12 February 2018(Monday)

1.UAE में ‘‘र्वल्ड गवर्नमेंट समिट’ में मोदी ने दिए 6 मंत्र, बोले—-अपनाइए और लीजिए आनंद
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर एक नए मंत्र से दुनिया को परिचित कराया। अलग-अलग शब्दों के पहले अक्षर को जोड़कर अपनी बात कहने में माहिर मोदी ने इस बार 6 आर का मंत्र दिया है। मोदी ने सतत विकास की अवधारणा के संदर्भ में कहा कि आज के समय में इस रास्ते पर छह आर महत्त्वपूर्ण कदम हैं।
• उन्होंने छह आर यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल, रिकवर, रीडिजाइन और रीमैन्युफैक्चर की बात की। पीएम ने कहा कि इन छह कदमों से हम जिस मंजिल पर पहुंचेंगे वह रिजॉइस यानी आनंद की होगी।
• पीएम मोदी ने कहा कि ‘‘र्वल्ड गवर्नमेंट समिट’ में मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाना न सिर्फ मेरे लिए बल्कि 125 करोड़ भारतीयों के लिए भी गर्व की बात है। यूएई में 33 लाख भारतीयों को अपनापन मिला है, इसके लिए भारत आपका कृतज्ञ है।
• प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई को दुनिया के लिए एक उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने एक रेगिस्तान को बदल दिया, यह चमत्कार है। पीएम ने कहा कि विकास के लिए तकनीक के इस्तेमाल में दुबई अपने आप में बेमिसाल है। आज दुबई आगे बढ़ रहा है तो उसके पीछे संकल्प है। यूएई ने सफल प्रयोगों को लैब तक सीमित नहीं रहने दिया गया।
• मोदी ने दुनियाभर में मिसाइल और बम बनाने में हो रहे भारी निवेश पर चिंता जताते हुये प्रौद्योगिकी के गलत इस्तेमाल के प्रति दुनिया को आगाह किया और कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विनाश के लिए नहीं बल्कि विकास के लिए होना चाहिए।मोदी ने कहा, सभी तरह के विकास के बावजूद भी अभी तक गरीबी और कुपोषण समाप्त नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर हम मिसाइल और बम के निर्माण में धन, वक्त और संसाधन का बड़ा हिस्सा लगा रहे हैं।
• हमें तकनीक का उपयोग विनाश के लिए नहीं बल्कि विकास के साधन के रूप में करना चाहिए।’ उन्होंने कुछ लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके साइबर जगत में अतिवाद फैलाने के प्रयासों पर भी चिंता जताई। इसके पीछे उनका इशारा जिहादियों द्वारा लोगों को भर्ती करने के लिए साइबर नेटवर्क का इस्तेमाल करने की तरफ था।मोदी ने जोर देते हुए कहा कि विकास एवं वृद्धि के बावजूद दुनिया की 9.5 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।
• आज कई बड़ी चुनौतियां गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, आवास और आपदा हमारे समाने हैं। ‘‘र्वल्ड गवर्नमेंट समिट’ के छठे संस्करण में भारत अतिथि देश के रूप में शामिल हुआ है, जिसमें 140 देशों के 4,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

2. निवेश आकर्षित करने में कर्नाटक सबसे आगे
• निवेशकों को रिझाने के मामले में दक्षिण-पश्चिम के धनाढ्य राज्यों की बादशाहत बरकरार है। वर्ष 2017 में कर्नाटक सर्वाधिक निवेश राशि के प्रस्ताव आकर्षित कर देश में शीर्ष पर उभरा है। उसने इस मामले में महाराष्ट्र और गुजरात को भी पछाड़ दिया है। हालांकि आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य बिहार का प्रदर्शन निवेश आकर्षित करने के मामले में फीका रहा है।
• वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में जनवरी से दिसंबर के दौरान देश में 3.95 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए। इनमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव अकेले कर्नाटक में आए। कुल प्रस्तावों में से 38 फीसद निवेश राशि के प्रस्ताव प्राप्त कर कर्नाटक इस मामले में पहले नंबर पर है।
• राज्य ने इस मामले में परंपरागत तौर पर निवेशकों की पसंद रहे गुजरात और महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ दिया है।
• डीआइपीपी के आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश और बिहार अब भी निवेशकों की पसंद नहीं बन पाए हैं।
• 2017 में उत्तर प्रदेश में मात्र 12,224 करोड़ रुपये के निवेश राशि के प्रस्ताव आए। यह देश में आए कुल निवेश प्रस्तावों का मात्र 3.09 प्रतिशत है। यह भी ध्यान देने की बात है कि 2016 के मुकाबले 2017 में यूपी की स्थिति बिगड़ी है। 2016 में यूपी में 13,722 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे।
• दरअसल, जब कोई गैर एमएसएमई यानी बड़ी कंपनी किसी प्रदेश में निवेश करने का प्रस्ताव करती है या इंडस्टियल एंटरप्रेन्योर मेमोरंडम फाइल कर उक्त राज्य में निवेश का इरादा जाहिर करती है, तो उसे निवेश प्रस्ताव माना जाता है। इसके आधार पर ही पता चलता है कि किसी वर्ष में देश में कुल निवेश राशि के कितने प्रस्ताव आए। साथ ही इससे निवेशकों के रुझान का पता चलता है। हालांकि इन निवेश प्रस्तावों में से वास्तविक रूप में किसी राज्य में कितनी राशि निवेश हुई, इसका पता आने वाले वर्षो में चलता है।
• निवेश आकर्षित करने में बिहार का प्रदर्शन भी बेहद निराशाजनक है। 2017 में बिहार में मात्र 469 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए, जो कुल प्रस्तावों की तुलना में मात्र 0.12 फीसद हैं। हालांकि झारखंड का इस मामले में प्रदर्शन यूपी और बिहार से बेहतर है। 2017 में झारखंड में 13,002 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए, जो कुल प्रस्तावों का 3.29 फीसद हैं।
• हरियाणा का प्रदर्शन भी पिछले साल निराशाजनक रहा। इस दौरान राज्य में मात्र 2,469 करोड़ रुपये के ही निवेश प्रस्ताव आए। इसी तरह उत्तराखंड में भी इस अवधि में मात्र 1,894 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए।

3. सीएसडब्ल्यूबी सदस्य बनने पर जा सकती है संसद सदस्यता
• कोई सांसद अगर केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड (सीएसडब्ल्यूबी) का सदस्य बनता है तो वह अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इसका मतलब है कि उसकी संसद सदस्यता जा सकती है। यह बात लाभ का पद मामले पर गठित संयुक्त संसदीय समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कही है।
• इस बारे में समिति ने विधि एवं न्याय मंत्रलय की राय का संज्ञान लिया है। मंत्रलय ने समिति के समक्ष राय जाहिर की थी कि केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड का सदस्य बनने वाले सांसद अयोग्य ठहराए जा सकते हैं। उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। संसद में हाल में पेश रिपोर्ट में समिति का कहना है, ‘सीएसडब्ल्यूबी की जनरल बॉडी (आम निकाय) में नामित होने वाले सांसद सदन की सदस्यता से हाथ धो सकते हैं।’
• लाभ का पद मामले पर गठित 15 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता कलराज मिश्र हैं। इस समिति के दस सदस्य लोकसभा एवं पांच राज्यसभा से हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के अंतर्गत कार्यरत केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड एक गैर लाभकारी धर्मार्थ संस्था के तौर पर पंजीकृत है।
• इसकी जनरल बॉडी (आम निकाय) में 56 सदस्य होते हैं। इनमें लोकसभा के दो और राज्य सभा के एक सदस्य भी शामिल हैं। इनका कार्यकाल तीन वर्षो के लिए होता है। बोर्ड के सदस्यों का मनोनयन केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है।

4. श्रीलंका में हुए निकाय चुनावों में राजपक्षे की पार्टी को भारी जीत
• श्रीलंका में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में पूर्व राष्ट्रपति महंिदूा राजपक्षे की पार्टी एसएलपीपी को रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल हुई है। देश में सत्तारूढ़ गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है। देश में 340 स्थानीय निकायों के गठन के लिए शनिवार को करीब डेढ़ करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया था।
• मतगणना के ताजा परिणामों के अनुसार राजपक्षे की श्रीलंका पीपुल्स पार्टी ने 909 सीटों पर कुल 7,03,117 वोट हासिल किए। जबकि यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) को 459 सीटों पर 4,69,986 वोट मिले। इन चुनावों में राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेन की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
• विक्रमसिंघे की पार्टी को महज 81 में से दस निकायों पर जीत हासिल हुई है। तमिल नेशनल एलायंस ने भी दस निकायों पर कब्जा किया है। निकाय चुनावों में मिली जीत के बाद राजपक्षे की वापसी की संभावनाओं को बल मिला है।
• 2015 के राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता राजपक्षे के हाथ से निकल गई थी। दो बार देश के राष्ट्रपति रहे राजपक्षे को इस चुनाव में सिंहल बौद्ध समुदाय का भारी समर्थन मिला।

5. नहीं रहीं पाक सेना को आईना दिखाने वालीं असमा जहांगीर
• पाकिस्तान की वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता असमा जहांगीर का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 66 साल की थीं। जहांगीर हमेशा से पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के खिलाफ मुखर रहीं। उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका के खिलाफ आवाज उठाई।
• जहांगीर पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के संस्थापक सदस्यों में थीं। वह आयोग की अध्यक्ष भी रहीं। जिया उल हक के सैन्य शासन के समय उन्होंने लोकतंत्र की स्थापना के लिए आंदोलन किया था। इस कारण 1983 में उन्हें जेल भी हुई।
• उन्होंने इफ्तेखार चौधरी को पाकिस्तान का मुख्य न्यायाधीश बनाने के लिए चलाए गए वकीलों के आंदोलन में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था।
• मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1992 में उन्हें अमेरिकन बार एसोसिएशन इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स अवार्ड से नवाजा गया था।
• उन्हें 1995 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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