05 June 2018(Tuesday)

1.राज्यपालों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने किया आह्वान : सबको मिले योजनाओं का लाभ
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संघीय ढांचे में राज्यपाल के पद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि केन्द्रीय योजनाओं का लाभ देश के हर नागरिक को मिले।
• मोदी ने यहां राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के 49वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, देश के संघीय ढांचे और संवैधानिक तंत्र में राज्यपाल का पद केन्द्र तथा राज्यों के बीच धुरी का काम करता है। राज्यपालों को इसे ध्यान में रखते हुए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाते यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केंद्र की योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे।
• इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रीय पोषण मिशन और गांवों के विद्युतीकरण जैसी योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, राज्यपाल कुछ ऐसे गांवों का दौरा कर सकते हैं जिनमें पहली बार बिजली पहुंची है। उन्होंने कहा, आदिवासी बहुल राज्यों के राज्यपालों की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और वह शिक्षा, खेलों तथा वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में सरकार की पहलों का लाभ आदिवासी समुदाय तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।
• आदिवासी समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसे डिजिटल संग्रहालय की मदद से समुचित पहचान मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, राज्यपाल विविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं और वह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के माध्यम से युवाओं में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इसके साथ ही विविद्यालय महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के समारोह का केन्द्रीय बिन्दू भी बन सकते हैं।
• मोदी ने कहा, गत 14 अप्रैल से शुरू हुए ग्राम स्वराज अभियान के तहत 16 हजार गांवों में केन्द्र की सात प्रमुख योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया गया। इन गांवों की सात समस्याओं का जनभागीदारी के जरिये समाधान किया गया है। आगामी 15 अगस्त तक इस अभियान के दायरे में 65 हजार और गांवों को लाया जाएगा।
• उन्होंने कहा, अगले साल होने वाले राज्यपालों के 50 वें सम्मेलन की तैयारी अभी से शुरू कर दी जानी चाहिए जिससे कि यह वार्षिक आयोजन और अधिक सार्थक बन सके।

2. आतंकियों को वित्तीय मदद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई का आह्वान
• विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को आह्वान किया कि ब्रिक्स देशों को धनशोधन, आतंकियों को वित्तीय मदद तथा कट्टरपंथ के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था के सामने आज ‘‘बड़ी चुनौती’ उत्पन्न हो रही है।
• दक्षिण अफ्रीका की पांच दिन की यात्रा पर पहुंचीं सुषमा ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत् , चीन और दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुईं। यह बैठक जोहान्सबर्ग में अगले महीने होने वाले समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन की नींव रखने के लिए आयोजित की गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है।
• सुषमा ने कहा, यहां हमारी र्चचा अंतर ब्रिक्स सहयोग को आगे और मजबूत करने की दिशा में योगदान देगी। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में उनके हवाले से कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में अंतर ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने में ब्रिक्स की भूमिका को भारत बहुत महत्व देता है। सुषमा ने दीर्घकालिक वृद्धि के लिए ब्रिक्स राष्ट्रों का आह्वान किया कि वह सामने खड़ी चुनौतियों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा, आज हमारी बैठक ऐसे समय हो रही है जब बहुपक्षवाद , अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
• विदेशमंत्री ने कहा, यद्यपि नियंतण्र वृद्धि ने सही हालात के संकेत दर्शाए हैं, लेकिन दीर्घकालिक वृद्धि के समक्ष चुनौतियां लगातार बनी हुई हैं। वैश्वीकरण का लाभ सभी तक पहुंचाना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। सुषमा ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी प्राथमिकताओं के रूप में धनशोधन, आतंकियों को वित्तीय मदद, साइबर स्पेस और कट्टरपंथ के खात्मे पर ध्यान केंद्रित करते हुए संयुक्त कार्रवाई के लिए ब्रिक्स की आतंकवाद रोधी रणनीति का आह्वान किया था।
• उन्होंने कहा, हमारे नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी ढांचे को सक्षम और प्रभावी बनाने का भी आह्वान किया है। दक्षिण अफ्रीकी ब्रिक्स अध्यक्षता के तहत हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमारे नेताओं के संकल्प के क्रियान्वयन के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता को फिर दोहराते हैं।

3. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बनेगा नया वित्तीय संस्थान
• कृषि क्षेत्र को घाटे से उबारने और रोजगार के अवसर मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाने वाले खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को सरकार विशेष प्रोत्साहन देगी। शानदार प्रदर्शन करने वाले इस सेक्टर को पर्याप्त पूंजी मुहैया कराने के लिए एक नया वित्तीय संस्थान का गठन किया जा रहा है। इसकी घोषणा जुलाई में हो सकती है।
• केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस वित्तीय संस्थान में घरेलू कंपनियों के साथ अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी भागीदार बनने को आतुर हैं। इस वित्तीय संस्थान को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 20 फीसद की पूंजी मुहैया कराएगी। लेकिन इसके पहले भागीदार कंपनियों को संयुक्त रूप से न्यूनतम 2000 करोड़ रुपये जुटाने होंगे। इसका 20 फीसद यानी 400 करोड़ रुपये सरकार देगी।
• प्रस्तावित वित्तीय कंपनी का नाम एग्रो प्रोसेसिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (एपीएफआई) होगा। यह उपाय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उद्यमों के लिए पूंजी की उपलब्धता सुगम करने के लिए किया जा रहा है ताकि यह सेक्टर विकसित हो सके। यह संस्थान इसी सेक्टर में उद्योग इकाइयों को पूंजी उपलब्ध कराएगा। इसकी भागीदार कंपनियां वित्त बाजार से धन उगाह सकती हैं।
• क्षति रहित होगी कृषि उपज : बादल ने कहा कि इस सेक्टर में पिछले चार साल में पांच लाख रोजगार पैदा हुए हैं। पिछले सालभर में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। यह सेक्टर देश में कृषि उपज में होने वाले नुकसान को शून्य तक ले जाने की दिशा में काम कर रहा है। कृषि क्षेत्र में सालाना एक लाख करोड़ रुपये की कीमत की उपज खासकर फल व सब्जियां सड़ जाती है।
• बादल ने कहा कि खेती पर जहां 50 फीसद से अधिक आबादी निर्भर है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उसकी हिस्सेदारी मात्र 15 फीसद रह गई है। बादल ने विश्वास के साथ कहा कि अगर किसान प्रोसेसर हो जाए तो जीडीपी में भी उसकी हिस्सेदारी 50 फीसद होकर रहेगी।

4. ‘अच्छे कर्ज’ का मुद्दा उठाने के लिए मैटिस ने मोदी को सराहा
• अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘शांगरी-ला डायलॉग’ के दौरान अविश्वसनीय रूप से अच्छे कर्ज का मुद्दा उठाने की सराहना की है। मोदी ने अपने भाषण में उन देशों की आलोचना की थी, जो दूसरे देशों को कर्ज के बोझ से लाद देते हैं।
• उनका इशारा संभवत: चीन की तरफ था, जो दक्षिण चीन सागर और वन बेल्ट वन रोड परियोजनाओं के लिए दूसरे देशों को कर्ज दे रहा है। श्रीलंका और पाकिस्तान को उसने भारी-भरकम कर्ज के बोझ से लाद रखा है।1मैटिस और मोदी ने ‘शांगरी-ला डायलॉग’ से इतर सिंगापुर में शनिवार को मुलाकात की थी।
• वहां से लौटने के बाद अपने देश में पत्रकारों से बात करते हुए मैटिस ने कहा कि मोदी ने वास्तव में एक अच्छा मुद्दा उठाया। मुङो मोदी का वह भाषण याद है। वह किसी बुजुर्ग आदमी को सुनने जैसा था। वहां उन्होंने शानदार भाषण दिया। उन्होंने जिस तरह से ‘अच्छे कर्ज’ का मुद्दा उठाया, वह सच में मुङो बहुत अच्छा लगा।
• मैटिस ने कहा कि उनको सुनने के बाद जब मैं अपने कमरे में गया तो रातभर उसी विषय के बारे में सोचता रहा। क्या आप जानते हैं कि भारी-भरकम कर्ज लेकर कोई देश सैन्य कार्रवाई के बिना ही अपनी संप्रभुता खो बैठता है? इससे किसी देश की राजनीतिक संप्रभुता भले ही बनी रहे, लेकिन वह आर्थिक तौर पर गुलाम बन जाता है।
• मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि दूसरे देशों के सशक्तीकरण में भले ही कोई देश मदद करे, लेकिन कर्ज के बोझ से उसे दबाना नहीं चाहिए। इसके बदले उस देश के साथ कारोबार बढ़ाना चाहिए। इन सिद्धांतों पर हम किसी देश के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
• मजबूत संबंध बनाए रखेंगे भारत-अमेरिका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस की मुलाकात के बाद पेंटागन का कहना है कि भारत और अमेरिका अपने मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने को संकल्पबद्ध हैं।

5. राजकिशोर
• वरिष्ठ पत्रकार एवं सुप्रसिद्ध लेखक राजकिशोर का सोमवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। पिछले दिनों उनके पत्रकार पुत्र का निधन हो गया था जिसके कारण उन्हें गहरा सदमा लगा था। राजकिशोर को सीने में संक्रमण होने के कारण निमोनिया हो गया था और उन्हें करीब तीन सप्ताह पूर्व एम्स के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था जहां सोमवार सुबह साढ़े नौ बजे करीब अंतिम सांस ली।
• दो जनवरी 1947 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्मे राजकिशोर की पढ़ाई-लिखाई कोलकाता विविद्यालय में हुई और उन्होंने 80 के दशक में कोलकाता से शुरू चर्चित साप्ताहिक पत्र ‘‘रविवार’ से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की। उन्होंने नई दिल्ली से प्रकाशित ‘‘नवभारत टाइम्स’ में सहायक संपादक के रूप में काम करना शुरू किया और उन्होंने पत्रकारिता में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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