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*दैनिक समसामयिकी 20 December 2017*
1.अमेरिका ने भारत को वैश्विक शक्ति माना
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की सोमवार को घोषणा कर दी है। दुनिया भर में इस नीति की चर्चा इसलिए हो रही है कि ट्रंप ने चीन को अपना एक बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानते हुए इससे निपटने की बात कही है।
• ट्रंप प्रशासन ने भारत को अपना एक अहम रक्षा और रणनीतिक सहयोगी करार देते हुए द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने की बात कही है। इससे साफ है कि भारत-अमेरिका की मित्रता आने वाले कुछ वर्षो तक वैश्विक कूटनीति में अहम बदलाव लाने वाले साबित होगी।
• अमेरिका ने न सिर्फ भारत को एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के तौर पर चिह्न्ति किया है, बल्कि अहम मुद्दों पर भारतीय रुख का खुलेआम समर्थन करने को भी तैयार दिखता है।
• सुरक्षा पर ट्रंप प्रशासन की यह पहली नीति है जिसमें अमेरिका ने निकट भविष्य में अपने हितों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों और उनके खिलाफ भावी रणनीति को पेश किया है।
• इसमें चीन के कई कदमों की आलोचना की गई है। मसलन, दक्षिण चीन सागर समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में चलाए जा रहे चीन की वन बेल्ट, वन रोड (ओबोर) परियोजना का जिक्र कर कहा गया कि इनकी वजह से कई देशों की संप्रभुता का हनन हो रहा है।
• इसे भारत के संदर्भ में भी देखा जा सकता है, क्योंकि गुलाम कश्मीर में चीन की ओबोर परियोजना का एक बड़ा हिस्सा गुजर रहा है। इस वजह से भारत इसका कड़ा विरोध करता है। पिछले दिनों जब ओबोर पर चीन ने वैश्विक सम्मेलन बुलाया था तब भारत ने यह कहते हुए हिस्सा नहीं लिया था कि यह परियोजना उसकी संप्रभुता को नुकसान पहुंचा रहा है।
• अक्टूबर, 2017 में अमेरिका और भारत के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में पहली बार यह संकेत दिया गया था कि अमेरिका संप्रभुता के मुद्दे पर भारत के पक्ष में आ रहा है। इस रणनीति में कहा गया है, ‘हम भारत के एक वैश्विक शक्ति के तौर पर उद्भव का स्वागत करते हैं। हम भारत, जापान, आस्ट्रेलिया के साथ चार देशों के सहयोग को भी बढ़ाएंगे।’
• सनद रहे कि नवंबर, 2017 में पहली बार उक्त चार देशों की बैठक मनीला में हुई थी। वैश्विक कूटनीति के जानकार मानते हैं कि शीत युद्ध काल के बाद पहली बार कुछ अहम शक्तियों का एक रणनीतिक गठबंधन बन रहा है, लेकिन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में इसके जिक्र का अलग महत्व है। वैसे ट्रंप प्रशासन की इस अहम नीति में भारत का जिक्र आठ बार किया गया है।

2. यरूशलम पर यूएन में वोटिंग : राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले को खारिज करने वाले प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो
• यरूशलम को इस्रइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को वापस लेने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रखे गए प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल किया है।
• पिछले छह वर्षो में पहली बार अमेरिका ने किसी प्रस्ताव को वीटो किया है। ट्रंप ने छह दिसम्बर को अपनी घोषणा में कहा था कि वह यरूशलम को इस्रइल की राजधानी के रूप में मान्यता देंगे और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से हटाकर यरूशलम में स्थापित करेंगे। उनकी घोषणा के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इसकी कटु आलोचना की जा रही है।
• 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अमेरिका के बेहद करीबी सहयोगियों..ब्रिटेन, फ्रांस और जापान ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।
• मिस्र की ओर से तैयार किए गए इस एक पन्ने के प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद् के पिछले 50 वर्षो के विभिन्न प्रस्तावों के रुख को दोहराया गया था, जिनमें यरूशलम पर इस्रइल की संप्रभुता के दावों को खारिज किया गया है। उन्होंने चेताया कि यरूशलम के संबंध में अमेरिका की दशकों पुरानी नीति से अलग हटकर ट्रंप द्वारा की गई घोषणा दुनिया के सबसे जटिल तनाव को सुलझाने के प्रयासों को कमजोर करेगी।
• ट्रंप प्रशासन ने पहली बार वीटो का प्रयोग किया है। अमेरिका ने पिछले छह वर्ष में पहली बार वीटो इस्तेमाल किया है। वीटो का बचाव करते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा, वास्तविकता यह है कि इस वीटो का प्रयोग अमेरिका की संप्रभुता की रक्षा और पश्चिम एशिया की शांति प्रक्रि या में अमेरिकी की भूमिका के बचाव के लिए किया गया है और यह हमारे लिए शर्मिदगी की बात नहीं है।
• यह सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों के लिए शर्मिदगी का कारण होना चाहिए।

3. बेकार हो चुके 245 कानूनों को खत्म करने पर लोकसभा की मुहर
• सरकार ने लोकसभा में दो बिलों को पारित कराकर 245 पुराने व बेकार हो चुके कानूनों को तब्दील करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इनमें 158 साल पुराना कलकत्ता पायलट एक्ट 1959 व राजद्रोहात्मक सभाओं का निवारण अधिनियम 1911 (प्रिवेंशन ऑफ सेडिशश मीटिंग एक्ट 1911) भी शामिल है। सदन में बताया गया कि यह सारे कानून अंग्रेजों के शासन में बने थे और अब बेमतलब हो गए हैं।
• केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में बताया कि आजादी से पहले के कानूनों को खत्म करके सरकार ने प्रगतिवादी सोच की तरफ कदम बढ़ाया है। वह लोकसभा में बिल को लेकर किए गए सवालों के जवाब दे रहे थे। जो कानून खत्म किए गए उनमें हेकने कैरिएज एक्ट 1879 व ड्रामेटिक परफार्मेस एक्ट 1876 भी शामिल हैं।
• दूसरे एक्ट का इस्तेमाल ब्रिटिश राज में उन नाटकों का मंचन रोकने के लिए किया जाता था, जो अंग्रेजी साम्राज्य के विरोध में अलख जगाते थे।
• गंगा टोल एक्ट 1867 को भी तब्दील कर दिया गया है। इसके जरिये नावों व स्टीमरों से टोल टैक्स (12 आना से ज्यादा नहीं) वसूला जाता था। इलाहाबाद (उप्र) से दीनापुर (बिहार) के बीच गंगा में चलने वाले नौकाओं से यह टैक्स वसूल किया जाता था।
• प्रसाद ने कहा कि 1029 पुराने कानून 1950 में ही तब्दील कर दिए गए थे। आखिरी बार इन्हें वाजपेयी सरकार के दौरान 2004 में बदला गया था। मोदी सरकार बनने के बाद दो सदस्यीय समिति पुराने कानूनों पर विचार के लिए बनाई गई थी।
• मोदी के कार्यकाल में ऐसे 1824 एक्ट खत्म किए जा चुके हैं। प्रिवेंशन ऑफ सेडिशश मीटिंग एक्ट पर बीजद सांसद तथागत सत्पथी ने मामले को दूसरा रंग देने की कोशिश की।
• उन्होंने भारतीय दंड संहिता के देशद्रोह प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि कुछ राज्यों में भाजपा सरकारें इसका इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए करती हैं। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल व जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया पर इसी कानून के तहत सरकार ने शिकंजा कसा था।
• बीजद सांसद पिनाकी मिश्र ने कहा कि सरकार की सराहना की। शिवसेना सांसद विनायक राउत ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने को सरकार से कदम उठाने को कहा।

4. संपत्ति की खरीद-बिक्री में अनिवार्य नहीं है आधार
• भाजपा नीत राजग सरकार ने संसद को स्पष्ट किया है कि संपत्ति के खरीदने और बेचने को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं है।
• लोकसभा में मंगलवार को लिखित उत्तर में हाउसिंग और अर्बन अफेयर (स्वतंत्र प्रभार) के केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रलय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के प्रावधानों के तहत संपत्ति की रजिस्ट्री के समय वह आधार को उससे जोड़ने के संबंध में संपत्ति खरीददार और विक्रेता से उसकी अनुमति ले।
• उल्लेखनीय है कि सरकार का संसद में यह बयान इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पिछले महीने केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि संपत्ति के लेन-देन को आधार से जोड़ना एक अच्छा विचार है। चूंकि सरकार बैंक खातों को भी आधार से जोड़ रही है, इसलिए संपत्ति बाजार के लिए भी इस संबंध में कुछ अतिरिक्त कदम उठाने होंगे।
• इस मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि संपत्ति के लेन-देन में आधार को लिंक करना अनिवार्य नहीं है। सरकार के यूनिक पहचान नंबर को किसी समयसीमा में संपत्ति की खरीद-फरोख्त से जोड़ने का विचार करने के संबंध में उन्होंने स्पष्ट कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता।
• उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेनामी संपत्ति वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। इसलिए आम जनता के बीच यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि इसी दिशा में संपत्तियों का लेन-देन भी आधार से लिंक किया जाएगा, लेकिन अब सरकार के स्पष्टीकरण के बाद यह साफ है कि फिलहाल ऐसा नहीं होगा।
• बेनामी संपत्ति वह कहलाती है जो कराधान से बचने या कालेधन की खपत के लिए किसी और के नाम पर खरीदी गई हो।

5. कारोबारी सुगमता के लिए कंपनी एक्ट में संशोधन संसद से मंजूर
• कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2017 को राज्यसभा से मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा ने इस साल जुलाई में इस पर मुहर लगाई थी। देश में कंपनियों की कारोबारी प्रक्रिया और नियमों के क्रियान्वयन को सरल बनाने और कारोबारी सुगमता के उद्देश्य से सरकार ने यह संशोधन किया है
• विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री पी. पी. चौधरी ने कहा कि यह संशोधन बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेस और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का माहौल सुनिश्चित करेगा। विधेयक में संप्रग सरकार के समय लाए गए कंपनी कानून, 2013 में 40 से ज्यादा संशोधन किये गये हैं। संशोधन विधेयक को मार्च, 2016 में लोकसभा में रखा गया था। वहां से इसे वित्तीय मामलों की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था।

• समिति की सिफारिशों को संज्ञान में लेते हुए मंत्रिमंडल ने इस साल मार्च में इसे मंजूरी दे दी थी। चौधरी ने कहा कि नए विधेयक से प्रक्रियाओं को सरल बनाने और डिफॉल्टर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
• मंत्री ने सदस्यों की उस आपत्ति को खारिज कर दिया, जिसमें😁 कहा गया था कि सरकार ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) का निर्वहन सुनिश्चित कराने की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए गये हैं। उन्होंने बताया कि सीएसआर का पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई होगी। सरकार ऐसी कंपनियों को नोटिस भी भेज चुकी है।
• विधेयक पर चर्चा के दौरान पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने छोटी और मझोली कंपनियों के लिए अलग कानून की वकालत की।

6. एफआरडीआइ विधेयक को ठंडे बस्ते में डाल सकती है सरकार
• बैंकों में जमा बचत राशि को लेकर फैल रही अफवाहों के मद्देनजर सरकार ‘फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपॉजिट बिल’ को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। माना जा रहा है कि केंद्र अब यह विधेयक संसद के बजट सत्र में शायद पेश न करे। इसकी वजह दरअसल यह है कि संसद की जो समिति इस विधेयक पर विचार कर रही है उसका कार्यकाल अब बढ़ा दिया गया है
• इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर हाल में काफी विवाद रहा है। सरकार को इसके बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। केंद्र ने विधेयक के प्रावधानों पर पुनर्विचार का संकेत भी दिया है।
• हालांकि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि एफआरडीआई विधेयक के प्रावधानों को परख रही संयुक्त समिति का कार्यकाल बढ़ाकर आगामी बजट सत्र के अंतिम दिन तक कर दिया गया है। इसका मतलब है कि समिति को बजट सत्र के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
• इस कदम के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद यह विधेयक अब आगामी बजट सत्र में पेश न किया जाए। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा गया है। पहले संयुक्त समिति को 15 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करनी थी। इसलिए इस बात के आसार थे कि शायद सरकार इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही सदन में चर्चा के लिए रखे।
• दरअसल यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब हाल में इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर अलग-अलग वर्गो से सवाल उठाए गए हैं। केंद्र की ओर से अलग-अलग स्तर पर इस विधेयक के बारे में आशंकाओं को दूर करने की कोशिश भी की गई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इस विधेयक के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों के बारे में लोगों को आगाह किया है।

7. द. अफ्रीका की सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष चुने गए रामाफोसा
• दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा सोमवार को कड़े मुकाबले में सत्तारूढ़ अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने पूर्व कैबिनेट मंत्री और जैकब जुमा की पूर्व पत्नी 68 वर्षीय दलामिनी जुमा को मामूली अंतर से पराजित किया।
• यह पार्टी देश में रंगभेद का दौर समाप्त होने के बाद से सत्ता में काबिज है लेकिन पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार और घोटालों के चलते देश ही नहीं विदेश में भी इसकी छवि धूमिल हुई है।165 वर्षीय रामाफोसा देश के सबसे धनी लोगों में शुमार हैं।
• वह 2019 के चुनाव के बाद राष्ट्रपति बन सकते हैं। पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होने पर उन्होंने पहले संदेश में भ्रष्टाचार से लड़ने और अर्थव्यस्था को पुनर्जीवित करने का वादा किया है।
• इस समय द.अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा हैं, उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की छवि खराब हुई है। एक समय नेल्सन मंडेला के नेतृत्व वाली यह पार्टी अब पूरी तरह बंटी हुई है।

8. अपना मिसाइल रक्षा तंत्र मजबूत करेगा जापान
• उत्तर कोरिया की धमकियों के मद्देनजर जापान ने अपना मिसाइल रक्षा तंत्र मजबूत करने का फैसला किया है। जापान सरकार ने मंगलवार को अमेरिका की एजिस मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती को मंजूरी दे दी।
• उत्तर कोरिया इस साल जापान के ऊपर से दो मिसाइलें दाग चुका है। पिछले महीने उत्तर कोरिया की अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल तो जापान के विशेष आर्थिक जलक्षेत्र में गिरी थी। उत्तर कोरियाई शासन जापान को समुद्र में डुबोने की धमकी दे चुका है।
• जापान सरकार ने मंगलवार को कहा, उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम देश के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। जापान के लिए मिसाइल रक्षा प्रणाली मजबूत करना जरूरी हो गया है। इसके तहत जापान दो जगह एजिस प्रणाली तैनात करेगा। यह जापान में पहले से तैनात एसएम-3 और पीएसी-3 मिसाइल रक्षा प्रणाली के अतिरिक्त होगी।
• उत्तर कोरियाई धमकियों के मद्देनजर जापान अपना रक्षा बजट बढ़ाकर 4600 करोड़ डॉलर करने की योजना भी बना रहा है। जापान के रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरा ने कहा कि अमेरिका से लंबी दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल खरीदने की भी योजना है।

9. मेकांग नदी क्षेत्र से मिले 115 नई प्रजाति के जीव
• मगरमच्छ जैसी छिपकली, घोंघा खाने वाला मेंढक और एक विशेष प्रजाति का चमगादड़, ऐसे ही 115 नई प्रजाति के जीव-जंतु खोजने का दावा वैज्ञानिकों ने किया है। इन जीवों को साल 2015 में दक्षिणपूर्वी एशिया की मेकांग नदी क्षेत्र से पाया गया था। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने इस खोज की जानकारी मंगलवार को सार्वजनिक की है।
• दो दशकों में 2524 विभिन्न प्रकार के नए जीवों की खोज हुई : विभिन्न शोध संस्थाओं के अनेक वैज्ञानिकों ने मिलकर इस काम में सहयोग दिया है। नई प्रजाति के इन जीवों में करीब 11 उभयचर (जल और थल दोनों में रहने वाले) दो मछलियां, 11 रेंगनेवाले वाले जीव, 88 प्रकार की वनस्पति और तीन स्तनधारी शामिल हैं।
• इएफइ न्यूज के मुताबिक इन्हें लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम से गुजरने वाली मेकांग नदी क्षेत्र से पाया गया है। एक दावे के अनुसार 1997 से 2016 के बीच वैज्ञानिकों ने 2524 विभिन्न प्रकार के नए जीवों की खोज की है। यानी प्रत्येक हफ्ते दो नई प्रजातियां सामने आई हैं।
• जैव विविधता से संपन्न है नदी : मेकांग नदी क्षेत्र जैव विविधता से संपन्न है इसलिए इस नदी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ग्रेटर मेकांग के क्षेत्रीय प्रतिनिधि स्टुअर्ट चैपमैन के मुताबिक, हालांकि इस क्षेत्र पर कई खतरे मंडरा रहे हैं, लेकिन ये नई खोज हमें आशा देती है कि बाग से लेकर मेंढक तक यहां जीवित रहेंगे।
• बकौल स्टुअर्ट कोयले की खदानें, बांध और सड़क का निर्माण यहां के प्राकृतिक परिदृश्य को नुकसान पहुंचा रहा है। जानवरों की बढ़ती अवैध तस्करी से चैपमैन को आशंका है कि खोज से पहले ही कई जीव शायद लुप्त हो जाएंगे।
• जानवरों की तस्करी क लिए बदनाम ‘गोल्डन ट्राइएंगल’ का भी उन्होंने जिक्र किया और मांग की कि सरकार तस्करी पर जल्द से जल्द रोक लगाएं।
• बता दें कि मेकांग दक्षिणपूर्वी एशियाई नदी है। इसके क्षेत्र में चीन, म्यांमार, लाओस, थाइलैंड, कंबोडिया और वियतनाम आते हैं।
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