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* 26November 2017*

1.उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में बोले मोदी : 2022 तक खत्म हो कुपोषण
• भारत में करीब 19 करोड़ लोग कुपोषित हैं। जो कुल आबादी का करीब 14 फीसद है। भारत में शून्य से 18 साल तक के बच्चों की संख्या 43 करोड़ है। बच्चों की संख्या के साथ अगर महिलाओं की संख्या को भी मिला दिया जाए तो यह भारत की कुल आबादी का 70 फीसद हो जाता है।
• दुनिया में हर पांचवां बच्चा भारतीय है। दुनिया में भुखमरी तेजी से बढ़ रही है और भूखे लोगों की करीब 23 फीसद आबादी भारत में रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कुपोषण से सख्ती से निपटने के प्रयास शुरू किए हैं।वर्ष 2022 तक देश को कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के लिए सरकारी योजनाओं को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
• कुपोषण से निजात पाने के लिए सुझाए गए उपायों में मुस्तैद पारदर्शी मशीनरी बनाने, गैर-योजनागत मदों के खर्चों में कटौती, गरीबों की सब्सिडी जारी रखने, बैंकों को उन्हें राहत देने के निर्देश देने, किसानों के लिए सस्ते और टिकाऊ संसाधन विकसित करने, अंधाधुंध शहरीकरण और निर्माण को बंद करने, स्कूली बच्चों की शिक्षा में देहात, किसानी, गरीबी और पोषण से जुड़े विषय अनिवार्य करने, वंचित तबकों के बच्चों को पोषणयुक्त आहार के लिए केंद्र खोलने, बीमार हों तो उन्हें सही समय पर सही इलाज दिलाने, लोगों में सामूहिकता और भागीदारी की भावना का विकास करने के लिए अभियान चलाने जैसे सुझाव शामिल हैं।

2. राज्यों ने समय पर केंद्रीय सहायता नहीं मिलने का उठाया मुद्दा

• केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए समय पर केंद्रीय सहायता नहीं मिलना इन्हें क्रियान्वित करने में बड़ी बाधा साबित हो रही है। अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति की बैठक में राज्यों ने जोरदार तरीके से यह मुद्दा उठाया।
• भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस मुद्दे को उठाने में आगे रहे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मोदी सरकार की सहयोगात्मक संघवाद पर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि अंतरराज्यीय परिषद आपसी विवादों को सुलझाने का अहम फोरम बनेगा।
• अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति की 12वीं बैठक के दौरान मुख्य तौर पर जस्टिस पंछी कमेटी की रिपोर्ट पर विचार किया गया। लेकिन, कमेटी के सुझावों पर चर्चा के दौरान राज्य सरकारों की ओर से विभिन्न योजनाओं में केंद्र की भागीदारी समय पर नहीं मिलने का मुद्दा उठाया।
• लगभग सभी मुख्यमंत्रियों का कहना था कि यदि समय पर केंद्रीय सहायता राज्यों को मिल जाए तो इन योजनाओं को क्रियान्वित करने में आसानी होगी।
• बैठक में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ-साथ कई राज्यों व केंद्रीय मंत्रलयों के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में नवीन पटनायक ने महानदी पर छत्तीसगढ़ के साथ विवाद निपटाने में हो रही देरी पर चिंता जताई।

3. संयुक्त राष्ट्र की मदद से बांग्लादेश से होगी रोहिंग्या मुस्लिमों की स्वदेश वापसी

• रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए म्यांमार और बांग्लादेश संयुक्त मानवाधिकार संगठन की मदद लेने को तैयार हो गए हैं। रोहिंग्या की वापसी पर दोनों देशों ने गुरुवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
• समझौते के अनुसार अगले दो महीने के भीतर रोहिंग्या मुस्लिमों की म्यांमार लौटने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इसके बाद कई संगठनों ने मांग की थी कि रोहिंग्या मुसलमान सुरक्षित म्यांमार लौटें, इसके लिए एक निगरानी समूह का होना आवश्यक है।
• इस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि रो¨हग्या मुसलमानों के घर लौटने की प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन की भी भूमिका होगी। 1दोनों ही देश अपनी जरूरत के अनुसार इस संगठन की सहायता लेंगे।
• ज्ञात हो कि पोप फ्रांसिस 26 नवंबर से दो दिसंबर तक म्यांमार और बांग्लादेश की यात्र पर आएंगे। म्यांमार के अधिकारियों का कहना है कि स्वदेश लौटने वाले रो¨हग्या तब तक राहत शिविरों में रहेंगे जब तक ¨हसा में उजड़े गांवों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता है।
• इसके साथ रोहिंग्या मुस्लिमों को पहचान पत्र भी मुहैया कराया जाएगा। ज्ञात हो कि पिछले कुछ महीनों में म्यांमार से पलायन कर छह लाख से अधिक रो¨हग्या मुस्लिम बांग्लादेश पहुंच चुके हैं।

