_*02 May 2018(Wednesday)*_

*1.पॉक्सो मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए दिशा-निर्देश : बाल यौन शोषण मामलों में त्वरित सुनवाई हो*
• उच्चतम न्यायालय ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दायर मुकदमों की सुनवाई की निगरानी के लिए सभी उच्च न्यायालयों को तीन-सदस्यीय समिति गठित करने का मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायालय ने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को पॉक्सो मामलों की जांच के लिए विशेष कार्य बल गठित करने का भी निर्देश जारी किया।
• मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये दिशानिर्देश जारी किए। पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय यह सुनिश्चित करेगा कि पॉक्सो कानून के तहत पंजीकृत मामलों की सुनवाई विशेष अदालत करे तथा मामले का निपटारा संबंधित कानून के प्रावधानों के तहत किया जाए।
• शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय यह प्रयास करेगा कि पॉक्सो कानून की भावनाओं के तहत बच्चों के अनुकूल अदालतें गठित हों। इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ¨पकी आनंद ने पीठ को अवगत कराया कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार मामलों में फांसी की सजा के प्रावधान को लेकर अध्यादेश लाया गया है।
• मुख्य न्यायाधीश ने सुश्री आनंद से पूछा, क्या इस अध्यादेश में मुकदमे के निपटारे के लिए भी कोई समय सीमा तय की गयी है? इस पर एएसजी ने कहा कि अध्यादेश में सजा के बारे में ही संशोधन किया गया है, जबकि सुनवाई पूरी करने के संबंध में दंड विधान संहिता (सीआरपीसी) में पहले से प्रावधान किए गए हैं। अपील के लिए यह अवधि छह माह है और जांच पूरी करने के लिए यह समय सीमा दो माह है।
*2. भारत-पाकिस्तान ट्रैक 2 डिप्लोमेसी प्रक्रिया बहाल*
• पाकिस्तानी संगठनों द्वारा भारत में बड़ी संख्या में आतंकी हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई ठंडक के बीच भारतीय विशेषज्ञों का एक समूह द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर र्चचा करने और ट्रैक 2 की कूटनीति प्रक्रिया को बहाल करने के लिए पाकिस्तान आया था।
• यहां कूटनीतिक सूत्रों ने बताया, मूल ट्रैक 2 पहल ‘‘नीमराणा संवाद’ को इस दौरे के साथ नई शुरुआत मिली।भारतीय पक्ष की अगुवाई पूर्व विदेश सचिव विवेक काटजू ने की जिसमें उनके साथ प्रख्यात शिक्षाविद् जेएस राजपूत और अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे, वहीं पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व पूर्व विदेश सचिव इनामुल हक ने किया।
• सूत्रों ने कहा, दोनों पक्षों के बीच इस्लामाबाद में 28 से 30 अप्रैल के बीच संवाद हुआ। एक सूत्र के मुताबिक, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर र्चचा की और इस बात पर सहमत हो गए कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे बातचीत के जरिये सुलझाये जाने चाहिए।
• पाकिस्तान की ओर से शामिल विशेषज्ञों में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गर्वनर इशरत हुसैन थे जिनका नाम जुलाई में संभावित आम चुनाव के दौरान पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मीडिया में चल रहा है।
• ट्रैक 2 की वार्ता को पूरी तरह गुप्त रखा गया और आयोजकों ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी साझा नहीं किया।1990 के दशक के शुरू में नीमराणा संवाद की शुरुआत हुई थी।
• साल 2016 में पाकिस्तान के संगठनों द्वारा किए गए आतंकी हमलों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमलों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। दोनों पक्ष अक्सर एक दूसरे पर नियंतण्ररेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन का आरोप लगाते हैं।
• हाल ही में भारत ने कहा था कि वह शंघाई सहयोग संगठन की रूपरेखा के तहत रूस में कई देशों के आतंकवाद निरोधक अभ्यास में पाकिस्तान के साथ भाग लेगा।
