1.देश भर की लाखों आंगनवाड़ी, आशा और स्वास्य कार्यकर्ताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री ने कहा : मजबूत राष्ट्र की शर्त स्वस्थ बचपन
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि मजबूत राष्ट्र के लिए स्वस्थ बचपन पहली शर्त है और इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा। मोदी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश भर की लाखों आंगनवाड़ी, आशा और स्वास्य कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा कि स्वस्थ और सक्षम भारत के निर्माण में आप सभी की शक्ति पर पूरे देश को पूरा भरोसा है।
• कुपोषण के खिलाफ जंग छेड़ दी गयी है और आप लोग इसमें अग्रिम पंक्ति में हो। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ राष्ट्र के लिए नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक है और इसके लिए स्वस्थ बचपन देना होगा। कुपोषण के खिलाफ जंग :हमें मिलकर कुपोषण के खिलाफ, गंदगी के खिलाफ, मातृत्व की समस्याओं के खिलाफ सफलता हासिल होगी। तभी ट्रिपल ‘‘ए’ की हमारी ये ताकत देश को ‘‘ए श्रेणी’ में रखेगी, शीर्ष पर रखेगी।
• आंगनवाड़ी, आशा और स्वास्य कार्यकर्ताओं के कल्याण के लिए शुरू की गयी विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्नॉलॉजी ने अनेक मुश्किलों को आसान कर दिया है। टेक्नॉलॉजी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
• फोन अनेक सवालों का जवाब है। सरकार तो फोन के माध्यम से ही अनेक प्रकार की सुविधाएं सभी देशवासियों तक पहुंचा रही है। पोषण से ही विकास :मोदी ने कहा कि यदि देश का नागरिक सही से रूप से पोषित और विकसित होगा तो देश के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। लिहाजा शुरुआती दिनों में देश के भविष्य की सुरक्षा का एक मजबूत तंत्र विकसित करने का प्रयास हो रहा है।
• किसी भी शिशु के लिए जीवन के पहले एक हजार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान मिला पौष्टिक आहार, खान-पान की आदतें उसका शरीर, पढ़ना-लिखना और मानसिक स्तर तय करती हैं। कमजोर नींव पर मजबूत इमारत संभव नहीं :उन्होंने कहा कि कमजोर नींव पर मजबूत इमारत का निर्माण नहीं हो सकता। इसी प्रकार यदि देश का बचपन कमजोर रहेगा तो उसके विकास की गति धीमी हो जाएगी।
• रक्षाबंध के रक्षा सूत्र से आप बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने के काम से जनता को जोड़ रहे हैं। आपके इस प्रयास को मैं नमन करता हूं। लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्य बीमा उपलब्ध कराने की योजना आयुष्मान भारत का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि हरियाणा में एक नवजात इसका पहला लाभार्थी रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सुपोषण स्वास्य मेले का आयोजन होता है।
• मेले के दौरान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण, ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठकों का आयोजन और कुपोषित बच्चों के परिजनों को खान पान की सलाह दी जाती है। बच्चे की ही नहीं बल्कि प्रसूता माता के स्वास्य की भी सभी चिंता कर रहे हैं। सरकार के सुरक्षित मातृत्व अभियान की जानकारी लोगों तक पहुंचानी है।कार्यपण्राली में बदलाव : मोदी ने कार्य पण्राली बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले जन्म के 42 दिन तक आशा कार्यकर्ता को छह बार बच्चे के घर जाना होता था। अब 15 महीने तक 11 बार बच्चे का हालचाल जानना जरूरी है। इस स्नेह और अपनेपन से एक से एक बेहतरीन नागरिक देश को मिलेंगे।
• ‘‘होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर’ के माध्यम से हर वर्ष देश के लगभग सवा करोड़ बच्चों की देखभाल की जा रही है। कार्यकर्ताओं की मेहनत से ये कार्यक्रम सफल हो रहा है तथा इसको और विस्तार दिया गया है। अब इसको ‘‘होम बेस्ड चाइल्ड केयर’ का नाम दिया गया है। एनीमिया हर वर्ष सिर्फ एक प्रतिशत की दर से घट रही है।
ECONOMY

2. बैंकों के अति उत्साह की वजह से बढ़ा एनपीए : राजन
• भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि बैंक अधिकारियों के अति उत्साह, सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती तथा आर्थिक वृद्धि दर में नरमी डूबे कर्ज के बढ़ने की प्रमुख वजह है। राजन ने एक संसदीय समिति को दिए नोट में यह राय व्यक्त की है।
• आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को दिये नोट में उन्होंने कहा, ‘‘कोयला खदानों का संदिग्ध आवंटन के साथ जांच की आशंका जैसे राजकाज से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और उसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी हुई।’ उन्होंने कहा कि इससे रुकी परियोजनाओं की लागत बढ़ गई। इससे कर्ज की अदायगी में समस्या पैदा हुई।
• पूर्व गवर्नर ने कहा कि जिस तरह से बिजली परियोजनाएं अटकी हैं जबकि भारत में बिजली की कमी है, उससे पता चलता है कि सरकार की निर्णय प्रक्रिया आज तक तेज नहीं हो पाई है।उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बैंकों का डूबा कर्ज या एनपीए 2006 से 2008 के दौरान बढ़ा जबकि आर्थिक वृद्धि दर काफी तेज थी।
• पुरानी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मसलन बिजली परियोजनाएं समय पर तय बजट में पूरी हुईं। राजन ने कहा कि यही वह समय था जबकि बैंकों ने गलतियां कीं।

INTERNATIONAL/BILATERAL

3. भारत, अमेरिका ने हिन्द -प्रशांत को सुरक्षित बनाने पर चर्चा की
• हिन्द -प्रशांत क्षेत्र में चीन द्वारा अपनी उपस्थिति बढ़ाए जाने के बीच, भारत और अमेरिका ने अपनी पहली ‘‘2+2’ वार्ता के दौरान क्षेत्र में समुद्र और आसमान को सुरक्षित बनाने के लिए जापान, ऑस्ट्रेलिया और आसियान देशों के साथ संवाद पर चर्चा की। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
• विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने छह सितम्बर को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षामंत्री जेम्स मैटिस के साथ अहम वार्ता की थी। चीन संसाधनों से समृद्ध लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है वहीं वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान का भी क्षेत्र पर दावा है।
• दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि हिन्द -प्रशांत क्षेत्र के लिए दोनों देशों की दृष्टि के संदर्भ में चीन पर चर्चा हुई। अमेरिका का हिन्द -प्रशांत क्षेत्र में करीब 1.4 अरब डालर का कारोबार है वहीं उसका प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करीब 850 अरब डालर का है।
• ‘‘2+2’ वार्ता के दौरान इस बात पर चर्चा हुई कि हम किस प्रकार द्विपक्षीय, जापान के साथ त्रिपक्षीय और आसियान के साथ चतुर्पक्षीय रूप से समुद्रों और आसमान की सुरक्षा, सुशासन और आर्थिक सुरक्षा को बढावा दे सकते हैं।

4. विश्व की आबादी का 65% होगी भारत, चीन और इंडोनेशिया की आबादी
• खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विश्व की बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि, तकनीक और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सभी देशों के मिलजुल कर काम करने पर जोर दिया है।
• श्रीमती बादल ने यहां मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ फिक्की और खाद्य वस्तुओं की कम्पनी कारगिल की ओर से पोषण सुरक्षा को लेकर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी 9.5 अरब हो जायेगी। उस समय तक खाद्य वस्तुओं की मांग दोगुनी हो जाएगी। साथ ही दुनिया में हर छठा व्यक्ति भारतीय होगा।
• उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत, चीन और इंडोनिशया की आबादी विश्व की कुल आबादी का 65 प्रतिशत हो जाएगी। उस समय तक इन तीनों देशों में 85 प्रतिशत शहरीकरण हो जाएगा। गांव से शहर में आने के बाद बढ़ते काम की वजह से लोगों के खानपान की आदतों में बदलाव आएगा और वे प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुएं खाना पसंद करेंगे।
• उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में खाद्य पदार्थों की मांग पूरी करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत होगी जिससे फसलों की भरपूर पैदावार हो।इसके साथ ही जल्द खराब होने वाली वस्तुओं को नष्ट होने से बचाने की तकनीक, खाद्य प्रसंस्करण की प्रौद्योगिकी और विकास के अन्य क्षेत्रों में दशों को मिलजुल कर काम करना होगा।
• खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने कहा कि जो हमारे देश के लिए चुनौती है वह दूसरे देशों के लिए अवसर हो सकता है। भारत कई तरह के अनाजों के साथ दूध, फलों, सब्जियों, मांस और समुद्री खाद्य उत्पादन में शीर्ष पर है।
• सबसे बड़ी समस्या यह है कि खेतों में तैयार होने के बाद परिवहन, भंडारण, कोल्ड चेन और प्रसंस्करण की सुविधाओं के अभाव में इनका बड़ा हिस्सा नष्ट हो जाता है।

5. विश्व अर्थव्यवस्था को भ्रष्टाचार से 2600 अरब डालर का नुकसान
• संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने कहा है कि भष्ट्राचार के कारण नियंतण्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 2600 अरब डालर या पांच प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), कर चोरी और अवैध पूंजी प्रवाह के खिलाफ लड़ने के लिए काम करने का आग्रह किया है।
• संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने शांति एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के खातिर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सोमवार को आयोजित एक सत्र के दौरान विश्व बैंक के हवाले से कहा कि कंपनी और व्यक्ति मिलकर हर साल 1000 अरब से ज्यादा की घूस देते हैं।गुतेरेस ने विश्व आर्थिक मंच के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘भ्रष्टाचार अमीर-गरीब, उत्तर-दक्षिण, विकसित-विकासशील सभी देशों में मौजूद है। भ्रष्टाचार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।’
• रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि नियंतण्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भ्रष्टाचार की वजह से 2600 अरब डालर या पांच प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेले भ्रष्टाचार पर सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की।
• इसमें जोर दिया गया कि हिंसा और संघर्ष को बढ़ावा देने में भ्रष्टाचार ने निर्विवाद भूमिका निभाई है।गुतेरेस ने कहा कि लोग देश के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ समय-समय पर आक्रोश व्यक्त करते रहते हैं। यह दिखाता है समाज में भ्रष्टाचार किस हद तक है। उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि राजनीतिक प्रतिष्ठान पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करें।
• उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाता है क्योंकि इसके कर्मचारी अपने आपको समृद्ध बनाने में जुट जाते हैं, लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करते हैं। यही नहीं भ्रष्टाचार से विदेशी निवेश भी दूर होने लगता है। सरकार और शासन के स्तर पर भ्रम पैदा होता है।उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण कई प्रकार से अस्थिरता और हिंसा आती है मसलन हथियारों, मादक पदार्थों और मानव तस्करी को बढावा देती है। उन्होंने जोर दिया कि सुरक्षा परिषद और आम सभा ने भ्रष्टाचार, आंतकवाद और ¨हसक अतिवाद के बीच संबंधों की पहचान की है।

6. चाबहार पोर्ट योजना पर आगे बढ़ेगा भारत
• भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ईरान के साथ अपने रिश्तों को लेकर वह फिलहाल झुकने नहीं जा रहा। यह बात मंगलवार को तब और पक्की हो गई जब काबुल में भारत, ईरान और अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्रियों की अगुआई में एक अहम बैठक हुई।
• तीनों देशों ने अपने उप विदेश मंत्रियों की एक विशेष समिति गठित की है जिसे त्रिपक्षीय सहयोग के मुद्दों की राह को आसान करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस बैठक की खासियत यह है कि इसमें चाबहार पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई।
• विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, चाबहार व अन्य आर्थिक मुद्दों के अलावा आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई व अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया अन्य मुद्दे रहे जिस पर चर्चा हुई है।
• इस समिति की अगली बैठक भारत में वर्ष 2019 में होगी। काबुल में इन तीनों देशों की यह बैठक भारत व अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता के चार दिनों बाद ही हुई है। भारत व अमेरिका ने तमाम मुद्दों के साथ ईरान व चाबहार पर भी बात की थी।

