_*24 April 2018(Tuesday)*_

*1.सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस : प्रस्ताव नामंजूर, कांग्रेस जाएगी सुप्रीम कोर्ट*
• राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। उन्होंने विपक्ष के पांच आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए फैसला सुनाया कि आरोपों से जुड़े दस्तावेज पुख्ता नहीं हैं। इसलिए न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का कोई मामला नहीं बनता है।
• नायडू ने रविवार को आंध्र प्रदेश की अपनी चार दिवसीय यात्रा बीच में ही समाप्त करके राजधानी पहुंचने के बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल,पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी, मुकुल रोहतगी, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप समेत अन्य विधि विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करने के बाद आज संवाददाताओं के सामने घोषणा की कि न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव नोटिस को खारिज किया जाता है।
• उन्होंने इस संबंध में 10 पन्नों में अपना विस्तृत आदेश भी जारी किया। इस आदेश में नायडू ने सात विपक्षी दलों के राज्यसभा के 64 सदस्यों द्वारा 20 अप्रैल 2018 को हस्ताक्षरित नोटिस में न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ लगाये गये पांचों आरोपों का ¨बदुवार जिक्र किया है और कहा है कि इन सदस्यों द्वारा लगाये गये आरोपों के समर्थन में पेश किये गये दस्तावेजों से कोई पर्याप्त साक्ष्य सामने नहीं आता है और संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के तहत न्यायमूर्ति मिश्रा को महाभियोग के तहत हटाने का कोई मामला नहीं बनता है।
• उपराष्ट्रपति ने नोटिस मंजूर करने या न करने के संबंध में निर्णय के अपने अधिकार के समर्थन में न्यायाधीश जांच अधिनियम 1968 की धारा 3(एक)(बी) का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि इस धारा में जहां महाभियोग नोटिस के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यकता का उल्लेख किया गया है, वहीं नोटिस को मंजूर करने या न करने को लेकर भी इसमें जिक्र किया गया है।
• उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस धारा के प्रावधान के तहत सभापति नोटिस मंजूर या नामंजूर करने के लिए अपनी मर्जी के लोगों से राय मशविरा कर सकते हैं। नायडू ने लिखा है, नोटिस पर 64 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं इसलिए उक्त धारा में वर्णित कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर वाली शर्त पर यह नोटिस फिट बैठता है, लेकिन इसे मंजूर या नामंजूर करने के सवाल पर मैंने गंभीरता से विचार किया है।
• उपराष्ट्रपति ने लिखा है, मैंने महाभियोग मामले में एम. कृष्णास्वामी बनाम भारत सरकार से संबंधित उच्चतम न्यायालय की उन टिप्पणियों पर भी विचार किया, जिसमें कहा गया है कि नोटिस को स्वीकार करने से पहले सभापति से अपेक्षा की जाती है कि वह न्यायपालिका के प्रमुख उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सरकार के सर्वोच्च विधि अधिकारी एटार्नी जनरल से विमर्श करें।
• प्रसिद्ध विधिवेत्ता फली एस नरीमन ने सोमवार को कहा कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के नोटिस में उठाए गए मुद्दों का ‘‘पर्याप्त आधार नहीं था’ और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उसे सही नामंजूर किया। उन्होंने कहा, राज्यसभा के सभापति नायडू ही नोटिस पर फैसला लेने के लिए एकमात्र सक्षम वैधानिक अधिकारी हैं।
*2. रेमिटेंस पाने वाले देशों में शीर्ष पर पहुंचा भारत*
• विदेश में बसे अपने देश के लोगों से धन प्राप्त करने में भारत शीर्ष स्थान पर कायम रहा है। विश्व बैंक नेकहा कि 2017 में विदेश में बसे भारतीयों ने अपने घर – परिवार के लोगों को 69 अरब डालर भेजे (रेमिटेंस) जो इससे पिछले साल की तुलना में 9.9 प्रतिशत अधिक है।
• विश्व बैंक की रपट में कहा गया है कि 2017 में विदेश में बसे भारतीयों ने देश में 69 अरब डालर भेजे। यह इससे पिछले साल की तुलना में अधिक है , लेकिन 2014 में प्राप्त 70.4 अरब डालर के रेमिटेंस से कम है। रपट में कहा गया है कि यूरोप, रूस और अमेरिका में वृद्धि से रेमिटेंस में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
• यहां गौरतलब है कि कई गरीब देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए रेमिटेंस बड़ा सहारा होता है। विश्व बैंक का कहना है कि कच्चे तेल के ऊंचे दाम तथा यूरो और रूबल में आई मजबूती से रेमिटेंस बढ़ा है। रपट में बताया गया है कि समीक्षाधीन अवधि में जहां भारत को 69 अरब डालर का रेमिटेंस मिला, वहीं 64 अरब डालर के साथ चीन दूसरे स्थान पर रहा।
