23 November 2017(Thursday)

1.दिल्ली पर नहीं हो सकता स्थानीय सरकार का अधिकार
• सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने दलील दी कि केंद्र में चुनी हुई सरकार है। वह पूरे देश की केंद्रीय सरकार है। वहीं दिल्ली देश की राजधानी है। इस तरह इस पर सबका अधिकार है।
• केंद्र सरकार का अधिकार है कि वह देश की राजधानी में लोगों के बारे में फैसला ले। केंद्र में भी चुनी हुई सरकार है और उसका दिल्ली पर पूरा नियंतण्रहै। केन्द्र शासित प्रदेश में विधान सभा हो या न हो केंद्र सरकार का उस पर पूरा कंट्रोल है। यहां की चुनी हुई सरकार ये दावा नहीं कर सकती कि दिल्ली पर सिर्फ उसका अधिकार है ऐसा नहीं हो सकता।
• अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी कि उदाहरण के तौर पर अगर दिल्ली में केंद्र का कंट्रोल नहीं रहेगा तो दिल्ली की चुनी हुई सरकार किसी राज्य विशेष के लोगों को किसी विभाग में नौकरी पर रखना शुरू करेंगी तो फिर कैसी स्थिति उत्पन्न होगी ये सोचने वाली बात होगी।
• मनिंदर सिंह ने कहा कि वह किसी विशेष सरकार का नाम नहीं ले रहे लेकिन कल को कोई सरकार यदृ कहने लगे कि गणतंत्र दिवस का परेड अमुक जगह नहीं होना चाहिए फिर कैसी स्थिति होगी। दिल्ली सरकार के पास कोई भी विशेष कार्यकारी अधिकार नहीं है क्योंकि वह केंद्र शासित प्रदेश है।
• दिल्ली में अधिसंख्य सरकारी नौकरियां केंद्र के अधीन हैं और उसके पास तमाम फैसला लेने का अधिकार है। ये अलोकतांत्रिक नहीं हो सकता कि केंद्र सरकार दिल्ली में प्रशासन पर अपना कंट्रोल करे।
• केंद्र की दलील थी कि एलजी के लिए मंत्रीपरिषद की सलाह मानना बाध्यकारी नहीं है। इस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सवाल किया कि क्या एलजी के पास सारे अधिकार खुद में निहित हैं? तब एएसजी ने कहा कि एलजी को मंत्रीपरिषद फैसले के बारे में सूचित करते हैं और फिर एलजी उस बारे में मंजूरी देते हैं। चुनी हुई सरकार हर फैसले के बारे में एलजी को अवगत कराएंगे।
• अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सारे अधिकार राष्ट्रपति के पास निहित हैं और इसका प्रशासन केंद्रीय शासन के हाथ में है। राष्ट्रपति एलजी के जरिए कामकाज देखते हैं।
• ये राज्य नहीं है। इस दौरान दिल्ली सरकार की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि उनकी ओर से ये स्टैंड नहीं रहा कि वह राज्य सरकार हैं बल्कि विशेष दर्जे की दलील है।

2. 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी
• सरकार ने 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रधानमंी नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक मे इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
• बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि 15वें वित्त आयोग का टर्म ऑफ रिफ्रेंस शीघ ही अधिसूचित किया जाएगा। श्री जेटली ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें एक अप्रैल, 2015 से प्रभावी हो चुकी हैं और ये 31 मार्च, 2020 तक प्रभावी रहेंगी।
• हमें 01 अप्रैल 2020 से नए वित्त आयोग की सिफारिशें लागू करनी हैं। उन्होंने कहा कि अब तक का अनुभव रहा है कि वित्त आयोग को परामर्श तथा अन्य प्रक्रियाओं में करीब दो साल का समय लगता है।
• जेटली ने एक सवाल के जवाब में बताया कि भारत राज्यों का संघ है और राज्यों को भी अपने अस्तित्व के लिए कुछ चाहिए होता है।

3. दिवाला कानून में होगा बदलाव
• सरकार दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून में जरूरी संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करेगी। इस कानून में कर्ज में फंसी कंपनियों की संपत्तियों का बाजार निर्धारित दर पर समयबद्ध निपटारा किये जाने का प्रावधान किया गया है।
• कानून को कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अमल में लाया जा रहा है।वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज कानून में कुछ बदलाव करने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। हालांकि, कानून में क्या संशोधन किए जाएंगे, इसके बारे में तुरंत कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
• सरकार की ओर से यह पहल ऐसे समय की जा रही है जब कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर कुछ क्षेत्रों में चिंता व्यक्त की गई। इसमें एक मुद्दा इसको लेकर भी उठा है कि कानून की खामियों का फायदा उठाते हुए दिवाला प्रक्रि या में आई कंपनी पर उसके प्रवर्तक फिर से नियंतण्रहासिल करने की जुगत लगा सकते हैं।
• कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने कानून की कमियों की पहचान करने और उनका समाधान बताने के बारे में 14 सदस्यीय एक समिति गठित की है। कारपोरेट कार्य सचिव इंजेती श्रीनिवास की अध्यक्षता में गठित दिवाला कानून समिति कानून के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं पर गौर करेगी।
• दिवाला संहिता में अब तक 300 मामले नेशनल कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में समाधान के लिए दर्ज किए जा चुके हैं। दिवाला कानून में एनसीएलटी से मंजूरी मिलने के बाद ही किसी मामले को समाधान के लिए आगे बढ़ाया जाता है।

4. आतंकवाद से मिलकर निपटेंगे भारत व रूस
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और रूस के बीच आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने में सहयोग संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी प्रदान कर दी ।
• पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत भारत और रूस के बीच आतंकवाद के सभी स्वरूपों एवं संगठित अपराध से निपटने में सहयोग संबंधी समझौता पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी गई है।
• गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले शिष्टमंडल की 27 से 29 नवंबर तक होने वाली रूस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होना प्रस्तावित है। भारत और रूस का आपसी हितों के मामले पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर करीबी सहयोग का लम्बा इतिहास रहा है ।
• दुनिया में आतंकवाद और संगठित अपराध के बढ़ने के साथ यह जरूरी हो गया है कि सभी देश मिलकर आतंकवाद के सभी स्वरूपों का मुकाबला करें। यह प्रस्तावित समझौता अक्टूबर 1993 के समझौते का स्थान लेगा, जो सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी हितों को मजबूत बनाने की दिशा में मददगार है ।
• इसमें नए एवं उभरते हुए खतरों से संयुक्त रूप से मुकाबला करने की बात कही गई है । इसके तहत भारत और रूस के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान, विशेषज्ञता, सर्वश्रेष्ठ पहल को साझा करने पर जोर दिया जा रहा है।

5. ‘‘जीईएस’ भारत-अमेरिका की मजबूत दोस्ती का प्रमाण
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सलाहकार एवं बेटी इवांका ट्रंप का कहना है कि भारत-अमेरिका नियंतण्र उद्यमी शिखर सम्मेलन-2017 (जीईएस ) दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का एक प्रमाण है।
• इवांका धन्यवाद परंपरा पूरी करते हुए भारत के लिए रवाना हुई। हैदराबाद में 28 से 30 नवम्बर के बीच होने वाले जीईएस में इवांका अधिकारियों के एक उच्चस्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल, महिला उद्यमियों और उद्योगपतियों का नेतृत्व करेंगी।
• तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन को इवांका संबोधित भी करेंगी। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
• इवांका ने अपनी भारत यात्रा से पहले कहा, शिखर सम्मेलन की थीम पहली बार वुमन फस्र्ट एंड प्रॉस्पेरिटी फॉर ऑल है, जो प्रशासन की उस सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी तो ही उनका समुदाय एवं देश कामयाब होगा।
• शिखर सम्मेलन में 170 देशों के 1500 उद्योगपति हिस्सा लेंगे। इनमें से करीब 350 प्रतिभागी अमेरिका के होंगे, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी हैं। इवांका ने कहा कि मैं यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हूं।
• उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका का एक महान दोस्त एवं साझेदार हैं। सहयोग का लक्ष्य साझा आर्थिक विकास और सुरक्षा साझेदारी है।

6. आयकर में भी सुधार की तैयारी

• वर्षो से लंबित जीएसटी को लागू कर देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन करने के बाद मोदी सरकार अब प्रत्यक्ष कर ढांचे में सुधार की दिशा में बढ़ रही है। इसके तहत सरकार नया आयकर कानून बनाने जा रही है। इस संबंध में केंद्र ने एक टास्क फोर्स गठित की है।
• यह 56 साल पुराने आयकर कानून की समीक्षा करेगी। इसके आधार एक नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करेगी। माना जा रहा है कि नए कानून में मध्यवर्ग और उद्योग जगत को टैक्स में सीधे राहत देकर मांग व निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
• मौजूदा आयकर कानून 1961 में बना था। तब से लेकर अब तक इसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 1-2 सितंबर को नई दिल्ली में शीर्ष कर अधिकरियों के ‘राजस्व ज्ञान संगम’ में मौजूदा आयकर कानून की समीक्षा कर इसका मसौदा पुन: तैयार करने की जरूरत पर बल दिया था।
• एक जुलाई की मध्यरात्रि को जीएसटी के शुभारंभ के मौके पर प्रधानमंत्री ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन के कथन ‘अगर दुनिया में कोई चीज समझना सबसे ज्यादा मुश्किल है तो वह आयकर है’ का उल्लेख किया था।
• यह कह करके उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दिया था कि जीएसटी के बाद उनकी सरकार का लक्ष्य आयकर कानून में सुधार करना है। 2014 में सत्ता में आने से पूर्व भाजपा ने ‘टैक्स टेररिज्म’ से मुक्ति दिलाने का वादा भी किया था। इसी पृष्ठभूमि में ही सरकार ने यह टास्क फोर्स गठित की है।
• केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य (विधायी) अरविंद मोदी के नेतृत्व वाली यह छह सदस्यीय टास्क फोर्स विभिन्न देशों में प्रचलित प्रत्यक्ष कर प्रणालियों और सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय पद्धतियों का अध्ययन करेगी। इसके आधार पर देश की आर्थिक जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करेगी। टास्क फोर्स छह माह में अपनी रिपोर्ट सीबीडीटी को सौंपेगी।
• इस स्थिति में सरकार अगले आम चुनाव में जाने से पूर्व प्रत्यक्ष कर कानून में बदलाव की घोषणा कर सकती है। जानकारों का मानना है कि अगर इस मसौदे में जनता को आयकर से छूट की कुछ अहम सिफारिशें आती हैं तो उसका राजनीतिक लाभ भी मिलेगा।
• ये हैं टास्क फोर्स के सदस्य : टास्क फोर्स में पूर्व आइआरएस अधिकारी जीसी श्रीवास्तव, भारतीय स्टेट बैंक के गैर-आधिकारिक निदेशक और सीए गिरीश आहूजा, अन्स्र्ट एंड यंगके अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव मेमानी, कर अधिवक्ता मुकेश पटेल और आर्थिक थिंक टैंक इक्रियर की कंसल्टेंट मानसी केडिया को इसका सदस्य बनाया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम इस टास्क फोर्स में स्थायी रूप से आमंत्रित सदस्य होंगे।

7. जिंबाब्वे में नांगाग्वा कल राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे

• जिंबाब्वे में रॉबर्ट मुगाबे के उत्तराधिकारी के रूप में एमर्सन नांगाग्वा शुक्रवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। नांगाग्वा इस समय देश से बाहर हैं और राजधानी हरारे में स्वागत के लिए तैयार उनके समर्थक अपने नेता की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
• दो हफ्ते पहले मुगाबे की पत्नी ग्रेस से मतभेद गहराने पर नांगाग्वा उप राष्ट्रपति पद से बर्खास्त कर दिए गए थे। इसके बाद देश छोड़कर दक्षिण अफ्रीका चले गए थे।
• संसद के स्पीकर जैकब मुदेंदा ने बताया कि सत्तारूढ़ जानू-पीएफ पार्टी ने उन्हें जानकारी दी है कि राष्ट्रपति पद के लिए नांगाग्वा का नाम तय किया गया है। मंगलवार को रॉबर्ट मुगाबे (93) के इस्तीफा देने से राष्ट्रपति पद खाली हुआ था।
• मुगाबे ने जनता, पार्टी और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के दबाव के बाद पद से इस्तीफा दिया था। उससे एक सप्ताह पहले सेना ने उनके अधिकार छीनते हुए उन्हें आवास में ही नजरबंद कर दिया था। मुगाबे के इस्तीफे पर उनकी पार्टी ने कहा है कि वयोवृद्ध नेता को अब विश्रम की भूमिका में आ जाना चाहिए। पार्टी और देश उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा।
• जिंबाब्वे के सबसे नजदीकी सहयोगी चीन ने मुगाबे के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा, जिंबाब्वे की आजादी और उसके निर्माण में मुगाबे का सबसे बड़ा योगदान है।
• चीन के वह अच्छे मित्र थे और रहेंगे। इससे पहले मुगाबे के इस्तीफे से उत्साहित लोग बैंड-बाजे के साथ हरारे की सड़कों पर उतरे और अपनी खुशी का इजहार किया।

8. कामयाबी : सुखोई से ब्रह्मोस का सफल परीक्षण
• दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को बुधवार को वायु सेना के मुख्य लड़ाकू विमान सुखोई-30 से दागने का सफल परीक्षण किया गया। इसके साथ ही भारत ने दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस को जल, थल और वायु में स्थित प्लेटफार्मों से दागने की क्षमता हासिल कर ली।
• रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार ब्रह्मोस को वायु सेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ माने जाने वाले सुखोई-30 विमान से बंगाल की खाड़ी में निर्धारित लक्ष्य पर दागा गया और इसने लक्ष्य पर सटीक तथा अचूक निशाना साध कर सफलता का इतिहास रच दिया।
• ब्रह्मोस को लड़ाकू विमान से पहली बार दागा गया है और इसके लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने सुखोई विमान में जरूरी फेरबदल किए थे जिससे कि वह ढाई टन वजन की इस भारी भरकम मिसाइल को प्रक्षेपित कर सके।
• इस सफल परीक्षण से वायु सेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ गई है और जमीन तथा समुद्र से इसके सफल परीक्षणों के बाद भारत ने हवा से भी इस मिसाइल के प्रक्षेपण की क्षमता हासिल कर ली है।
• ब्रह्मोस मिसाइल भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम का संयुक्त उपक्रम है।

9. IIT मुंबई देश में अव्वल, ब्रिक्स में 9वें स्थान पर

• क्यूएस की तरफ से जारी नई रैंकिंग में ब्रिक्स देशों के शीर्ष 20 विविद्यालयों में तीन आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू को शामिल किया गया है।
• क्वाक्वारेली सायमंड्स (क्यूएस) रैंकिंग में भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के 300 विविद्यालयों का आकलन किया गया और उनकी ग्रेडिंग की गई। क्यूएस को विश्व के प्रतिष्ठित रैंकिंग में गिना जाता है।
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई को नौवां स्थान दिया गया है, जिसके बाद आईआईएससी बेंगलुरू को दसवां, आईआईटी दिल्ली को 15 वां और आईआईटी मद्रास को 18 वां स्थान दिया गया है। चीन के शिंघुआ विविद्यालय, पेकिंग विविद्यालय और फुडान विविद्यालय को शीर्ष तीन रैंकिंग हासिल हुई है और शीर्ष दस में इसके आठ विविद्यालय शामिल हैं।
• यूजीसी के अध्यक्ष वीएस चौहान ने यहां रैंकिंग जारी करते हुए कहा कि रैंकिंग संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण हैं और भारत में रैंकिंग के कारण संस्थानों ने खुद की तरफ देखना शुरू कर दिया है। वर्ष 2017 की सूची में चीन के बाद भारत का सर्वाधिक प्रतिनिधित्व है।

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