20 March 2018(Tuesday)

1.अमेरिका फर्स्ट के मुकाबले भारत का ‘मेक इन इंडिया’ के पक्ष में अभियान : डब्ल्यूटीओ के 50 सदस्य देशों की बैठक दिल्ली में शुरू हुई
• विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत ने मेक इन इंडिया बनाम अमेरिका फर्स्ट की लड़ाई जीतने के लिए लामबंदी शुरू कर दी है। अमेरिका अपने पक्ष में डब्ल्यूटीओ के नियमों को लाना चाहता है। ताकि भारत को ई-कॉमर्स मसले पर बातचीत के लिए तैयार किया जा सके। इसलिए भारत ने अपने पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए डब्ल्यूटीओ के लगभग 50 सदस्य देशों की दो दिवसीय अनौपचारिक बैठक दिल्ली में बुलाई है।
• अमेरिका डब्ल्यूटीओ के डिस्प्यूट सेटलमेंट सिस्टम को भी समाप्त करना चाहता है। ताकि भारत व अन्य विकासशील राष्ट्र विकसित देश फैसले को चुनौती नहीं दे सके। यह आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका खुद को डब्ल्यूटीओ से बाहर कर सकता है। सूत्रों ने बताया कि बैठक का तय एजेंडा नहीं है, भारत अपने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को अमेरिका फर्स्ट के सामने मजबूती से खड़ा करने की कोशिश करेगा।
सदस्यों को ईमानदार बातचीत की जरूरत: अवेजेदो

• महानिदेशक रोबेर्टो अवेजेदो ने बताया कि डब्ल्यूटीओ के बाहर व भीतर दोनों जगहों पर चुनौतियां हैं। अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है और उसमें सुधार की मांग की है। वर्तमान में वैश्विक कारोबारी माहौल जोखिम भरा हो गया है। ऐसे में कारोबारी संगठन के सदस्यों को खुले दिमाग से ईमानदारी पूर्वक बातचीत करने की जरूरत है। इस दौरान डिस्प्यूट सेटलमेंट सिस्टम की रुकावट को भी दूर करने का प्रयास होगा।
रोबेर्टो अवेजेदोअप
ई-काॅमर्स में बातचीत आगे बढ़ाना चाहता है अमेरिका

• अमेरिका अब भारत पर ई-कामर्स को लेकर डब्ल्यूटीओ के प्लेटफार्म पर बातचीत चाहता है। इसकी वजह है कि एक बार भारत ई-कॉमर्स पर बातचीत शुरू कर देगा तो कुछ समझौते हो ही जाएंगे। डब्ल्यूटीओ विशेषज्ञ अश्विनी महाजन कहते हैं, एक बार ई-कॉमर्स को लेकर डब्ल्यूटीओ में नियम बन गए तो घरेलू नियम बेकार हो जाएंगे। अमेरिका यही चाहता है। क्योंकि तब विदेशी ई-कामर्स कंपनियां बिना शुल्क के भारत में सामान भेज पाएंगी और भारत का मेक इन इंडिया कार्यक्रम प्रभावित होगा।
भारत फूड सब्सिडी को जारी रखने की कोशिश करेगा

• वाणिज्य मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत इस औनपचारिक बैठक में शामिल देशों को फूड सब्सिडी कार्यक्रम को जारी रखने के लिए लामबंद करेगा क्योंकि यह मसला भारत के साथ सभी विकासशील देशों का है। मंत्रालय के मुताबिक भारत सस्ते दामों पर खाद्य पदार्थों की खरीदारी व किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी से समझौता नहीं कर सकता है। इस बैठक में भारत की निर्यात सब्सिडी स्कीम को जो चुनौती दी गई है, उस मसले पर भी आमंत्रित देशों के बीच बातचीत होगी।
हम इसलिए खास

• टॉप 7 सदस्यों में शामिल है भारत
• डब्ल्यूटीओ की स्थापना से अब तक भारत अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए इसकी 176 डिस्प्यूट सैटलमेंट प्रोसिंडिंग्स में भाग ले चुका है। इस लिहाज से वह इसके टॉप-7 सदस्यों में से एक हैं। जबकि अन्य में अमेरिका (393), यूरोपियन यूनियन (260), जापान (212), चीन (196), कनाडा (182) वें क्रम पर हैं।
• यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के मुताबिक अमेरिका के जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 1% है। जबकि रोजगार में 2% से कम है। वहीं, भारत की जीडीपी में कृषि की 17% रोजगार में 50% हिस्सेदारी है।
• भारत की जीडीपी में अंतर राष्ट्रीय व्यापार की 20% की हिस्सेदारी है। देश में 65 करोड़ लोग कृषि पर निर्भर हैं। इनमें से कई छोटे किसान हैं।

