20 November 2017(Monday)

1.प्रति व्यक्ति औसत जीडीपी में सुधार
• अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के आंकड़े की ताजा रपट के अनुसार प्रति व्यक्ति औसत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिहाज से भारत एक पायदान ऊपर चढ़ कर 126वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि वह अभी भी अपने दक्षेस समकक्षों की तुलना में नीचे है।
• मुद्राकोष की सूची में खनिज तेल संपन्न कतर शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। यह रैंकिंग अंर्ताष्ट्रीय मुद्रा कोष की अक्टूबर 2017 की क्र य शक्ति समानता पर आधारित आंकड़ों पर की गई है। भारत में प्रति व्यक्ति औसत जीडीपी पिछले साल 6,690 डालर के मुकाबले बढ़कर इस साल 7170 डालर हो गया और वह 126वें पायदान पर पहुंच गया।
• दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में क्रेडिट सुइस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2.45 लाख करोड़पति हैं और देश की कुल घरेलू संपदा 5000 अरब डालर है।
• प्रति व्यक्ति औसत 1,24,930 डालर के जीडीपी के साथ कतर 2017 में सबसे अमीर देश रहा। इसके बाद मकाउ (प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,14,430 डालर) और लक्जमबर्ग (1,09,109 डालर) का स्थान है।
• ब्रिक्स देशों में प्रति व्यक्ति औसत जीडीपी के लिहाज से भारत का स्थान सबसे नीचे हैं।
• रिपोर्ट के अनुसार रूस में प्रति व्यक्ति औसत जीडीपी 27,900 डालर जबकि चीन में 16,620 डालर, ब्राजील मं( 15,500 डालर और दक्षिण अफ्रीका में प्रति व्यक्ति औसत जीडीपी 13,400 डालर है।
• शीर्ष 10 देशों में चौथे स्थान पर सिंगापुर (90,530 डालर), पांचवें पर ब्रूनई (76,740 डालर), छठवें पर आयरलैंड (72,630 डालर), सातवें पर नोर्वे (70,590 डालर), आठवें पर कुवैत ( 69,670 डालर), 9वें पर संयुक्त अरब अमीरत (68,250 डालर), 10वें पर स्विट्जरलैंड (61,360 डालर) है।
• प्रति व्यक्ति जीडीपी पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ कर 7170 डालर पर पहुंचा
• पिछले वर्ष 6690 प्रति व्यक्ति रहा था देश का सकल घरेलू उत्पादन
• हालांकि ब्रिक्स देशों में प्रति व्यक्ति जीडीपी में सबसे नीचे है भारत
• इस साल 1,24,930 डालर के साथ पहले पायदान पर रहा कतर

2. काले धन पर सूचना स्वत: साझा करेगा स्विट्जरलैंड
• काले धन के खिलाफ अभियान में भारत सरकार को बड़ी उपलब्धि मिली है। स्विट्जरलैंड की महत्वपूर्ण संसदीय समिति ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण करार के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसके तहत दोनों देशों के बीच बैंकिंग जानकारियों का स्वत: आदान-प्रदान होगा। इससे स्विस बैंकों में भारतीयों के खाते तक सरकार की सीधी पहुंच हो सकेगी।
• स्विट्जरलैंड संसद के उच्च सदन की आर्थिक और कर मामलों की समिति ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ इस संबंध में प्रस्तावित करार के मसौदे को मंजूरी दी है। समिति ने व्यक्तिगत कानूनी दावों के प्रावधानों को मजबूत करने का भी सुझाव दिया है।
• समिति ने दो नवंबर को इस संबंध में आखिरी बैठक की थी। बैठक में समिति ने स्विस सरकार को संसद में एक कानून संशोधन प्रस्ताव रखने को कहा, जो व्यक्तिगत कानूनी संरक्षण को मजबूत करने वाला हो। समिति ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जहां व्यक्तिगत कानूनी अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो, उनमें सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं होना चाहिए।
• प्रस्ताव को अब मंजूरी के लिए 27 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में उच्च सदन के समक्ष रखा जाएगा। इस करार से काले धन का सुरक्षित पनाहगाह रहे स्विट्जरलैंड में काला धन रखने वालों का ब्योरा लगातार मिल सकेगा। समझौते के तहत जिन सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है, उनमें खाता संख्या, नाम, पता, जन्म की तारीख, कर पहचान संख्या, ब्याज, लाभांश, बीमा पॉलिसियों से अर्जित राशि, खाते में शेष और वित्तीय परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्तियां शामिल हैं।
• सीमा पार कर चोरी रोकने के लिए भारत और स्विट्जरलैंड सहित करीब 100 देशों ने सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के वैश्विक मानदंडों (एईओआइ) को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई है। हालांकि, स्विट्जरलैंड के घरेलू बैंक ग्राहकों की गोपनीयता एईओआइ से प्रभावित नहीं होगी। यह बहुप्रतीक्षित करार अगले साल से लागू होगा। इसके अंतर्गत भारत और स्विट्जरलैंड के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान 2019 से शुरू हो जाएगा।
• भारत के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान की इस स्वचालित व्यवस्था के प्रस्ताव को स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन ने सितंबर में मंजूरी दी थी।
• स्विट्जरलैंड की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ने भारत और अन्य देशों के साथ इस करार का विरोध किया था। उसने इससे भ्रष्टाचार और अन्य खतरों की आशंका जताई थी। हालांकि उसके विरोध को नेशनल काउंसिल ने बहुमत से खारिज कर दिया।
• करार को मंजूरी प्रदान करते हुए संसदीय पैनल ने सरकार से इसमें सुरक्षा के कुछ अतिरिक्त प्रावधान करने को कहा है।

3. केंद्र ने रिजर्व बैंक से मांगे 13,000 करोड़
• केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक (आरबीआइ) से कोई अतिरिक्त लाभांश नहीं मांगा है। केंद्र सिर्फ आरबीआइ के पास पड़े 13,000 करोड़ रुपये के सरप्लस (अधिशेष) की मांग कर रहा है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यह जानकारी दी। आरबीआइ ने अपने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए अगस्त में सरकार को 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था।
• यह राशि पिछले वित्त वर्ष में दिए गए उसके 65,876 करोड़ रुपये के लाभांश के आधे से भी कम है। केंद्रीय बैंक का वित्त वर्ष जुलाई से जून तक चलता है।
• सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में आरबीआइ से लाभांश के रूप में 58,000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है। सामान्य वित्त वर्ष पहली अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है। गर्ग ने साफ कर दिया कि फिलहाल विशेष लाभांश की मांग का कोई प्रस्ताव नहीं है।
• आरबीआइ से सिर्फ वे पैसे मांगे गए हैं जो उसने बीते वर्ष कमाने के बावजूद बांटे नहीं हैं। यह राशि करीब 13,000 करोड़ रुपये बैठती है। केंद्र ने रिजर्व बैंक को यही रकम हस्तांतरित करने का सुझाव दिया है।1सुभाष के मुताबिक आरबीआइ ने करीब 44,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसमें से उसने 30,659 करोड़ रुपये लाभांश के तौर पर अदा कर दिए हैं। बाकी के करीब 13,000 करोड़ रुपये को जोखिम व रिजर्व के रूप में रख लिया है।
• इसलिए रिजर्व बैंक इस पैसे को ट्रांसफर कर सकता है।1सरकार ने पिछले माह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने का एलान किया था। बैंकों के इस पूनर्पूजीकरण यानी रिकैपिटलाइजेशन पैकेज की तैयारियां आखिरी चरण में हैं। वित्तीय सेवा विभाग इस पर काम कर रहा है। जल्द ही सभी मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाएगा।
• उक्त राशि में से 1.35 लाख करोड़ रुपये पुनर्पूजीकरण बांड के जरिये जुटाए जाने हैं। सरकार बाकी 76,000 करोड़ रुपये बजटीय आवंटन और बैंकों की इक्विटी हिस्सेदारी पूंजी बाजार में बेचकर जुटाएगी।
• पिछले हफ्ते ग्लोबल एजेंसी मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को एक दर्जा ऊपर कर दिया है। साख में यह सुधार सरकार की सुधार संबंधी कोशिशों और भारी फंसे कर्जो (एनपीए) की समस्या के समाधान को लेकर उठाए गए कदमों को देखते किया गया है।
• गर्ग ने कहा कि मूडीज ने सुधार प्रक्रिया को संज्ञान में लेते हुए माना है कि भारत अपने कर्ज और बैंकिंग क्षेत्र को दुरुस्त करने की स्थिति में है।न

4. लॉजिस्टिक्स को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा जल्द
• लाजिस्टिक्स क्षेत्र को जल्द बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे इस क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी दरों पर धन जुटाने में मदद मिलेगा और इसका विदेशी व्यापार बढ़ेगा।
• अधिकारी ने बताया कि इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आगे बढ़ाए गए प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। जल्द इस बारे में अधिसूचना जारी की जाएगी। अधिकारी ने कहा, देश के व्यापार को प्रोत्साहन के लिए क्षेत्र में भारी निवेश की जरूरत है।
• बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा मिलने से उद्योग को निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य मंत्रालय की परिभाषा के अनुसार लाजिस्टिक्स में औद्योगिक पार्क, भंडारण गृह, शीत भंडारण और परिवहन सुविधाएं आती हैं।
• बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा मिलने से इस क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी दर पर कर्ज मिल सकेगा। लाजिस्टिक्स की लागत से निर्यातकों की नियंतण्र स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता प्रभावित होती है।
• लाजिस्टिक्स क्षेत्र के महत्व को समझते हुए सरकार ने वाणिज्य मंत्रालय में एक अलग विशेष सचिव स्तर का पद बनाया है।

5. वैज्ञानिकों को एक बार फिर मिलीं गुरुत्वाकर्षण तरंगें
• वैज्ञानिकों ने एक बार फिर ब्लैक होल में गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज की है। धरती से करीब एक अरब प्रकाश वर्ष दूर और सूर्य से क्रमश: सात व 12 गुना अधिक भार वाले दो हल्के ब्लैक होल के आपस में मिलने से इन तरंगों की खोज हुई है।
• दोनों ब्लैक होल जब आपस मिले तो इनका द्रव्यमान सूर्य से 18 गुना ज्यादा था। वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैकहोल्स के टकराने पर अंतरिक्ष और समय के संबंध का पता लगता है।
• लेजर इंफ्रोमीटर ग्रेवीटेशनल वेव्स ऑब्जर्वेट्री (लिगो) परियोजना और इटली स्थित वर्गो डिटेक्टर से जुड़े वैज्ञानिकों ने इस खगोलीय घटना से इस वर्ष जून को रूबरू हुए। हालांकि खोजों को समझने में अधिक समय लगने से इसकी घोषणा में देरी हुई।
• पहली बार 2015 में चला था पता : जीडब्ल्यू170608 सबसे हल्का ब्लैक होल है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब गुरुत्वाकर्षण तरंगों के माध्यम से ब्लैक होल का पता लगाया गया है। पहली बार 14 सितंबर, 2015 को इन तरंगों की खोज हुई। तब इसे सदी की महान खोज कहा गया था।
• क्या है अवधारणा : वैज्ञानिकों का मानना है कि कई खरब साल पहले जब इस सृष्टि की शुरुआत भी नहीं हुई थी तब दो विशालकाय ब्लैक होल्स आपस में टकराए थे। उनकी टक्कर से बड़ी मात्र में ऊर्जा निकली थी।
• इतनी ऊर्जा कि हजारों सूर्य की ऊर्जा भी मिला दें, तो उसके सामने फीकी पड़ जाए। इसी के साथ ही कई तरंगें भी पैदा हुईं और पूरे ब्रह्माण्ड में फैल गईं।
• इन्हीं तरंगों को गुरुत्वाकर्षण तरंग कहा जाता है और माना जाता है कि ये तरंगें आज भी भटक रही हैं, जो अक्सर हमसे और हमारी धरती से टकराती हैं लेकिन असर इतना कम होता है कि हम इन्हें महसूस नहीं कर पाते, इन्हें सिर्फ अति-संवेदनशील उपकरणों के जरिए ही पकड़ा जा सकता है।

6. मनमोहन सिंह को मिलेगा इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार
• पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 2004 से 2014 के बीच देश का नेतृत्व करने और नियंतण्र स्तर पर भारत का ओहदा बढ़ाने के लिए इस साल का इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार दिया जाएगा।
• इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के बयान के अनुसार, सिंह को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली एक अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा पुरस्कार के लिए सर्वसम्मति से चुना गया।
• ट्रस्ट सचिव सुमन दुबे ने बयान जारी कर बताया, इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार मनमोहन सिंह को 2004 से 2014 के बीच देश का नेतृत्व करने और उनकी उपलब्धियों के लिए दिया जाएगा।

7. गोवा में आज से इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, शाह रुख करेंगे उद्घाटन

• गोवा में सोमवार से 48वां इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आइएफएफआइ) शुरू हो रहा है। इसका उद्घाटन बॉलीवुड अभिनेता शाह रुख खान करेंगे। इस दौरान अभिनेत्री कट्रीना कैफ और अभिनेता शाहिद कपूर भी मौजूद होंगे। वहीं, समापन समारोह में अभिनेता सलमान खान मौजूद रहेंगे।
• पणजी के पास स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ऑडिटोरियम में होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर र्पीकर भी शिरकत करेंगे।
• बताया जा रहा है कि 28 नवंबर तक चलने वाले इस फेस्टिवल में 82 देशों की 195 फिल्में दिखाई जाएंगी। इनमें 10 फिल्मों का वल्र्ड प्रीमियर, 10 फिल्मों का एशियाई और इंटरनेशनल प्रीमियर और 64 से ज्यादा फिल्मों का भारतीय प्रीमियर शामिल है।

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