1.चालू खाता घाटा ढाई फीसद तक पहुंचने की आशंका
• महंगे कच्चे तेल की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत का चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 फीसद पर पहुंच सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से स्थिति और गंभीर हुई है। अमेरिकी रेटिंग फर्म मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस और अन्य विशेषज्ञों ने यह आशंका जताई है।
• मूडीज ने इस साल और अगले साल विकास दर 7.4 फीसद रहने का अनुमान जताया है।1तुर्की की अनिश्चितता और चीन की आर्थिक सेहत की चिंता में पिछले हफ्ते रुपया 70.32 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया था। मूडीज के जॉय रैंकोत्गे ने कहा कि कमजोर रुपये से निर्यात में तो लाभ होगा, लेकिन इससे व्यापार घाटे पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
• जुलाई में व्यापार घाटा पांच साल के ऊंचे स्तर 18.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी का 1.5 फीसद रहा था। 2018-19 में यह 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है। कच्चे तेल की बढ़ी कीमत और अन्य वस्तुओं के आयात में वृद्धि से यह स्थिति बन रही है।
• वित्त वर्ष 2017-18 में शुद्ध तेल आयात जीडीपी के 2.6 फीसद पर रहा था। चालू वित्त वर्ष में यह और बढ़ सकता है। जापान की वित्तीय फर्म नोमुरा ने चालू खाता घाटा 2.8 फीसद तक पहुंचने की आशंका जताई है।
• ‘रुपये में गिरावट के कई कारण हैं। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति रही। इससे डॉलर में मजबूती आई। नकारात्मक पहलू यह भी है कि अर्जेटीना, वेनेजुएला और तुर्की जैसे उभरते बाजारों में आर्थिक संकट की वजह से वैश्विक निवेशक उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा और इक्विटी के प्रति सतर्कता बरत रहे हैं।’
• इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि कमजोर रुपये के नफा-नुकसान दोनों हैं। इससे एक ओर जहां तेल आयात महंगा होने से चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका है। वहीं निर्यात के मोर्चे पर भारतीय कंपनियां प्रतिस्पर्धी बनेंगी।
• इंडिया रेटिंग्स ने 2018-19 में चालू खाता घाटा 2.6 फीसद पर पहुंचने का अनुमान जताया है। आइएचएस मार्किट के राजीव बिस्वास ने चालू खाता घाटा 2.4 फीसद रहने का अनुमान जताया है।

2. अमेरिकी विवि का भारतीय नर्सिंग परिषद के साथ समझौता
• टेक्सास में नर्सिंग कार्यक्रम चलाने वाले एक शीर्ष कॉलेज ने एक भारतीय संस्थान के साथ सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किया है। इसका उद्देश्य अकादमिक एवं नेतृत्व आदान-प्रदान के माध्यम से भारत में नर्सिंग शिक्षा के लिए अवसर विकसित करना है।
• यूनीवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन कॉलेज ऑफ नर्सिंग और भारतीय नर्सिंग परिषद (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) ने पिछले सप्ताह इस सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किया। भारतीय नर्सिंग परिषद भारत में नसरें एवं नर्सिंग शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय नियामक संस्था है।
• यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एवं संस्थापक डीन कैथरीन टार्ट और आईएनसी की एसोसिएट प्रोफेसर शैनी वर्गीज ने गर्मियों में नर्सिंग परिषद के दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इसमें नर्स प्रैक्टिशनर क्रिटिकल केयर कार्यक्रम निर्माण के लिये चुने गये भारत भर से 50 नर्सिंग कार्यक्रमों को शामिल किया गया था।
• यह चयन प्रक्रिया भारतीय नर्सिंग परिषद से सिफारिशों और स्वयं नर्सिंग कार्यक्रमों के इसमें हिस्सा लेने की इच्छा पर आधारित थी।

3. संयुक्त सचिव के दस पदों के लिए आईं छह हजार से ज्यादा अर्जियां
• देश में सरकारी नौकरियों के लिए भारी ललक कायम है भले ही ये नौकरियां महज पांच साल के लिए हों। केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव के दस पदों के लिए आए 6,077 आवेदन इसका उदाहरण हैं। मोदी सरकार ने भर्ती की नियमित प्रक्रिया से परे जाकर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ कर्मियों को सरकारी सेवा के लिए सीधे भर्ती करने का फैसला किया है।
• ये आवेदन इसी भर्ती के लिए आए हैं। 1नियुक्ति मंत्रलय में इन भर्तियों के लिए प्रक्रिया चला रहा है। मंत्रलय की ओर से पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार ये भर्तियां राजस्व, वित्तीय सेवाओं, आर्थिक मामलों, कृषि और कृषक कल्याण, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण, वन और पर्यावरण बदलाव, वैकल्पिक ऊर्जा आदि के लिए की जाएंगी। इन अस्थायी पदों के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई थी।
• जो अर्जियां आईं हैं उनमें से एक विभाग के संयुक्त सचिव पद के लिए सर्वाधिक 1,100 आवेदक हैं जबकि एक अन्य विभाग के इसी पद के लिए न्यूनतम 290 अर्जियां आईं हैं।
• नियुक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विभाग जल्द ही योग्य आवेदकों के नाम छांट लेगा। 1केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर पर कार्य करने वाले ज्यादातर अधिकारी आइएएएस, आइपीएस, आइएफएस, आइआरएस स्तर के होते हैं जिनकी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के जरिये होती है।
• पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया इसी तरह की भर्ती के जरिये सरकारी सेवाओं में आए थे। उन्होंने रिजर्व बैंक और योजना आयोग में योगदान किया था। इस तरह की भर्ती पर विपक्ष की आपत्तियों पर नियुक्ति मंत्रलय के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह संसद में सफाई दे चुके हैं।