2. रूस में पुतिन की सबसे बड़ी जीत
• रूस में राष्ट्रपति चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद व्लादिमीर पुतिन का फिर से छह साल के लिए सत्ता में काबिज रहना सोमवार को तय हो गया। अभी तक केवल करीबी सहयोगियों ने पुतिन को इस जीत पर बधाई दी है क्योंकि हाल में पश्चिम के साथ रूस के रिश्तों में गिरावट आई है।
• करीब दो दशक से रूस पर शासन कर रहे पुतिन ने 76.67 प्रतिशत मतों के साथ अब तक का सबसे शानदार चुनावी प्रदर्शन किया है। हालांकि उन्होंने अनिश्चितकाल तक सत्ता में बने रहने की संभावना को खारिज कर दिया। बहरहाल, विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। पुतिन अब कम से कम वर्ष 2024 तक सत्ता में बने रहेंगे और वह स्टालिन के बाद देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले नेता बन गए हैं। हालांकि उन्होंने आजीवन राष्ट्रपति बने रहने की संभावना को खारिज कर दिया।
• उन्होंने वर्ष 2030 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बारे में एक सवाल पर रविवार रात कहा, मेरी सुनिए। आप जो कह रहे हैं वह मुझे थोड़ा हास्यास्पद लग रहा है। उन्होंने कहा, क्या मैं 100 साल का होने तक गद्दी पर बैठे रहने जा रहा हूं? नहीं।’ पुतिन के खिलाफ सात उम्मीदवार खड़े हुए थे।
• पुतिन ने एग्जिट पोल आने के बाद क्रेमलिन के सामने चौराहे पर समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, मैं इस परिणाम को हमारे लोगों के विास और उम्मीद के तौर पर देखता हूं। अधिकारियों ने इन चुनावों में मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए हर हथकंडा अपनाया और 67 फीसदी से ज्यादा लोगों ने वोट डाला।
• केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, 99.8 फीसदी मतपत्रों की गिनती हो चुकी है और पुतिन ने 76.67 फीसदी वोट हासिल किए हैं। उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन को11.79 फीसदी वोट मिले हैं।
• ग्रुडिनिन ने चुनावों में ‘‘बेईमानी’ का आरोप लगाया है। वर्ष 2000 में पहली बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से पुतिन ने दुनिया में सबसे बड़े देश के कामकाज को अपने नियंतण्रमें ले लिया।

3. भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार तीस अरब डॉलर होगा
• भारत व रूस के बीच वर्ष 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डालर तक पहुंच जाएगा। दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर सामने आ रही समस्याओं को सुलझाने के लिए एक अंत: सरकारी समूह का गठन भी किया गया है।
• रूस के आर्थिक विकास मंत्री एलेक्सी ग्रुजदेव ने यह जानकारी दी।उद्योग व वाणिज्य संगठन फिक्की द्वारा सोमवार को आयोजित एक र्चचा के दौरान देश के उद्यमियों को संबोधित करते हुए रूस के आर्थिक विकास मंत्री एजेक्सी ग्रूजदेव ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की रणनीति पर र्चचा की।
• उन्होंने कहा, वर्तमान में भारत व रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 7.5 मिलियन डालर है जिसे 2025 तक 30 बिलियन डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की बाधाओं की पहचान करने के लिए अंतर-सरकारी समूह के तहत एक विशेष समूह का गठन किया गया है।
• उन्होंने कहा, पिछले वर्ष व्यापार में हुई 21.5 फीसद वृद्धि को और बढ़ाने के लिए दोनों सरकारों द्वारा व्यापार में बाधाओं को दूर करने के लिए उच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा, रूसी और भारतीय अर्थव्यवस्थाएं कृषि, मशीन निर्माण और ऊर्जा क्षेत्रों सहित कई क्षेत्रों में पूरक हैं।
• द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर हम इस वर्ष ध्यान देंगे। उन्होंने कहा, स्टार्टअप कंपनियां तथा लघु उद्योग इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
• केंद्रीय विदेश मंत्रालय में इकनॉमी डिप्लोमैसी डिविजन के संयुक्त सचिव विनोद जैकब ने कहा, द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राज्यों व रूसी क्षेत्रों में आपसी सामंजस्य, कनेंक्टीविटी मे साथ साथ ऊर्जा क्षेत्र रक्षा, सुरक्षा के साथ साथ उच्च तकनीकी सहयोग की जरूरत है।

