दैनिक समसामयिकी

NATIONAL

1. लोकसभा में बहुमत से पास हुआ आर्थिक आरक्षण
• लोकसभा ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था से संबंधित ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को पारित कर दिया। संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 के पक्ष में 323 मत पड़े, जबकि तीन सदस्यों ने विरोध में मतदान किया।
• र्चचा के जवाब से असंतुष्ट अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। विधेयक बुधवार राज्यसभा में पेश किया जाएगा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के रुख को देखते हुए उम्मीद है सरकार को यहां भी इसे पारित कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।विधेयक के जरिये संविधान के 15वें और 16वें अनुच्छेद में संशोधन किये गए। इसके कानून बनने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में 10 प्रतिशत तक आरक्षण मिल सकेगा।
• यह आरक्षण मौजूदा आरक्षणों के अतिरिक्त होगा और इसकी अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत होगी।कांग्रेस सहित सभी विपक्षी ज्यादातर पार्टियों ने विधेयक के समर्थन में अपना मत दिया। राजद और आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने ही विधेयक का खुल कर विरोध किया।
• हालांकि कांग्रेस और अन्य कई दलों के सदस्यों ने विधेयक के समय और तरीके व सरकार की नीयत पर सवाल जरूर उठाए। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जहां मोदी का गुणगान किया, वहीं विपक्षी सदस्यों ने जोर दिया कि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिले सरकार को इसकी सुनिश्चित व्यवस्था करनी चाहिए।
• बुधवार को राज्यसभा में इसे पेश किया जाएगा। पार्टियों के रुख से लग रहा है कि सरकार को इसे पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत गहलोत ने विधेयक पेश करते हुए बताया कि इसका लाभ बिना धार्मिक भेदभाव के मिलेगा। चाहे हिन्दू हो, मुस्लिम या ईसाई जो भी अनारिक्षत श्रेणी मंन आता है वे सब इसके दायरे में आएंगे।
• विधेयक पेश होने के बाद तकरीबन 30 सदस्यों ने इस पर अपनी राय रखी और कुछ सुझाव भी सरकार को दिये। इस संविधान संशोधन के जरिये सरकार को ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर किसी भी नागरिक’ को आरक्षण देने का अधिकार मिल जाएगा।
• ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग’ की परिभाषा तय करने का अधिकार सरकार पर छोड़ दिया गया है जो अधिसूचना के जरिये समय-समय पर इसमें बदलाव कर सकती है। इसका आधार पारिवारिक आमदनी तथा अन्य आर्थिक मानक होंगे। विधेयक के उद्देश्य तथा कारणों में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकारी के अलावा निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में भी आर्थिक रूप से पिछड़े वगरें के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू होगी, चाहे वह सरकारी सहायता प्राप्त हो या न हो।
• हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत स्थापित अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में यह आरक्षण लागू नहीं होगा। साथ ही नौकरियों में सिर्फ आरंभिक नियुक्ति में ही सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण मान्य होगा।
• विभिन्न संशोधनों पर मतदान से पहले र्चचा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सदस्यों की इस आशंका को निमरूल करार दिया कि यह संशोधन विधेयक कानून में परिवर्तित होने के बाद जब न्यायिक समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष जाएगा, तो नहीं टिक पाएगा।
• पहले जब भी इस तरह के प्रयास किये गए, तो इसके लिए संवैधानिक प्रावधान नहीं किये गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इससे करोड़ों लोगों को लाभ मिलेगा।

2 .5 जजों की बेंच 10 से करेगी अयोध्या मामले की सुनवाई
• अयोध्या मामले में सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान पीठ का गठन कर दिया गया है। इस बेंच में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को शामिल किया गया है जो मामले पर सुनवाई करेंगे। 10 जनवरी को साढ़े दस बजे अयोध्या मामले पर सुनवाई शुरू होगी।
• बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल 29 अक्टूबर को कहा था कि यह मामला जनवरी के प्रथम सप्ताह में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा जो इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करेगी। बाद में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई की तारीख पहले करने का अनुरोध किया था परंतु न्यायालय ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था।
• न्यायालय ने कहा था कि 29 अक्टूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है। हिन्दू महासभा इस मामले में मूल वादकारियों में से एक एम. सिद्दीक के वारिसों द्वारा दायर अपील में एक प्रतिवादी है।
• इससे पहले, 27 सितम्बर, 2018 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत से 1994 के एक फैसले में की गयी टिप्पणी पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास नए सिरे से विचार के लिये भेजने से इंकार कर दिया था।

3. डीएनए बिल को लोकसभा की मंजूरी, दुरुपयोग की उठी बात
• अपराधियों, पीड़ितों, संदिग्धों और विचाराधीन कैदियों समेत चुनिंदा वर्ग के लोगों की पहचान स्थापित करने के लिए डीऑक्सीरिबो न्यूक्लिक एसिड (डीएनए) के इस्तेमाल और अनुप्रयोग के नियमन संबंधी विधेयक को लोकसभा ने मंगलवार को पारित कर दिया।
• डीएनए टेक्नोलॉजी (यूज एंड एप्लीकेशन) रेगुलेशन बिल, 2018 पर बहस का जवाब देते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि वर्तमान में एक प्रतिशत से भी कम लोगों का डीएनए परीक्षण किया जा रहा है।
• विधेयक के दुरुपयोग को लेकर सदस्यों की चिंता पर हर्षवर्धन ने कहा कि किसी भी स्तर पर किसी भी चीज का दुरुपयोग किया जा सकता है। यहां तक कि चिकित्सकीय प्रयोगशालाओं द्वारा इकट्ठा किए गए खून के नमूनों का भी दुरुपयोग संभव है।
• विधेयक को बेहद व्यापक बताते हुए उन्होंने कहा कि बिल को इस स्तर तक लाने में 14-15 साल का लंबा वक्त लगा है। विधेयक में नेशनल डीएनए डाटा बैंक और रीजनल डीएनए डाटा बैंकों की स्थापना का भी प्रावधान है। प्रत्येक डाटा बैंक में अपराध स्थलों, संदिग्धों या विचाराधीनों और अपराधियों की सूची समेत सभी तरह की सूचियां रखी जाएंगी।
• आपराधिक जांच और लापता लोगों की पहचान में डीएनए प्रोफाइलिंग के इस्तेमाल के लिए विधेयक में संबंधित व्यक्ति की अनुमति लेने का प्रावधान भी किया गया है, लेकिन फौजदारी मामलों में डीएनएन प्रोफाइलिंग के इस्तेमाल के लिए अनुमति लेने का प्रावधान नहीं किया गया है।

4. काम पर लौटे आलोक वर्मा, पूरी पॉवर नहीं
• केंद्र सरकार को करारा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस आलोक कुमार वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद पर बहाल कर दिया। लेकिन उन्हें नीतिगत फैसले लेने की फिलहाल अनुमति नहीं होगी।
• सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को पूरे अधिकारों के साथ निदेशक पद की कुर्सी पर बैठाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति पर छोड़ दी है। समिति को एक सप्ताह के अंदर निर्णय लेना होगा। तब तक वर्मा आधे-अधूरे अधिकारों के साथ ही निदेशक की कुर्सी पर बैठेंगे।
• चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन और केएम जोसेफ की बेंच ने आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक पर से हटाकर जबरन छुट्टी पर भेजने और उनकी जगह संयुक्त आयुक्त एम. नागेश्वर राव को निदेशक का कार्यभार संपने के आदेश को गैरकानूनी करार दिया। इस संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) के तीन आदेशों को निरस्त कर दिया।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा, उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के निर्णय तक आलोक वर्मा कोई भी नीतिगत बड़ा फैसला नहीं लेंगे। वह रूटीन के कामकाज निपटाएंगे। कोई नई पहल नहीं करेंगे जिससे नीतिगत या संस्थागत परिणाम निकलें।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम 1946 (डीपीएसई एक्ट) की विस्तृत व्याख्या की जिसके अनुसार चयन समिति की सहमति के बगैर सीबीआई निदेशक का तबादला नहीं किया जा सकता।
• अदालत ने कहा, विधायिका की मंशा इस तरह की स्थिति में सीबीआई निदेशक के खिलाफ सरकार को अंतरिम उपाय करने के लिए कोई अधिकार देने की नहीं थी। यदि ‘‘तबादला’ शब्द को सामान्य बोलचाल के नजरिए से समझा जाए और इसे एक पद से दूसरे पद पर भेजने तक सीमित रखा जाए तो इस तरह समिति से पूर्व सहमति लेने की अनिवार्यता का प्रावधान विधायिका की ऐसी मंशा को निष्फल करता है।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा, संसद ने कानून बनाते समय यही कल्पना की थी कि सीबीआई संस्था को हर तरह के बाहरी प्रभाव से दूर रखना जरूरी है ताकि वह जनहित में बगैर किसी भय और पक्षपात के देश की प्रमुख जांच एजेंसी और अभियोजन एजेंसी की अपनी भूमिका निभा सके।

INTERNATIONAL/BILATERAL

5. सतत विकास लक्ष्यों पर मिलकर काम करेंगे भारत और नॉव्रे
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नॉव्रे की उनकी समकक्ष एर्ना सोलबर्ग के बीच मंगलवार को हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद भारत और नॉव्रे समुद्री अर्थव्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर साथ काम करने के लिए सहमत हुए।
• सोलबर्ग के साथ बैठक के बाद मोदी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सतत विकास लक्ष्य भारत के वृद्धि लक्ष्यों से मेल खाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘और यह हमारे लिए खुशी का विषय है कि दोनों देश मां और बच्चे के स्वास्य के मुद्दे पर नॉव्रे-भारत साझेदारी पहल के साथ सहयोग कर रहे हैं।’
• उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सोलबर्ग ने एसडीजी को हासिल करने के नियंतण्र प्रयासों में काफी योगदान दिया है। मोदी ने भारत के लिए समुद्री अर्थव्यवस्था की महत्ता पर भी जोर दिया।उन्होंने कहा कि भारत की 15 फीसद आबादी तटीय इलाकों में रहती है, और नॉव्रे के पास समुद्री अर्थव्यवस्था को काम में लाने का भरपूर अनुभव है।
• भारत और नॉव्रे ने वार्ता के बाद द्विपक्षीय समुद्री संवाद के लिए एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए। मोदी ने यह भी कहा कि भारत और नॉव्रे के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूत संबंध हैं।
• उन्होंने कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों, बहुपक्षीय निर्यात नियंतण्रऔर आतंकवाद से लड़ाई जैसे मुद्दों पर करीबी सहयोग और समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।’वहीं, सोलबर्ग ने कहा कि अगर भारत साथ नहीं होगा तो दुनिया सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम नहीं होगी।
• महिला सशक्तीकरण में अपनी व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में बहुत मेहनत से काम कर रहा है। सोलबर्ग ने कहा कि भारत और नॉव्रे समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
• उन्होंने कहा, ‘‘इससे अधिक नौकरियां और अधिक दवाएं तैयार होंगी।’ इससे पहले सोलबर्ग का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया।

6. ट्रंप से मतभेद पर विश्व बैंक के अध्यक्ष ने अचानक इस्तीफा दिया
• विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कार्यकाल समाप्त होने से तीन साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है। अब दुनिया की नजर इस पर है कि विश्व बैंक की कमान किसे मिलती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस पद पर उनके उत्तराधिकारी का चुनाव जल्द कर सकते हैं।
• जलवायु परिवर्तन और विकास के लिए ज्यादा संसाधन की मांग पर ट्रंप प्रशासन के साथ उनके मतभेद थे।
किम को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का करीबी माना जाता था। उन्होंने सोमवार को ट्वीट के जरिए अपने फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा है, ‘इस बेहतरीन संस्थान का नेतृत्व करना सम्मान की बात रही। यहां के स्टाफ दुनिया से गरीबी दूर करने के लक्ष्य के लिए समर्पित होकर काम करते हैं।’
• किम 1 फरवरी को यह पद छोड़ रहे हैं। 59 साल के किम निजी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी से जुड़ेंगे और विकासशील देशों के बुनियादी ढांचागत निवेश पर ध्यान केंद्रित करेंगे। नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक विश्व बैंक की सीईओ क्रिस्टालिना जियोरजिवा अंतरिम अध्यक्ष के रूप काम करेंगी।

7. भारत की तालिबान से वार्ता का ईरान का प्रस्ताव
• अमेरिका और अफगान तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार से कतर में शांति वार्ता होगी। तालिबान के विरोध के चलते दो दिनों तक चलने वाली इस वार्ता में अफगान सरकार के अधिकारी शामिल नहीं होंगे। इस वार्ता में अफगान सरकार को भी शामिल करने की मांग हो रही थी, लेकिन तालिबान इसके लिए राजी नहीं हुआ।
• तालिबान और अमेरिकी अधिकारियों के बीच पहले यह वार्ता सऊदी अरब में होनी थी, लेकिन तालिबान ने सऊदी अरब में वार्ता से साफ इन्कार कर दिया क्योंकि सऊदी ने वार्ता में अफगान सरकार को भी शामिल करने की मांग की थी।
• तालिबान के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा, ‘आपसी विचार-विमर्श के बाद हम अमेरिकी अधिकारियों के साथ कतर की राजधानी दोहा में वार्ता करने जा रहे हैं।’
• हालांकि पाकिस्तान और ईरान के अधिकारियों का कहना है कि वे इस प्रयास में हैं कि तालिबान अफगान अधिकारियों से भी वार्ता करे, लेकिन तालिबान के एक अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया कि कतर वार्ता में कोई दूसरा देश शामिल नहीं होगा।

ECONOMY

8. मुंबई में खुलेगी ईरानी बैंक की शाखा
• सरकार ने ईरान के एक बैंक को मुंबई में अपनी शाखा स्थापित करने की स्वीकृति दी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत यात्रा पर आए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ राजधानी में मंगलवार को बैठक के बाद यह जानकारी दी।
• ईरान का बैंक पसरगाद अगले तीन महीने में यह शाखा चालू करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को ईरान में भारत की मदद से बने रणनीतिक चाबहार बंदरगाह को जल्द ही पूरी तरह चालू किए जाने की उम्मीद है। यह बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है।
• गडकरी ने बताया कि सरकार इसकी अनुमति पहले ही दे चुकी है। ईरानी बैंक तीन माह में मुंबई में शाखा चालू कर देगा। इससे पहले गडकरी ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से र्चचा की। गडकरी के पास जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग जैसे विभागों की जिम्मेदारी है।
• बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘‘हमने विस्तार से बाचतीत की है। हमारी यह बैठक बड़ी सार्थक रही और हमने बहुत से मुद्दों का समाधान कर लिया है।’भारत ने इस बंदरगाह के लिए 8.5 करोड़ डालर की मशीनों की खरीद का आर्डर जारी कर रखा है।
• यह बंदरगाह दक्षिणी ईरान में ओमान की खाड़ी के तट पर है। गडकरी ने कहा, ‘‘ईरान के मंत्री के साथ हमारी अच्छी बातचीत हुई। चाबहार पर माल आना शुरू हो गया है और पहला जहाज ब्राजील से माल लेकर आया।

9. डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा बढ़ाने के लिए समिति
• डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा मजबूत करने के लिए रिजर्व बैंक ने एक समिति बनाई है। आधार का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने वाले नंदन नीलेकणी 5 सदस्यों वाली इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं।
• यह समिति डिजिटल पेमेंट और डिजिटाइजेशन के जरिए फाइनेंशियल इनक्लूजन बढ़ाने पर भी सुझाव देगी। इसे पहली बैठक के बाद 90 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
• नीलेकणी समिति देखेगी कि अभी देश में डिजिटल पेमेंट की क्या स्थिति है, इसे बढ़ाने में क्या खामियां हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है। समिति यह भी बताएगी कि दूसरे देशों में डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा के लिए ऐसे कौन से कदम उठाए गए हैं जिन्हें भारत में अपनाया जा सकता है।
• नीलेकणी के अलावा समिति के अन्य सदस्य इस प्रकार हैं- आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर एचआर खान, विजया बैंक के पूर्व एमडी-सीईओ किशोर सांसी, पूर्व आईटी सचिव अरुणा शर्मा और आईआईएम अहमदाबाद में चीफ इनोवेशन अफसर संजय जैन।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *