01 March 2018(Tuesday)

1.दुनिया में फिर सबसे तेज दौड़ रही देश की विकास दर
• नोटबंदी और जीएसटी के व्यवधानकारी असर से निकलकर भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे उच्च वृद्धि की ओर बढ़ने लगी है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.2 फीसद हो गई है जो बीती पांच तिमाही में सबसे ज्यादा है।
• इससे पूर्व 7.5 प्रतिशत की उच्चतम दर 2016-17 की जुलाई-सितंबर तिमाही में थी। इसके साथ ही भारत की विकास दर एक बार फिर दुनिया में सबसे तेज हो गई है। इस मामले में उसने चीन को फिर से पीछे छोड़ दिया है, जिसकी विकास दर 6.8 फीसद रहने का अनुमान है।
• आंकड़ों पर वित्त मंत्रलय ने कहा है कि इससे देश में अर्थव्यवस्था की गतिविधियां तेज होने के संकेत मिले हैं। 1खास यह है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बुधवार को राष्ट्रीय आय के आंकड़े जारी करते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर दिया।
• चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पादन 32.50 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 30.32 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह तीसरी तिमाही में जीडीपी में 7.2 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इससे पूर्व विकास दर का उच्चतम स्तर 7.5 प्रतिशत वित्त वर्ष 2016-17 की जुलाई-सितंबर तिमाही में रहा था। यह तिमाही आठ नवंबर 2016 को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से ठीक पहले की तिमाही थी।
• चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास दर बढ़ने में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन है। मैन्यूफैक्चरिंग ने चालू वित्त वर्ष में 8.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है जबकि पिछले साल यह 6.9 प्रतिशत थी। इसी तरह कृषि क्षेत्र ने भी 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
• इससे संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था नोटबंदी के असर से उबर चुकी है। साथ ही एक जुलाई 2017 से देशभर में जीएसटी लागू होने से आर्थिक गतिविधियों में जो शुरुआती व्यवधान आए, उसके प्रभाव से भी अर्थव्यवस्था निकलकर धीरे-धीरे उच्च रफ्तार की ओर बढ़ रही है।
• सीएसओ ने 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की विकास दर का आंकड़ा भी 6.3 प्रतिशत से संशोधित कर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। 2017-18 के लिए विकास दर के अनुमान को भी संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इससे पूर्व सीएसओ ने 31 जनवरी 2018 को विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया था। हालांकि विकास दर का यह आंकड़ा 2016-17 में जीडीपी की 7.1 प्रतिशत वृद्धि दर के मुकाबले कम है।
• विकास दर के आंकड़ों पर वित्त मंत्रलय ने एक बयान में कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में रफ्तार तेज होने से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिले हैं। हमें उम्मीद है कि विकास दर में वृद्धि का यह सिलसिला जारी रहेगा।

2. विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती : कारखानों में प्रोडक्शन घटने से पीएमआई 52.1 फीसद रहा
• फरवरी में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में जनवरी के मुकाबले गिरावट देखी गई। इसकी प्रमुख वजह कारखानों में उत्पादन का धीमा रहना और नए कारोबारी आर्डरों का कम होना है।कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किया जाने वाले मासिक सर्वेक्षण निक्की इंडिया विनिर्माण परचेचिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी में 52.1 रहा जो जनवरी में 52.4 था। यह परिचालन हालात में बेहतरी को दिखाता है।
• यह लगातार सातवां महीना है जब पीएमआई सूचकांक 50 से ऊपर रहा है। पीएमआई का 50 से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार अथवा वृद्धि को दर्शाता है। वहीं इसका 50 के स्तर से नीचे रहना क्षेत्र में संकुचन को दिखाता है।आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्री और इस रपट की लेखिका आशना ने कहा, ‘‘यह बेहद अच्छा है कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र वृद्धि के दायरे में बना रहा है।
• जबकि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रभाव नकारात्मक रहा था।’विनिर्माण क्षेत्र में इस वृद्धि की प्रमुख वजह विनिर्माण उत्पादन का बढ़ना है, वहीं घरेलू और विदेशी बाजारों से मांग बढ़ने की रपटें हैं जिससे नया कारोबार हुआ है। हालांकि जनवरी के मुकाबले यह वृद्धि कम है।

3. जार्डन के साथ रिश्ते मजबूत करने पर र्चचा
• भारत की यात्रा पर आए जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन से बुधवार को विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भेंट की। दोनों के बीच कारोबार, निवेश, सुरक्षा, पयर्टन एवं लोगों से लोगों के बीच संपर्क समेत अनेक विषयों पर व्यापक र्चचा हुई।
• विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, जार्डन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध और मजबूत हुए। दोनों देशों के बीच संबंध एक दूसरे के प्रति शुभेच्छा और गर्मजोशी से भरे हैं।
• उल्लेखनीय है कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन भारत की तीन दिन की यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे जहां उनकी भव्य अगवानी की गई और हवाईअड्डे पर उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकोल तोड़कर खुद पहुंचे थे। तीन सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री ने पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के तहत जॉर्डन का दौरा किया था।
• प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया था, शाह अब्दुल्ला द्वितीय के दिल्ली आगमन पर उनका स्वागत है। प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला बृहस्पतिवार को व्यापक बातचीत करेंगे जिसमें द्विपक्षीय संबंधों का पूरा आयाम होगा।
• बातचीत में फिलिस्तीन के मुद्दे के साथ ही आतंकवाद, चरमपंथ और उग्रवाद से निपटने के तरीकों पर प्रमुखता से र्चचा हो सकती है। दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय आपसी हितों और द्विपक्षीय संबंधों पर र्चचा होगी। भारत और जॉर्डन के बीच कई समझौतों के ज्ञापन पत्रों पर हस्ताक्षर हो सकता है।

