05 May दैनिक समसामयिकी
_*04 May 2018(Friday)*_
*1.कोरियाई शांति वार्ता को आगे बढ़ाएंगे : गुटेरेस*
• संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाने तथा वहां स्थायी रूप से शांति स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण अंतर-कोरियाई वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। गुटेरेस ने कहा कि उत्तर कोरिया में परमाणु हथियार परीक्षण स्थल को बंद करने के लिए भी मदद की जायेगी। इसके अलावा दोनों देशों को अलग करने वाले बफर जोन को एक शांति स्थल के रूप में परिवर्तित करने का भी प्रस्ताव है।
• संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गुटेरेस ने सोमवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से इस संबंध में फोन पर बात की थी। उत्तर कोरिया में परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करवाने के लिए मून ने संयुक्त राष्ट्र का समर्थन मांगा है। इससे पहले 27 अप्रैल को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक मुलाकात हुई थी।
• मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कोरियाई युद्ध के समाप्त होने की आधिकारिक रूप से घोषणा की थी। गौरतलब है कि 1953 में हुए कोरियाई युद्ध के बाद किम जोंग उन दक्षिण कोरिया में कदम रखने वाले पहले उत्तर कोरियाई नेता बन गए हैं। ईरान परमाणु समझौते से अलग न हो अमेरिका : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए तैयार किए गए अंतरराष्ट्रीय समझौते से खुद को अलग न करें।
• गुटेरेस ने बीबीसी से बातचीत करते हुए कहा कि यदि 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते को नहीं बचाया गया तो युद्ध का खतरा बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप इस समझौते के कड़े आलोचक रहे हैं। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी।
• इस समझौते पर अंतिम फैसला लेने के लिए ट्रंप के पास 12 मई तक का समय है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि ईरान परमाणु समझौता एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत है, जिसे बनाए रखा जाना चाहिए। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी।
*2. वेंकैया करेंगे ग्वाटेमाला पनामा और पेरू की यात्रा*
• उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू छह दिन की विदेश यात्रा पर छह मई को ग्वाटेमाला, पनामा एवं पेरू जाएंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति सरन ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा पर वह छह मई को ग्वाटेमाला सिटी पहुंचेंगे। इसके बाद आठ मई को पनामा सिटी और दस मई को पेरू की राजधानी लीमा पहुंचेंगे।
• सरन ने कहा कि नायडू के साथ प्रतिनिधिमंडल में केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री जसवंत सिंह भाभौर तथा चार सांसद तिरुचि शिवा (द्रमुक), अनिल देसाई (शिवसेना), कमलेश पासवान (भाजपा) और छाया वर्मा (कांग्रेस) शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि नायडू इस यात्रा के दौरान तीनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व के साथ बैठकों में भाग लेने के अलावा इन देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों एवं भारतवंशी समुदायों से भी मुलाकात करेंगे।
• ग्वाटेमाला में किसी शीर्ष भारतीय नेता की यह पहली यात्रा होगी। नायडू राष्ट्रपति जिमी मोरालेस, संसद के स्पीकर अल्वेरो एनरीक अरजू एस्कोबार तथा एंटीगुआ की मेयर सुसाना एस्सीनो लुएग से मिलेंगे।
• पनामा में राष्ट्रपति जुआन कालरेस वरेला रोड्रिग, उपराष्ट्रपति एवं विदेश मंत्री इसाबेल डे सेंट मालो डि अल्वेराडो से मुलाकात करेंगे जबकि पेरू में उनकी भेंट राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री से होगी।
*3. एससी/एसटी कानून : फैसले पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार*
• उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार निवारण कानून मामले में केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई 16 मई तक मुल्तवी कर दी, लेकिन अपने फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया।
• केंद्र सरकार की ओर से पेश एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ओर न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ के समक्ष दलील दी कि एससी/एसटी कानून के संबंध में दिये गये फैसले पर पीठ को रोक लगा देनी चाहिए, क्योंकि न्यायालय इस तरह नया कानून नहीं बना सकता। यह उसका अधिकार क्षेत्र नहीं है। संविधान ने न्यायपालिक, विधायिका और कार्यपालिका के अधिकारों का बंटवारा किया है।
• एटर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट के इस आदेश के बाद 200 से ज्यादा वर्षों से दमित लोगों के आत्मविास पर असर पड़ा है। उन्होंने इस फैसले पर विचार के लिए मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने तथा फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया। कोर्ट ने अपने फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार करते हुए सुनवाई 16 मई तक मुल्तवी कर दी और सभी पक्षों को उस दिन अपनी जिरह पूरी कर लेने को कहा।
• कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई के दौरान कहा कि उसका फैसला यह नहीं है कि किसी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाये या दोषी को सजा न मिले, बल्कि उसने सिर्फ यह कहा है कि किसी को गिरफ्तार करने से पहले जांच की जाये और अगर जरूरत हो तभी गिरफ्तारी की जाये।
• गौरतलब है कि केन्द्र ने दो अप्रैल को इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि न्यायालय के 20 मार्च के फैसले से संबंधित कानून हल्का हुआ है।
*4. फेड रिजर्व ने ब्याज दरों को स्थिर रखा*
• अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व ने बृहस्पतिवार को नीतिगत बैठक में ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा। बैंक ने दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। हालांकि बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति उसके निर्धारित लक्ष्य दो फीसद के करीब है। विश्लेषकों का कहना है कि आगामी बैठक में ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
• फेडरल रिजर्व ने दो दिवसीय नीति बैठक के बाद प्रमुख लघु अवधि दर को 1.5 से 1.75 फीसद पर स्थिर रखा है। यह स्तर उसने मार्च में निर्धारित किया था। मार्च में उसने दिसम्बर 2015 के बाद से छठी बार दर में वृद्धि की थी। फेडरल रिजर्व मुदास्फीति को नियंत्रित करने के लिए धीरे-धीरे ब्याज दरें बढ़ा रहा है।
• केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसे दरों में ‘‘आगे धीरे-धीरे’ वृद्धि की उम्मीद है। हालिया आंकड़े बताते हैं कि मुद्रास्फीति वार्षिक लक्ष्य दो फीसद को हासिल करने के करीब है। फेडरल ने कहा कि 12 महीने पर आधारित मुद्रास्फीति के मध्यम अवधि में दो फीसद के लक्ष्य तक पहुंचने का अनुमान है।
• विश्लेषकों ने कहा कि फेडरल बैंक के आज के बयान से स्पष्ट है कि वह ब्याज दर में वृद्धि को जारी रखेगा और जून मध्य में होने वाली नीतिगत बैठक में दरों को बढ़ा सकता है।
*5. नया ग्लास माइक्रोस्कोप के साथ थर्मामीटर का भी करेगा काम*
• विज्ञान में हर मशीन का अलग महत्व है। यदि एक मशीन में किसी दूसरी मशीन के काम को भी जोड़ दिया जाए तो इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। साथ ही कई काम आसान होने के साथ समय भी बचता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है अमेरिकी वैज्ञानिकों ने। उन्होंने एक नम्र ग्लास को विकसित कर उसका ऐसा अपडेट वर्जन तैयार किया है, जिसकी मदद से अब माइक्रोस्कोप के साथ थर्मामीटर का काम भी हो सकता है।
• वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसा नई पारदर्शी कोटिंग की वजह से संभव हो पाया है। इससे दुनियाभर के वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी और साथ ही शोध के क्षेत्र में भी वृद्धि हो सकेगी। इस उपकरण की मदद से स्कूलों में रसायन और जीव विज्ञान की प्रयोगशाला में प्रयोग करने वाले विद्यार्थियों को भी प्रयोग करने में मदद मिलेगी।
• अलग-अलग काम करने वाले कई उपकरण मौजूद : अमेरिका में बफेलो यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर रुगांग झाओ के मुताबिक, हमारे पास ऐसे उपकरण मौजूद हैं, जो अत्यंत सूक्ष्म चीजों को अविश्वसनीय रूप से बड़ा करके दिखा सकते हैं। वहीं, हमारे पास इनफ्रारेड थर्मामीटर जैसे उच्च गुणवत्ता वाले तापमापी भी हैं। इसके बावजूद कोई ऐसा उपकरण नहीं है, जो दोनों काम एक साथ कर सके। यहीं से हमें ऐसा उपकरण तैयार करने का विचार मिला। अब हमने इन दोनों चीजों को एक उपकरण में जोड़ दिया है, जिससे बेहद कम कीमत पर विश्वसनीय आंकड़े प्राप्त किए जा सकते हैं। यह नई कोटिंग के जरिये संभव हो पाया है।
