28 April 2018(Saturday)

1.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद कहा : हम दोनों के पास दुनिया की भलाई का बड़ा मौका
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदियों पुराने चीन-भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिन¨पग से कहा कि दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा अवसर है।
• राष्ट्रपति शी के साथ मध्य चीनी शहर में अनौपचारिक शिखर बैठक में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि इस तरह की अनौपचारिक बैठकें दोनों देशों के बीच एक परंपरा बन गई हैं। दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारत और चीन के ऊपर है और दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा मौका है।
• पिछले वर्ष 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारने और फिर से विास बहाली के लिए प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने याद किया कि इतिहास के 2000 वर्षों के दौरान, भारत और चीन ने एक साथ मिलकर विश्व अर्थव्यवस्था को गति और ताकत प्रदान की थी और लगभग 1600 वर्षों तक इस पर दबदबा कायम रखा था।
• दोनों देशों ने 1600 वर्षों के लिए एक साथ विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बनाया और बाकी दुनिया द्वारा 50 प्रतिशत साझा किया गया। भारत के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि राष्ट्रपति शी ने राजधानी से बाहर आकर दो बार उनकी अगवानी की।
• प्रधानमंत्री ने कहा,शायद मैं पहला ऐसा भारतीय प्रधानमंत्री हूं, जिसकी अगवानी के लिए आप दो बार राजधानी से बाहर आए। राष्ट्रपति शी ने कहा कि दोनों देशों ने हाल के वर्षों में करीबी साझेदारी कायम की और सकारात्मक प्रगति की है। उन्होंने कहा, पिछले पांच वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है। हम कई मौकों पर एक दूसरे से मिले है।
• शी ने मोदी से कहा, दोनों देशों ने करीबी साझेदारी कायम की और सहयोग किया। हमने सकारात्मक प्रगति की है। भारत और चीन दोनों देशों की संयुक्त आबादी 2.6 अरब है जिसमें विकास के लिए जबर्दस्त क्षमता है। इन दोनों देशों का प्रभाव क्षेत्र और विश्व में बहुत तेजी से बढ रहा है। शी ने कहा कि भविष्य में उन्हें विास है कि दोनों नेता समय-समय पर इस तरह से मिलते रहेंगे।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिन¨पग को अगली अनौपचारिक शिखर बैठक 2019 में भारत में आयोजित करने की पेशकश की। इस पर चीनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की।
• मध्य चीनी शहर वुहान में राष्ट्रपति जिन¨पग के साथ अभूतपूर्व शिखर बैठक के तहत प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि इस तरह की अनौपचारिक शिखर बैठक दोनों देशों के बीच परंपरा बन जानी चाहिये।
• मोदी ने शी से कहा, मुझे खुशी होगी अगर 2019 में हम भारत में इस तरह की अनौपचारिक शिखर बैठक कर सकें।
• इस वार्ता के लिए वुहान का चयन ही क्यों किया गया है:- कभी चीन की राजधानी था : दरअसल, वुहान चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी है। मध्य चीन का यह सबसे बड़ा शहर यांग्त्जी नदी के समीप स्थित है। 1926 में हैनयांग, हैन्कोऊ और वूचांग शहरों को मिलाकर वुहान की स्थापना की गई थी।
• यह शहर परिवहन का बड़ा केंद्र है। कई सड़कें, ट्रेनें और राजमार्ग यहां से गुजरते हैं जो चीन के अन्य बड़े शहरों को जोड़ते हैं।
• . यह चीन की संस्कृति और शिक्षा का भी केंद्र है।
• वुहान को चीन के व्यापार, अर्थव्यवस्था, वित्त, परिवहन और सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। यहां के प्रमुख उद्योगों में ऑप्टिक-इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरिंग, आयरन एंड स्टील मैनुफैक्चरिंग, न्यू फार्मास्यूटिकल सेक्टर, बायोलॉजी इंजीनियरिंग और न्यू मैटेरियल्स इंडस्ट्री शामिल है।
• जहां तक आर्थिक साङोदारियों का सवाल है तो वुहान फ्रांस के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। चीन के अन्य शहरों के मुकाबले वुहान में फ्रांसीसी निवेश सबसे ज्यादा है।
• रैनो, पीएसए ग्रुप जैसी कई फ्रांसीसी कंपनियां यहां मौजूद हैं।
• वुहान में 80 से ज्यादा देशों ने निवेश किया हुआ है।
• यहां विदेशी निवेश वाली करीब 5,973 कंपनियां हैं जिनकी पूंजी करीब 22.45 अरब अमेरिकी डॉलर है।
• चीन के महानगरों में वुहान शीर्ष पर है।

2. उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया : मिले दोनों साथ-साथ बढ़ने का संकल्प
• उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच शुक्रवार को ऐतिहासिक द्विपक्षीय सम्मेलन के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी।समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक यह सहमति उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच सीमावर्ती गांव पनमुनजोम में हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र का हिस्सा था।
• इस घोषणापत्र पर दोनों नेताओं ने हस्ताक्षर किए। इस घोषणापत्र के मुताबिक दक्षिण और उत्तर कोरिया ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के जरिए परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप के लक्ष्य को हासिल करने के लिए साझा उद्देश्य की प्रतिबद्धता जताई।घोषणापत्र के मुताबिक दोनों के बीच सहमति बनी कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल में उठा गए कदम परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों के लिए बहुत सार्थक और महत्वपूर्ण थे।
• दोनों कोरियाई देशों के बीच कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु निरस्त्रीकरण बनाने के लिए सहमति बनी थी और इस संदर्भ में 2000 और 2007 में दो सम्मेलन हो चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच वार्ता किम जोंग के एमडीएल पार करने के लगभग 45 मिनट बाद सुबह 10:15 बजे शुरू हुई।
• वह 1950-1953 का कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसा करने वाले उत्तर कोरिया के पहले नेता बन गए हैं।किम जोंग ने बैठक की शुरुआत में कहा, मैं यह राष्ट्रपति मून और यहां मौजूद कई पत्रकारों के सामने कहता हूं कि मैं राष्ट्रपति मून के साथ ईमानदारी भरे दृष्टिकोण के साथ सार्थक बातचीत करूंगा, जिसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। मून जे इन ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए सहमत होने पर किम जोंग का आभार जताया।

3. अमेरिका : नए विदेश मंत्री पोम्पिओ ने शपथ ली
• माइक पोम्पिओ ने आज अमेरिका के विदेशमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले अमेरिकी सीनेट ने उनके नाम की पुष्टि ऐसे समय में की जब अमेरिका कई देशों के साथ उच्च स्तरीय वार्ताओं में हिस्सेदारी कर रहा है।
• विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सैमुअल अलितो ने अदालत के वेस्ट कांफ्रेंस कक्ष में माइक पोम्पिओ को विदेश मंत्री पद की शपथ दिलाई।शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद अमेरिका के विदेश विभाग ने घोषणा की कि पोम्पिओ 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक ब्रसेल्स, रियाद, यरुशलम और अम्मान की यात्रा करेंगे।
• इससे पहले सीनेट ने पूर्व सीआईए निदेशक पोम्पिओ (54) के नाम की 42 के मुकाबले 57 मतों से पुष्टि की। उन्होंने रेक्स टिलरसन की जगह ली जिन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत महीने बर्खास्त कर दिया था।
• पोम्पिओ के नामांकन का डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध किया था। ट्रंप ने पोम्पिओ को बधाई देते हुए कहा, प्रतिभावान, ऊर्जावान और बुद्धिमान माइक जैसा देशभक्त व्यक्ति अगर विदेश विभाग का नेतृत्व करता है तो यह इतिहास में इस महत्वपूर्ण समय में हमारे देश के लिए अतुल्य संपदा होगी।

4. महिलाओं को पुरु षों से 16% कम मिलता है वेतन
• देश में महिलाकर्मियों की आय पुरु षों के मुकाबले 16.1 फीसद कम है जो नियंतण्र स्तर पर कमाई में अंतर के बराबर है। वेतन कम होने की वजह यह ऊंची वेतन वाले पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम होना है। बाजार विश्लेषण फर्म कॉर्न फेरी की एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
• कार्न फेरी सूचकांक के मुताबिक दुनिया भर में पुरु षों के मुकाबले महिलाओं का औसत वेतन 16.1 फीसद कम है। हालांकि जब समान स्तर, समान कंपनी और समान कार्य के स्तर पर विश्लेषण किया जाता है, तो महिला-पुरु ष के वेतन में अंतर बहुत कम नजर आता है।नियंतण्र स्तर पर महिला और पुरु ष के समान पद और समान कंपनी में होने पर वेतन का अंतर घटकर 1.5 फीसद रह जाता है और यदि दोनों का स्तर , कंपनी और कार्य तीनों समान हो तो यह औसत अंतर घटकर 0.5 फीसद आ जाता है।
• भारत में, समान स्तर की नौकरी में स्त्री पुरु ष के वेतन में औसत अंतर चार फीसद है। एक ही स्तर के जॉब और कंपनी की बात हो तो यह अंतर गिरकर 0.4 फीसद हो जाता है। जब महिला और पुरु ष कर्मचारी एक ही स्तर, एक ही कंपनी और एक ही तरह के काम में हो तो यह अंतर गिरकर 0.2 फीसद रह जाता है।
• कंपनी ने कहा, अभी भी कई कंपनियां हैं जो महिलाओं को समान जॉब प्रोफाइल के लिए कम भुगतान करती हैं। हालांकि औसत की बात करें तो जब हमने एक ही नौकरी में महिलाओं और पुरु षों की तुलना की तो अंतर काफी कम हो गया है।

5. फिच ने भारत की साख में फिर नहीं किया सुधार
• वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की स्वायत्त वित्तीय साख का दर्जा स्थिर परिदृश्य के साथ ‘‘बीबीबी-’ श्रेणी में बरकार रखा। यह बताता है कि फिच की निगाह में सरकार के ऋण-पत्र पूंजी लगाने लायक तो हैं पर यह निवेश की न्यूनतम श्रेणी के हैं।रेटिंग एजेंसी ने अपने ताजा आकलन में कहा है कि मध्यम अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि तेज होने की संभावना मजबूत है।
• फिच ने देश को बीबीबी – रेटिंग 11 साल पहले दी थी। फिच ने कहा है कि भारत की स्वायत्त साख को इस दज्रे में इस लिए रखा गया है क्योंकि एक तरफ जहां देश की मध्यकालिक आर्थिक वृद्धि का परिदृश्य मजबूत है और भुगतान संतुलन आदि की स्थिति अनुकूल है वहीं दूसरी ओर राजकोषीय स्थिति में कुछ कमजोरियां और पुराने बुनियादी मुद्दे बने हुए हैं जिनमें संचालन के स्तर और कारोबार के वातावरण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
• एजेंसी ने कहा है कि भारत में कारोबार के वातावरण में सुधार हो रहा है पर अब भी कठिनाइयां बनी हुई हैं।फिच ने देश की आर्थिक वृद्धि की दर चालू वित्त वर्ष के लिए 7.3 फीसद रहने तथा 2019-20 के लिए 7.5 फीसद रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
• फिच ने कहा, ‘‘स्थिर परिदृश्य से यह झलका है कि (देश की) रेटिंग में सुधार के अनुकूल और प्रतिकूल बातें बराबर-बराबर बनी हुई हैं।’ फिच ने यह कदम तब उठाया है जब कि मूडीज ने 14 साल बाद देश की रेटिंग को बेहतर किया है। हालांकि एसएंडपी ने भी भारत की स्वायत्त रेटिंग को बरकरार रखा था।

6. गुजराती कवि सीतांशु यशसचंद्र को मिलेगा सरस्वती सम्मान
• गुजराती के प्रमुख कवि सीतांशु यशसचंद्र के कविता संग्रह वाखर को 2017 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। केके बिड़ला फाउंडेशन की उच्चस्तरीय चयन परिषद ने सम्मान के लिए इस पुस्तक का चुनाव किया।
• चयन परिषद की अध्यक्षता लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी. कश्यप ने की।1फाउंडेशन ने कहा है, ‘चयन परिषद की बैठक में पुस्तकों पर विस्तृत चर्चा की गई और श्री सीताशु यशसचंद्र की 2009 में प्रकाशित पुस्तक वाखर को 2017 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है।
• इसके तहत लेखक को 15 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और फलक प्रदान किया जाता है। उल्लेखनीय है कि 1991 में स्थापित यह प्रतिष्ठित सम्मान हर साल किसी भी भारतीय भाषा में लिखित और पिछले 10 वर्षो में प्रकाशित साहित्यक कृति को दिया जाता है।
• पिछले वर्ष सरस्वती सम्मान कोंकणी के उपन्यासकार महाबालेश्वर सैल को मिला था।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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