* पांच का दम*

1. नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम दस करोड़ गरीब परिवारों को सेहत की चिंता से मुक्त कर देगी। इन परिवारों को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। किसी भी देश में इतनी बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं है। लोग इसे मोदी केयर नाम देने लगे हैं-अमेरिका में लाई गई स्कीम ओबामा केयर की तर्ज पर।

2. नए भारत का निर्माण नई पीढ़ी के बुनियादी ढांचे यानी सड़क, रेल, एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं की जमीन पर होगा। बुनियादी ढांचे में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी और सालाना एक अरब यात्राओं को संभालने के लिए हवाई अड्डों की क्षमता में पांच गुना की वृद्धि सरकार के एजेंडे को बयान करती है।

3. किसानों की माली हालत सुधारने के लिए खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत के मुकाबले बढ़ाकर डेढ़ गुना करने की घोषणा। सरकार की सोच साफ है- किसानों की आय बढ़ेगी तो गांवों की तस्वीर सुधरेगी, अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी और अन्नदाता सरकारी मदद के बिना अपने पैरों पर खड़े होंगे।

4. आयकर कानून में सरकारी झंझटों को खत्म करने के लिए पूरे देश में ई-असेसमेंट सिस्टम अपनाया जाएगा। वित्त मंत्री के मुताबिक इससे सरकारी सिस्टम की कार्यकुशलता बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी। यह सिस्टम पर्सन टू पर्सन कांटैक्ट को पूरी तरह खत्म कर देगा।

5. महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन को सबसे अहमियत दी गई है। इसकी खातिर आवास व शहरी मामले मंत्रलय के लिए अगले वित्त वर्ष में 41,765 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। चालू वित्त वर्ष के 40,618 करोड़ रुपये के मुकाबले यह रकम 2.82 फीसद ज्यादा है।

• वित्तमंत्री अरुण जेटली की ओर से पेश किए गए लगातार पांचवें बजट को पूरी तरह विकास के लिए समर्पित बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतों पर फोकस किया गया है और यह नए भारत के हमारे विजन को मजबूती देने में सहायक बनेगा।

• प्रधानमंत्री के मुताबिक बजट में कृषि से लेकर बुनियादी ढांचे तक सभी क्षेत्रों पर बराबर ध्यान दिया गया है। यह किसान हितैषी है, आम आदमी की मदद करने वाला है और देश में व्यावसायिक माहौल बेहतर करने वाला। कुल मिलाकर इससे विकास की रफ्तार तेज होगी।

• बजट पेश किए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री ने वित्तमंत्री और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह गौर करने लायक है कि ग्रामीण भारत में नए अवसरों की राह खोली गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी सरकार केवल कारोबारी माहौल बेहतर बनाने तक ही सीमित नहीं है, हम चाहते हैं कि ईज ऑफ लिविंग (रहन-सहन में सहूलियत) भी हो।

• अपनी सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने भरोसा भी दिलाया कि सरकार जल्द ही नॉन परफार्मिग असेट्स यानी एनपीए की समस्या से निपटने के ठोस उपाय करने जा रही है। पीएम ने नए भारत के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे की दशा सुधारने पर भी जोर दिया। इस दिशा में उन्होंने नई पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर की बात कही।

• मोदी के मुताबिक बजट में सामाजिक कल्याण के लिए जो कदम उठाए गए हैं उनके केंद्र में दलित, गरीब और पिछड़े लोग हैं, जो अभी तक हाशिये पर रहे हैं।’

• नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम दस करोड़ गरीब परिवारों को सेहत की चिंता से मुक्त कर देगी। इन परिवारों को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। किसी भी देश में इतनी बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं है। लोग इसे मोदी केयर नाम देने लगे हैं-अमेरिका में लाई गई स्कीम ओबामा केयर की तर्ज पर।

• नए भारत का निर्माण नई पीढ़ी के बुनियादी ढांचे यानी सड़क, रेल, एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं की जमीन पर होगा। बुनियादी ढांचे में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी और सालाना एक अरब यात्राओं को संभालने के लिए हवाई अड्डों की क्षमता में पांच गुना की वृद्धि सरकार के एजेंडे को बयान करती है।

• किसानों की माली हालत सुधारने के लिए खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत के मुकाबले बढ़ाकर डेढ़ गुना करने की घोषणा। सरकार की सोच साफ है- किसानों की आय बढ़ेगी तो गांवों की तस्वीर सुधरेगी, अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी और सरकारी मदद के बिना अपने पैरों पर खड़े होंगे। आयकर कानून में सरकारी झंझटों को खत्म करने के लिए पूरे देश में ई-असेसमेंट सिस्टम अपनाया जाएगा।

• वित्त मंत्री के मुताबिक इससे सरकारी सिस्टम की कार्यकुशलता बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी। यह सिस्टम पर्सन टू पर्सन कांटैक्ट को पूरी तरह खत्म कर देगा। महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन को सबसे अहमियत दी गई है। इसकी खातिर आवास व शहरी मामले मंत्रलय के लिए अगले वित्त वर्ष में ,76 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। चालू वित्त वर्ष के 0,68 करोड़ रुपये के मुकाबले यह रकम .8 फीसद ज्यादा है।

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