02 March 2018(Friday)
1.भारत और जार्डन के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर र्चचा की और दोनों पक्षों ने रक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सीमा शुल्क के क्षेत्र में आपसी सहयोग समेत एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
• भारत और जार्डन ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें प्रशिक्षण, रक्षा उद्योग, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सैन्य अध्ययन, साइबर सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा सेवा, शांति रक्षा जैसे कुछ चिन्हित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
• दोनों देशों ने स्वास्थ्य एवं औषधि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया। इसका मकसद स्वास्थ्य, चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा शिक्षा और शोध के क्षेत्र में समानता और आपसी लाभ के आधार पर सहयोग बढ़ाना है। इसमें सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज, सेवा एवं आईटी क्षेत्र में स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शोध, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सांख्यिकी, उपचार, फार्मा एवं चिकित्सा उपकरण के संबंध में नियमन, टीबी जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
• समझौते के तहत भारत, जार्डन में अगली पीढ़ी का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा, जिसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में 3000 आईटी पेशेवरों को प्रशिक्षित किया जाएगा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने राक फास्फेट और उर्वरक एवं एनपीके की दीर्घावधि आपूर्ति के बारे में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
2. पैसा लेकर भागने पर जब्त होगी संपत्ति
• बैंकों से पैसा लेकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों में पैसा वसूलने के लिए सरकार एक नया कानून लाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इस सिलसिले में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक-2018’ के मसौदे को मंजूरी दे दी।
• इस विधेयक के कानून बन जाने पर भगोड़े आर्थिक अपराधियों की देश-विदेश स्थित संपत्ति जब्त की जा सकेगी। सरकार पांच मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही सरकार ने ऑडिटरों पर नकेल कसने के लिए नया प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है।
• केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक राशि के आर्थिक अपराध इस विधेयक के दायरे में आएंगे। अगर कोई अपराधी कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए विदेश भाग जाता है, तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाएगा। विदेश स्थित संपत्ति को जब्त करने के लिए संबंधित देश की मदद ली जाएगी।
• यह पूछे जाने पर कि क्या यह कानून विजय माल्या और नीरव मोदी के मामलों पर लागू होगा, जेटली ने कहा कि यह कानून जिस तारीख से प्रभावी होगा उसके बाद के मामले इसके दायरे में आएंगे। जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने आम बजट 2017-18 में इस तरह का विधेयक लाने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के अनुरूप कैबिनेट ने अब इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी है।
3. दुनिया में तीसरे सबसे ज्यादा अरबपति भारत में
• भारत में अरबपतियों की संख्या 131 हो गई है। साल भर में इस सूची में 31 नए भारतीय शामिल हुए हैं। यानी हर दो महीने में 5 अरबपति बने। यह खुलासा 2018 की हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट में हुआ है। यदि भारतीय मूल के अमीरों को जोड़ लिया जाए तो कुल भारतीय 170 हो जाएंगे। लिस्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी की संपत्ति 2.92 लाख करोड़ रुपए है। वह पूरी दुनिया में सबसे अमीर भारतीय हैं। ग्लोबल लिस्ट में उनका 19वां स्थान है। अमेजन के जेफ बेजोस 7.99 लाख करोड़ के साथ दुनिया में सबसे अमीर हैं।
• हुरून की लिस्ट में 68 देशों की 2,157 कंपनियों के 2,694 अरबपति हैं। इनकी संपत्ति में 31% बढ़ोतरी हुई है। इनकी कुल नेटवर्थ ग्लोबल जीडीपी का13.2% है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल रोजाना एक शख्स अरबपति बना है। चीन में हर हफ्ते 4 अरबपति बने। यहां अरबपति से मतलब कम से कम 1 अरब डॉलर (6,500 करोड़ रु.) की संपत्ति से है।
• दुनिया के टॉप 5 अमीर देश
रैंक देश अमीर
1. चीन 819
2. अमेरिका 571
3. भारत 131
4. यूके 118
5. जर्मनी 114
दुनिया के टॉप 5 अमीर भारतीय
टॉप 5 भारतीयों में मुकेश अंबानी (2.92 लाख करोड़), लक्ष्मी मित्तल (1.17 लाख करोड़), दिलीप सांघवी (96.2 हजार करोड़), शिव नादर (91.7 हजार करोड़), और गौतम अदानी (86.2 हजार करोड़)
4. भारत की 7.5 फीसद आबादी मानसिक डिसआर्डर की शिकार
• प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करें: जिस तरह आपके शरीर को संक्रमण से बचने के लिए प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत होती है, उसी तरह तनावकारी चीजों से बचने के लिए आपके मस्तिष्क की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाना जरूरी है। सरल तरीके से आप खराब मूड पर काबू पा सकते हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों से कम प्रभावित हो सकते हैं।
• अपने प्रति अधिक सजग रहने से आप ऐसा कर सकते हैं यदि आप तनाव के लक्षणों, तनाव के कारणों को पहचान लें या संपूर्ण संतुष्टि जैसे भाव विकसित कर लें। अपने लिए तथा दूसरों के साथ मिलकर वास्तविक लक्ष्य तय करना और तनाव कम करने की दिशा में काम करना भी अन्य उपाय हैं। होशियारी: अपनी भावनाओं, चिंताओं, ताकत और कमजोरियों के प्रति होशियारी बरतना और इससे अवगत या सतर्क रहना कारगर हो रहा है जिनसे चीजों के लिए वास्तविक अपेक्षाएं तय करने में मदद मिलती है।
• स्वास्थ्य लाइफस्टाइल बनाए रखना : उपयुक्त नींद और खानपान की आदतें तथा नियमित व्यायाम मानसिक तथा शारीरिक स्वास्य की समस्याओं से बचाव में लाभकारी होते हैं। सामाजिक सहयोग व्यवस्था बनाए रखें: शोधकर्ता कहते हैं कि बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए सामाजिक सहयोग व्यवस्था अहम होती है। सामाजिक सहयोग बिल्कुल निचले स्तर से कई सारे तनावकारी तत्वों को कम कर देता है।
• जीवन के जरूरी हिस्सों के साथ संतुलन बनाए रखें: आपके जीवन में अहम भूमिकाएं निभाने वाली कई चीजें हैं। यह आपके कार्यजीवन या व्यक्तिगत जीवन से भी संबंधित हो सकती है। एक ही चीज पर ज्यादा जोर देते रहने से अन्य चीजों का संतुलन बिगड़ जाएगा और आप तनावपूर्ण स्थिति में आ सकते हैं। अपने संसाधनों को संतुलित तरीके से तरजीह दें।
• सकारात्मकता में यकीन करें: सकारात्मक वीडियो देखें या र्चचा में हिस्सा लें या कुछ प्रेरणादायी या सकारात्मक चीजें पढ़ें जो अमूमन सकारात्मक मानसिक स्वास्य की मजबूती में योगदान कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मुताबिक, विश्व में चार में से एक व्यक्ति अपने जीवन की किसी न किसी उम्र में मानसिक या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं।
• वर्तमान में लगभग 45 करोड़ लोग ऐसी समस्याओं से पीड़ित हैं जिस कारण मानसिक डिसऑर्डर दुनिया में खराब सेहत और अपंगता का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने यह रिपोर्ट भी दी है कि भारत की 7.5 फीसद आबादी किसी न किसी प्रकार के मानसिक डिसऑर्डर से पीड़ित है जिनका उपचार जरूरी है। साथ ही 20 में एक व्यक्ति अवसाद का भी शिकार है।
• मानसिक स्वास्य के संबंध मेंमानसिक स्वास्य मनोवैज्ञानिक स्तर पर स्वस्थ रहने की एक अवस्था है या आप सरल शब्दों में कह सकते हैं, मानसिक शांति होना। इस अवस्था में कोई अवरोधक मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बनता है। यह समस्या किसी परीक्षा के शुरू होने से पहले मतिसुन्न हो जाने के अहसास से लेकर बड़ा अवसाद डिसऑर्डर या मनोविकृति जैसे गंभीर मनोवैज्ञानिक डिसऑर्डर तक जैसी किसी भी अवस्था में पहुंच सकती है।
5. राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पाने के लिए व्यय में कटौती नहीं
• राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार चालू वित्त वर्ष के प्रस्तावित खर्चों में कोई व्यय कटौती नहीं करेगी।इस अवधि के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.5 फीसद रखा था जबकि इस समय राजकोषीय घाटा लक्ष्य के 113.7 फीसद तक पहुंच चुका है।
• यहां एक कार्यक्रम से पत्रकारों में बातचीत में व्यय सचिव अजय नारायण झा ने कहा, व्यय में कोई कटौती नहीं होगी। यह एक नीति है, कि व्यय में कोई कटौती नहीं होगी। जब उनसे पूछा गया कि सरकार 3.5 फीसद के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को कैसे प्राप्त करेगी तो उन्होंने कहा कि संशोधित लक्ष्य में अप्रत्यक्ष कर संग्रहण को पहले ही जोड़ लिया गया है। सरकार ने जीएसटी के मात्र 11 महीनों के हिसाब-किताब को शामिल किया है जबकि व्यय का हिसाब-किताब 12 महीने का है। इसकी वजह मार्च की जीएसटी की वसूली के आंकड़ों का अप्रैल में आना है।
• जनवरी 2018 तक देश का राजकोषीय घाटा 6.77 लाख करोड़ रपए तक पहुंच गया था यह पूरे वित्त वर्ष के लिए तय लक्ष्य का 113.7 फीसद है। सरकार ने हाल में पेश किए आम बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में संशोधन कर जीडीपी के 3.5 फीसद यानी 5.95 लाख करोड़ रपए पर तय किया था। पहले इसे जीडीपी के 3.2 फीसद पर रखा गया था।
6. सीरिया में मानवीय संकट : यूएन के संघर्षविराम प्रस्ताव के बावजूद नहीं पहुंच रही मदद
• बम विस्फोटों और घेराबंदी से तबाह सीरिया के पूर्वी घौता इलाके में मानवीय सहायता सामग्री लेकर हालांकि 40 ट्रक खड़े हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र के संघर्ष विराम के प्रस्ताव के बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं है और राहत सामग्री लोगों तक नहीं पहुंच रही है।
• संयुक्त राष्ट्र में मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्क लोकोक ने बताया, शनिवार को पारित संघर्षविराम प्रस्ताव के बावजूद दमिश्क के उपनगरीय क्षेत्र के आस-पास विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों से पूछा, आपका प्रस्ताव कब लागू होगा?
• लोकोक ने बताया, विद्रोहियों के कब्जे वाले दोउमा सहित 10 क्षेत्रों में राहत सामग्री लेकर ट्रक शनिवार से ही तैयार खड़े हैं। उन्होंने बताया, लेकिन मानवीय सहायता काफिलों के प्रवेश को शासन की तरफ से मंजूरी नहीं मिल रही है क्योंकि बमबारी जारी है और मरने वाले और घायल लोगों की संख्या बढ़ रही है।