13 February 2018(Tuesday)

 

1.ओमान में मोदी ने दिया निवेश का न्योता
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाड़ी और पश्चिमी एशिया क्षेत्र के उद्यमियों को भारत में निवेश का न्योता दिया है। सोमवार को यहां आयोजित भारत-ओमान व्यापार बैठक में भारत को व्यापार के लिहाज से अनुकूल स्थान के रूप में पेश किया।
• लगभग 50 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का इरादा भारत को वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाना है। हम भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके लिए जरूरी आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं।
• उन्होंने कहा कि भारत एक ज्ञान आधारित समाज के तौर पर विकसित हो रहा है, जहां पर ओमानी कारोबारियों के लिए पर्याप्त अवसर हैं। उन्होंने अपनी सरकार के दौरान कुछ प्रमुख आर्थिक सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्लोबल स्टार्टअप इंडेक्स में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
• तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में रविवार शाम यहां पहुंचे थे। उन्होंने ओमान के अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सहयोग मामलों के लिए उप प्रधानमंत्री सैयद असद बिन तारिक अल सईद से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि दोनों नेताओं ने पारस्परिक हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।
• कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि चार दिन में चार देशों की यात्रा ने खाड़ी देशों और पश्चिम एशिया में हमारी पैठ को मजबूत किया है। इससे पहले रविवार को वे ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद अल सईद से भी मिले थे। इस दौरान उन्होंने ओमान के विकास में भारतीय विशेषज्ञों के योगदान की सराहना की थी।

2. जब खुद नहीं, तो दूसरों को कैसे लड़ा सकते हैं चुनाव : सुप्रीम कोर्ट
• सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया व्यक्ति सांसद या विधायक नहीं हो सकता तो वह राजनीतिक दल का पदाधिकारी कैसे हो सकता है। राजनीति के अपराधीकरण से बचने के लिए राजनीतिक दल को भी शुचिता दिखानी होगी।
• इस मामले में आने वाले समय में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला पर गाज गिर सकती है।सुप्रीम कोर्ट एक जनिहत याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें दोषियों पर राजनीतिक दल बनाने तथा उसमें पदाधिकारी बनने से तब तक रोक लगाने का अनुरोध किया गया था जब तक वे चुनाव संबंधी कानून के तहत अयोग्य हैं।
• चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अजय खानिवलकर और धनंजय चंद्रचूड की बेंच ने कहा कि कोई दोषी व्यक्ति किसी राजनीतिक पार्टी का पदाधिकारी कैसे हो सकता है और वह चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों का चयन कैसे कर सकता है। यह हमारे उस फैसले के खिलाफ जाता है जिसमें कहा गया था कि चुनावों की शुचिता से राजनीति के भ्रष्टाचार को हटाया जाना चाहिए।
• अदालत ने कहा कि कानूनी मूल सवाल यह है कि दोषी ठहराए जाने के बाद कोई नेता चुनावी राजनीति से प्रतिबंधित है लेकिन पार्टी का पदाधिकारी होने के नाते वह एजेंटों के जरिए चुनाव लड़ सकता है। अदालत ने सवाल किया कि क्या ऐसा है कि जो आप व्यक्तिगत रूप सें नहीं कर सके, उसे आप अपने एजेंटों के जरिए सामूहिक रूप से कर सकते हैं।
• अदालत ने कहा कि सवाल यह है कि क्या ऐसे लोग कोई राजनीतिक दल बनाकर अन्य के जरिए चुनाव लड़ सकते हैं। केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि वह याचिका का जवाब दायर करेंगी और उन्होंने इसके लिए दो हफ्ते का समय मांगा जिसे अनुमति दे दी गई।
• अदालत भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनिहत याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें दोषियों के राजनीतिक दल बनाने और अयोग्यता की अवधि के दौरान पदाधिकारी बनने पर रोक का अनुरोध किया गया है।

3. नई न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति से बढ़ेगी महंगाई : एसोचैम की रपट:-
• बजट में किसानों को अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की घोषणा करने से महंगाई बढ़ने की आशंका है, ऐसे में सरकार को किसानों और ग्राहकों के हितों को साधने के लिए संभलकर चलने की जरूरत है।
• यह बात यहां एसोचैम ने कही।आम बजट 2018-19 में सरकार ने फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को फसल उत्पादन की लागत से 50% अधिक पर तय करने का प्रस्ताव किया है।
• एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जजोदिया ने कहा, ‘‘बजट में कृषि क्षेत्र पर बहुत अधिक ध्यान दिए जाने से ग्रामीण स्तर पर उम्मीदें बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय बहस के ग्रामीण भारत की समस्याओं के ओर मुड़ जाने के अलावा सरकार के सामने न्यूनतम समर्थन मूल्य को तय करने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है जो सरकार के वादे के अनुरूप नहीं प्रतीत होती है।’
• उन्होंने कहा कि मीडिया में कृषि-अर्थशास्त्रियों और किसान संगठनों के बीच लागत तय करने के मुद्दे पर कई तरह से बहस हुई है। इसका सीधा प्रभाव खुदरा मुद्रास्फीति पर दबाव के रूप में दिख रहा है। उधर आरबीआई ने अपनी ऋण नीति में कहा है कि इस मुद्दे पर वह अपनी नजर बनाए हुए है।

4. बिजलीघरों को आसानी से मिलेगा कोयला
• सरकार ने बिजलीघरों के लिए कोयले की आपूर्ति आसान बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाने का निर्णय किया है। इसमें अलग रेल परिवहन व्यवस्था तथा कोयला खदानों से 500 किलोमीटर के भीतर ही बिजली परियोजनाओं को लगाना शामिल हैं।
• सूत्रों ने यह जानकारी दी।एक सूत्र ने कहा कि बिजली मंत्री आरकेंिसह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का फैसला किया गया है। बैठक में अलग रेल परिवहन व्यवस्था के अलावा यह भी फैसला किया गया कि कोयला खानों के मुहाने से 20 किलोमीटर की दूरी के दायरे में आने वाले संयंत्र दो साल के भीतर ‘‘एलिवेटेड क्लोज्ड कन्वेयर्स बेल्ट’ का निर्माण करेंगे।
• यह बैठक जनवरी के अंतिम सप्ताह में हुई।

5. बुजुर्गो की देखभाल को सरकार बदलेगी नीति
• युवाओं के साथ सरकार का फोकस बुजुर्गों पर भी है। वह इस अवस्था में उनके साथ खड़ी दिखना चाहती है। उनकी सेहत से लेकर उनके खाने-पीने तक की सारी सुविधाओं को लेकर फिक्रमंद है। इसके लिए वह जल्द ही वृद्धजनों के लिए बनाई गई मौजूदा नीति में बदलाव की में है। इसके तहत जो बड़े बदलाव सामने आ सकते है, उनमें वृद्धजनों के आश्रमों को अपग्रेड करना और उन्हें मेडिकल सुविधा से लैस करने जैसी योजनाएं शामिल है।
• प्रत्येक वृद्धाश्रम में डॉक्टरों की तैनाती अनिवार्य हो सकती है। राज्य और जिला स्तर पर एक बड़ा आदर्श वृद्धाश्रम भी खोला जा सकता है।
• सरकार ने वरिष्ठजनों के लिए तैयार होने वाली नई नीति को लेकर सभी राज्यों से राय मांगी है। इनमें राज्यों से पूछा गया है कि वृद्धजनों को अच्छा जीवन देने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते है? साथ ही सभी राज्यों से बुजुर्गो की संख्या और उनकी मौजूदगी का भी ब्योरा मांगा गया है।
• सरकार का मानना है कि जिस तरीके से तेजी से सामाजिक परिवेश बदल रहा है, उसमें बुजुर्गो को बेहतर जीवन देना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में इसके लिए पहले से करनी होगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय ने फिलहाल पुरानी नीति राष्ट्रीय वृद्धजन का नाम बदलकर राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक नीति कर दिया है।
• नई नीति में जिन विषयों की प्रमुखता रहेगी, उनमें वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े मुद्दों को मुख्यधारा में लाना, समावेशी बाधायुक्त तथा वृद्धावस्था अनुकूल वातावरण को सृजित करना, बढती उम्र के साथ होने वाली परेशानियों को चिन्हित करने, स्वास्थ्य की देखभाल, वरिष्ठ नागरिकों को र्दुव्यथवहार तथा शोषण से संरक्षित करना, आश्रय और वित्तीय स्वतंत्रता आदि शामिल है।
• अधिकारियों के मुताबिक , इस नीति के तहत उनका सबसे ज्यादा फोकस वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और आश्रय को लेकर है। इसके लिए वह सभी वृद्धाश्रम में डॉक्टरों की तैनाती जैसी नीति पर भी काम कर रहे है। ताकि उनका रुटीन स्वास्थ्य परीक्षण होता रहे और उन्हें जरूरी दवाएं मिलती रहे। मौजूदा समय में देश के ज्यादा वृद्धाश्रम इस सुविधा से वंचित हैं।

