18 अक्टूबर को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पंचवर्षीय कांग्रेस की शुरुआत के पहले देश के सुरक्षा अधिकरियों ने निगरानी जरूरत से ज्यादा बढ़ा दी। विदेशियों के तिब्बत जाने पर रोक लगा दी गई, जबकि वह बीजिंग से 1000 से ज्यादा किमी दूर है। लेकिन, पार्टी को डर था पृथकतावादी का बैनर भी बीजिंग के आयोजन को किरकिरा कर देगा।
यह रवैया कांग्रेस को दिया गया महत्व रेखांकित करता है। 1921 में पार्टी की स्थापना के बाद हुई इस 19वीं कांग्रेस का महत्व अधिक था, क्योंकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार इसकी अध्यक्षता करने वाले थे, जो पार्टी प्रमुख भी हैं और कोई संदेह नहीं कि वे ही रहेंगे। शी के उद्‌घाटन भाषण को आमसहमति का नतीजा बताया गया। इस बार भाषण पर वक्ता यानी शी की व्यक्तिगत छाप थी।
शी फॉर्मूले जैसी शैली पर चिपके रहे और घिसे-पिटे जुमले दोहराते रहे। लेकिन, इसमें महत्वपूर्ण फर्क भी था जैसे एक सेक्शन का उबाऊ-सा शीर्षक था, ‘चीनी विशेषताओं के साथ ‘नए युग’ के लिए समाजवाद पर विचार।’ उन्होंने ‘दो चरण की विकास योजना’ पर विस्तार से बात की, जो चीन को अब से लेकर 2050 के बीच ‘महान आधुनिक समाजवादी देश’ बनाएगी। 2035 तक चीन इनोवेशन में ग्लोबल लीडर बन जाएगा, जिसमें ‘कानून का राज’ होगा और वैश्विक स्तर पर इसके पास कहीं अधिक ‘सॉफ्ट पावर’ होगी। उसके 15 साल में चीन ‘समृद्ध, शक्तिशाली, लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक रूप से उन्नत, समरस और सुंदर होगा।’ शी ने लोकतंत्र का उल्लेख सामान्य अर्थ में नहीं किया, क्योंकि उन्होंने पार्टी का नियंत्रण कम करने का जरा-सा भी संकेत नहीं दिया। साफ था कि शी चाहते हैं कि उन्हें ‘नए युग’ के संस्थापक के रूप में देखा जाए। सबसे महत्वपूर्ण उनका यह इशारा था कि अधिक आक्रामक विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। 2012 में हुई पिछली कांग्रेस में हू ने कहा था कि सेना का काम ‘सूचना के इस युग में स्थानीय युद्ध जीतना है।’ शी ने इसमें से ‘स्थानीय’ शब्द हटा दिया।
शी के कहने पर पार्टी ने सरकारी उपक्रमों पर पकड़ बनानी शुरू कर दी है और वे निजी कंपनियों पर भी प्रभाव चाहते हैं। पार्टी ने आंत्रप्रेन्योर्स से देशभक्त होने को कहा है। नियामकों ने चीन के सबसे धनी व्यक्ति प्रॉपर्टी बिजनेसमैन वांग जियांगलिन से लेकर खुद को वॉरेन बफे समझने वाले वु शियाओहुई तक को उनकी जगह दिखाई है। नियामकों ने सबसे ज्यादा अधिग्रहण में लगी चार कंपनियों को अतिरिक्त जांच के लिए चुना। बीमा कंपनी अनबांग, उड्‌डयन पर्यटन कंपनी एचएनए, प्रॉपर्टी डेवलपर वांडा और औद्योगिक समूह फोसुन। नतीजा यह हुआ कि विदेश में निवेश की उनकी जो आपाधापी चल रही थी वह इस साल एकदम नीचे गई। लेकिन यह आंत्रप्रेन्योर पर हमला नहीं है। चीन के सर्वाधिक धनी 2,130 लोगों की सूची में पिछले साल सिर्फ पांच लोग कानून के उल्लंघन के आरोपी बने। इसके विपरीत कम्युनिस्ट पार्टी की 205 सदस्यीय केंद्रीय समिति के 10 फीसदी सदस्य 5 वर्षों में शी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की बलि चढ़ गए।
एक चिंता टेक्नोलॉजी सेक्टर पर कड़े नियंत्रण की थी। वॉलस्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट छापी थी कि इंटरनेट रेग्यूलेटर सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियों में 1 फीसदी शेयर लेंगे जिसमें अलीबाबा की यूट्यूब जैसी कंपनी योउकु और ट्विटर जैसी वेइबो शामिल है। लेकिन, इन पर पहले ही काफी नियंत्रण है। टेनसेंट ने वीचैट के लिए एक एप बनाया है, जिसमें मोबाइल ‘स्क्रीन को थपथपा कर शी के भाषण को सराहना देने’ स्पर्धा की जा सकती है। कुछ कंपनियां यूज़र पर निगाह रखने की तकनीक लाई है, जो अधिकारियों को नागरिकों की नब्ज जानने में मददगार होगी।
यह धारणा कि शी इनोवेशन का दम घोंट रहे हैं यह फलते-फूलते उद्योग से सही साबित नहीं होता। केवल अमेरिका में ही चीन से ज्यादा मूल्यवान स्टार्टअप हैं। मीडिया ने पार्टी के इन निर्देशों पर फोकस किया कि आंत्रप्रेन्योर को देशभक्त होना चाहिए लेकिन, ज्यादातर इसका अर्थ यही लगाया गया कि सरकार उनकी कैसे मदद कर सकती है। चाइना फाइनेंशियल रिफॉर्म इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष गैरी लिउ कहते हैं कि असली संदेश तो यह है कि आंत्रप्रेेन्योर अर्थव्यवस्था के लिए हुत जरूरी हैं।

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