1.आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत के साथ आए छह देश
• भारत को आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपने पड़ोसी देशों का साथ मिलने जा रहा है। छह पड़ोसी देशों ने भारत के साथ सैन्य अभ्यास करने के लिए हामी भरी है। पहली बार भारत की सेना श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाईलैंड और म्यांमार की सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास करेगी। यह सैन्य अभ्यास पुणो में आयोजित किया गया है। इसका मकसद काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में एक दूसरे का सहयोग करने के साथ ही मिलिट्री फोरम बनाना है।
• बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी विदेश यात्रओं में इस बात पर जोर देते रहे हैं कि भारत और पड़ोसी देशों को मिलकर आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि आतंकवादी किसी एक देश को अपना बेस बनाकर पड़ोसी देश में आतंक फैलाते हैं। वहां वारदात अंजाम देकर फिर उस देश में वापस भाग जाते हैं जहां उनका बेस होता है। इसलिए काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन की सफलता इस पर निर्भर करती है कि अलग अलग देश आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए एक दूसरे का सहयोग करते हुए एक फोरम के तहत मिलकर काम करें। इसलिए सात देशों की यह पहल अहम है।
• वे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) देशों के बीच सैन्य अभ्यास के लिए पहली प्लानिंग कांफ्रेस हो गई है। जिसमें तय किया गया है कि भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाईलैंड और म्यांमार की सेनाएं मिलकर 10 सितंबर से 16 सितंबर तक संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगें। इस पहले बिम्सटेक सैन्य अभ्यास की मेजबानी भारत करेगा। सभी सात देशों की सेना से पांच-पांच अधिकारी और 25-25 दूसरे रैंक के फौजी इसमें शिरकत करेंगे। 15 और 16 सितंबर को इन सभी सात देशों के सेना प्रमुखों की कांफ्रेस भी होगी। जिसमें सभी मिलकर इस मल्टी नेशन एक्सरसाइज का रिव्यू करेंगे।
• इस मीटिंग में इस विकल्प पर भी विचार होगा कि क्या एक क्षेत्रीय सुरक्षा फोरम बनाया जा सकता है ताकि मिलकर आतंकवाद से और ट्रांस नेशनल क्राइम से मुकाबला किया जा सके। आपको बता दें कि 2012 से भारत ने दूसरे देशों के साथ सैन्य अभ्यास करने की संख्या बढ़ा दी है। भारत ने 2012 में आठ देश, 2013 और 2014 में छह, 2015 में नौ, 2016 में 14, 2017 में 15 और 2018 में अबतक सात सैन्य अभ्यास किए हैं।
• गौरतलब है कि म्यांमार से आए रोहिंग्या को लेकर भारत आंतरिक सुरक्षा पर खतरा महसूस करता रहा है। अगर म्यांमार सहित बाकी छह देशों के साथ मिलकर भारत एक क्षेत्रीय सुरक्षा फोरम बनाने में कामयाब रहा तो इस तरह की दिक्कतों से निजात मिल सकती है। साथ ही आतंकी इन देशों के जरिये भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हैं तो क्षेत्रीय सुरक्षा फोरम उन पर लगाम लगाने में सफल होगा।

2. सेशेल्स ने नौसैनिक अड्डे का भारत संग हुआ समझौता नकारा
• सेशेल्स की संसद ने अपने एजंप्शन द्वीप पर भारतीय नौसेना को अड्डा बनाने की अनुमति देने से मना कर दिया। संसद ने सरकार के साथ हुए समझौते पर मुहर लगाने से इन्कार कर दिया। यह जानकारी सेशेल्स के विदेश मंत्रलय ने दी है। वैसे विपक्ष के विरोध के चलते वहां की सरकार भारत के साथ हुए समझौते से पीछे हट चुकी है।
• सेशेल्स में यह कवायद वहां के राष्ट्रपति डेनी फाउर की भारत दौरे की शुरुआत वाले दिन ही हुई है।
• दोनों देशों के बीच इसी साल हंिदू महासागर में अहम रणनीतिक स्थान पर स्थित द्वीप पर नौसैनिक अड्डा बनाने का समझौता हुआ था। लेकिन पहले विपक्ष फिर सेशेल्स की जनता ने समझौते का विरोध करना शुरू कर दिया। विपक्ष का आरोप था कि सरकार ने देश की संप्रभुता के साथ समझौता किया।
• जिस स्थान पर नौसैनिक अड्डा बनाने का समझौता हुआ है वह व्यस्त समुद्री व्यापारिक मार्ग के करीब है। इससे वहां की गतिविधियां और मालवाहक जहाजों का स्वतंत्र आवागमन बाधित हो सकता है।
• सेशेल्स के विदेश मंत्री बैरी फाउर ने बताया है कि सरकार ने समझौते की स्वीकृति के लिए औपचारिक प्रस्ताव संसद में पेश नहीं किया, क्योंकि संसद में विपक्षी दलों का बहुमत है। सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल सकती थी।

3. HSCC, EPIL का एक जैसे उपक्रमों में होगा विलय