6. औद्योगिक उत्पादन में जबर्दस्त उछाल
• आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए राहत की खबर है। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन की बदौलत औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में जबर्दस्त उछाल आया है। वहीं, दलहन, सब्जियों व फलों के भाव में नरमी से जनवरी में खुदरा महंगाई दर कम होकर 5.07 फीसद के स्तर पर आ गई है। हालांकि खुदरा महंगाई की दर शहर की अपेक्षा गांव में अधिक है।
• केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार चालू वित्त वर्ष में दिसंबर में आइआइपी में 7.1 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में इसमें 2.4 फीसद की वृद्धि हुई थी। सीएसओ ने चालू वित्त वर्ष के नवंबर महीने के लिए भी आइआइपी के वृद्धि के आंकड़े को संशोधित कर 8.8 फीसद कर दिया है। पहले यह आंकड़ा 8.4 फीसद था।
• दरअसल दिसंबर में आइआइपी में उछाल की मुख्य वजह मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का शानदार प्रदर्शन है, जिसने 8.4 फीसद की वृद्धि दर्ज की। दिसंबर, 2016 में यह आंकड़ा मात्र 0.6 फीसद था। यह क्षेत्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आइआइपी में इसका 77.63 फीसद योगदान होता है। इसलिए मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन घटने या बढ़ने का आइआइपी पर असर पड़ता है।
• खास बात यह है कि इस साल दिसंबर में कैपिटल गुड्स में शानदार 16.4 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समीक्षाधीन अवधि में इसमें 6.2 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। कैपिटल गुड्स को निवेश का सूचक माना जाता है। इसलिए इसमें वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है। इसी तरह कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स गुड्स में भी पिछले वित्त वर्ष के दिसंबर में 0.2 फीसद की गिरावट के मुकाबले इस साल दिसंबर में 16.5 फीसद वृद्धि हुई है।
• इस श्रेणी में अधिकांशत: एफएमसीजी यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स शामिल हैं। हालांकि दिसंबर, 2017 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में मात्र 0.9 फीसद की वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर दिसंबर, 2017 में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के 23 में से 16 उद्योगों में वृद्धि दर पिछले साल के मुकाबले सकारात्मक रही है।

7. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का निजीकरण करना चाहता है ट्रंप प्रशासन
• अमेरिकी सरकार पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) का निजीकरण करना चाहती है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक आइएसएस को लेकर बढ़ते खर्च के कारण ट्रंप प्रशासन अगले कुछ वर्षो में इसका संचालन निजी कंपनी को सौंपने का इच्छुक है। इस स्टेशन की लांचिंग से लेकर अब तक अमेरिका करीब 100 अरब डॉलर (करीब 6.4 लाख करोड़ रुपये) खर्च कर चुका है।
• अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय अभियानों के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने रूस की एजेंसी रॉसकॉसमॉस के साथ मिलकर 1998 में आइएसएस की स्थापना की थी। कनाडा और जापान के साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने भी इसमें मदद की थी। अमेरिका की 2025 तक इसके निजीकरण की योजना है।
• अमेरिकी अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में नासा के दस्तावेजों के हवाले से कहा गया है, ‘अगले कुछ वर्षो में नासा आइएसएस की अंतरराष्ट्रीय और व्यावसायिक साङोदारी बढ़ाएगा।’ 2019 में आइएसएस पर 15 करोड़ डॉलर (करीब 964 करोड़ रुपये) खर्च होने का अनुमान है।
• माना जा रहा है कि ट्रंप सरकार की इस योजना को कड़ी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। वैसे पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल (2001 से 2009) के दौरान ही अमेरिका आइएसएस से जुड़े विभिन्न अभियानों में मदद के लिए स्पेस एक्स सरीखी निजी कंपनियों से समझौता कर चुका है।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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