12 March 2018 (Monday)

1.माओ के बाद चीन में अब जिनपिंग जीवनपर्यत राष्ट्रपति रहेंगे शी
• चीन में एकदलीय राजनीति में सबसे बड़े बदलाव के तहत रबर स्टांप संसद ने ऐतिहासिक संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी जिससे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दो बार के कार्यकाल की अनिवार्यता समाप्त हो गई और वह आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं।
• 64 वर्षीय शी इस महीने दूसरी बार अपने पांच वर्ष के कार्यकाल की शुरुआत करने वाले हैं और हाल के दशकों में सर्वाधिक शक्तिशाली नेता हैं जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) और सेना के प्रमुख हैं।
• वह संस्थापक अध्यक्ष माओ-त्से-तुंग के बाद पहले चीनी नेता हैं जो आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) रबर स्टांप की अपनी छवि बनाए हुए है जो सरकार के मनमुताबिक वोटिंग कर सीपीसी के प्रस्तावों को नियमित तौर पर मंजूरी दे देती है।
• संसद ने संविधान में ऐतिहासिक संशोधन कर देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए अधिकतम दो कार्यकाल की अनिवार्यता की दशकों पुरानी परंपरा को समाप्त कर दिया है। अब मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने पूरे जीवन काल तक पद पर बने रह सकते हैं। संसद ने लगभग दो-तिहाई बहुमत के साथ संविधान संशोधन को पारित कर मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग (64) के जीवन-पर्यंत पद पर बने रहने का रास्ता साफ कर दिया है।
• अगले महीने से अपने दूसरे कार्यकाल में प्रवेश कर रहे जिनपिंग हालिया दशकों में चीन के सबसे मजबूत नेता हैं। वह सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तथा सेना के प्रमुख हैं।देश की शक्तिविहिन संसद ने सीपीसी से मंजूरी प्राप्त संशोधनों और प्रस्तावों को बिना झिझक पारित करने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए रविवार को का संविधान संशोधन भी पारित कर दिया है।
• सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए महज दो कार्यकाल की अनिवार्यता को समाप्त करने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर मतदान के दौरान 2,958 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में जबकि दो ने विरोध में वोट डाला।
• मतदान के दौरान तीन सांसद अनुपस्थित थे। संसद में मतदान से पहले सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष संगठन, सात सदस्यीय स्थायी समिति ने संविधान में संशोधन कर राष्ट्रपति के लिए अधिकतम दो कार्यकाल की अनिवार्यता को समाप्त करने संबंधी विधेयक को आम सहमति से मंजूरी दी थी।

2. नेपाल में प्रधानमंत्री ओली ने विश्वास मत जीता
• नेपाल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री केपी ओली ने देश की संसद के निचले सदन में रविवार को दो- तिहाई बहुमत से ऐतिहासिक विश्वास मत जीत लिया। अधिकारियों ने बताया, 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नियुक्त हुए ओली को प्रतिनिधिसभा (संसद के निचले सदन) में मौजूद कुल 268 सांसदों में से 208 के वोट मिले।
• ओली (66) को मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस और कुछ छोटी पार्टियों को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिला। अधिकारियों ने बताया, ओली को सीपीएन-यूएमएल से 121, सीपीएन (माओवादी सेंटर) से 52, राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल से 16, फेडरल सोशलिस्ट फोरम नेपाल से 16 और राष्ट्रीय जनमोर्चा, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, नेपाल वर्कर्स पीजेंट्स पार्टी से एक- एक वोट और एक निर्दलीय सांसद के वोट मिले।
• ओली ने दो-तिहाई बहुमत हासिल करके अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। संसद के स्पीकर कृष्णबहादुर महारा ने संसद के अगले सत्र की घोषणा की शुक्रवार को की। इससे पहले, ओली ने सभी राजनीतिक पार्टियों से सरकार का समर्थन करने की अपील की थी। नेपाली कांग्रेस ने कहा था कि वह ओली का समर्थन नहीं करेगी और एक प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
• नए संविधान के मुताबिक, प्रधानमंत्री को अपनी नियुक्ति के छह महीने के भीतर संसद में विास मत जीतना अनिवार्य है। प्रतिनिधिसभा में कुल 275 सदस्य हैं जिनमें 165 सदस्यों को प्रत्यक्ष निर्वाचन से चुना जाता है जबकि 110 को समानुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर चुना जाता है।

3. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया ब्योरा : देश के 1765 सांसद-विधायक दागी
• माननीयों के अपराध का लेखा-जोखा राजनीति को अपराधमुक्त बनाने की उम्मीद को धराशायी करता दिखता है। देशभर में 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। दागी माननीयों के मामले में उत्तर प्रदेश अव्वल है, जबकि तमिलनाडु दूसरे नंबर पर और बिहार तीसरे नंबर पर है। ये आंकड़े केंद्र सरकार ने देशभर के हाई कोर्टो से एकत्र करके सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हैं। वैसे कुल आपराधिक मामले 3816 थे जिनमें से 771 का निपटारा हो चुका है।
• केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर ये आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पेश किए हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह 2014 में नामांकन भरते समय आपराधिक मुकदमा लंबित होने की घोषणा करने वाले विधायकों और सांसदों के मुकदमों की स्थिति बताए। सरकार बताए कि इनमें से कितनों के मुकदमे सुप्रीम कोर्ट के 10 मार्च 2014 के आदेश के मुताबिक एक वर्ष के भीतर निपटाए गए। इसके अलावा कितने मामलों में सजा हुई और कितने बरी हुए।
• इतना ही नहीं, सरकार से यह भी पूछा था कि 2014 से 2017 के बीच कितने वर्तमान और पूर्व विधायकों व सांसदों के खिलाफ नए आपराधिक मामले दर्ज हुए। उन मुकदमों को निपटारे का भी ब्योरा दिया जाए। कोर्ट ने ये निर्देश भाजपा नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर दिए थे।
• याचिका में सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लगाने की मांग की गई है। मौजूदा कानून में सजा के बाद जेल से छूटने के छह वर्ष तक चुनाव लड़ने की अयोग्यता है। इसके बाद व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।
• बांबे हाई कोर्ट ने नहीं भेजी सूचना : केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश पर आंकड़े एकत्र करने के लिए उसने राज्य सरकारों, हाई कोर्टो, राज्य विधानसभाओं व लोकसभा, राज्यसभा सचिवालय से इसकी सूचना मांगी थी। इसमें से 23 हाई कोर्टो, सात विधानसभाओं और 11 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों ने ब्योरा भेजा। केंद्र ने बताया है कि लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय का कहना है कि उनके पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
• उत्तर प्रदेश, हरियाणा, केरल, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं ने भी इस बारे में सूचना न होने की बात कही है। बांबे हाई कोर्ट ने भी सूचना नहीं भेजी है इसलिए महाराष्ट्र के माननीयों के आपराधिक मुकदमों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया है कि इस बारे में हाई कोर्टो से प्राप्त जानकारी सबसे ज्यादा प्रामाणिक लगती है।

4. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के 62 देश बढ़ाएंगे सौर ऊर्जा का उत्पादन
• अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) में शामिल 62 देशों ने रविवार को जलवायु परिवर्तन से निपटने और समाज के वंचित वर्ग की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। आइएसए के पहले सम्मेलन में दिल्ली सोलर एजेंडा भी जारी किया गया।
• एजेंडे के मुताबिक, सदस्य देश अपने कुल ऊर्जा उपभोग में सौर ऊर्जा के हिस्से में लगातार वृद्धि करेंगे। नीतिगत पहल के अलावा सभी पक्षों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सस्ती वित्तीय सुविधा और स्वच्छ एवं पर्यावरण अनुकूल तकनीक मुहैया करने में भी मदद करेंगे। सदस्य देश ऐसे वित्तीय तंत्र की स्थापना का भी प्रयास करेंगे ताकि सस्ती सौर ऊर्जा तकनीकों के इस्तेमाल का बाजार तैयार हो सके।
• ये देश ऐसी नीतियां बनाएंगे जो विकासशील देशों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की लागत घटाने के लिए सार्वजनिक और निजी निवेश को प्रोत्साहित करे। संयुक्त शोध एवं विकास कार्यो को भी बढ़ावा देंगे ताकि समुचित कारोबारी मॉडल, नई तकनीक, उपकरण, स्वच्छ एवं सस्ती संचालन लागत को विकसित किया जा सके।
• आइएसए के प्रति देश की प्रतिबद्धता जताते हुए मोदी ने बताया कि आइएसए का कोष बनाने और सचिवालय स्थापित करने के लिए भारत ने 6.20 करोड़ डॉलर दिए हैं। सदस्य देशों के लिए 500 ट्रेनिंग स्लाट बनाए गए हैं। रीसर्च और डेवलेपमेंट क्षेत्र में सौर तकनीक अभियान को प्रमुखता दी जाएगी।
• वैकल्पिक सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए भारत में पिछले तीन सालों में 28 करोड़ के एलईडी बल्ब बांटे गए हैं। इससे 2 अरब डॉलर की रकम और चार गीगा वॉट बिजली की बचत हुई है।
• आइएसए का मुख्यालय गुरुग्राम में बनाया गया है। यहां से ही पेरिस समझौते के तहत सदस्य देशों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 121 देश आइएसए से संबद्ध हैं। 62 इस गठबंधन में शामिल हो गए हैं और 32 ने समझौते के मसौदे को मंजूरी दे दी है।