4. पेंशन फंड नियामक ने साइबर सुरक्षा पर बनाई समिति
• साइबर सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों के बीच पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने एक स्थायी समिति का गठन किया है। यह समिति ऐसी चुनौतियों से निपटने और पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदमों का सुझाव देगी। बाजार नियामक सेबी भी निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में विचार कर रहा है।
• साइबर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां इस समय गंभीर होती जा रही हैं। हाल में पुणो के कॉसमॉस बैंक के एटीएम हैक होने जैसी खबरों के बाद तमाम एजेंसियों की सतर्कता और जरूरी हो गई है। पीएफआरडीए ने समिति के गठन की घोषणा करते हुए कहा, ‘पेंशन क्षेत्र के नियामक के रूप में और पेंशनभोगियों के हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि प्रौद्योगिकी के स्तर पर हो रहे बदलावों और साइबर चुनौतियों पर निगाह रखी जाए।’
• दूसरी ओर सेबी भी साइबर सुरक्षा को लेकर कमर कस रहा है। 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट में सेबी ने कहा कि पूंजी बाजार में हो रहे तकनीकी बदलावों के कारण बढ़ रहे खतरों और साइबर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विस्तृत फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।

5. भारत-चीन सीमा पर सेना की विश्वास बहाली लागू करने पर राजी हो सकते हैं
• चीन के रक्षा मंत्री और स्टेट काउंसलर वेई फेंघ मंगलवार को भारत की चार दिन की यात्रा पर आएंगे। वेई की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों की सीमा पर सेनाओं के बीच आपसी विश्वास बढ़ाना और डोकलाम जैसी टकराव की स्थिति से बचने के उपायों पर विचार करना है।
• वेई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही बुधवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन से प्रतिनिधि स्तर की बातचीत में शामिल होंगे। इस दौरान वेई सेना के प्रतिष्ठान भी जाएंगे।
• सूत्रों ने बताया कि वेई की इस यात्रा का मुख्य मकसद अप्रैल में चीन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक बातचीत में लिए गए फैसलों को लागू करने के उपायों पर भारत से बातचीत करना है।

6. समुद्र के जल स्तर में थोड़ी सी भी वृद्धि से पूरी दुनिया में सुनामी का खतरा:-
• जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र के जल स्तर में थोड़ी सी वृद्धि भी दुनिया पर सुनामी से होने वाली तबाही का खतरा बढ़ा सकती है। यह चेतावनी एक अध्ययन के बाद दी गई है। इसमें बताया गया है कि तटीय शहरों में समुद्र का जल स्तर बढ़ने के खतरे के बारे में सभी को जानकारी है, लेकिन इस नए अध्ययन से पता चला है कि भूंकप के बाद आई सुनामी से तटीय शहरों के अलावा दूर-दूराज में बसे शहरों और रिहायशी इलाकों को भी खतरा पैदा हो सकता है।
• उदाहरण के लिए 2011 के बाद तोहोकु ओकी में भूकंप के बाद आई सुनामी से उत्तरी जापान का हिस्सा तबाह हो गया था और इससे एक परमाणु संयंत्र को भी भयानक क्षति पहुंची थी, जिससे रेडियोएक्टिव प्रदूषण भी हुआ।
• अमेरिका स्थित वर्जीनिया टेक में एसोसिएट प्रोफेसर रॉबर्ट वेस ने कहा, हमारा अध्ययन बताता है कि समुद्र का जल स्तर बढ़ने से सुनामी के खतरे काफी बढ़ गए हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में छोटी सुनामी का भी बड़ा भयानक प्रभाव हो सकता है।
• इस तरह से किया अध्ययन : साइंस एडवांसेस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, समुद्र का जल स्तर बढ़ने से पूरी दुनिया में सुनामी का खतरा बढ़ेगा। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने चीन के मकाउ में मौजूदा जल स्तर पर कंप्यूटर से कृत्रिम सुनामी बनाई और इससे जल स्तर में 1.5 से तीन फुट तक की वृद्धि हुई।
• दक्षिणी चीन में बसा मकाउ अत्यधिक जनघनत्व वाला तटीय क्षेत्र है, जो सामान्यत: सुनामी के खतरे से सुरक्षित है।
• यह आया सामने : अध्ययन में सामने आया कि मौजूदा समुद्र के जल स्तर में 8.8 तीव्रता के भूकंप से मकाउ डूब सकता है, लेकिन कृत्रिम जल स्तर में वृद्धि के कारण आए नतीजों ने टीम को हैरान कर दिया। 1.5 फुट की वृद्धि से सुनामी का खतरा 1.2 से 2.4 बार बढ़ गया, जबकि तीन फुट वृद्धि से 1.5 से 4.7 बार बढ़ा।

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