4. भारत तथा फ्रांस की नौसेनाओं के बीच ‘‘वरूणा‘‘ युद्धाभ्यास
• भारत और फ्रांस की नौसेनाएं अरब सागर, बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिणी पश्चिमी हिन्द महासागर में पिछले पांच दिनों से एक-दूसरे के साथ रण कौशल और अनुभवों को साझा कर रही हैं।दोनों नौसेनाओं के बीच संयुक्त समुद्री अभ्यास का आयोजन मई 1993 से किया जा रहा है। वर्ष 2001 में इसे वरूणा का नाम दिया गया। इसके बाद से अब तक इस तरह के 15 अभ्यास हो चुके हैं।
• दोनों के बीच अंतिम संयुक्त अभ्यास फ्रांस में अप्रैल 2017 में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इनेमुएल मैक्रों ने गत 10 मार्च को ही संयुक्त वक्तव्य में कहा था कि दोनों देशों की नौसेना परस्पर सहयोग बढाने के लिए संयुक्त अभ्यास के सिलसिले को जारी रखेंगी।
• यह अभ्यास 15 मार्च से अरब सागर में शुरू हुआ था और इसका बंदरगाह चरण सोमवार को पूरा हो गया जबकि समुद्री चरण 20 से 24 मार्च तक होगा। इस अभ्यास में फ्रांस की पनडुब्बी और युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं।

5. उत्तर कोरिया शिखर वार्ता से पहले अमेरिका, द. कोरिया और जापान के एनएसए मिले
• उत्तर कोरिया के साथ शिखर वार्ता से पहले अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) ने बैठक की। इस दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा की गई। बैठक उत्तर कोरिया के साथ दक्षिण और अमेरिका की प्रस्तावित वार्ता को लेकर एशिया, अमेरिका और यूरोप में चल रही राजनयिक गतिविधियों का हिस्सा है।
• दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति भवन कार्यालय के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के एनएसए यूई-योंग ने अपने अमेरिकी समकक्ष एचआर मैकमास्टर और जापानी समकक्ष शोतारो याची से मुलाकात की। उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन और उत्तर के नेता किम जोंग-उन तथा किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शिखर वार्ता को लेकर चर्चा की।
• उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि पिछली गलतियां नहीं दोहराई जाएं। इस मामले में वे मिलकर काम करेंगे। सप्ताहांत में हुई इस बैठक से शिखर वार्ता की तैयारियों में मदद मिल सकती है। गौरतलब है कि मून-किम वार्ता अप्रैल के अंत में और किम-ट्रंप वार्ता मई में होने की संभावना है।
• विदेश मंत्रियों के बीच हुई तीन दिवसीय वार्ता : इस बीच अमेरिका और दक्षिण कोरिया के पूर्व अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए उत्तर कोरिया का एक वरिष्ठ राजनयिक रविवार को फिनलैंड पहुंचा। इससे पहले कोरियाई प्रायद्वीप में सुरक्षा के मसले पर उत्तर कोरिया और स्वीडन के विदेश मंत्रियों के बीच तीन दिवसीय वार्ता हुई। इस दौरान स्वीडन ने उत्तर कोरिया में अमेरिकी बंधकों का मामला जोरदार तरीके से उठाया।

6. सऊदी में महिलाओं को अबाया जरूरी नहीं
• सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने, फुटबॉल मैच देखने और सेना में भर्ती होने जैसे तमाम अधिकार मिलने के बाद जल्द ही हिजाब और विशेष काली पोशाक अबाया पहनने से भी छूट मिल सकती है। अब तक यहां महिलाओं को घर से निकलते वक्त सिर व चेहरे के साथ पूरे शरीर को ढकने के लिए अबाया पहनना अनिवार्य था।
• सऊदी युवराज और उपप्रधानमंत्री मुहम्मद बिन सलमान का कहना है कि यदि महिलाएं शालीन तरीके से कपड़े पहनें तो उन्हें अबाया पहनने की जरूरत नहीं है।
• बड़े बदलाव से गुजर रहा है सऊदी अरब का कट्टरपंथ समाज : हाल में सऊदी अरब का कट्टरपंथ समाज मुहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में बड़े बदलाव से गुजर रहा है। इस दौरान महिलाओं पर लगाई गई पाबंदियां हटाने के साथ ही कई अवसर भी उपलब्ध कराए गए हैं।
• अबाया के मुद्दे पर युवराज का कहना है, ‘शरीयत में साफ तौर पर लिखा गया है कि महिलाओं को पुरुषों की तरह ही शालीन कपड़े पहनने चाहिए। इसमें अबाया या हिजाब का जिक्र नहीं है। इसे पहनने या ना पहनने का चुनाव भी महिलाओं का होना चाहिए।’ पिछले माह एक वरिष्ठ धार्मिक नेता ने भी अबाया को गैर जरूरी बताया था।
• इन सुधारों के बाद भी विदेश में पढ़ने, घूमने या अन्य कार्यो के लिए सऊदी महिलाओं के साथ एक पुरुष अभिभावक का होना जरूरी है। इसके विरोध में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठनों समेत कई समूह आवाज उठा रहे हैं।