5. ‘‘अटल इनोवेशन मिशन’ से नहीं मिल रहे ठोस परिणाम
• संसद की एक समिति ने सरकार की नवप्रवर्तन और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाली प्रमुख योजना ‘‘अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम)’ से कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकलने को लेकर चिंता जताई है। उसका कहना है कि नीति आयोग की इस प्रमुख योजना पर अपेक्षाकृत अधिक राशि खर्च करने के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं दिखा है।
• समिति का कहना है कि यह नीति आयोग की प्रमुख योजना है और वित्त वर्ष 2018-19 में इसके लिए अपेक्षाकृत 200 करोड़ रपए की बड़ी राशि का निर्धारण किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली संसद की वित्त पर स्थायी समिति का मानना है कि हालांकि, योजना पर करदाताओं की अच्छी-खासी राशि खर्च की गई है, पर चुनौती अब भी बनी हुई है।
• विश्वसनीय स्टार्टअप के रूप में अधिकतर इनक्यूबेटर्स कोई ठोस मात्रात्मक परिणाम देने में विफल रहे हैं।समिति ने योजना मंत्रालय की 2018-19 की अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘समिति, हालांकि, स्कूलों और कालेजों में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने से संबंधित सरकार के इरादे की सराहना करती है लेकिन हमारा मानना है कि इस पहल का प्रेरणादायी लाभ उठाने के लिए जमीनी स्तर पर काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।’
• इसमें कहा गया है, ‘‘इसीलिए समिति यह सिफारिश करती है कि सरकार को कोष उपलब्ध कराते समय पूरी जांच-परख करनी चाहिए और उसे व्यवस्थित तरीके से बांटा जाना चाहिए।

6. नासा को तारों के बीच अणुओं से बने बादल में मिला पानी
• ब्रह्माण्ड तमाम रहस्यों को खुद में छिपाए हुए है। दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष की ओर टकटकी लगाए इसकी गुत्थियां सुलझाने का प्रयास करते रहते हैं। इसी कड़ी में कई बार उनको अविश्वसनीय घटनाक्रम दिखाई दे जाते हैं।
• इसी कड़ी में नासा के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में तारों के बीच पानी की खोज की है। इसे जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से देखा गया है। चूंकि पानी जीवन के लिए सबसे अहम चीजों में शुमार है, इसलिए वैज्ञानिक अब वहां जीवन की संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।
• दरअसल, टेलीस्कोप द्वारा देखा गया यह बादल ऐसा है, जिनमें पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे अधिक पानी मौजूद रहता है। यह अणुओं से बना एक बादल है, जो धूल, गैस और छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बना है।
• यह पानी तारों के ग्रहों की छोटी कक्षा तक पहुंचाया जाता है। इन बादलों के भीतर, छोटे धूल कणों की सतहों पर पानी बनाने के लिए ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं। यह कार्बन मिथेन बनाने के लिए हाइड्रोजन के साथ जुड़ जाता है।
• इस तरह बनता है बादल : यह बादल हाइड्रोजन के साथ नाइट्रोजन बॉन्ड से अमोनिया बनाते हैं। यह अणु धूल के कणों की सतह पर चिपकते हैं, जिससे लाखों वषों में बर्फीली परतें जमा करते हैं।

Source of the News (With Regards):- Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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