4. सीरिया के विपक्ष ने नया मुख्य वार्ताकार किया नियुक्त
• सीरिया के मुख्य विपक्षी गुट ने शुक्रवार को नासर हरीरी को नया मुख्य वार्ताकार बनाया है। वह कट्टरपंथी रियाद हिजाब का स्थान लेंगे जिन्होंने अचानक इस सप्ताह इस्तीफा दे दिया था। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के तत्वावधान में 28 नवंबर को जिनेवा में सीरिया शांति वार्ता शुरू होगी।
• कुछ दिनों पहले सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने मास्को दौरा कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। पुतिन ने कहा है कि सीरिया में कोई भी राजनीतिक समाधान जिनेवा शांति वार्ता प्रक्रिया के तहत ही तय होगा।
• हरीरी ने कहा कि विपक्ष जिनेवा वार्ता में हिस्सा में लेगा और सभी विषयों पर चर्चा करने को तैयार है। यह घोषणा रियाद में एक सम्मेलन में की गई जिसमें विपक्ष अपनी इस मांग पर अड़ा रहा कि अंतरिम अवधि में सीरिया के राष्ट्रपति असद की कोई भूमिका नहीं होगी।
• पश्चिमी और अरब देश समर्थित सीरियाई विपक्ष की मांग है कि असद सत्ता छोड़ें। लेकिन दो साल पहले सीरियाई गृहयुद्ध में सीरियाई राष्ट्रपति के समर्थन में रूस के दखल देने के बाद स्पष्ट हो गया कि असद को युद्ध में हराना आसान नहीं है।
• यूएन शांति वार्ता के मध्यस्थ स्टेफन डि मुस्तुरा ने इस सिलसिले में रूस के विदेश मंत्री सर्जेइ लावरोव से शुक्रवार को मुलाकात की। 1सैन्य समर्थन करेगा अमेरिका : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की के अपने समकक्ष तैय्यप एदरेगन से कहा है कि अमेरिका सीरिया में अपने सहयोगियों को सैन्य समर्थन कम कर रहा है।
• तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने इससे पहले बताया था कि अमेरिका सीरिया में कुर्दिश वाईपीजी लड़ाकों को हथियार की आपूर्ति नहीं करेगा। उसने ने यह भी कहा कि अमेरिका आतंकी संगठनों के खिलाफ तुर्की के साथ लड़ने को सहमत है।
• आतंकी संगठनों में आइएस, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) और अमेरिका स्थित मुस्लिम मौलवी फेतुल्ला गुलेन नेटवर्क शामिल हैं। हालांकि ह्वाइट हाउस की सूचना में पीकेके, वाइपीजी या गुलेन नेटवर्क के नाम का उल्लेख नहीं था।