7. अमेरिका के साथ शांति वार्ता के नए दौर की तैयारी कर रहा तालिबान
• अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहा संघर्ष समाप्त करने के लिए आतंकी संगठन तालिबान अमेरिका के साथ शांति वार्ता के नए दौर की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए वह एक प्रतिनिधिमंडल बना रहा है। इस वार्ता के दौरान कैदियों की अदला-बदली पर भी चर्चा हो सकती है। इस संभावित वार्ता की तारीख और स्थान अभी जाहिर नहीं किया गया है।
• शांति वार्ता से जुड़े दो अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि तालिबान तीन से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने और बातचीत के मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक कर रहा है। तालिबान कैदियों की अदला-बदली पर बातचीत करना चाहता है।
• इस वार्ता में तालिबान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शेर मुहम्मद अब्बास स्टानकजई कर सकते हैं। वह तालिबान के कतर स्थित सियासी दफ्तर के प्रमुख हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘वार्ता का भविष्य अमेरिका की गंभीरता पर निर्भर करेगा। इस वार्ता में हम अगर अमेरिका में गंभीरता और ईमानदारी देखेंगे तो एक और दौर की वार्ता हो सकती है।
• इस दौरान अफगानिस्तान की जेलों में बंद कैदियों की एक सूची भी सौंपी जाएगी। अगर वे हमारे कैदियों को रिहा करने के लिए तैयार होंगे तो हम दोबारा मिलेंगे।

SCIENCE

8. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से ब्रह्माण्ड की रहस्मय तरंगों का लगाया पता
• धरती से बाहर जीवन मौजूद है या नहीं, इस सवाल के जवाब में दुनिया भर के वैज्ञानिक प्रयासरत हैं। वे दूसरे ग्रहों पर पानी, हवा आदि के साक्ष्य तलाश रहे हैं, जो जीवन के लिए जरूरी हैं। इसी कड़ी में कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक प्रोग्राम के तहत वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से करीब 72 नए फास्ट रेडियो बस्र्ट (एफआरबी) की खोज की है।
• एफआरबी रेडियो तरंगों के उत्सर्जन के तीव्र विस्फोट (बस्र्ट) को कहते हैं।
• सुदूर स्थित आकाशगंगा से आने वाले इन रेडियो बस्र्ट की अवधि मिली सेकेंड से भी कम की होती है। खोजे गए नए एफआरबी का स्नोत का पृथ्वी से तीन अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर बताया जा रहा है। इससे एलियन की मौजूदगी की संभावना को बल मिला है।
• अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के वैज्ञानिकों के अनुसार, एफआरबी की खोज में एआइ के इस्तेमाल से अंतरिक्ष में मौजूद अन्य सभ्यता का पता लग सकता है।
• लगातार हो रहा रेडियो बस्र्ट का उत्सर्जन : शोधकर्ताओं का कहना है कि आमतौर पर किसी भी स्नोत से एक बार ही एफआरबी निकलती है, लेकिन एफआरबी 121101 से लगातार रेडियो बस्र्ट का उत्सर्जन हो रहा है। अपने इस विशेष आचरण के कारण इस स्नोत ने कई खगोलविदों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
• वैज्ञानिक अब एफआरबी के लिए जिम्मेदार भौतिकी के सिद्धांत का पता लगाने में जुट गए हैं।
• तरंगों को सफर है पहेली : माना जाता है कि ये तरंगें सुदूर अंतरिक्ष में हुए रेडियो उत्सर्जन के विस्फोट से उत्पन्न होती हैं और पृथ्वी पर आते-आते पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं, लेकिन अभी तक इनके उत्पन्न होने के असल कारण का पता नहीं चल सका है। वैज्ञानिक यह भी नहीं जान पाए हैं कि आखिर ये इतना लंबा सफर तय करके धरती तक आती कैसे हैं?

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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