• दशकों से प्रयास कर रहे थे वैज्ञानिक : वैज्ञानिक दशकों से थर्मल इमेजिंग और माइक्रोस्कोपी को जोड़ने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए वैज्ञानिकों ने टेराहट्र्ज और इनफ्रारेड थर्मल मैपिंग तकनीक को सूक्ष्मदर्शी के लेंस के साथ जोड़ा था। हालांकि, इससे प्राप्त होने वाली वस्तु की तस्वीर का रेजलूशन बहुत कम होता था। इसके अलावा कुछ अन्य तकनीक थीं, लेकिन वे बहुत ही अधिक महंगी होती थीं।
• अब नई कोटिंग के जरिये एक्रेलिक ग्लास (वह ग्लास, जिससे चश्मे तैयार किए जाते हैं) से यह काम सस्ते में कर पाना संभव हो सका है। वैज्ञानिक इसे बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं और उनका कहना है कि इसका लाभ दुनियाभर में कई क्षेत्रों में मिल सकेगा।
*6. दुनिया में 10 में से 9 लोग ले रहे प्रदूषित हवा में सांस*
• दुनिया भर के दस लोगों में से नौ लोग उच्च प्रदूषण स्तर वाली हवा में सांस लेते हैं। इसके अलावा परिवेश और घरेलू वायु प्रदूषण से हर साल लगभग 70 लाख मौतें हो रही हैं। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण आज र्चचा का विषय बन गया है। इसे वयस्कों में गैर-संक्रामक बीमारियों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक के रूप में पहचाना गया है।
• रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में लोगों की मौत 24 प्रतिशत हृदय रोग, 25 प्रतिशत स्ट्रोक, 43 प्रतिशत क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज और 29 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर से होती हैं।हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, ‘‘वायु प्रदूषण मुख्य रूप से मानव निर्मित होता है, क्योंकि यह मानव स्वास्य को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए यह सभी के लिए तत्काल चिंता का विषय है।
• वायु गुणवत्ता में सुधार एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हम में से हर कोई वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने और पर्यावरण को अच्छा रखने में मदद करने के लिए हर दिन कुछ न कुछ कर सकता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘वायु प्रदूषण स्वास्य के लिए सबसे बड़े पर्यावरणीय जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है। फिर भी समाधान मौजूद हैं, और डेटा से पता चलता है कि कुछ देशों ने काफी प्रगति की है। यह निश्चित रूप से उत्साहजनक है। हालांकि, यह भी सच है कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास कम ही रहते हैं।
• यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि यह समझना जरूरी है कि सरकार प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने की जिम्मेदारी अकेले ही नहीं ले सकती है।’ डॉ. अग्रवाल ने कहा, ‘‘‘‘हम सभी को अपने पर्यावरण की रक्षा करने की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। मौजूदा प्रदूषण का अधिकांश मानव निर्मित है, इसलिए हमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों में भी योगदान करना चाहिए।
• ’’उन्होंने कहा कि एक बड़ी चिंता यह है कि 2016 में पीएम 2.5 के स्तर के मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित भारत के 14 शहर दुनिया के 20 सबसे प्रदूषण वाले शहरों में शामिल थे। पीएम 10 लेवल के लिए भी, 13 भारतीय शहरों को 20 सबसे अधिक प्रदूषण वाले शहरों में शामिल किया गया है। डॉ. अग्रवाल ने बताया, ‘‘महात्मा गांधी ने कहा था कि आपको उस बदलाव का हिस्सा होना चाहिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।
• वायु प्रदूषण के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के उपायों के लिए आवाज बुलंद करें। ऑड ईवन वाहन नियम जैसे वायु प्रदूषण उपायों में सक्रिय प्रतिभागी बनें। राज्य द्वारा लागू सभी नियमों और कानूनों का पालन करें।’
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