अमेरिका से शेल तेल खरीदने का फैसला
————————————————-

भारत खाड़ी देशों से कच्चे तेल आयात की निर्भरता को कम करने के साथ-साथ इसके स्रोतों में विस्तार भी करना चाहता है। इसी सिलसिले में उसने अमेरिका से शेल तेल (Shale Oil ) खरीदने का फैसला किया है। भारत में पहली बार शेल तेल आयात किया जा रहा है।
शेल तेल क्या हैं ?
———————
» शेल तेल ऐसी अवसादी चट्टानों से प्राप्त किया जाता है जो हाइड्रोकार्बन की स्रोत होती हैं। इन चट्टानों पर उच्च ताप और दबाव के कारण गैस और द्रव उत्पन्न होता है। यह एल. पी. जी. की तुलना में अधिक स्वच्छ होती है।
» संयुक्त राज्य अमेरिका में शेल तेल के भारी भंडार हैं। फिलहाल वही सबसे अधिक मात्रा में इसका उत्पादन कर रहा है।
भारत ऐसा क्यों करना चाहता है ?
—————————————-
» इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अमेरिका से शेल तेल खरीदने का ऑर्डर दिया है। अमेरिका से शेल तेल की कीमतें खाड़ी देशों से खरीदे जाने वाले कच्चे तेल की तुलना में बहुत प्रतिस्पर्द्धी हैं। इस मामले में सरकार ने भी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का समर्थन किया है।
» उल्लेखनीय है कि खाड़ी देश एशियाई देशों द्वारा तेल क्रय करने पर उस पर अलग से ‘एशियन प्रीमियम’ चार्ज करते हैं।
» अतः अमेरिका जैसे नए स्रोतों से तेल आयात से ओपेक (OPEC) देशों पर ‘एशियाई प्रीमियम’ को कम करने का दबाव पड़ेगा।
फ्री ऑन बोर्ड मॉडल
————————
भारतीय तेल कंपनियाँ फ्री ऑन बोर्ड के आधार पर तेल खरीदती थीं। फ्री ऑन बोर्ड मॉडल के तहत, विक्रेता के समुद्र तटों को छोड़ने के तुरंत बाद ही खरीदार अपने सामान की डिलीवरी ले लेता है, जिसका अर्थ है कि शिपिंग लागत खरीदार द्वारा वहन की जाती है।
:::: स्रोत : द हिंदू ::::

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *