए।
• कानून की संवैधानिकता अपवाद स्वरूप सामने आए एक या दो मामलों से तय नहीं होती है।’ इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।
• आधार कार्ड पर सुनवाई कर रहे पांच जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को कहा कि किसी कानून की संवैधानिकता उसके आम या सामान्य मामलों से तय होती है।
• खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि कोर्ट कैसे यह तय करेगा कि कानून के लागू होने में खतरे का कितना स्तर पर्याप्त है? अदालत इस मामले को और गहराई से देखे या फिर इस कानून को ऐसा ही छोड़ दे? इस पर सिब्बल अपना जवाब बुधवार को सुनवाई के दौरान देंगे।
• चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में शामिल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अगर किसी तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है तो इसका मतलब ये नहीं किसी कानून को ही रद कर दिया जाए। ऐसे कोर्ट के फैसलों की लंबी कतार है जिनमें कहा गया है कि सिर्फ मिसयूज होने की आशंका से कानून को रद नहीं किया जा सकता।’
• आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता के मामले में याचिकाकर्ताओं पश्चिम बंगाल और राघव तन्खा की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस कानून का रोजाना दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे में इसे अपवाद माना जाना चाहिए और रद किया जा सकता है।
• लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ ने जवाब दिया, ‘दुरुपयोग के आसार के आधार पर किसी कानून को असंवैधानिक करार नहीं दिया जा सकता। किसी कानून को रद करने में बड़ी दिक्कत है। किसी कानून को रद करने के लिए ये कहना होगा कि ये कलरेबल कानून है। क्या आप ये कहना चाहते हैं कि कानून को खुद के रिस्क का स्तर देना चाहिए।’
• सिब्बल ने दलील दी, ‘किसी भी टेक्नोलॉजी को हैक किया जा सकता है। दुनिया में ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं जिसका दुरुपयोग न हो सकता हो। यही टेक्नोलॉजी किसी को बर्बाद करने में इस्तेमाल की जा सकती है। इस इंटरनेट की दुनिया में ये पता लगाना मुश्किल है कि तथ्य सही हैं या नहीं।
• किसी व्यक्ति की अगर निजी जानकारी हैक हो गई तो उसे दोबारा पहले की स्थिति में नहीं लाया जा सकता।’ अपने आर्थिक फ़ायदे के लिए निजी कंपनियों के द्वारा सूचना का इस्तेमाल करने को लेकर उन्होंने कहा कि जितना लोगों के बारे में जानकारी होगी उतनी अच्छी तरह प्रोडक्ट को बेचा जा सकता है।’
• सिब्बल ने पीएम के दावोस के भाषण को निशाना बनाया : सिब्बल ने कहा कि एक बार बोतल से जिन्न बाहर आ गया तो वापस बोतल में नहीं भेजा सकता है। आज के तकनीकी दौर में ये कहना एकदम सही होगा कि एक बार व्यक्तिगत सूचना लोगों के बीच आ जाती है तो उसके घातक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावोस में दिए भाषण का हवाला देते हुए अपनी दलील दी।
• प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘जो देश डेटा पर नियंत्रण रखेगा वो दुनिया को नियंत्रित करेगा, मैं इससे सहमत हूं।’ मेरा अंगूठा मेरी संपत्ति
• सिब्बल ने कहा, ‘मेरा अंगूठा मेरी संपत्ति है। सरकारी योजनाओं और सेवाओं का उपभोग मेरा अधिकार है, पहचान नहीं। सरकार मेरी पहचान को ही सेवा की शर्त बना रही है जबकि इन दोनों का आपस में कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।
• आधार एक्ट के जरिए जनता को इतना कंट्रोल करना चाह रही है सरकार तो जनता के पास तो कोई विकल्प ही नहीं रहेगा। आधार कार्ड के दूरगामी परिणाम होंगे क्योंकि पीढ़ियों तक आधार नंबर का इस्तेमाल होगा। किसी को नही पता कल क्या होगा न ही बेंच को और न ही विशेषज्ञों को।
• उन्होंने कहा कि सूचना एक शक्ति है और अगर राज्य को ये शक्ति दे दी गई तो राज्य इस शक्ति का इस्तेमाल करेंगे, जैसे पहले कभी नहीं किया गया था।
• आधार कुछ और नहीं है बल्कि राज्य से लिए सूचना के अधिकार का औजार है। आधार खुद नहीं बता सकता कि कोई आतंकी या हवाला डीलर है जब तक उसके बारे में जानकारी ना हो।

5. अगली सरकार के लिए छोड़ दिया गया राजकोषीय मजबूती का काम : फिच
• सरकार ने 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत तथा चालू वित्त वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत रखा है। वहीं पहले की योजना में इसे 2018-19 के लिए जीडीपी के 3 प्रतिशत तथा 2017-18 के लिये 3.2 प्रतिशत करने का लक्ष्य था।
• फिच ने कहा कि राजकोषीय सुदृढ़ीकरण को आगे टाला जाना अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए नीतियों को प्रतिबिंबित करता है।
• पिछले वर्ष कमजोर निवेश तथा नोटबंदी एवं माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण उत्पन्न बाधाओं के कारण टाल दिया गया।

6. चीन ने किया मिसाइल रोधक पण्राली का परीक्षण
• चीन ने एक और मिसाइल रोधक पण्राली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए इसे अपनी रक्षा के लिए उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि यह परीक्षण किसी देश को लक्ष्य करके नहीं किया गया।
• चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की निगरानी में शुरू हुए महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना के सभी प्रकार के मिसाइलों पर अनुसंधान का काम तेज हो गया है जिनमें अंतरिक्ष स्थित सेटेलाइटों से लेकर अत्याधुनिक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं।
• मंत्रालय ने एक संक्षिप्त वक्तव्य में बताया चीन की सीमाओं के भीतर जमीन से मिडकोर्स मिसाइल रोधक तकनीक का परीक्षण सोमवार को किया गया। यह परीक्षण अपने संभावित लक्ष्य तक सफलतापूर्वक पहुंची। यह रक्षा में था और किसी देश को निशाना बनाने के इरादे से नहीं किया गया था।
• वक्तव्य में और कोई जानकारी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि चीन अपने सहयोगी रूस के साथ दक्षिण कोरिया में अमेरिका की ओर से मिसाइल रोधक टर्मिनल हाई एल्टीच्यूड एरिया डीफेंस (थाड) की तैनाती का विरोध करता रहा है। हालांकि इस तकनीक में अनुसंधान करने से चीन पर भी कोई रोक नहीं है।

7. भारत की 900 किमी मारक क्षमता की अग्नि-1 मिसाइल टेस्ट में पास
• भारत ने मंगलवार को सतह से सतह पर मार करने तथा परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। भारतीय सेना के सामरिक कमांड बल ने इस मिसाइल का सुबह 8:30 बजे अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से इंटीग्रेटेड रेंज (आइटीआर) के लांच पैड-4 से परीक्षण किया।
• ठोस इंजन आधारित इस मिसाइल की मारक क्षमता 900 किलोमीटर तक है। 1सूत्रों के अनुसार अग्नि-1 भारतीय सशस्त्र बलों के जखीरे में शामिल पहली और एकमात्र ठोस इंजन आधारित मिसाइल है। देश में निíमत 15 मीटर लंबी तथा 12 टन वजन की यह मिसाइल किलोग्राम तक के पारंपरिक तथा परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
• अग्नि-1 मिसाइल को रेल एवं सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है। 1अग्नि-1 के इस परीक्षण के मौके पर बड़ी संख्या में वैज्ञानिक मौजूद थे। यह मिसाइल अपने परीक्षण के दौरान सभी मानदंडों पर खरी उतरी।
• अग्नि-1 के परीक्षण को भारतीय सेना की तैयारी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस अभियान के पूरे मार्ग की अत्याधुनिक रडार से निगरानी की गई। प्रभाव स्थल के पास नौसेना की एक जहाज के जरिये जायजा लिया गया।
• अग्नि-1 मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी, 2002 को इसी द्वीप से किया गया था। उल्लेखनीय है कि क्षेत्रीय हालात खासकर पाक की करतूतों को देखते हुए यह मिसाइल बेहद अहम हो जाती है।

8. स्टार्टअप्स के लिए माहौल पर राज्यों की होगी रैंकिंग
• वाणिज्य व उद्योग मंत्रलय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्टार्टअप यानी उभरते उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के आधार पर रैंकिंग के लिए प्रणाली तैयार की है।
• मंत्रलय के अनुसार देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए किए गए अच्छे प्रयासों की रैंकिंग से अभियान को गति मिलेगी और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
• राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग करने का उद्देश्य उन्हें स्टार्टअप को स्थानीय स्तर पर अच्छा माहौल बनाने के लिए प्रेरित करना है। रैंकिंग में माहौल बनाने के लिए किए गए उपायों का असर आंकने की कोशिश की जाएगी।
• देश में इस समय करीब 20 हजार स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं और हर साल 1400 स्टार्टअप्स शुरू होते हैं। यह रैंकिंग नव उद्यमी, मेंटर व निवेशक समेत सभी पक्षों के फीडबैक के आधार पर तैयार की जाएगी। इसमें फंडिंग सपोर्ट और महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने पर खास जोर होगा।

9. लगातार कमजोर हो रही है ओजोन परत
• पृथ्वी को उच्च ऊर्जा विकिरण से बचाने वाली ओजोन परत पिछले तीन दशकों से लगातार कमजोर हो रही है। इसकी पुष्टि एक और से हो रही है। के मुताबिक 20वीं शताब्दी में ओजोन परत सबसे ज्यादा कमजोर हुई, क्योंकि इसी समय क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) की वजह से वातावरण में सबसे ज्यादा क्लोरीन और ब्रोमीनयुक्त हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन हुआ। इस वजह से स्ट्रेटोस्फीयर (समताप मंडल) में सबसे ज्यादा ओजोन लेयर को नुकसान हुआ।
• पृथ्वी की सतह से 10 से लेकर 50 किलोमीटर की ऊंचाई को समताप मंडल कहा जाता है। के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान 15 से 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर हुआ है यानी समताप मंडल के निचले हिस्से में स्थित ओजोन परत कमजोर हुई है।
• दरअसल, मांटियल प्रोटोकॉल के तहत 1989 में काफी समय तक वातावरण को प्रभावित करने वाले सीएफसी पर पाबंदी लगा दी गई। यही वजह है कि 2000 के अंत तक ओजोन परत के नुकसान को संभाल लिया गया। इसी आधार पर विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि अब तक वैश्विक ओजोन परत पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। हालांकि ईटीएच ज्यूरिख और दावोस स्थित फिजिकल मेटेरोलॉजी वेधशाला ने में पाया कि पाबंदी के बावजूद समताप मंडल के निचले हिस्से में ओजोन परत कमजोर होती गई है।
• एटमोस्फेरिक केमिस्ट्री एंड फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित का निष्कर्ष पिछले तीन दशक के दौरान उपग्रहों से प्राप्त चित्रों और आंकड़ों के आधार पर निकाला गया है।
• निष्कर्ष ने वैज्ञानिकों को काफी आश्चर्य में डाल दिया, क्योंकि सीएफसी की मात्र कम होने के बाद भी समताप मंडल के निचले हिस्से में ओजोन परत के कमजोर होने की उम्मीद नहीं थी।
• गौर करने वाली बात यह भी है कि 30 किमी से ऊपर के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। 1मांटियल प्रोटोकॉल से हुआ सुधार: ईटीएच ज्यूरिख के शोधकर्ता विलियम बॉल ने कहा कि मांटियल प्रोटोकॉल की वजह से 1998 के बाद से समताप मंडल के ऊपरी हिस्से में ओजोन परत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साथ ही ध्रुवीय इलाकों में भी सुधार है।
• इस सुधार के बावजूद वैज्ञानिकों ने आंकड़ों के से पाया कि कुल ओजोन कॉलम पहले जैसा ही है। इससे ही वैज्ञानिकों ने माना है कि निचले हिस्से में ओजोन परत में कमी आई है।
• हालांकि ओजोन परत के कमजोर होने की वजहों की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन वैज्ञानिक इसके लिए दो संभावित कारण मानते हैं। पहला जलवायु परिवर्तन जिसके कारण वातावरण में वायु प्रसार की दिशा ध्रुव की ओर बढ़ रही है। इससे भी ओजोन की परत कमजोर हो रही है।
• दूसरा कारण यह भी हो सकता है कम वक्त तक वातावरण को प्रभावित करने वाले क्लोरीन और ब्रोमीन युक्त तत्वों की मात्र बढ़ रही हो।

10. तनवीर हैदर उस्मानी होंगे अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष
• पूर्व एमएलसी तनवीर हैदर उस्मानी उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के नए अध्यक्ष होंगे। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे के तीन बार अध्यक्ष रह चुके तनवीर हैदर को प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाने जा रही है। उनके साथ ही आठ सदस्यों की नियुक्ति को भी मंजूरी मिल गई है।

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