7. चालू खाते का घाटा 1.7 फीसद रहेगा
• एक रपट के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) लगभग 1.7 फीसद रहने का अनुमान है। बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने कच्चे तेल की ऊंची कीमतों को ध्यान में रखते हुए यह अनुमान व्यक्त किया है।इस तरह से इस वैश्विक वित्तीय एजेंसी ने मौजूदा व आगामी वित्त वर्ष के लिए अपने कैड अनुमान बढ़ाया है। इसका कहना है कि भारत का कैड 2017-18 में 1.7 फीसद तथा 2018-19 में 1.9 फीसद रहने का अनुमान है।
• रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार कैड बढ़कर दिसम्बर तिमाही में जीडीपी का दो फीसद यानी 13.5 अरब डालर पर पहुंच गया है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.4 फीसद था।

8. लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देगी कर्नाटक सरकार
• कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए सिद्दरमैया सरकार ने लिंगायत और वीरशैव समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देने का फैसला किया है। इस सिलसिले में जल्द ही केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी जाएगी। सोमवार को सिद्दरमैया की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
• लिंगायत और वीरशैव का कर्नाटक की राजनीति में व्यापक प्रभाव रहा है। 1मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कानून मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि राज्य अल्पसंख्यक आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर सरकार ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। आयोग की सिफारिशों को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजने का भी निर्णय लिया गया है।
• जयचंद्र ने कहा कि लिंगायत और वीरशैव को अलग धर्म का दर्जा देने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि राज्य के अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर कोई असर न पड़े। भाजपा और अन्य हंिदूू संगठनों ने राज्य सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले सिद्दरमैया सरकार पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज को बांटने का आरोप लगाया है।
• सिद्दरमैया के निशाने पर येद्दुरप्पा : हेगड़े के निधन के बाद लिंगायतों ने भाजपा के बीएस येद्दुरप्पा को अपना नेता चुना। 2008 में वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। जब येद्दुरप्पा को सीएम पद से हटाया गया, तो 2013 चुनाव में लिंगायतों ने भाजपा से मुंह मोड़ लिया। लिंगायत समाज में येद्दुरप्पा का मजबूत जनाधार है। अब लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देकर सिद्दरमैया ने येद्दुरप्पा के जनाधार को कमजोर करने की कोशिश की है।

9. सूरज से निकलने वाली ऊर्जा को मापेगा नासा का नया उपकरण
• अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नए उपकरण ने सूर्य से निकलने वाली प्रकाश ऊर्जा को मापने का काम शुरू कर दिया है। टोटल एंड स्पेक्ट्रल सोलर इरेडिएंस सेंसर (टीएसआइएस-1) नामक इस उपकरण को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में लगाया गया है। बीते 15 दिसंबर को निजी अंतरिक्ष कंपनी स्पेस एक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के साथ इस उपकरण को फ्लोरिडा के एयर फोर्स स्टेशन से लांच किया गया था।
• दो महीने से चल रहा था परीक्षण : पिछले दो महीने से अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के शोधकर्ता इसका परीक्षण कर रहे थे। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक डांग वू ने कहा, ‘टीएसआइएस-1 चार मार्च से काम कर रहा है। इस उपकरण से जुटाई जानकारियों के आधार पर पृथ्वी की ओजोन परत, वायुमंडल और पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) पर पड़ने वाले सूर्य के प्रभाव का अध्ययन किया जा सकेगा।’
• दो सेसर में से एक करेगा ऊर्जा का अध्ययन : आइएसएस में स्थापित दो सेंसर में से एक ‘टोटल इरेडिएंस मॉनिटर’ से सूर्य से उत्सर्जित ऊर्जा की मात्र का अध्ययन किया जाएगा। इससे पिछले चालीस सालों में सूर्य द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा की जानकारी मिल सकेगी। स्पेक्ट्रल इरेडिएंस मॉनिटर नामक दूसरे सेंसर से सूर्य की ऊर्जा के वितरण का विश्लेषण किया जाएगा।
• दरअसल, प्रकाश ऊर्जा अल्ट्रावायलेट या पराबैंगनी किरणों आदि में विभक्त हो जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊर्जा के विभाजन का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य से निकली प्रत्येक प्रकाश-तरंग की लंबाई पृथ्वी के वातावरण पर अलग प्रभाव डालती है।
• उदाहरण के तौर पर सूर्य की पराबैंगनी किरणों के अध्ययन से हम पृथ्वी की ओजोन परत की जानकारी जुटा पाएंगे। इससे पता चलेगा कि ओजोन परत कितनी सुरक्षित है या उसे कितना नुकसान पहुंचा है। इसके बाद ओजोन परत को ठीक करने के लिए कदम उठाए जाने के बारे में विचार किया जा सकेगा।

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