4. वियतनाम के राष्ट्रपति ने की भारत के साथ समुद्री संपर्क की वकालत
• क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल के बीच वियतनाम के राष्ट्रपति त्रन दाई क्वांग ने भारत के साथ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग से संपर्क बढ़ाने की वकालत की है। इसके साथ ही उन्होंने व्यापारिक संबंध मजबूत बनाने का पक्ष लिया है। 1त्रन दो मार्च को भारत की तीन दिनों की सरकारी यात्र पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं।
• उनका मानना है कि भारत और वियतनाम क्रमश: दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में रणनीतिक रूप से बेहतर स्थिति में हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। त्रन ने कहा, ‘दोनों देश समुद्री क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने को लेकर भी बेहतर स्थिति में हैं। इस संबंध में हम समुद्र संबंधी रणनीतियां बनाने में आपसी अनुभव और सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ा सकते हैं।’
• वियतनाम के राष्ट्रपति का समुद्री क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने का आह्वान इस संबंध में उल्लेखनीय है कि दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका, जापान और कई अन्य देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की प्रमुख भूमिका पर जोर दिया है। वियतनामी नेता ने दोनों देशों के बीच व्यापार और हवाई संपर्क बढ़ाने का आह्वान किया।
• वियतनामी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर और निचले स्तर पर दोतरफा यात्रओं के चलते उच्चस्तरीय राजनीतिक विश्वास कायम हुआ है। दोनों देशों ने जो भी समझौते किए हैं उन पर उन्होंने प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया है। खासतौर से दोनों देशों के बीच 2015-2020 के बीच रक्षा सहयोग पर संयुक्त दृष्टि वक्तव्य को लेकर प्रभावी क्रियान्वयन किया गया है।
• त्रन ने कहा है, ‘दोनों देशों के बीच 2020 तक 15 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करने के लिए दोनों पक्षों को उन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है जहां वियतनाम की मांग को पूरा करने के लिए भारत बेहतर स्थिति में है। विमानन और समुद्री क्षेत्र में संपर्क बेहतर बनाने की जरूरत है। द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने और अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए व्यापार प्रतिबंधों को समाप्त करना होगा और इस दिशा में आगे काम करना चाहिये।’
• वियतनाम के राष्ट्रपति द्वारा भारत के साथ विमानन और समुद्री क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने पर जोर देना चीन को ज्यादा रास नहीं आएगा। क्षेत्र में वियतनाम और कई अन्य देशों के साथ पहले ही चीन खींचतान की स्थिति में है। दक्षिण चीन सागर को लेकर जिन देशों के साथ चीन का विवाद चल रहा है उनमें ब्रुनेई और फिलीपींस भी शामिल हैं।

5. बिल गेट्स ने कहा- हाइपरलूप का कंसेप्ट कारगर नहीं होगा, इसकी सुरक्षा चुनौतीपूर्ण
• दुनिया के दूसरे बड़े अरबपति और माइक्रोसॉफ्ट के कोफाउंडर बिल गेट्स ने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि हाइपरलूप का कंसेप्ट कारगर होगा। इसे सुरक्षित बनाना चुनौतीपूर्ण होगा। गेट्स रेडिट के एएमए (आस्क मी एनिंथिंग) सेशन में शामिल हुए थे।
• उन्होंने ट्रांसपोर्टेशन, क्रिप्टोकरेंसी समेत कई विषयों पर बात की। एक यूजर ने गेट्स से पूछा कि आप फ्यूचर ट्रांसपोर्टेशन में गेट्स फाउंडेशन ध्यान क्यों नहीं दे रहा है। इस पर गेट्स का कहना था कि निजी सेक्टर ट्रांसपोर्टेशन में इनोवेशन के लिए काफी खर्च कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि ऑटोनोमस व्हीकल और इलेक्ट्रिक कारें बेहतरीन साबित होंगी।
• हाइपरलूप का कंसेप्ट 2013 में पहली बार टेस्ला सीईओ इलोन मस्क ने रखा था। उनकी बोरिंग कंपनी इस पर काम कर रही है। इस सिस्टम में लोगों को एक खास तरह के पॉड में सफर करवाया जाएगा। ये पॉड एक ट्यूब के अंदर करीब 1,000 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से ट्रेवल करेंगे। इसके लिए भूमिगत सुरंगें बनानी होंगी। इससे पहले एमट्रेक सीईओ रिचर्ड एंडरसन भी हाइपरलूप की सफलता पर शंका जता चुके हैं।
• उनका मानना है कि इस सिस्टम पर होने वाले खर्च को मौजूदा पुल और सुरंगों को सुधारने में लगाना चाहिए। गेट्स ने कहा कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी की वकालत करने वाले लोग पसंद नहीं हैं। जो लोग लंबे समय तक चलना चाहते हैं, उन्हें क्रिप्टोकरेंसी या सट्‌टेबाजी की जोखिम से बचना चाहिए।
• उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और टेरर फंडिंग को रोकने क्षमता प्रशंसनीय है। एक यूजर ने पूछा कि नकद पैसों का इस्तेमाल ड्रग्स खरीदने और न जाने किन-किन चीजों में हो रहा है, तो गेट्स का कहना था कि ये बात सही है कि छुप हुए नकद का इस्तेमाल गलती चीजों में हो रहा है लेकिन आप जब खुद मौजूद रहते हैं तो इस तरह की गड़बड़ियों की संभावना कम हो जाती है।
• रेडिट एएमए एक इंटरेक्टिव सेशन होता है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के दिग्गजों का इंटरव्यू लिया जाता है। 2009 में इसकी शुरुआत हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *