21 January 2018(Sunday)

1.अमेरिका में सरकार का कामकाज ठप : सीनेट ने नया बजट पास नहीं किया, व्यय विधेयक खारिज
• अमेरिकी सीनेट द्वारा व्यय विधेयक खारिज कर दिए जाने के कारण पांच साल में पहली बार अमेरिकी सरकार का कामकाज शनिवार को औपचारिक रूप से बंद हो गया। इससे राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का पहला साल अफरा-तफरी भरी स्थिति में पूरा हुआ।
• सीनेट ने सरकारी खजाने से संघीय सरकार के खर्चे के लिए अल्पकालिक व्यय विधेयक को मंजूरी नहीं दी जिससे सरकार का कामकाज शनिवार को औपचारिक रूप से बंद हो गया।
• कामकाज बंदी रात 12:01 बजे तब शुरू हुई जब उस महत्वपूर्ण कदम को रोकने के लिए कुछ रिपब्लिकन भी डेमोक्रेट्स के साथ जुड़ गए जिससे पेंटागन और अन्य संघीय एजेंसियों को अल्पकाल के लिए कोष मुहैया हो जाता। ट्रंप ने कामकाज बंदी के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार बताया। यह प्रकरण ट्रंप द्वारा देश के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए जाने के ठीक एक साल बाद हुआ है।
• राष्ट्रपति ने कहा, डेमोक्रेट कर कटौती की बड़ी सफलता को क्षीण करने में मदद करने के लिए कामकाज बंदी चाहते हैं। अंतिम समय तक द्विदलीय बैठकों के बावजूद 16 फरवरी तक सरकार को कोष देने संबंधी विधेयक आवश्यक 60 मत हासिल नहीं कर पाया।
• सीनेट में इस अल्पकालिक व्यय विधेयक के समर्थन में 50 मत पड़े और विपक्ष में 48 मत पड़े। अल्पकालिक व्यय विधेयक को प्रतिनिधिसभा ने बृहस्पतिवार को पारित कर दिया था।यह डेमोक्रेट्स की रणनीति का हिस्सा है जिससे कि निर्वासन का सामना कर रहे अवैध आव्रजकों के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप और रिपब्लिकनों को डेमोक्रेट्स के साथ र्चचा के लिए विवश किया जा सके।
• कामकाज बंदी का अधिकांश असर सोमवार से दिखेगा जब संघीय सरकार के कर्मी अपने काम पर नहीं आ पाएंगे और उन्हें बिना वेतन के घर पर ही रहना होगा। ऐसा अनुमान है कि आठ लाख से ज्यादा संघीय कर्मी गैर हाजिर रहेंगे। केवल आवश्यक सेवाएं ही खुलेंगी।
• इससे पहले सरकार का कामकाज 2013 में बंद हुआ था। बजट प्रबंधन कार्यालय के निदेशक मिक मुल्वानी ने कहा, कोशिश की जा रही है कि यह कामबंदी 2013 की कामबंदी के मुकाबले कम असरकारी हो। मुल्वानी ने कहा, सेना अब भी काम करेगी, सीमाओं पर अब भी पहरेदारी होगी, दमकलकर्मी अब भी काम करेंगे और पार्क खुले रहेंगे। लेकिन इन सभी मामलों में लोगों को भुगतान नहीं किया जाएगा।
• अक्तूबर 2013 में हुई पिछली कामबंदी 16 दिन तक चली थी। इससे पहले की कामबंदी 21 दिन चली थी जो छह जनवरी 1996 को खत्म हुई थी। लेकिन हाल के इतिहास में यह पहली बार है जब कामबंदी ऐसे समय हुई है जब दोनों सदनों-प्रतिनिधि सभा और सीनेट और यहां तक कि व्हाइट हाउस भी एक ही पार्टी द्वारा नियंत्रित है।

2. रूस सामूहिक वैश्विक नेतृत्व का पक्षधर : लावरोव
• रूस के विदेशमंत्री सग्रेई लावरोव का कहना है कि उनका देश अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व के बजाए सामूहिक नेतृत्व का पक्षधर है।
• समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका ट्रंप प्रशासन के तहत प्रमुख मुद्दों पर वैश्विक नेतृत्व खो रहा है? लावरोव ने कहा, आज के विश्व में नेतृत्व केवल सामूहिक ही हो सकता है।
• उन्होंने कहा, साक्ष्य के तौर पर कई उदाहरण हैं। लावरोव ने आगे कहा, जी-20 समूह का गठन इस तय को दर्शाता है कि हमें विश्व के सभी क्षेत्रों के नेताओं का इस्तेमाल कर सामूहिक एजेंडे के सृजन की जरूरत है और यही एजेंडा आतंकवाद से निपटने पर भी लागू होता है।
• डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के प्रथम वर्ष में पुराने प्रशासन की विदेश नीतियों में बदलाव किया गया है। जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते से अमेरिका अलग हो गया है। वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से भी अलग होने की धमकी दे रहा है।
• ट्रंप प्रशासन ने कई देशों और संयुक्त राष्ट्र को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की है। हाल ही में अमेरिका ने लगभग 50 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को दी जाने वाली धनराशि रोक दी।
• इस्रइल की राजधानी के रूप में यरूशलम को मान्यता देने का ट्रंप का फैसला और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरूशलम ले जाने के फैसले से अंतर्राष्ट्रीय गतिरोध बढ़ा है। लावरोव ने शुक्रवार को कहा, लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि क्या अमेरिका की यह गतिविधियां अमेरिका के हितों के अनुरूप हैं।

3. विवाह के बाद जाति को नहीं बदला जा सकता
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सामान्य जाति की लड़की के दलित पुरु ष से विवाह करने पर उसे अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं दिया जा सकता। जाति जन्म के आधार पर तय होती है। विवाह के बाद जाति को नहीं बदला जा सकता। जस्टिस अरु ण मिश्रा और मोहन शांतानौगोदार की बेंच ने केन्द्रीय विद्यालय में हिंदी की अध्यापक के रूप में महिला की नियुक्ति को निरस्त कर दिया।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनीता सिंह ने जाटव समुदाय के वीर सिंह से विवाह किया था। सुनीता वैश्य जाति की थी, लेकिन विवाह के बाद उसने अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया और बुलंदशहर के जिला मजिस्ट्रेट ने नवम्बर 1991 में उसे अनुसूचित जाति का र्सटििफकेट जारी कर दिया। सुनीता की शैक्षणिक योग्यता और उसके जाति प्रमाण पत्र के आधार पर उसे पंजाब के पठानकोट में नौकरी मिल गई।
• केन्द्रीय विद्यालय में वह हिन्दी की पीजीटी नियुक्त हुई। अनुसूचित जाति के लिए तयशुदा आरक्षण का लाभ उसे मिला। दिसंबर 1993 में उसकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए। अध्यापन के दौरान सुनीता ने एमएड की डिग्री भी हासिल कर ली। नौकरी के 21 साल के बाद सुनीता के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। शिकायत में कहा गया कि वह अग्रवाल जाति की है।
• यह जाति सामान्य वर्ग में आती है, इसलिए एससी का प्रमाण पत्र फर्जी है। बुलंदशहर के सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच के बाद र्सटििफकेट गलत पाया। सिटी मजिस्ट्रेट ने जुलाई 2013 में केन्द्रीय विद्यालय के उपायुक्त को इसकी जानकारी दी। इसमें कहा गया कि जाटव जाति के आधार पर सुनीता को जारी जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है।
• सुनीता ने जिला मजिस्ट्रेट और मेरठ के आयुक्त से जाति प्रमाण पत्र बहाल करने की गुहार की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। केन्द्रीय विद्यालय ने भी मई 2015 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निस्संदेह जाति जन्म के आधार पर तय होती है। दलित वर्ग में शादी करने पर सामान्य वर्ग की महिला की जाति बदल नहीं सकती। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 21 साल तक के अध्यापन के बाद बर्खास्तगी के आदेश को ज्यादा सख्ती वाला कदम बताया। शीर्ष अदालत ने कहा कि सुनीता के हाईस्कूल प्रमाण पत्र और अंक तालिका में साफतौर पर उसकी जाति अग्रवाल दर्शाई गई है। इसके बावजूद केन्द्रीय विद्यालय ने उसे टीचर की नौकरी देते समय आपत्ति दर्ज नहीं की।
• सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए बर्खास्तगी के आदेश को जबरन सेवानिवृत्ति में तब्दील कर दिया।

4. ओएनजीसी ने एचपीसीएल को खरीदा
• सरकार पहली बार विनिवेश का लक्ष्य पार करती दिखाई दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी ओएनजीसी ने देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनी एचपीसीएल में सरकार की पूरी हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया है। 36,915 करोड़ रुपये का यह सौदा जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा।
• सौदा पूरा होने से इस साल का कुल विनिवेश 91,252.6 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा। बजट में इस साल विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था।1सौदे की शर्तो के मुताबिक, ओएनजीसी 473.97 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) के 77.8 करोड़ शेयर खरीदेगी। यह कीमत शुक्रवार को एचपीसीएल के बंद भाव से 14 फीसद ज्यादा है।
• पिछले 60 दिन के औसत शेयर मूल्य की तुलना में भी यह 10 फीसद अधिक है। सौदा पूरा होने के बाद एचपीसीएल में सरकार की मौजूदा 51.11 फीसद हिस्सेदारी ओएनजीसी के खाते में चली जाएगी। सरकार ने एचपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी के लिए एक लाख करोड़ रुपये की कीमत मांगी थी।
• सरकार का मानना था कि खुली बोली में एचपीसीएल के लिए इतना मूल्य आसानी से मिल जाएगा। हालांकि कड़ी सौदेबाजी के बाद ओएनजीसी सौदे को 36,915 करोड़ रुपये में तय करने में सफल रही। सौदा पूरी तरह नकद होगा। इसके लिए कंपनी छोटी अवधि के कर्ज उठाएगी।
• कंपनी के पास 12,000 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व भी है। ओएनजीसी के बोर्ड ने कर्ज की सीमा पहले के 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी भी दे दी है। कंपनी ने बताया कि कुछ घरेलू और विदेशी वित्तीय संस्थाओं से अधिग्रहण की राशि के दोगुने के बराबर कर्ज पर पहले की सहमति बनी हुई है।
• शुक्रवार को एचपीसीएल के शेयर 416.55 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए थे। इस आधार पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 63,475 करोड़ रुपये था। इसमें सरकार की 51.11 फीसद हिस्सेदारी का मूल्य 32,442 करोड़ रुपये था।

5. भारत बना ब्लाइंड विश्व कप क्रिकेट चैंपियन
• सुनील रमेश की 93 रन की बेहतरीन पारी के दम पर भारत ने एक बार फिर अपनी श्रेष्टता साबित करते हुए पाकिस्तान को शनिवार को रोमांचक संघर्ष में दो विकेट से हराकर ब्लाइंड विश्व कप क्रि केट टूर्नामेंट का खिताब बरकरार रखा।
• भारत ने टॉस जीतकर पहले फीलिं्डग करने का फैसला किया। पाकिस्तान ने 40 ओवर में आठ विकेट पर 308 रन का मजबूत स्कोर बनाया लेकिन भारत ने 38.2 ओवर में आठ विकेट पर 309 रन बनाकर खिताब अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुए खिताब जीता।

दैनिक समसामयिकी

21 January 2018(Sunday)

1.अमेरिका में सरकार का कामकाज ठप : सीनेट ने नया बजट पास नहीं किया, व्यय विधेयक खारिज
• अमेरिकी सीनेट द्वारा व्यय विधेयक खारिज कर दिए जाने के कारण पांच साल में पहली बार अमेरिकी सरकार का कामकाज शनिवार को औपचारिक रूप से बंद हो गया। इससे राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का पहला साल अफरा-तफरी भरी स्थिति में पूरा हुआ।
• सीनेट ने सरकारी खजाने से संघीय सरकार के खर्चे के लिए अल्पकालिक व्यय विधेयक को मंजूरी नहीं दी जिससे सरकार का कामकाज शनिवार को औपचारिक रूप से बंद हो गया।
• कामकाज बंदी रात 12:01 बजे तब शुरू हुई जब उस महत्वपूर्ण कदम को रोकने के लिए कुछ रिपब्लिकन भी डेमोक्रेट्स के साथ जुड़ गए जिससे पेंटागन और अन्य संघीय एजेंसियों को अल्पकाल के लिए कोष मुहैया हो जाता। ट्रंप ने कामकाज बंदी के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार बताया। यह प्रकरण ट्रंप द्वारा देश के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए जाने के ठीक एक साल बाद हुआ है।
• राष्ट्रपति ने कहा, डेमोक्रेट कर कटौती की बड़ी सफलता को क्षीण करने में मदद करने के लिए कामकाज बंदी चाहते हैं। अंतिम समय तक द्विदलीय बैठकों के बावजूद 16 फरवरी तक सरकार को कोष देने संबंधी विधेयक आवश्यक 60 मत हासिल नहीं कर पाया।
• सीनेट में इस अल्पकालिक व्यय विधेयक के समर्थन में 50 मत पड़े और विपक्ष में 48 मत पड़े। अल्पकालिक व्यय विधेयक को प्रतिनिधिसभा ने बृहस्पतिवार को पारित कर दिया था।यह डेमोक्रेट्स की रणनीति का हिस्सा है जिससे कि निर्वासन का सामना कर रहे अवैध आव्रजकों के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप और रिपब्लिकनों को डेमोक्रेट्स के साथ र्चचा के लिए विवश किया जा सके।
• कामकाज बंदी का अधिकांश असर सोमवार से दिखेगा जब संघीय सरकार के कर्मी अपने काम पर नहीं आ पाएंगे और उन्हें बिना वेतन के घर पर ही रहना होगा। ऐसा अनुमान है कि आठ लाख से ज्यादा संघीय कर्मी गैर हाजिर रहेंगे। केवल आवश्यक सेवाएं ही खुलेंगी।
• इससे पहले सरकार का कामकाज 2013 में बंद हुआ था। बजट प्रबंधन कार्यालय के निदेशक मिक मुल्वानी ने कहा, कोशिश की जा रही है कि यह कामबंदी 2013 की कामबंदी के मुकाबले कम असरकारी हो। मुल्वानी ने कहा, सेना अब भी काम करेगी, सीमाओं पर अब भी पहरेदारी होगी, दमकलकर्मी अब भी काम करेंगे और पार्क खुले रहेंगे। लेकिन इन सभी मामलों में लोगों को भुगतान नहीं किया जाएगा।
• अक्तूबर 2013 में हुई पिछली कामबंदी 16 दिन तक चली थी। इससे पहले की कामबंदी 21 दिन चली थी जो छह जनवरी 1996 को खत्म हुई थी। लेकिन हाल के इतिहास में यह पहली बार है जब कामबंदी ऐसे समय हुई है जब दोनों सदनों-प्रतिनिधि सभा और सीनेट और यहां तक कि व्हाइट हाउस भी एक ही पार्टी द्वारा नियंत्रित है।

