1.जीएसटी का एक साल : लक्ष्य से दूर जीएसटी
• सरकार का दावा है कि देश में जीएसटी पण्राली लागू होने के पहले वर्ष में कुल मिलाकर राजस्व प्राप्ति संतोषजनक रही पर ज्यादातर राज्यों में प्राप्तियां उनके तय लक्ष्य के अनुरूप नहीं रहने के कारण वर्ष के दौरान 47,843 करोड़ रपए की राजस्व क्षतिपूर्ति राज्यों को जारी की गई।
• वित्त सचिव हसमुख अधिया ने यह जानकारी दी।अधिया ने कहा, ‘‘पहले वर्ष में जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्ति संतोषजनक रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि पण्राली को अमल में लाने का यह पहला साल है, इस लिहाज से राजस्व प्राप्ति ‘‘अच्छी’ रही।’ देश में माल एवं सेवाकर व्यवस्था एक जुलाई 2017 से लागू की गई।
• पिछले वित्त वर्ष में अगस्त- 2017 से मार्च 2018 तक जीएसटी राजस्व कुल मिलाकर 7.17 लाख करोड़ रपए रहा।अधिया ने माना कि राज्यों की राजस्व प्राप्ति फिलहाल लक्ष्य के अनुरूप नहीं रही है और ज्यादातर राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ा है।
• राज्यों को क्षतिपूर्ति के लिए 2017- 18 में कुल 47,843 करोड़ रपए जारी किए गए। इसमें से 41,147 करोड़ रपए 2017- 18 में ही जारी कर दिये गए जबकि 6,696 करोड़ रपए की एक और किस्त इस साल मई में जारी की गई। यह किस्त मार्च 2018 की क्षतिपूर्ति के लिए दी गई।अधिया ने अपने जवाब में कहा, ‘‘कुछ राज्य ऐसे भी रहे हैं जिन्हें कुछ महीनों के दौरान अधिक राजस्व प्राप्त हुआ, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि ज्यादातर राज्यों की राजस्व क्षतिपूर्ति के लिए उपकर पर निर्भरता बनी हुई है। हालांकि, इन राज्यों के राजस्व लक्ष्य और वास्तविक प्राप्ति के बीच का अंतर कम हो रहा है।’
• उल्लेखनीय है कि केन्द्र और राज्यों के बीच हुई सहमति के मुताबिक राज्यों को राजस्व वृद्धि के तय फामरूले के मुताबिक राजस्व प्राप्ति नहीं होने पर उसकी भरपाई की जाएगी। इसके लिए बीड़ी, सिगरेट जैसी अहितकर वस्तुओं और विलासिता के सामान पर जीएसटी के ऊपर उपकर लगाया गया है।
• वर्ष 2018-19 के बजट में इस मद में 90,000 करोड़ रपए की प्राप्ति का अनुमान रखा गया है। वित्त सचिव ने कहा कि राज्यों की राजस्व क्षतिपूर्ति के लिये फिलहाल जो उपकर लगाया गया है वह भरपाई के लिए उपयुक्त रहा है।

2. जल से हाइड्रोजन ईधन बनाने वाली सामग्री विकसित
• वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किफायती सामग्री विकसित की है जो जल को तोड़कर हाइड्रोजन ईधन बनाने में मदद कर सकती है। जल को इसके अवयवों -हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए अधिकतर पण्रालियों में दो उत्प्रेरकों की जरूरत होती है।
• एक हाइड्रोजन को पृथक करने के वास्ते प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए और दूसरा ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए। लौह और डिनिकल फॉस्फाइड से बना नया उत्प्ररेक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध निकेल फोम पर दोनों कार्य करता है।
• अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन और कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इसमें पानी से हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए आवश्यक ऊर्जा की मात्रा को नाटकीय रूप से कम करने की क्षमता होती है। कम ऊर्जा जरूरत का मतलब यह हुआ कि हाइड्रोजन उत्पादन कम लागत पर किया जा सकता है।
• यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के प्रोफेसर झिफेंग रेन ने कहा, ‘‘इससे हम वाणिज्यीकरण के करीब आए हैं।’ हाइड्रोजन को कई औद्योगिक उपयोगों में स्वच्छ ऊर्जा के वांछनीय स्रेत के रूप में जाना जाता है। नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट में रेन ने कहा कि क्योंकि इसे सम्पीड़ित किया जा सकता है या तरल रूप में बदला जा सकता है, इसलिए ऊर्जा के कुछ अन्य स्वरूपों की तुलना में इसका अधिक आसानी से भंडारण किया जा सकता है।
• हालांकि बड़ी मात्रा में गैस उत्पादन के लिए प्रायोगिक, किफायती और पर्यावरण अनुकूल तरीका खोजना- खासकर पानी को इसके अवयवों में तोड़कर -एक चुनौती रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के सहायक प्रोफेसर शुओ चेन ने कहा, ‘‘हमारे द्वारा विकसित सामग्री धरती पर प्रचुर में मात्रा में उपलब्ध तत्वों पर आधारित है और प्लैटिनम समूह की सामग्रियों के सापेक्ष तुलनात्मक प्रदर्शन करती है।’

3. टाटा स्टील बनाएगी यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात कंपनी
• जर्मनी की इस्पात कंपनी थाइसेनक्रुप के साथ बराबर हिस्सेदारी पर संयुक्त उद्यम बनाने की शर्तो पर टाटा स्टील की सहमति बन गई है। इस सौदे पर दोनों कंपनियों के बीच पिछले साल सितंबर से चर्चा चल रही थी। सौदे के तहत टाटा स्टील अपने यूरोपीय कारोबार को थाइसेनक्रुप के साथ मिलाकर थाइसेनक्रुप टाटा स्टील बीवी का गठन करेगी। यह कंपनी लक्ष्मी मित्तल की आर्सेलरमित्तल के बाद यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात कंपनी होगी।
• बाजार नियामक सेबी को दी गई जानकारी में टाटा स्टील ने बताया, ‘टाटा स्टील के बोर्ड ने 50-50 फीसद की हिस्सेदारी के साथ संयुक्त उद्यम के गठन की शर्तो को मंजूरी दे दी है। साथ ही बोर्ड ने बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर करने से जुड़ी सभी शर्तो पर भी सहमति दे दी है।’ इस मौके पर टाटा स्टील के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘यह टाटा स्टील के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव है। हम संयुक्त उद्यम कंपनी के दीर्घकालिक हितों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’
• दोनों कंपनियों के बीच हुए बाध्यकारी समझौते में उनके बीच के मूल्यांकन अंतर को पाटने के लिए उचित क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार, संयुक्त उद्यम का आइपीओ आने की स्थिति में थाइसेनक्रूप को जुटाई गई पूंजी में अधिक हिस्सा मिलेगा। इसका अनुपात 55:45 का होगा। थाइसेनक्रुप को आइपीओ के लिए समय चुनने की भी आजादी होगी।
• थाइसेनक्रुप एजी के सीईओ हेनरिक हिसिंगर ने कहा, ‘संयुक्त उद्यम के साथ हम एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी यूरोपीय कंपनी का निर्माण करेंगे, जो औद्योगिक और रणनीतिक रूप से मजबूत होगी। इससे यूरोप की कोर इंडस्ट्रीज की वैल्यू चेन को मजबूती मिलेगी और रोजगार भी सुरक्षित रहेंगे।’
• दोनों कंपनियों ने सितंबर, 2017 में संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। कंपनी ने कहा कि बाध्यकारी समझौतों की शर्तो पर औपचारिक रूप से अमल करने का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। ब्रिटेन में कर्मचारी संगठनों ने इस सौदे का स्वागत किया है।

4. अमेरिकी राज्यों के संगठन ने आव्रजन नीति के खिलाफ मंजूर किया प्रस्ताव
• अमेरिकी राज्यों के संगठन (ओएएस) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीति के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत मेक्सिको सीमा से अवैध रूप से अमेरिका आने वाले हजारों लोगों से उनके बच्चों को अलग कर दिया गया।
• हालांकि, ट्रंप एक आदेश के जरिये इसे खत्म कर चुके हैं, लेकिन इसका विरोध जारी है। 1द ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकी स्टेट ने मेक्सिको द्वारा प्रायोजित उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसमें जीरो टॉलरेंस नीति की निंदा की गई है। अल सल्वाडोर, होंडुरास और ग्वाटेमाला इस प्रस्ताव के सह-प्रायोजक हैं।
• गरीब और हिंसाग्रस्त इन देशों के सबसे ज्यादा नागरिक अमेरिका में राजनीतिक शरण की मांग कर रहे हैं। संगठन की स्थायी परिषद की बैठक के दौरान पेश किए गए इस प्रस्ताव को अमेरिकी राज्यों ने आम सहमति से स्वीकार कर लिया।
• किसी भी राज्य ने इसका विरोध नहीं किया। हालांकि, प्रस्ताव मंजूर किए जाने के बाद अमेरिकी प्रतिनिधि कालरेस ट्रुजिलो ने कहा कि कानूनी रूप से आने वाले लोगों का हम स्वागत करते हैं, लेकिन अवैध रूप से आने वालों से हम अपनी सीमा की हिफाजत करते रहेंगे।

5. मालदीव में यामीन के खिलाफ संयुक्त प्रत्याशी उतारेगा विपक्ष
• मालदीव के विपक्षी दल 23 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार हो गए हैं। यह उम्मीदवार राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ उतरेगा, जो अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की अपेक्षाओं को धता बताकर मालदीव में विपक्ष के दमन में लगे हुए हैं।
• भारत, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन मालदीव के हालात पर चिंता जता चुके है ।
• हिन्द महासागर के नन्हे खूबसूरत देश मालदीव में राष्ट्रपति यामीन ने फरवरी में आपातकाल लगाया था। माना जा रहा है कि यह कदम उन्होंने अपने खिलाफ महाभियोग को रोकने के लिए उठाया था। इस समय उनके सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी जेल में हैं। जेल में बंद लोगों में यामीन के सौतेले भाई व पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम भी शामिल हैं, जिन्होंने 30 साल तक देश की सत्ता संभाली।
• संयुक्त विपक्ष की ओर से ताजा घोषणा पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद के शुक्रवार के उस बयान के बाद हुई है जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने की बात कही थी। नशीद इस समय लंदन में निर्वासन की अवस्था में रह रहे हैं। नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने कहा है कि वह अन्य दलों के साथ मिलकर यामीन के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है।
• नशीद ने ट्वीट करके इस विपक्षी एकता पर खुशी जताई है। सूत्रों के अनुसार एमडीपी के नेता इब्राहीम मुहम्मद सोलीह विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।

6. पाकिस्तान के बचाव में चीन, : कहा- वो खुद आतंक पीड़ित
• भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने का स्वागत किया है। आतंकी गुटों की फंडिंग रोकने में विफल रहने पर उसे निगरानी की इस सूची में डाला है। अमेरिका ने भी इस मसले पर पाक को घेरते हुए कदम को जायज बताया है। दूसरी तरफ, चीन ने पाक का बचाव किया। उसने कहा- पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है। उस पर भरोसा करना होगा।
• भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा- पाक ने आतंकवाद की फंडिंग रोकने और काले धन के खिलाफ अभियान चलाने के लिए एफएटीएफ के मानक के पालन करने का आश्वासन दिया था। पाक को खासकर यूएन की सूची में शामिल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी थी, पर वहां हाफिज सईद जैसे आतंकी और जमात-उद-दावा, लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन अब भी सक्रिय हैं।
• ऐसे में पाक अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर रहा है। भारत ने उम्मीद जताई है कि पड़ोसी देश अब एफएटीएफ के मानकों का समयबद्ध पालन करेगा। अमेरिका ने भी कहा- आतंकवाद से निपटने में पाक द्वारा उठाए गए कदमों में अब भी कई खामियां हैं।
• फ्रांस की राजधानी पेरिस में लिए गए फैसले का एक्शन प्लान 15 महीने के लिए लागू होगा। 26 सूत्रीय इस प्लान में यह बताना होगा कि आतंकियों की पहचान कर उन पर कैसे वित्तीय लगाम कसी गई है।

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