*3. अब्बास ने ट्रंप की शांति योजना ठुकराई*
• फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास का कहना है कि इस्रइल-फिलिस्तीन संघर्ष सुलझाने के लिए ट्रंप की आगामी शांति योजना को फिलिस्तीनियों ने खारिज कर दिया है।
• समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, फिलीस्तीन राष्ट्रीय परिषद की चार दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अब्बास ने सोमवार को कहा कि फिलिस्तीनी मानते हैं कि अमेरिका इस्रइल के समर्थन वाले अपने पक्षपाती रुख की वजह से इस्रइल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया में शांति प्रायोजक नहीं बन सकता।
• साल 2009 के बाद पहली बार पीएनसी की बैठक हुई। यह बैठक अमेरिका द्वारा यरूशलम को इस्रइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के बाद इस्रइल और अमेरिका के साथ तल्ख रिश्तों पर र्चचा के लिए बुलाई गई थी।
• ट्रंप यरूशलम को इस्रइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और मई में तेल अवीव से अपने दूतावास को यरूशलम ले जाने के आदेश के बाद इस्रइली-फिलिस्तीन संघर्ष सुलझाने के लिए नई शांति योजना का खाका तैयार कर रहे हैं।
• अब्बास ने कहा, यरूशलम को फिलिस्तीन की भावी राजधानी के तौर पर मायन्ता दिए बगैर इस्रइल और फिलिस्तीन के बीच किसी भी तरह की शांति प्रक्रिया नहीं होगी।
*4. ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रार : नेतन्याहू ने विश्व नेताओं से र्चचा की, ईरान को झूठा बताया*
• इस्रइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर कई नियंतण्र नेताओं से फोन पर र्चचा की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, नेतन्याहू ने सोमवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से बात की।
• इस्रइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री और नियंतण्र नेताओं के बीच सहमति बनी कि अगले कुछ दिनों में नेतन्याहू ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया कराने के लिए एक पेशेवर टीम जर्मनी और फ्रांस भेजेंगे। इस्रइली प्रधानमंत्री ने ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को लेकर एक लाइव प्रेजेंटेशन की।
• इस मुद्दे पर नेतन्याहू ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की। बयान के मुताबिक, दोनों के बीच सीरिया की स्थिति पर र्चचा हुई और जल्द से जल्द मिलने पर सहमति बनी।ईरान ने झूठ बोला : नेतन्याहू ने सोमवार को कुछ खुफिया दस्तावेजों का खुलासा करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि ईरान 2015 का समझौता होने के बाद भी गुप्त तरीके से परमाणु हथियार बना रहा था।
• ईरान के परमाणु समझौते को संयुक्त समग्र कार्ययोजना के नाम से भी जाना जाता है। नेतन्याहू ने कहा है कि समझौते के बाद भी ईरान लगातार परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहा था। हालांकि कासिमी ने कहा कि यह आरोप झूठ फैलाने और धोखा देने के इरादे से लगाए गए। नेतन्याहू ने कहा, मैं आपको एक बात बताने आया हूं। ईरान ने झूठ बोला है।
• नेतन्याहू ने लाइव पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार को हजारों की संख्या में दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चला है कि ईरान समझौते के बाद भी परमाणु कार्यक्रमों में संलिप्त था। उन्होंने कहा, इन फाइलों में तमाम चीजें हैं, दस्तावेज, प्रेजेंटेशन, ब्लूप्रिंट, वीडियो और भी बहुत कुछ हैं जो ईरान के दोष को सिद्ध करते हैं।
*5. भारत-जापान ऊर्जा क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाएंगे*
• नौवें भारत-जापान ऊर्जा वार्ता के दौरान आज यहां दोनों देशों ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर र्चचा शुरू करने तथा बेहतर गतिविधियों वाले ऊर्जा बाजारों के विकास के लिए साथ मिलकर काम करने पर भी सहमति जताई।
• आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक में बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह तथा जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार तथा उद्योग मंत्री हिरोशिगे सेको शामिल हुए। दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए।दोनों देशों ने इस बात को स्वीकार किया कि उनकी आर्थिक वृद्धि के लिये भरोसेमंद, स्वच्छ तथा सस्ती ऊर्जा जरूरी है। दोनों देशों ने इसे हासिल करने और ऊर्जा विकास के लिए क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति जताई।
• इससे वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा पहुंच तथा जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से निपटने में भी मदद मिलेगी। बैठक में दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र मसौदा सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के क्रियान्वयन के इरादे से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिये हाइड्रोजन समेत अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के विकास एवं उसके उपयोग के महत्व को रेखांकित किया।
*6. विकास में अफ्रीकी देशों की मदद करेगा भारत*
• केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां एक कारोबारी शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत दक्षिणी अफ्रीकी देशों के विकास में मदद करने के लिए तैयार है। इन देशों में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं।
• प्रभु दो दिवसीय भारत-अफ्रीका कारोबारी सम्मेलन 2018 में भाग लेने गए उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रभु ने सम्मेलन के दौरान बोत्सवाना, स्वाजीलैंड, लीसोथो और मोजाम्बिक के अपने समकक्षों के साथ मंच साझा करते हुए कहा, ‘‘हमें लगता है कि इन दो क्षेत्रों (भारत और दक्षिणी अफ्रीकी देशों) के बीच अपार संभावनाएं हैं।’
• उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक महीने पहले भारत में हुई एक बैठक में र्चचा की गई थी कि इन देशों में से प्रत्येक के लिए हम क्या कर सकते हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए आंखें खोलने वाला था क्योंकि हमने इन देशों में से कुछ की क्षमताओं को पहचाना जिससे हम पहले अवगत नहीं थे। हम इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, भारत भी ले जा सकते हैं।’
• उन्होंने कहा कि अफ्रीका के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर भारत मजबूती से प्रतिबद्ध है और इस बात को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं कि इन देशों में परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए दिए गए ऋण को कैसे और बेहतर किया जा सकता है। प्रभु ने कहा कि ये कदम उन देशों को लाभ पहुंचाएंगे जहां इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है।
• उन्होंने भारत की तरफ से समर्थन का वादा करने के साथ ही सावधान भी किया कि इन परियोजनाओं को अत्यधिक महत्वाकांक्षी नहीं होना चाहिए।
*7. तापी परियोजना शुरू हो पाने के आसार नहीं: ईरान*
• ईरान ने कहा है कि वह पाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ गैस परियोजना में शामिल होने के लिए तैयार है, क्योंकि उसे नहीं लगता कि तापी गैस परियोजना के धरातल पर उतरने के आसार हैं। गौरतलब है कि अरबों डालर वाली तापी गैस परियोजना में भारत को भी शामिल होना है।
• ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तापी परियोजना के आपरेशनल होने की उम्मीद कम हैं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच बात बन पाना इतना आसान नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम एक दूसरी परियोजना में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं।
• ईरान को हालांकि अभी लगता है कि दस अरब डालर की तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत गैस परियोजना दक्षिण एशिया में ऊर्जा की किल्लत को खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
• ईरान की राष्ट्रीय गैस एजेंसी के सीईओ हामिद रजा अराकी ने कहा कि हम तुर्कमेनिस्तान की गैस पाकिस्तान तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं। हमें नहीं लगता कि तुर्कमेनिस्तान की गैस पाइपलाइन पाकिस्तान तक बिछ सकेगी। इसकी भरपाई के लिए ईरान की मदद ली जा सकती है। अधिकारी के मुताबिक ईरान की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि हम हर गैस परियोजना में शामिल हो सकते हैं। अराकी ईरान में पेट्रोलियम विभाग में उपमंत्री भी हैं।
• भारत को तापी गैस परियोजना से बहुत उम्मीदें हैं, क्योंकि उसके लिए तुर्कमेनिस्तान से गैस की आपूर्ति की बहुत आवश्यकता है। तुर्कमेनिस्तान के पास विश्व में चौथा सबसे बड़ा गैस भंडार है। उसने तापी परियोजना के तहत अपने हिस्से की पाइपलाइन का निर्माण दिसंबर 2015 में ही शुरू कर दिया था।
• तापी परियोजना को इस साल आपरेशनल होना है। इसकी क्षमता 90 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (एमएमएससीएमडी) प्रतिदिन गैस के उत्पादन की होगी। भारत को पाइपलाइन की सुरक्षा से संबंधित चिंताएं हैं।
*8. सांसदों-विधायकों के लिए गठित 10 विशेष कोर्ट में काम शुरू*
• सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित करीब 1581 आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित 12 में से 10 विशेष अदालतों में कामकाज शुरू हो गया है। बाकी दो विशेष अदालतों (उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में) में भी कामकाज शुरू होने की उम्मीद है।
• कानून मंत्रलय के न्याय विभाग की ओर से 19 अप्रैल को कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को लिखे पत्र में यह जानकारी दी गई है। विशेष अदालतों के लिए न्याय विभाग वित्त वर्ष 2017-18 के लिए संबंधित राज्यों को पहले ही 65.04 लाख रुपये जारी कर चुका है।
• हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश भी दिया था कि सांसदों-विधायकों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में लंबित सभी मामले इस उद्देश्य से बनाई गईं विशेष अदालतों में स्थानांतरित कर दिए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार को सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित 1581 आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए 12 विशेष अदालतें गठित करने की योजना बनाने का निर्देश दिया था।
*9. बृहस्पति के चंद्रमा पर तूफानी पर्यावरण का पता चला*
• अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के गैलीलियो अंतरिक्ष यान से मिले नए डाटा से बृहस्पति के चंद्रमा गेनीमेडे पर तूफानी पर्यावरण का पता चला है। गैलीलियो ने बृहस्पति की परिक्रमा करते हुए आठ वर्ष बिताए हैं। गैलीलियो ने बृहस्पति के इस गैस से भरे चंद्रमा के बारे में कई खोजें की हैं। इसमें गेनीमेडे के चारों तरफ चुंबकीय वातावरण का पता चला जो बृहस्पति के चुंबकीय क्षेत्र से अलग है।
• यह जानकारियां मिलीं : हालांकि नासा का यह मिशन 2003 में खत्म हो गया था, लेकिन गैलीलियो के नए डाटा से गेनीमेडे के पर्यावरण के बारे में नई जानकारियां मिली हैं। यह हमारे सौरमंडल में अन्य के जैसा नहीं है। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के ग्लिन कोलिंस ने बताया कि हम एक नई जानकारी के साथ करीब 20 वर्ष पीछे से आ रहे हैं। इस तरह का डाटा अब तक प्रकाशित नहीं हुआ है और किसी को इस बारे में जानकारी नहीं है।
• वैज्ञानिकों का मानना है कि खोज से इस रहस्य को सुलझाने में मदद मिलेगी कि गेनीमेडे का सूर्योदय इतना चमकदार क्यों होता है।
• बता दें कि वर्ष 1996 में बृहस्पति पर पहुंचने के कुछ समय बाद ही गैलीलियो ने गेनीमेडे के बारे में कई आश्चर्यजनक जानकारियां दी थीं। इसमें सबसे महत्वूपर्ण उसके चुंबकीय क्षेत्र से जुड़ी हुई थीं। नासा का एक अन्य यान इस समय मंगल ग्रह में जीवन की संभावनाओं की तलाश में जुटा है।
• यह यान पिछले सप्ताह रवाना हुआ है और साठ दिन के बाद ही वह मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश के अपने असली अभियान की शुरुआत करेगा।

 

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