Terrorism attack in western countries are increasing and according to an expert panel of UN roots of it can be traced to Pakistan.
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने पाकिस्तान पर आतंकी समूहों को आश्रय और आर्थिक मदद देने के गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि :
पश्चिम जगत और दक्षिण एशिया में हुईं आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान ज़िम्मेदार है.
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल के 36वें अधिवेशन के दौरान यूरोपियन फ़ाउंडेशन फ़ॉर साउथ एशियन स्टडीज़ (ईएफ़एसएएस) ने दक्षिण एशिया में आतंकवाद पर बात करने के लिए अलग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसमें कई विशेषज्ञों ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर बात की. लेस्टर यूनिवर्सिटी के डॉ पॉल स्टॉट ने कहा कि ब्रिटेन में हुईं आतंकी घटनाओं की जड़े पाकिस्तान में हैं. उनके मुताबिक पाकिस्तान और ब्रिटेन में प्रतिबंधित होने के बावजूद कई राजनीतिक संगठन अभी भी वहां न सिर्फ चल रहे हैं बल्कि उनके पास पर्याप्त पैसा भी है.
पॉल के मुताबिक़ पाकिस्तान को लंदन में सात जुलाई 2005 में हुई आतंकी घटना से सबक लेना चाहिए था क्योंकि इसमें शामिल चार हमलावरों में से दो की ट्रेनिंग पाकिस्तान में हुई थी. उन्होंने कहा, ‘हम इसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते. हम पाकिस्तान से नज़र नहीं हटा सकते. हम उन इलाक़ों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते जहां पाकिस्तान के कुछ आतंकी संगठनों का प्रभाव है और वे युवाओं को भर्ती करने में सक्षम हैं.’ डॉ पॉल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकी समूहों का इस्तेमाल अपने पड़ोसी देशों से छद्म युद्धों में करता रहा है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का उदाहरण भी दिया.
पॉल की तरह एक और स्कॉलर प्रोफ़ेसर रॉब मैकक्युस्कर ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने और इसके समूहों को मिल रही आर्थिक मदद के स्रोतों को ढूंढने की ज़रूरत है. पूर्व एफ़बीआई अधिकारी रहे रॉब का मानना था कि इसके लिए उसको अपनी कमियों पर काम करना होगा.’
मंत्रिमंडल ने खेलो इंडिया के पुनरूद्धार को मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए 1,756 करोड़ रूपये के खेलो इंडिया कार्यक्रम के पुनरूद्धार को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के रूप में खेलों को मुख्य धारा से जोड़े जाने के फलस्वरूप भारतीय खेलों के इतिहास में यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि का क्षण है।
पुनरूद्धार किए गए कार्यक्रम का प्रभाव संरचना, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की खोज, उत्कृष्टता के लिए कोचिंग,प्रतिस्पर्धागत ढांचा तथा खेल की अर्थव्यवस्था सहित सम्पूर्ण खेल प्रणाली पर पड़ेगा।
मुख्य बातें:
इस कार्यक्रम की कुछ मुख्य बातों में निम्नलिखित हैं:-
अभूतपूर्व भारतीय खेल छात्रवृति योजना जिसमें चयनित खेल विधाओं में प्रत्येक वर्ष 1,000 सर्वाधिक प्रतिभावान युवा खिलाडि़यों को सम्मिलित किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत चयनित प्रत्येक खिलाड़ी को लगातार 8 वर्षों के लिए 5.00 लाख रूपये राशि की वार्षिक छात्रवृति दी जाएगी।
अब तक का यह पहला अवसर है, जिसमें दीर्घकालिक खिलाड़ी विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो प्रतिभावान युवाओं को प्रतिस्पर्धी खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उपलब्ध होगा और जिससे अत्यधिक प्रतिस्पर्धी खिलाडि़यों की श्रृंखला का निर्माण होगा जो विश्व स्तर पर जीत हासिल करने के लिए मुकाबला कर सकेंगे।
· इस कार्यक्रम में देशभर में 20 विश्वविद्यालयों को खेलों में उत्कृष्टता के हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है, जिससे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शिक्षा के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी खेलों में अपनी दोहरी भूमिका निभाने में समर्थ हो सकें।
इस कार्यक्रम का एक लक्ष्य यह भी है कि स्वस्थ जीवनशैली के साथ गतिशील जनसंख्या का निर्माण किया जा सके।
इस कार्यक्रम से व्यापक राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान के अंतर्गत 10-18 आयुवर्ग के करीब 200 मिलियन बच्चों को लाभ मिलेगा, जिससे इस आयु वर्ग के सभी बच्चों की शारीरिक फिटनेस का आभास होगा,अपितु इससे उनके फिटनेस से संबंधित क्रियाकलापों को भी सहारा मिलेगा।
प्रभाव:
· लिंग साम्यता एवं सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने में खेलों के महत्व से सभी भलि-भांति परिचित है और इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विशेष उपाय किये जाते है।
· इस कार्यक्रम का उद्देश्य अशांत एवं सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में रह रहे युवावर्ग को अनुत्पादक एवं विध्वंसकारी गतिविधियों से हटाकर खेल-कूद के क्रियाकलापों से जोड़ कर उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में मुख्य धारा से जोड़ना है।
इस कार्यक्रम में स्कूल और कॉलेज दोनों ही स्तर पर प्रतिस्पर्धा के मानकों का स्तर बढ़ाना और खेल-कूद प्रतियोगिताओं तक बच्चों की अधिकतम पहुंच कायम करना है।
इसमें खेल संवर्धन के सभी पहलुओं जैसे – खेल प्रशिक्षण के ज्ञान के विस्तार के लिए मोबाइल ऐप के इस्तेमाल, प्रतिभा की खोज के लिए राष्ट्रीय प्रतिभा खोज पोर्टल, स्वदेशी खेलों के लिए इंटरेक्टिव वेबसाइट, खेल संरचना की तलाश एवं इस्तेमाल के लिए जी.आई.एस. सूचना प्रणाली के नवीनतम उपभोक्ता अनुकूल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शामिल है।
इस कार्यक्रम में ‘सभी के लिए खेल’ के साथ-साथ ‘उत्कृष्टता के लिए खेल’ की भावना पर जोर दिया गया है