• परामर्श कंपनी एचएससीसी तथा ईपीआईएल सार्वजनिक क्षेत्र की पहली कंपनियां होंगी जिनका विलय चालू वित्त वर्ष में उनकी समकक्ष कंपनियों में होगा। सरकार ने पिछले वर्ष अक्टूबर में सार्वजनिक क्षेत्र की एक जैसी स्थिति वाली केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों से इन कंपनियों में प्रबंधकीय नियंतण्रके साथ 100 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं।
• एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ईपीआईएल तथा एचएससीसी का मामला काफी आगे बढ गया है। इनको लेकर क्षेत्र में काम कर ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से बोलियां प्राप्त हुई है। वित्त मंत्री की अगुवाई में एक बैठक होगी जिसमें आरक्षित मूल्य पर निर्णय किया जाएगा।’ अधिकारी ने कहा कि आरक्षित कीमत तय होने के बाद संभावित खरीदारों से प्राप्त बोलियां खोली जाएगी। जो बोली आरक्षित मूल्य से अधिक होगी, वह लोक उपक्रम को खरीदने के लिए पात्र होगी।
• तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2017-18 के बजट में बड़ी सरकारी कंपनी सृजित करने को लेकर लोक उपक्रमों के विलय की संभावना की घोषणा की थी।इस साल जनवरी में सरकार ने एचपीसीएल में 51.11 फीसद हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रपए में रणनीतिक बिक्री को लेकर ओएनजीसी के साथ समझौता किया था।
• स्वास्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली हास्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कारपोरेशन (एचएससीसी) देश और विदेश में स्वास्य देखभाल और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में परामर्श सेवा में लगी है।

4. छह हजार करोड़ के कर्ज हुए एनपीए
• निजी क्षेत्र के आइसीआइसीआइ बैंक ने कहा है कि उसे अज्ञात शिकायतकर्ता से 31 लोन खातों के बारे में शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों की जांच कराकर अंतरिम रिपोर्ट नियामक को सौंप दी गई है। बैंक का कहना है कि संबंधित लोन खातों को पहले ही एनपीए की श्रेणी में डाल दिया गया है और आवश्यक प्रावधान भी किया जा चुका है। इन सभी लोन खातों में 31 मार्च 2018 तक बकाया कर्ज 6082 करोड़ रुपये का था।
• बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी दी है कि ऑडिट कमेटी के निर्देशों के अनुसार इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए कर्ज के मामले में स्वतंत्र जांच का सामना कर रहीं आइसीआइसीआइ बैंक की सीईओ व एमडी चंदा कोचर ने जांच पूरी होने तक छुट्टी पर जाने का फैसला किया है।1बैंक ने बताया है कि इस साल मार्च में उसे इस शिकायत के बारे में जानकारी मिली थी।
• शिकायत में कुछ कर्जदारों के खातों में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया गया था। गड़बड़ी के कारण इन लोन खातों का गलत वर्गीकरण हो गया। शिकायत में 31 लोन खातों का हवाला दिया गया था।1बैंक ने कहा है कि उसने शिकायत को व्हिसिल ब्लोअर की शिकायत मानकर बैंक की पॉलिसी के अनुसार जांच की। इस जांच की निगरानी निदेशकों की ऑडिट कमेटी ने की थी। आंतरिक ऑडिट टीम के अलावा कोई भी वरिष्ठ अधिकारी जांच में शामिल नहीं था।
• वैधानिक ऑडिटर को समय-समय पर इसकी जानकारी दी गई और उनसे मिले सुझावों को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया। 31 मार्च 2018 को वर्ष समाप्ति पर खातों को अंतिम रूप देने से पहले ऑडिट कमेटी और वैधानिक ऑडिटरों द्वारा अंतरिम जांच रिपोर्ट की विस्तार से समीक्षा की गई।
• बैंक के अनुसार जांच की अंतरिम रिपोर्ट के निष्कर्ष से वित्त वर्ष 2017-18 के वित्तीय विवरण पर कोई विशेष असर नहीं पड़ा। अंतरिम रिपोर्ट नियामक को सौंप दी गई है। इन लोन खातों की बकाया राशि को फंसे कर्ज यानी एनपीए की श्रेणी में डाल दिया गया और नियमों के अनुसार प्रावधान भी कर दिया गया। ये लोन खाते वित्त वर्ष 2011-12 से 2016-17 के बीच एनपीए की श्रेणी में डाले जा चुके हैं। इनमें से दो खाते दिसंबर 2017 तक एनपीए में डाले गए। इस तरह बैंक को इसकी शिकायत मिलने से पहले ही ये कर्ज एनपीए में डाले जा चुके हैं।
• इन सभी लोन खातों में 31 मार्च 2018 तक बकाया कर्ज 6082 करोड़ रुपये का था जो कुल कर्जो का एक फीसद था। इनके लिए 50 फीसद प्रावधान किया गया है। जांच की प्रक्रिया में ब्याज आय और एनपीए रिकवरी की गलत एकाउंटिंग के बारे में आरोप सही नहीं पाए गए।
• बैंक ने कहा कि 2016-17 के लिए आरबीआइ की वार्षिक निगरानी प्रक्रिया में बैंक ने लोन के वर्गीकरण और एनपीए के प्रावधान में कोई बदलाव की जरूरत महसूस नहीं की।

5. नैनो पार्टिकल्स से मात खाएगा एचआइवी!
• एड्स फैलाने वाले एचआइवी का नैनो पार्टिकल्स से पुख्ता ‘इलाज’ होने के सुखद संकेत मिल रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और पुणो के नेशनल सेंटर फॉर सेल्स साइंसेज (एनसीसीएस) ने संयुक्त शोध में 81 फीसद एचआइवी वायरस को मार डालने में कामयाबी हासिल की है। वैज्ञानिक अभी वायरस के पूरी तरह सफाए की कोशिश में जुटे हुए हैं।
• यह शुरुआती सफलता अभी परखनली परीक्षण में मिली है, लेकिन है बहुत बड़ी। उम्मीदों का दीया बनती दिख रही इस दवा का जल्द ही पशुओं पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू होगा, फिर इंसानों पर असर परखा जाएगा। 1एएमयू में तैयार हुए नैनो पार्टिकल्स : एएमयू के इंटरडिस्पिलनरी नैनो टेक्नोलोजी सेंटर (आइएनसी) के डॉयरेक्टर प्रो. अबसार अहमद की अगुवाई में यहां की टीम ने कवक (फंगस) और कुछ पौधों से नैनो पार्टिकल्स तैयार किए।
• शोधार्थी यह पता लगाने में जुटे हुए हैं कि ये पार्टिकल्स किन रोगों की दवा बनाने में इस्तेमाल हो सकते हैं। सोना, चांदी, प्लैटिनम, ऑक्साइड्स, सल्फाइड्स आदि के नैनो पार्टिकल्स भी यहीं से देश के ख्यातिलब्ध पुणो के नेशनल सेंटर फॉर सेल्स साइंसेज ( एनसीसीएस) को भेजे गए थे।
• डेढ़ साल तक चला शोध : एनसीसीएस में ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस (एचआइवी) के सफाए पर डेढ़ साल से शोध चल रहा है। प्रो. अबसार अहमद के मुताबिक परखनली में किए गए तमाम प्रयोगों के दौरान नैनो पार्टिकल्स के जरिये 81 फीसद एचआइवी को खत्म करने में कामयाबी मिल चुकी है। यह बहुत बड़ी बात है। इसने एचआइवी के सफाए की बड़ी राह दिखाई है। हालांकि, रिसर्च एक लंबी प्रक्रिया है और इसका लाभ जनता तक पहुंचने में वक्त लगेगा।
• अभी मानकों की कसौटी पर नैनो पार्टिकल्स की सेफ्टी भी परखेंगे। सुरक्षित मिलने पर सरकार की मंजूरी से दवा का पहले पशुओं और फिर इंसानों में क्लीनिकल ट्रायल करेंगे। 1एचआइवी वायरस को ऐसे निष्प्रभावी बनाती है नैनो : प्रो. अबसार के अनुसार एचआइवी वायरस के ऊपर जीबी120 ग्लाइको प्रोटीन होती है। यह बड़ी तेजी से बढ़ती है। इसका आकार 20 से 25 नैनो मीटर होता है।
• पुणे की लैब में वैज्ञानिकों ने 20 से 25 नैनो मीटर आकार वाले सकरुलर नैनो पार्टिकल्स का इस्तेमाल किया। दोनों को पानी भरे ग्लास में डाला गया। जांच में पता चला कि नैनो पार्टीकल्स ने ग्लाइको प्रोटीन को पूरी तरह से कवर कर लिया है और अब ये उसे बढ़ने नहीं दे रहे। सामान्य पानी में डाले ग्लाइको प्रोटीन की ग्रोथ तेजी से होती रही। इस विधि में नैनो पार्टीकल्स को एचआइवी वायरस में किसी भी तरह से इंजेक्ट नहीं किया गया।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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