5. पीएम10 के विश्लेषण से वायु प्रदूषण का समाधान

• वातावरण की हवा की गुणवत्ता में हो रही कमी राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत के अधिकांश शहर भी खराब वायुगुणवत्ता से प्रभावित हैं। ऐसे में वैज्ञानिक और पर्यावरणविद इसका एक सार्थक हल निकालने की दिशा में प्रयासरत हैं।
• बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने लखनऊ के शहरी इलाकों की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले पीएम10 कणिकीय पदार्थ के गहन आकारिकीय एवं रासायनिक विश्लेषण किए हैं।
• वैज्ञानिकों का मानना है कि इस से कणिकीय पदार्थ की उत्पत्ति, रासायनिक संरचना और संभावित रोगजन्यता के माध्यम से मानव स्वास्थ पर पड़ने वाले घातक प्रभावों को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा। इससे वायु प्रदूषण कम करने के लिए मार्ग भी तलाशा जा सकता है।
• पहली बार किया गया कणों की आंतरिक व मौलिक संरचना का : शोधकर्ता नरेंद्र कुमार के मुताबिक, यूं तो लखनऊ में पीएम10 और पीएम2.5 पर बहुत से वैज्ञानिक चल रहे हैं, लेकिन कणों की आंतरिक व मौलिक संरचना और इसमें मौजूद रासायनिक कार्यात्मक समूहों का पहली बार किया गया है।
• इस तरह पहुंचाते हैं नुकसान : उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे कणों का समतुल्य गोलाकार व्यास (इएसडी) बढ़ेगा वैसे-वैसे कणों का सतह क्षेत्र भी बढ़ेगा, जिससे ज्यादा मात्र में जहरीले पदार्थ उसकी सतह पर चिपक जाएंगे, जो श्वांस के रास्ते से फेफड़ों में पहुंच जाएंगे और श्वास नली को संकरा कर देंगे। इससे लोगों को सांस लेने में बहुत परेशानी महसूस होगी। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (सीओपीडी) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
• क्या है पीएम : पीएम शब्द का प्रयोग पार्टिकुलेट मैटर यानी वायु में निलंबित उन कणिकीय पदाथोर्ं के लिए किया जाता है, जो अत्यंत सूक्ष्म ठोस कणों और तरल बूंदों से बने होते हैं। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। वास्तव में कणिकीय पदार्थ ईंधन जैसे कोयला, लकड़ी, डीजल के दहन और विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं एवं खेतों आदि में खरपतवार या पराली आदि के जलाने से बनते हैं।
• कणिकीय पदाथोर्ं को उनके कणों के व्यास के आधार पर दो समूहों पीएम10 और पीएम2.5 में बांटा गया है। ये ऐसे कणिकीय पदार्थ होते हैं, जिनके कणों का व्यास क्रमश: 10 और 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है।
• केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार पीएम10 में सांस ली जा सकती है, परंतु लेकिन2.5 सांस द्वारा फेफड़ों के भीतर जाकर उनको क्षति पहुंचाते हैं।

6. मौलिक अधिकारों की रक्षा न्यायपालिका का कर्तव्य

• भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने शनिवार को कहा कि संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्यायपालिका का पुनीत कर्तव्य है। उन्होंने न्यायिक सक्रियता के आरोपों के बीच कहा कि संविधान में न्यायपालिका के कर्तव्यों का स्पष्ट उल्लेख है।
• न्यायमूर्ति मिश्रा राष्ट्रीय विधि दिवस के अवसर पर आयोजित दो-दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नागरिकों को संविधान के जरिए मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं और शासन से इसके अतिक्रमण की अपेक्षा कतई नहीं की जाती है। यदि इन अधिकारों का हनन किया जाता है या इसकी थोड़ी भी आशंका होती है, तो इसकी रक्षा करना न्यायपालिका का परम कर्तव्य है।
• बढ़ती न्यायिक सक्रियता के हालिया आरोपों पर उन्होंने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका के अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख किया है, लेकिन इसके पालन को आज न्यायपालिका की न्यायिक सक्रियता की संज्ञा दी जाने लगी है। न्यायपालिका की यह सक्रियता कुछ और नहीं, बल्कि नागरिकों के अधिकारों को रक्षित करने का प्रयास है।
• उन्होंने कहा कि संविधान के तहत मौलिक अधिकारों का विस्तार किया गया है। ये मौलिक अधिकार व्याख्या के विषय जरूर हैं, लेकिन यह भी सच है कि जो चीज आज प्रासंगिक नहीं दिखती, कल वह प्रासंगिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका किसी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देना चाहती। हम नीति-निर्माण के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। हम नीतियां भी नहीं बनाते, लेकिन हम नीतियों की व्याख्या जरूर करते हैं, क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है।

7. मेसी को चौथी बार ‘‘गोल्डन शू’ अवार्ड

• अज्रेटीना के स्टार फुटबालर लियोनल मेसी को यूरोप लीग के आखिरी सत्र में सर्वाधिक स्कोर करने के लिए चौथी बार गोल्डन शू अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसी के साथ उन्होंने क्रिस्टियानो रोनाल्डो की भी बराबरी कर ली है।
• बार्सिलोना फार्वड मेसी और रीयल मैड्रिड के रोनाल्डो दोनों अब चार-चार बार गोल्डन शू अवार्ड हासिल कर एक बराबरी पर हैं। मेसी ने स्पेनिश लीग में 37 गोल स्कोर किए थे और उन्होंने इस मामले में हॉलैंड स्ट्राइकर बास दोस्त को पीछे छोड़ा जिनके नाम 34 गोल थे।30 वर्षीय मेसी ने वर्ष 2009-10 में यूरोप लीग में सर्वाधिक 34 गोल किए थे।
• 2011-12 में 50 गोल और 2012-13 में उन्होंने 46 गोल किए और गोल्डन शू के हकदार बने थे। यह चौथा मौका है जब मेसी को उनके यूरोप की सभी लीगों में सर्वाधिक स्कोरर बनने के लिए यह सम्मान दिया गया है।

 

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