• फिलिपींस को 33 अरब डालर, मेक्सिको को 31 अरब डालर, नाइजीरिया को 22 अरब डालर और मिस को 20 अरब डॉलर रेमिटेंस से मिले। भारत को 2015 में 68.91 अरब डलर का रेमिटेंस मिला था , जो 2016 में घटकर 62.74 अरब डालर पर आ गया था।
• विश्व बैंक का अनुमान है कि आधिकारिक रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों को 2017 में 466 अरब डालर का रेमिटेंस मिला। यह 2016 के 429 अरब डालर से 8.5 प्रतिशत अधिक है। वैश्विक स्तर पर रेमिटेंस 2017 में सात प्रतिशत बढ़कर 613 अरब डालर पर पहुंच गया, जो 2016 में 573 अरब डालर रहा था।
• रपट में कहा गया है कि कम और मध्यम आय वाले देशों को रेमिटेंस 2018 में 4.1 प्रतिशत बढकर 485 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। वहीं वैश्विक स्तर पर यह 4.6 प्रतिशत बढकर 642 अरब डालर पर पहुंच जाएगा।
• वर्ष 2017 में विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने भेजी 69 अरब डालर की रकम
• पिछले साल की तुलना में दर्ज की गई 10 फीसद की वृद्धि
• कच्चे तेल, यूरो व रूबल की मजबूती से बढ़ा है रेमिटेंस
• रेमिटेंस पाने वाले देशों में चीन दूसरे, फिलीपींस तीसरे नंबर पर
• इकोनामी आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे अप्रवासी भारतीय
• कई गरीब देशों की इकोनामी में रेमिटेंस का है बड़ा योगदान
*3. मेघालय से हटा अफस्पा, अरुणाचल में कटौती*
• मेघालय से सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफस्पा) पूरी तरह हटा लिया गया है। वहीं अरुणाचल प्रदेश में असम सीमा से लगे आठ थाना क्षेत्रों और म्यांमार से लगे तीन थाना क्षेत्रों तक ही इसे सीमित कर दिया गया है। यह जानकारी सोमवार को गृह मंत्रलय के एक अधिकारी ने दी। मेघालय के पूरे क्षेत्र से 31 मार्च से यह हटा लिया गया है।
• गृह मंत्रलय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के बाद यह फैसला किया गया है। अरुणाचल में भी अब यह कुछ ही थाना क्षेत्रों तक सीमित रह गया है।
• जम्मू एवं कश्मीर के साथ ही उत्तर पूर्व के विभिन्न संगठन कानून में संशोधन की मांग कर रहे थे। संगठनों का कहना है कि इसके तहत सुरक्षा बलों को नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के असीमित अधिकार दिए गए हैं। नगालैंड में कई दशक पहले से ही अफस्पा लागू है।
• असम में 1990 के दशक के शुरू में इसे लागू किया गया। तीन अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आइएम महासचिव थुइंगलेंग मुइवा और सरकार के वार्ताकार आरएन रवि के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भी नगालैंड से अफस्पा नहीं हटाया गया है।
• अफस्पा में हैं सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार : अफस्पा के तहत सशस्त्र बलों को जम्मू एवं कश्मीर और पूवरेत्तर में विशेष अधिकार प्रदान किए गए हैं। इस कानून की धारा चार के तहत सुरक्षा बलों को किसी भी परिसर की तलाशी लेने और बिना वारंट किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है।
• विवादित इलाकों में सुरक्षा बल किसी भी स्तर तक शक्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं। संदेह होने की स्थिति उन्हें किसी भी गाड़ी को रोकने, उसकी तलाशी लेने और उसे कब्जा में लेने का अधिकार होता है।
*4. टीसीएस बनी 100 अरब डॉलर पूंजीकरण वाली पहली कंपनी*
• टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सोमवार को इतिहास रच दिया। दिन के कारोबार में पहली बार किसी भारतीय कंपनी का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर के पार पहुंचा।
• उद्योग जगत के दिग्गजों ने कंपनी को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।1सोमवार को बीएसई पर टीसीएस के शेयरों में इंट्रा-डे आधार पर दो फीसद तक की तेजी दर्ज की गई और यह 3,577 रुपये के स्तर तक पहुंचा। इसके साथ ही कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी 6.627 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि मुनाफावसूली के चलते कारोबार बंद होते समय कंपनी का शेयर भाव 3,415.20 रुपये पर स्थिर था।
• टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘इस कामयाबी पर हमें गर्व है। कंपनी की ग्रोथ जारी रहेगी। शेयरधारकों को आगे भी फायदा होगा। कर्मचारियों के कौशल विकास को नयापन देने की वजह से कंपनी के कारोबार में ग्रोथ आई है।
• कंपनी ने जो भी करार किए हैं, वे काफी महत्वपूर्ण हैं। कंपनी बदलती टेक्नॉलोजी के साथ कदम मिलाकर चलने की रणनीति अपनाएगी।
*5. जल्द सामने आएगी नई औद्योगिक नीति*
• सरकार ने अर्थव्यवस्था की विकास रफ्तार तेज करने के लिए नई औद्योगिक नीति को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द ही इसका एलान होने की संभावना है। फिलहाल नीति के मसौदे पर अंतर मंत्रलयी स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार इसकी घोषणा जल्द करेगी।
• नई औद्योगिक नीति, 1991 वैसे दौर में बनाई गई थी, जब देश भुगतान असंतुलन के संकट से गुजर रहा था।1पिछले साल अगस्त में औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) ने नई नीति का मसौदा तैयार किया था। इसके तहत अगले दो दशक में नौकरियों के बड़े अवसर तैयार करना, विदेशी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को आसान बनाना और सालाना 100 अरब डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षित करने को प्रमुखता दी गई है।
• नई नीति के मसौदे में मौजूदा उद्योगों के आधुनिकीकरण और उभरते नए उद्योगों को प्रोत्साहन देने के प्रावधान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रस्तावित नीति में विनियमन संबंधी अड़चनों को दूर करके रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा देने के उपाय भी शामिल हैं।
• सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के महत्व पर बोलते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास की गति तेज करने में इस सेक्टर में असीमित संभावनाएं हैं।
*6. सार्क की बैठक के लिए मतभेद दूर करें भारत-पाक : केपी शर्मा ओली*
• नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बात करके मांग की है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की बैठक आयोजित करने के लिए दोनों देश अपने मतभेद दूर करें।
• यहां आयोजित एक समारोह में एक पुस्तक इफेक्टिवनेस ऑफ सार्क एंड रीजनल कांफ्रेंस का विमोचन करते हुए ओली ने कहा कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है कि सार्क में शामिल देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और आपसी समझबूझ हो।
• सार्क की 19वीं शिखर बैठक 2016 में इस्लामाबाद में होनी थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के उड़ी में भारतीय सैन्य ठिकाने पर भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध काफी बिगड़ गए और यह बैठक तब से आयोजित नहीं हो सकी है।
• भारत ने मौजूदा परिस्थितियों में सार्क शिखर बैठक में भाग लेने में असमर्थता जताई है। इसके साथ ही नई दिल्ली ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बढ़ा दिया है कि वह भारत विरोधी आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। शिखर बैठक को इसलिए स्थगित करना पड़ा, क्योंकि बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इसमें भाग लेने से मना कर दिया है। इसके बाद से इसको लेकर कोई प्रगति नहीं हो सकी है।
• ओली ने पिछले दिनों भारत की यात्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। ओली की मुलाकात हाल में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी से भी मिल चुके हैं। अब्बासी ने नेपाल का दौरा किया था। इन दोनों अवसरों का लाभ उठाकर ओली ने सार्क की शिखर बैठक फिर से शुरू करने का अनुरोध किया।
• ओली ने कहा, नेपाल सार्क का मौजूदा अध्यक्ष है। कुछ सदस्यों के बीच भ्रम है। इसे दूर किया जाना चाहिए। यह जरूरी है कि उनके बीच सौहार्दपूर्ण माहौल बनाया जाए।
*7. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए आईएमएफ ने बनाई नई नीति*
• अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) अपने सदस्य देशों में भ्रष्टाचार एवं आर्थिक प्रगति पर उसके प्रभावों से चरणबद्ध तरीके से निपटेगा। सोमवार को इससे जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए गए गए।
• आईएमएफ की एमडी क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, हमें मालूम है कि भ्रष्टाचार से गरीबों का नुकसान होता है। इसके अलावा आर्थिक अवसर और सामाजिकता में बाधा उत्पन्न होती है, संस्थाओं के बीच विश्वास में कमी आती है और सामाजिक एकजुटता भंग होती है। उन्होंने कहा कि हमने ऐसा तंत्र विकसित किया है जो शासन और भ्रष्टाचार पर नजर रखने के लिए सदस्य देशों के बीच तालमेल बढ़ाएगा।
• इसका लक्ष्य सदस्य देशों के साथ और अधिक व्यवस्थित, निष्पक्ष, प्रभावी और ईमानदार मेलजोल बनाना है। आईएमएफ के एक विश्लेषण से पता चला है कि भ्रष्टाचार सूचकांक में 25 अंक गिरने से सालाना वृद्धि में 0.5% की कमी आ सकती है। लगातार कई साल तक ऐसा होने पर यह ज्यादा बढ़ सकती है।

 

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