*टॉप कैबिनेट मंजूरी: 24 मई 2018*
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोस्‍ता दाना व्‍यापार पर भारत और तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने पोस्‍ता दाना व्‍यापार पर भारत और तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर को स्‍वीकृति दे दी है. इसका मुख्य उद्देश्‍य तुर्की से पोस्‍ता दाना आयात के लिए तेज और पारदर्शी प्रोसेसिंग सुनिश्चित करना है. तुर्की अनाज बोर्ड (टीएमओ) पोस्‍ता दाना तुर्की से भारत निर्यात करने के नियमों के लिए ऑनलाइन प्रणाली का संचालन करेगा. प्रत्‍येक वर्ष भारत द्वारा आयात किये जाने वाले पोस्‍ता दाना की मात्रा भारत सरकार तुर्की सरकार के साथ विचार-विमर्श करके तय करेगी. इसमें पैदावार वर्ष में तुर्की में पोस्‍ता दाना उत्‍पादन, पिछले पैदावार वर्षों के शेष और तुर्की गणराज्‍य की घरेलू या अन्‍य निर्यात आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखा जाएगा. केन्‍द्रीय नार्कोटिक्‍स ब्‍यूरो (सीबीएन) टीएमओ द्वारा पंजीकृत बिक्री करार को पंजीकृत करेगा. यह पंजीकरण टीएमओ द्वारा संचालित ऑनलाइन प्रणाली और भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय द्वारा पंजीकरण के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगा.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और डेनमार्क के बीच खाद्य सुरक्षा और सहयोग समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और डेनमार्क के बीच खाद्य सुरक्षा और सहयोग समझौता ज्ञापन को अपनी पूर्वव्‍यापी (एक्‍सपोस्‍ट फेक्‍टो) मंजूरी प्रदान कर दी है. भारत और डेनमार्क के बीच इस समझौता ज्ञापन पर 16 अप्रैल 2018 को हस्‍ताक्षर किए गये थे. इस समझौता ज्ञापन से खाद्य सुरक्षा की दिशा में दोनों देशों को अपनी क्षमता निर्माण को सुदृढ़ बनाने और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को तेजी से सुलझाने तथा द्विपक्षीय सहयोग के मजबूत होने में मदद मिलेगी. इस समझौता ज्ञापन से सर्वोत्‍तम व्‍यवसायों तक पहुंच और खाद्य व्‍यापार में महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं के खाद्य सुरक्षा मानकों के सुधार में मदद मिलेगी.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और फ्रांस के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच 10 मार्च 2018 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन को अपनी कार्यव्‍यापी (एक्‍सपोस्‍ट फेक्‍टो) मंजूरी प्रदान कर दी है. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य विशेषज्ञों के आदान-प्रदान एवं जानकारी की नेटवर्किंग करना भी है. समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी. यह सहयोग संयुक्‍त अनुसंधान परियोजनाओं, संयुक्‍त अनुसंधान एवं विकास, संयुक्‍त कार्यशालाओं, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान जिसमें दोनों देशों के विशेषज्ञों के आदान-प्रदान भी शामिल हैं.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोरक्‍को के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और मोरक्‍को के बीच समझौता ज्ञापन को अपनी कार्यव्‍यापी (एक्‍सपोस्‍ट फेक्‍टो) मंजूरी प्रदान कर दी है. इस समझौता ज्ञापन पर 10 अप्रैल 2018 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर हुए थे. दोनों पक्षों का उद्देश्‍य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के विषयों पर पारस्‍परिक लाभ, समानता एवं हितों के आधार पर तकनीकी द्विपक्षीय समझौते को प्रोत्‍साहित करने और इसके संवर्द्धन के लिए सहयोगात्‍मक संस्‍थागत संबंध स्‍थापित करना है. इस समझौता ज्ञापन में सहयोग के क्षेत्रों से संबंधित विषयों की समीक्षा, निगरानी और चर्चा करने के संबंध में प्रावधान किया गया है. समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और जानकारी की नेटवर्किंग करना भी है. इस समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौतों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वाम चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल संपर्क के प्रावधान को स्‍वीकृति दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने गृह मंत्रालय द्वारा चिन्हित 4072 टॉवर लोकेशनों पर मोबाइल सेवा प्रदान करने के लिए सार्वभौमिक दायित्‍व कोष (यूएसओएफ) समर्थित योजना को अपनी स्‍वीकृति दे दी है. यह दूसरे चरण की परियोजना के लिए 10 राज्‍यों के 96 वाम चरमपंथ प्रभावित (एलडब्‍ल्‍यूई) क्षेत्रों के लिए है. परियोजना की कुल लागत 7,330 करोड़ रुपये होगी. इस नेटवर्क का इस्‍तेमाल वाम चरमपंथ प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा किया जाएगा. यह परियोजना मोबाइल सेवाएं भी प्रदान करेगी ताकि संपर्क रहित आबादी वाले निवासियों की मदद की जा सके. इससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा. यह परियोजना डिजिटल मोबाइल संपर्क की उपलब्‍धता के साथ पिछड़े और वाम चरमपंथ प्रभावित (एलडब्‍ल्‍यूई) क्षेत्र में ई-गवर्नेंस गतिविधियों को गति प्रदान करेगी.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल को इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं संचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और अंगोला के बीच समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं संचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए भारत और अंगोला के बीच समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य ई-गवर्नेंस, सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा के लिए मानव संसाधन विकास, सूचना सुरक्षा, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, हार्डवेयर निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी युक्‍त साफ्टवेयर उद्योग, टेली मेडिसिन आदि के क्षेत्रों में निकट सहयोग को बढ़ावा देना है. इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(मैती) सहयोग के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय फ्रेम वर्क के अंतर्गत सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के क्षेत्र में आसन्‍न एवं अग्रणी क्षेत्रों में क्षेत्रों में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य है.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मेघालय में मोबाइल सेवाओं के प्रावधान के लिए यूएसओएफ योजना को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 3911 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मेघालय में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए विस्‍तृत दूरसंचार विकास योजना (सीटीडीपी) को लागू करने को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्‍तर की सीटीडीपी परियोजना के लिए बढ़ी हुई 8120.81 करोड़ रुपये की राशि को भी मंजूरी दे दी है. इसके लिए धनराशि सार्वभौम सेवा अनुग्रह कोष (यूएसओएफ) द्वारा दी जाएगी. इस योजना के तहत मेघालय राज्‍य के मोबाइल सेवा से वंचित चिन्हित क्षेत्रों में 2 जी व 4 जी मोबाइल कवरेज दी जाएगी. मेघालय के ऐसे क्षेत्रों में जहां सार्वजनिक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं है, इस नेटवर्क को पहुंचाने से वहां के नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने में सूचना और संचार प्रौदयोगिकी के लाभ मिल सकेंगे. दूरसंचार नेटवर्क को मजबूत बनाने से मेघालय में मोबाइल संपर्क की पैठ बढ़ेगी. जिसके परिणामस्‍वरूप लोगों की संचार, सूचना और संचालन प्रणाली तक सस्‍ती और समान पहुंच होगी.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्‍कूटर्स इंडिया लिमिटेड, लखनऊ का तुलनपत्र नए सिरे से तैयार करने की मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने स्‍कूटर्स इंडिया लिमिटेड, लखनऊ (एसआईएल) का तुलनपत्र इस प्रकार नए सिरे से तैयार करने की मंजूरी दे दी है. भारत सरकार द्वारा स्‍कूटर्स इंडिया लिमिटेड की अंश पूंजी में संचित हानियों के प्रति 85.21 करोड़ रुपये की इक्विटी में कटौती करना है. यह कटौती 31 मार्च 2013 से प्रभावी मानी जाएगी. वर्ष 2012-13 के दौरान स्‍कूटर्स इंडिया लिमिटेड के लिए जारी 1.89 करोड़ रुपये के गैर-योजना ऋण पर ब्‍याज को कम्‍पनी को जारी ऋण की तारीख से रोकना और उसे 1.89 करोड़ रुपये की बकाया मूल धन की राशि की इक्विटी में बदलना है. इस मंजूरी के साथ 2012-13 से स्‍कूटर्स इंडिया लिमिटेड का तुलनपत्र नियमित हो जाएगा और तद्नुसार नए सिरे से प्रभावी हो सकेगा.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विशाखापत्‍तनम बंदरगाह ट्रस्‍ट को अग्रिम सरकारी ऋणों पर दंडस्‍वरूप ब्‍याज माफ करने की मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने विशाखापत्तजनम बंदरगाह ट्रस्ट को अग्रिम सरकारी ऋणों पर दंड स्वरूपब्याज में इस प्रकार माफी की मंजूरी दे दी है. विशाखापत्‍तनम बंदरगाह ट्रस्‍ट को वित्‍त वर्ष 2018-19 में माफी की मंजूरी की तारीख से 44.69 करोड़ रुपये के बकाया मूलधन और बकाया ब्‍याज का केवल एक किश्‍त में भुगतान करना होगा. विशाखापत्‍तनम बंदरगाह ट्रस्‍ट (वीपीटी) ने लौह अयस्‍क निर्यात के लिए 100,000 डीडब्‍ल्‍यूटी के गहरे समुद्र में चलने वाले जहाजों को खड़ा के लिए बाहरी बंदरगाह परियोजना के निधियन के लिए वर्ष 1970-71 से वर्ष 1985-85 तक अलग-अलग मौकों पर 110.41 करोड़ रुपये का ऋण लिया था. विशाखापत्‍तनम बंदरगाह ट्रस्‍ट ने वर्ष 1978-79 तक विभिन्‍न ऋणों पर मोहलत की अवधि के लिए ब्‍याज का भुगतान किया. लेकिन बंदरगाह को राजस्‍व घाटा होने के कारण वर्ष 1979-80 से वर्ष 1989-90 की अवधि के दौरान ऋण की अदायगी नहीं की जा सकी.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारादीप बंदरगाह ट्रस्‍ट को दिए गए अग्रिम सरकारी ऋणों परदंडात्‍मक ब्‍याज माफ करने की मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पारादीप बंदरगाह ट्रस्ट (पीपीटी) को दिए गए अग्रिम सरकारी ऋणों पर दंडात्‍मक ब्‍याज इस प्रकार माफ करने की मंजूरी दे दी है. 31 मार्च 2017 को पारादीप बंदरगाह ट्रस्ट के संबंध में 1076.59 करोड़ रुपये की राशि पर दंड स्‍वरूप ब्‍याज और माफी की मंजूरी की तारीख तक बढ़ती राशियों पर माफी. पारादीप बंदरगाह ट्रस्ट को दंडस्‍वरूप ब्‍याज का माफी की मंजूरी की तारीख तक 0.25 प्रतिशत की दर से दंडात्‍मक ब्‍याज का भुगतान करना होगा. पारादीप बंदरगाह ट्रस्‍ट को माफी की मंजूरी की तारीख तक 387.74 करोड़ रुपये के बकाया मूलधन की अदायगी और बकाया ब्‍याज की पुन: अदायगी शुरू करनी होगी और अदायगी को 2018-19 और 2019-20 में दो किश्‍तों में पूरा करना होगा. पारादीप बंदरगाह ट्रस्‍ट (पीपीटी) ने अपनी विभिन्‍न बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के निधियन के लिए 1967 से 2002 के बीच की अवधि में विभिन्‍न मौकों पर विभिन्‍न मदों के अंतर्गत 642.69  करोड़ रुपये का ऋण लिया था.

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