04 March 2018(Sunday)

1.आपसी सहयोग बढ़ाएंगे भारत-वियतनाम
• भारत और वियतनाम ने शनिवार को एक सक्षम और नियम आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ खुले और समृद्ध भारत- प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने का संकल्प जताया। इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य विस्तार के लिए एक अहम संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दाई क्वांग के बीच व्यापक बातचीत के बाद दोनों रणनीतिक भागीदारों ने तेल और गैस खोज क्षेत्र में आपसी संबंध बढ़ाने के साथ ही परमाणु ऊर्जा, व्यापार एवं कृषि क्षेत्र में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने एक खुली, सक्षम और नियम अधारित क्षेत्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही समुद्री क्षेत्र में सहयोग आगे बढ़ाने पर जोर दिया है।
• वियतनाम के राष्ट्रपति की उपस्थिति में मोदी ने कहा, हम मिलकर एक खुले, स्वतंत्र और समृद्ध भारत- प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करेंगे जिसमें संप्रभुत्ता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान होगा और जहां मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
• दक्षिण चीन सागर को लेकर चल रहे विवाद का स्पष्ट तौर पर संदर्भ देते हुए वियतनाम के राष्ट्रपति ने कहा कि वह आसियान देशों के साथ भारत के बहुआयामी संपर्क का समर्थन करता है और इस बात पर जोर देता है कि क्षेत्र में नौवहन और आकाश में उड़ान का आजादी होनी चाहिए। किसी भी विवाद का हल शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।

2. चीन ने उ. कोरिया को लेकर अमेरिकी प्रस्ताव पर लगाई रोक
• चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में उत्तर कोरिया को लेकर पेश किये गये एक अमेरिकी प्रस्ताव को रोक दिया है। इस प्रस्ताव में उत्तर कोरिया पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले 33 जहाजों, 27 शि¨पग कंपनियों और ताइवान के एक व्यक्ति को सुरक्षा परिषद की काली सूची में डालने की मांग की गई है।
• अमेरिका ने सुरक्षा परिषद समिति के समक्ष एक सप्ताह पहले यह अनुरोध किया था। इसका उद्देश्य तेल खरीदने और कोयला बेचने के लिए जारी उत्तर कोरिया की अवैध समुद्री तस्करी गतिविधियों को बंद करना है। अमेरिका ने परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए उसके खिलाफ सबसे बड़े एकतरफा प्रतिबंधों को लगाया है।
• अमेरिकी प्रस्ताव को रोकने के लिए चीन ने कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया है। आम तौर पर ऐसी रोक तब लगाई जाती है जब सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य प्रस्ताव के संबंध में अधिक विस्तृत जानकारी मांगे। इस प्रकार की रोक हटाई जा सकती है।

3. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को संयुक्त राष्ट्र ने दी मान्यता
• अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता प्रदान कर दी है। अब संगठन का कामकाज और तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही इसके दायरे में आने वाले देश तेजी से सदस्य बनने के लिए आगे आएंगे।1फ्रांस की राजधानी पेरिस में 30 नवंबर 2015 को आइएसए अस्तित्व में आया था। इस संगठन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कर्क एवं मकर रेखा के बीच आने वाले राष्ट्रों को एक मंच पर लाना है।
• ऐसे राष्ट्रों की संख्या 122 है। इनमें से अब तक 58 देश आइएसए के सदस्य बन चुके हैं। गत 9 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलने के बाद उम्मीद है कि अन्य देश जो कि अब तक सदस्य नहीं बने हैं, वे सदस्य बनने के लिए तेजी से आगे आएंगे। अब आइएसए द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को लागू कराना भी आसान हो जाएगा।
• यदि दो देशों के बीच किसी भी विषय को लेकर विवाद होगा तो मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय तक में ले जाया जा सकेगा। विश्व बैंक सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तेजी से आगे आएगा।
• सम्मेलन के बाद और तेज होंगी गतिविधियां : अगले सप्ताह 11 मार्च को दिल्ली में आइएसए के सदस्य देशों का सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें सभी 58 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सभी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल अपने प्रयासों की जानकारी देंगे बल्कि आगामी वर्षो में क्या कुछ विशेष करने वाले हैं, इस बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। आइएसए सचिवालय की ओर से बनाई योजनाओं की जानकारी भी सम्मेलन में रखी जाएगी।
• बता दें कि फिलहाल आइएसए का सचिवालय गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान के सूर्य भवन में संचालित हो रहा है। इसी संस्थान के परिसर में सचिवालय का निर्माण होना है।

4. एच-1बी वीजाधारकों की पत्नी या पति को काम की अनुमति पर फैसला टाला
• अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजाधारकों की पत्नी या पति को काम करने की इजाजत को खत्म करने के फैसले को जून तक टाल दिया है। इससे बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवरों और उनके परिजनों को राहत मिली है। 1अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने इस हफ्ते कोर्ट में दिए बयान में कहा कि वह जून तक इस मामले में फैसला नहीं करेगा। इस फैसले से पड़ने वाले आर्थिक असर की समीक्षा के लिए समय की जरूरत है।
• डीएचएस ने इस मामले में फैसला करने के लिए पहले 28 फरवरी की तारीख तय की थी। गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों की पत्नी या पति को साल 2015 से एच-4 वीजा के तहत काम करने की अनुमति मिली है। पूर्व के ओबामा प्रशासन ने यह नियम बनाया था। लेकिन ट्रंप प्रशासन की इसे खत्म करने की योजना है।
• डीएचएस ने कोर्ट से कहा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) ने इस नियम की पुनर्समीक्षा की और मसौदा प्रस्ताव में महत्वपूर्ण संशोधन की जरूरत बताई। संशोधन में आर्थिक विश्लेषण की जरूरत होगी जिसमें कई हफ्ते लगेंगे। इसलिए प्रस्तावित नियम बनाने संबंधी नोटिस (एनपीआरएम) फरवरी में जारी नहीं हो सकता।
• इस मामले में फैसला चार महीना टलने से एच-1बी वीजाधारकों की पत्नी या पति को अस्थायी राहत मिली है। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर हैं। बता दें कि एच-4 वीजा के समर्थन में ऑनलाइन अभियान चलाया गया है जिसमें अमेरिकी संसद से इसे रद होने से रोकने की अपील की गई है।

5. जलवायु परिवर्तन से तेजी से बढ़ रहा समुद्र का स्तर
• वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इसके कुछ घातक परिणाम अभी देखे जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिक भविष्य में इनके बुरे परिणामों के बढ़ने की आशंका जता रहे हैं। इस संबंध में किए गए एक अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के कारण विकट स्थिति पैदा होने की चेतावनी दी है।
• नासा द्वारा किए अध्ययन में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप समुद्र का स्तर वर्ष 2100 तक दो गुना बढ़ सकता है। यह वृद्धि अभी तक लगाए गए पूर्वानुमान से अधिक है।1नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अगले 80 सालों में समुद्र के स्तर में 65 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि तटीय शहरों में महत्वपूर्ण समस्याओं का कारण बन सकती है।
• नासा सागर स्तर परिवर्तन टीम का नेतृत्व कर रहे कोलोराडो-बोल्डर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर स्टीव नेरेम के मुताबिक, यह लगभग निश्चित रूप से एक रूढ़िवादी अनुमान है, जो इस अध्ययन को प्रेरित करता था। यह वृद्धि मुख्य रूप से ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से होगी। यह निष्कर्ष नासा और यूरोपीय उपग्रह डेटा के 25 वषों पर आधारित है। बकौल स्टीव, हमारे अनुमान के मुताबिक, भविष्य में समुद्र के स्तर में बदलाव जारी रहेगा क्योंकि पिछले 25 सालों से यह बढ़ रहा है।
• स्टीव के मुताबिक, पृथ्वी के वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों से वायु और पानी के तापमान में वृद्धि होती है, जो समुद्र के स्तर को दो तरीकों से बढ़ने का कारण बनता है। सबसे पहले, गर्म पानी फैलता है। इसके चलते महासागर के इस थर्मल विस्तार ने पिछले 25 वषों में वैश्विक औसत समुद्र के स्तर में वृद्धि के सात सेंटीमीटर का योगदान दिया है। दूसरा, भूमि की बर्फ पिघलने से पानी समुद्र में बहता है, जो दुनिया भर में समुद्र के स्तर को भी बढ़ाता है।

6. पुतिन की घोषणा से खतरा बढ़ा
• फ्लोरिडा पर परमाणु शस्त्रों की बौछार दर्शाते वीडियो सिम्यूलेशन के सामने खड़े होकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि मॉस्को अमेरिकी आक्रामकता का जवाब देने को तैयार है। उन्होंने बताया चार अन्य परमाणु शस्त्र बन रहे हैं, जो अमेरिकी रक्षा कवच को निरर्थक बना देंगे।
• यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के स्टेट ऑफ द यूनियन भाषण का जवाब है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी परमाणु हथियारों को ‘आधुनिक और पुनर्निर्मित’ करने का आह्वान किया था। पुतिन की घोषणा का इससे खराब समय नहीं हो सकता था। दोनों देश सीरिया और पूर्वी यूरोप के कई अस्थिर क्षेत्रों में आमने-सामने हैं, जहां जोखिम के जरा गलत आकलन का नतीजा सीधे संघर्ष में हो सकता है।
• मई 2016 तक यूरोप में नाटो बलों के कमांडर रहे अमेरिकी वायुसेना के जनरल फिलिप ब्रीडलव कहते हैं कि अब स्थिति बिगड़ने के मौके बढ़ते जा रहे हैं। शीतयुद्ध के दिनों में दोनों देशों के बीच बहुत सारी संधियां थीं ताकि गलत नतीजा निकलने से बचा जा सके और संवाद के चैनल हमेशा खुले रहे।
• यूरोप में परम्परागत शस्त्रों संबंधी संधि, गहरे समुद्र व उसके ऊपर घटनाओं की रोक, खतरनाक सैन्य गतिविधियां रोकने की संधि जैसी कई संधियों का अब वजूद नहीं है।
• रूस और अमेरिका के बीच संवाद तब से और सीमित हो गया है जब से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता लगा कि रूस 2016 के अमेरिकी चुनाव में दखल देने के लिए कई स्तरों पर लगा हुआ था।
• 2014 में क्रिमिया पर रूस के कब्जे के बाद अमेरिकी कांग्रेस ने नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट के तहत एक प्रावधान पारित किया, जिससे रूस के साथ मिलकर काम करने की अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की क्षमता सीमित हो गई। जाहिर है शांति के लिए खतरा बढ़ा है।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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