2. रूस सामूहिक वैश्विक नेतृत्व का पक्षधर : लावरोव
• रूस के विदेशमंत्री सग्रेई लावरोव का कहना है कि उनका देश अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व के बजाए सामूहिक नेतृत्व का पक्षधर है।
• समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका ट्रंप प्रशासन के तहत प्रमुख मुद्दों पर वैश्विक नेतृत्व खो रहा है? लावरोव ने कहा, आज के विश्व में नेतृत्व केवल सामूहिक ही हो सकता है।
• उन्होंने कहा, साक्ष्य के तौर पर कई उदाहरण हैं। लावरोव ने आगे कहा, जी-20 समूह का गठन इस तय को दर्शाता है कि हमें विश्व के सभी क्षेत्रों के नेताओं का इस्तेमाल कर सामूहिक एजेंडे के सृजन की जरूरत है और यही एजेंडा आतंकवाद से निपटने पर भी लागू होता है।
• डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के प्रथम वर्ष में पुराने प्रशासन की विदेश नीतियों में बदलाव किया गया है। जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते से अमेरिका अलग हो गया है। वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से भी अलग होने की धमकी दे रहा है।
• ट्रंप प्रशासन ने कई देशों और संयुक्त राष्ट्र को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की है। हाल ही में अमेरिका ने लगभग 50 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को दी जाने वाली धनराशि रोक दी।
• इस्रइल की राजधानी के रूप में यरूशलम को मान्यता देने का ट्रंप का फैसला और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरूशलम ले जाने के फैसले से अंतर्राष्ट्रीय गतिरोध बढ़ा है। लावरोव ने शुक्रवार को कहा, लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि क्या अमेरिका की यह गतिविधियां अमेरिका के हितों के अनुरूप हैं।

3. विवाह के बाद जाति को नहीं बदला जा सकता
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सामान्य जाति की लड़की के दलित पुरु ष से विवाह करने पर उसे अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं दिया जा सकता। जाति जन्म के आधार पर तय होती है। विवाह के बाद जाति को नहीं बदला जा सकता। जस्टिस अरु ण मिश्रा और मोहन शांतानौगोदार की बेंच ने केन्द्रीय विद्यालय में हिंदी की अध्यापक के रूप में महिला की नियुक्ति को निरस्त कर दिया।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनीता सिंह ने जाटव समुदाय के वीर सिंह से विवाह किया था। सुनीता वैश्य जाति की थी, लेकिन विवाह के बाद उसने अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया और बुलंदशहर के जिला मजिस्ट्रेट ने नवम्बर 1991 में उसे अनुसूचित जाति का र्सटििफकेट जारी कर दिया। सुनीता की शैक्षणिक योग्यता और उसके जाति प्रमाण पत्र के आधार पर उसे पंजाब के पठानकोट में नौकरी मिल गई।
• केन्द्रीय विद्यालय में वह हिन्दी की पीजीटी नियुक्त हुई। अनुसूचित जाति के लिए तयशुदा आरक्षण का लाभ उसे मिला। दिसंबर 1993 में उसकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए। अध्यापन के दौरान सुनीता ने एमएड की डिग्री भी हासिल कर ली। नौकरी के 21 साल के बाद सुनीता के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। शिकायत में कहा गया कि वह अग्रवाल जाति की है।
• यह जाति सामान्य वर्ग में आती है, इसलिए एससी का प्रमाण पत्र फर्जी है। बुलंदशहर के सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच के बाद र्सटििफकेट गलत पाया। सिटी मजिस्ट्रेट ने जुलाई 2013 में केन्द्रीय विद्यालय के उपायुक्त को इसकी जानकारी दी। इसमें कहा गया कि जाटव जाति के आधार पर सुनीता को जारी जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है।
• सुनीता ने जिला मजिस्ट्रेट और मेरठ के आयुक्त से जाति प्रमाण पत्र बहाल करने की गुहार की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। केन्द्रीय विद्यालय ने भी मई 2015 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निस्संदेह जाति जन्म के आधार पर तय होती है। दलित वर्ग में शादी करने पर सामान्य वर्ग की महिला की जाति बदल नहीं सकती। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 21 साल तक के अध्यापन के बाद बर्खास्तगी के आदेश को ज्यादा सख्ती वाला कदम बताया। शीर्ष अदालत ने कहा कि सुनीता के हाईस्कूल प्रमाण पत्र और अंक तालिका में साफतौर पर उसकी जाति अग्रवाल दर्शाई गई है। इसके बावजूद केन्द्रीय विद्यालय ने उसे टीचर की नौकरी देते समय आपत्ति दर्ज नहीं की।
• सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए बर्खास्तगी के आदेश को जबरन सेवानिवृत्ति में तब्दील कर दिया।

4. ओएनजीसी ने एचपीसीएल को खरीदा
• सरकार पहली बार विनिवेश का लक्ष्य पार करती दिखाई दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी ओएनजीसी ने देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनी एचपीसीएल में सरकार की पूरी हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया है। 36,915 करोड़ रुपये का यह सौदा जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा।
• सौदा पूरा होने से इस साल का कुल विनिवेश 91,252.6 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा। बजट में इस साल विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था।1सौदे की शर्तो के मुताबिक, ओएनजीसी 473.97 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) के 77.8 करोड़ शेयर खरीदेगी। यह कीमत शुक्रवार को एचपीसीएल के बंद भाव से 14 फीसद ज्यादा है।
• पिछले 60 दिन के औसत शेयर मूल्य की तुलना में भी यह 10 फीसद अधिक है। सौदा पूरा होने के बाद एचपीसीएल में सरकार की मौजूदा 51.11 फीसद हिस्सेदारी ओएनजीसी के खाते में चली जाएगी। सरकार ने एचपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी के लिए एक लाख करोड़ रुपये की कीमत मांगी थी।
• सरकार का मानना था कि खुली बोली में एचपीसीएल के लिए इतना मूल्य आसानी से मिल जाएगा। हालांकि कड़ी सौदेबाजी के बाद ओएनजीसी सौदे को 36,915 करोड़ रुपये में तय करने में सफल रही। सौदा पूरी तरह नकद होगा। इसके लिए कंपनी छोटी अवधि के कर्ज उठाएगी।
• कंपनी के पास 12,000 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व भी है। ओएनजीसी के बोर्ड ने कर्ज की सीमा पहले के 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी भी दे दी है। कंपनी ने बताया कि कुछ घरेलू और विदेशी वित्तीय संस्थाओं से अधिग्रहण की राशि के दोगुने के बराबर कर्ज पर पहले की सहमति बनी हुई है।
• शुक्रवार को एचपीसीएल के शेयर 416.55 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए थे। इस आधार पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 63,475 करोड़ रुपये था। इसमें सरकार की 51.11 फीसद हिस्सेदारी का मूल्य 32,442 करोड़ रुपये था।

5. भारत बना ब्लाइंड विश्व कप क्रिकेट चैंपियन
• सुनील रमेश की 93 रन की बेहतरीन पारी के दम पर भारत ने एक बार फिर अपनी श्रेष्टता साबित करते हुए पाकिस्तान को शनिवार को रोमांचक संघर्ष में दो विकेट से हराकर ब्लाइंड विश्व कप क्रि केट टूर्नामेंट का खिताब बरकरार रखा।
• भारत ने टॉस जीतकर पहले फीलिं्डग करने का फैसला किया। पाकिस्तान ने 40 ओवर में आठ विकेट पर 308 रन का मजबूत स्कोर बनाया लेकिन भारत ने 38.2 ओवर में आठ विकेट पर 309 रन बनाकर खिताब अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुए खिताब जीता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *