1⃣ बैंक अपने ग्राहकों के साथ सीधा व्यवहार करता है जबकि नान-बैंकिंग वित्तीय संस्था बैंकों और सरकार के साथ आदान-प्रदान करती है।

2⃣ बैंक अपने ग्राहकों को पूरी श्रृंखला के साथ वित्त सम्बन्धी अनेक क्रिया-कलापों में संलग्न होता है जबकि नान-बैंकिंग वित्तीय संस्था का मुख्यतः बड़े उद्यमों की आवधिक ऋण आवश्यकताओं से सम्बन्ध होता है।

3⃣ बैंक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दोनों ही प्रकार के ग्राहकों से लेन-देन करता है जबकि नान-बैंकिंग वित्तीय संस्था का सम्बन्ध मुख्यतः केवल विदेशी कम्पनियों के वित्त से होता है।

4⃣ बैंक की मुख्य रुचि केवल व्यावसायिक लेन-देन और बचत/निवेश के क्रिया कलापों की सहायता देने में होती है जबकि नान-बैंकिंग वित्तीय संस्था की मुख्य रुचि मुद्रा के स्थिरीकरण में होती है।

Money and Banking

Macro Economics Classes

Indian Bainking Systems Classes

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