1.भारत को अहम रणनीतिक साझेदार बनाने को तैयार दक्षिण कोरिया
• कोरियाई प्रायद्वीप का महत्व हाल के महीनों में जिस तरह से वैश्विक कूटनीति में बढ़ा है उसे देखते हुए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन की रविवार से शुरू हो रही भारत यात्र की अपनी अहमियत है।
• राष्ट्रपति मून जहां इस यात्रा में भारत को अपना पांचवा सबसे अहम रणनीतिक साझेदार घोषित कर सकते हैं, वहीं भारत की कोशिश है कि रक्षा क्षेत्र की दिग्गज दक्षिण कोरियाई कंपनियां भारत में निर्माण संयंत्र लगाने को तैयार हो जाएं। इस बारे में दोनों देशों के बीच पहले से चल रही बातचीत काफी अहम मुकाम पर है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मून के बीच मंगलवार को द्विपक्षीय आधिकारिक बातचीत होनी है। इसमें आर्थिक मुद्दे ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहेंगे। विदेश मंत्रलय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मोदी और मून भारत व दक्षिण कोरिया के संयुक्त सीईओ दल को संबोधित करेंगे। वहां कुछ अहम घोषणा होने की उम्मीद है।
• यह पूछे जाने पर कि भारत व दक्षिण कोरिया किस तरह से एक दूसरे को रणनीतिक तौर पर मदद कर सकते हैं, जवाब में विदेश मंत्रलय के अधिकारी बताते हैं कि भारत की एक्ट ईस्ट एशिया नीति का एक अहम हिस्सा यह है कि वह इस क्षेत्र के देशों के साथ द्विपक्षीय कारोबार को तेजी से बढ़ाए। इसके अलावा दक्षिण कोरिया की रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भारत एक बड़ा बाजार दे सकता है।
• दक्षिण कोरियाई कंपनियों को थल सेना के लिए जरूरी साजो-सामान बनाने में खासी विशेषज्ञता हासिल है। यही नहीं, दोनों देशों के बीच नौ सैन्य अभ्यास शुरू किए जाने के भी आसार हैं। इस पर काफी बातचीत हो चुकी है।
• दक्षिण कोरिया लगातार भारत को यह संकेत दे रहा है कि वह द्विपक्षीय रिश्ते को कारोबार से आगे भी देख रहा है। यही नहीं प्रशांत महासागर में सुरक्षा मुद्दे पर भारत-अमेरिका-जापान-आस्ट्रेलिया के बीच बन रहे रणनीतिक गठबंधन को लेकर भी दक्षिण कोरिया काफी उत्सुक है।
• दक्षिण कोरिया अभी तक रणनीतिक तौर पर रूस, चीन, अमेरिका और जापान को ही महत्व देता रहा है। इन चार देशों के बाद उसने भारत को पांचवे ऐसे देश के तौर पर चिह्नित किया है जिसे वह कूटनीतिक व रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण मान रहा है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 की यात्र के बाद दोनो देशों के बीच विशेष रणनीतिक रिश्ता कायम हुआ है। मोदी की यात्र के बाद भारतीय रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, रेल मंत्री, वाणिज्य मंत्री, विज्ञान व तकनीक मंत्री, मानव संसाधन मंत्री सियोल की यात्रा कर चुके हैं।

2. सरकारी जमीन पर धार्मिक गतिविधि का सवाल संविधान पीठ सुलझाएगी
• भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में सरकारी जमीन और संपत्ति पर धार्मिक गतिविधि जैसे माता की चौकी आदि की इजाजत दी जा सकती है कि नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ विचार करेगी। शुक्रवार को दो न्यायाधीशों की पीठ ने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण मानते हुए मामला विचार के लिए संविधान पीठ को भेज दिया।
• ज्योती जागरण मंडल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दक्षिण पश्चिम दिल्ली स्थित चंचल पार्क में माता की चौकी कराने की इजाजत देने से इन्कार करने वाले एनजीटी के आदेश को चुनौती दी है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि अगर दक्षिण दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने पार्क में माता की चौकी कराने की इजाजत नहीं दी है तो उसका फैसला फाइनल है।
• शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आरएफ नारिमन व न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्र की पीठ ने मामले को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्ष देश में सरकारी संपत्ति और सरकारी जमीन पर धार्मिक गतिविधि की इजाजत दी जा सकती है कि नहीं ये विचार का महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस पर संविधान पीठ को विचार करना चाहिए।
• उन्होंने मामले को विचार के लिए संविधान पीठ को भेजते हुए याचिका को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करने का आदेश दिया ताकि मुख्य न्यायाधीश मामले पर सुनवाई के लिए संविधानपीठ का गठन कर सकें।
• इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील फुजैल अयूबी और पुष्कर ने एनजीटी के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि उनकी संस्था ज्योती जागरण मंडल पिछले 40 साल से चंचल पार्क में स्थानीय लोगों के योगदान से माता की चौकी आयोजित कर रही है। इस वर्ष भी नौ जून को माता की चौकी का आयोजन होना था लेकिन दक्षिण दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने इसकी इजाजत नहीं दी।
• उन्होंने कहा कि वे एनजीटी के पास इजाजत मांगने गए थे और ये भी कहा था कि कार्यक्रम के आयोजन से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। लेकिन एनजीटी ने अर्जी खारिज कर दी और कहा कि जब एसडीएमसी ने इजाजत नहीं दी है तो उसका फैसला फाइनल है।
• इन दलीलों को सुनने और याचिका को देखने के बाद पीठ ने कहा कि विचार का महत्वपूर्ण मुद्दा तो ये भी है कि धर्म निरपेक्ष राज्य में सरकारी संपत्ति और जमीन पर धार्मिक गतिविधि की इजाजत दी जा सकती है कि नहीं। ये संवैधानिक मुद्दा है और इस पर विचार होना चाहिए।

3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सीजेआई के पास ही विभिन्न पीठों को मामले आवंटित करने की शक्तियां
• सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को एक बार फिर कहा कि सिर्फ प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ही ‘‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ हैं और उनके पास विभिन्न पीठों को मामले आवंटित करने की शक्तियां हैं।
• अदालत ने इस प्रक्रिया को प्रभावित करने को लेकर भी चेताते हुए कहा कि इससे न्यायपालिका की आजादी बाधित हो सकती है।
• न्यायाधीश एके सीकरी ने कहा, ‘‘हालांकि संविधान में मास्टर ऑफ रोस्टर के रूप में प्रधान न्यायाधीश की भूमिका को लेकर कुछ नहीं है, लेकिन यह अदालत के अनुशासन और गरिमा को बनाए रखने की कार्यपण्राली पर आधारित है।’
• न्यायाधीश अशोक भूषण ने भी समवर्ती लेकिन अलग फैसले में कहा कि इसकी व्याख्या को स्वीकार करना मुश्किल है कि सीजेआई का मतलब है पूरा कॉलेजियम है।

4. MSP की बनेगी नई प्रणाली
• कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही एक नई पण्राली लाएगी ताकि किसानों को उस हालत में उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित किया जा सके जिसमें बाजार कीमत मानक दर से कम हो जाती है।
• उन्होंने कहा कि सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी में काफी वृद्धि की है और किसान समुदाय अब इस फैसले से खुश हैं। यह पूछे जाने पर कि जब सरकार किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए एक नई व्यवस्था कब लेकर आएगी तो शेखावत ने कहा, ‘‘जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।’
• मंत्री यहां आयोजित ‘‘कृषि विकास सम्मेलन 2018‘‘ के अवसर पर अपनी बात रख रह रहे थे। अपने बजट 2018 के भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श से किसानों को एमएसपी का लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक चूकमुक्त व्यवस्था स्थापित करेगी।
• सूत्रों ने पहले कहा था कि धान और गेहूं को छोड़कर विभिन्न फसलों की कीमत एमएसपी से कम होने की स्थिति में किसानों को क्षतिपूर्ति करने के लिए सरकार को सालाना 12,000 से 15,000 करोड़ रपए का बोझ वहन करना पड़ सकता है।
• धान और गेहूं की खरीद पहले से ही सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जाती है।नीति आयोग के शीर्ष अधिकारी ने हाल ही में प्रस्तावित खरीद तंत्र और इसके वित्तीय निहितार्थ के बारे में प्रधान मंत्री के सामने एक प्रस्तुति दी है।
• नीति आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि राज्यों को तीन माडलों का विकल्प दिया जाना चाहिए- बाजार आश्वासन योजना (एमएएस), मूल्य कमी खरीद योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद एवं स्टाकिस्ट योजना।

5. विदेशी एजेंसियों से साझा होगा डीएनए डाटा
• देश में बन रहे डीएनए डाटा बैंक में एकत्र होने वाले डीएनए प्रोफाइल को आपराधिक मामलों की जांच के लिए विदेशी एजेंसियों के साथ भी साझा किया जा सकेगा। डीएनए टेस्ट और डीएनए प्रोफाइलिंग को नियंत्रित करने वाले कानून में इस बात का प्रावधान किया जा रहा है जिससे डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड की अनुमति से आपराधिक मामलों की जांच करने वाली घरेलू और विदेशी एजेंसियां इसका इस्तेमाल कर सकें।
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ही डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल के मसौदे को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि सरकार इस विधेयक को संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, विधेयक के मसौदे में विभिन्न मामलों में डीएनए के इस्तेमाल को अनुमति देने का प्रावधान होगा, किंतु इसके लिए डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड की अनुमति आवश्यक होगी।
• विधेयक के प्रावधानों में ही 10 सदस्यों वाले बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी किया गया है।1विधेयक में राष्ट्रीय स्तर पर एक डीएनए डाटा बैंक के साथ-साथ कुछ क्षेत्रीय डीएनए डाटा बैंक स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।
• मसौदे में यह स्पष्ट नहीं है कि देश में क्षेत्रीय स्तर पर कितने डीएनए डाटा बैंक बनेंगे। यह तय करने का अधिकार केंद्र सरकार को होगा कि किसी एक राज्य के लिए अलग डाटा बैंक बने या दो या अधिक राज्यों के लिए डीएनए डाटा बैंक बने। राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाला डाटा बैंक क्षेत्रीय डाटा बैंकों से ही डीएनए प्रोफाइल प्राप्त करेगा और उन्हें एकत्र करेगा।
• विधेयक के मसौदे के मुताबिक, बोर्ड के कार्यक्षेत्र में डीएनए टेक्नोलॉजी के अधिकतम इस्तेमाल और इसके न्यायिक प्रक्रिया में उपयोग के लिए सुझाव देना भी शामिल है। डीएनए प्रोफाइल की सुरक्षा और उसकी निजता बनाए रखने का इंतजाम भी विधेयक में किया गया है।
• बोर्ड को किसी भी व्यक्ति का डीएनए प्रोफाइल अन्य देशों की सरकार अथवा विदेशी जांच एजेंसियों के साथ साझा करने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका इस्तेमाल केवल अपराधियों, संदिग्ध व्यक्तियों, अंडरट्रायल, लापता व्यक्ति और किसी दुर्घटना में पीड़ित अनजान व्यक्तियों के मामले में ही हो।
• इतना ही नहीं, विधेयक में डीएनए डाटा बैंक में एकत्र किए गए डीएनए प्रोफाइल की सुरक्षा और गोपनीयता की पूरी जिम्मेदारी बोर्ड को सौंपी गई है। डाटा बैंकों को इसके लिए बोर्ड के नियमों के मुताबिक ही डीएनए प्रोफाइल की सुरक्षा के उपाय करने होंगे।

6. भारत करेगा हंबनटोटा एयरपोर्ट का परिचालन
• श्रीलंका में रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर हंबनटोटा के एयरपोर्ट का परिचालन भारत करेगा। यह एयरपोर्ट घाटे में है पर हंबनटोटा बंदरगाह का पट्टा चीन के पास है और इसका बड़ा महत्व है।
• श्रीलंका के नागर विमानन मंत्री निमल श्रीपाल डी सिल्वा ने संसद में कहा कि घाटे में चल रहे मत्ताला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को भारत दोनों देशों के बीच एक संयुक्त उपक्रम के रूप में चलाएगा। साझा उपक्रम में भारत बड़ा भागीदार होगा। यह हवाई अड्डा राजधानी कोलंबो से 241 किमी. दक्षिण-पूर्व में है। इसे 21 करोड़ डालर की लागत से बनाया गया है लेकिन वहां से ज्यादा उड़ान न होने के कारण यह घाटे में है। इसे विश्व का सबसे खाली हवाईअड्डा कहा जाता है।
• डी सिल्वा ने संसद में कहा, ‘‘हमें घाटे में चल रहे इस हवाईअड्डे को सही करना होगा जिसके कारण 20 अरब रपए का भारी नुकसान हुआ है।’
• उन्होंने कहा कि अनुबंध की अंतिम शत्रें अभी तय की जानी हैं। विपक्षी सांसद कणक हेरत ने मंत्री से सवाल किया कि क्या इस हवाईअड्डे का परिचालन भारत को तुष्ट करने के लिए दिया गया है ? इसके जवाब में डी सिल्वा ने कहा कि सरकार ने इसके परिचालन के लिए 2016 में निविदा मंगवाई थी।
• उन्होंने कहा, ‘‘हमें मदद की पेशकश सिर्फ भारत ने की। अब हम भारत के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने की बातचीत कर रहे हैं।’यह हवाईअड्डज्ञ पूर्व राष्ट्रपति म¨हदा राजपक्षे के नाम पर बना है।
• उनके कार्यकाल के दौरान इसे चीन के भारी-भरकम ब्याज वाले कर्ज से बनाया गया था। इसका परिचालन मार्च 2013 में शुरू हुआ था। लगातार घाटे तथा सुरक्षा कारणों से यहां की एकमात्र अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी इस साल मई में बंद हो गई थी।

7. नवाज शरीफ को 10 साल की जेल
• पाकिस्तान में पनामा पेपर मामले में प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले नवाज शरीफ को आम चुनाव से पहले शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 80 लाख पौंड (करीब 73 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया है।
• एनएबी का सहयोग नहीं करने पर भी एक साल कैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि दोनों सजाएं साथ चलेंगी। उनके साथ ही बेटी मरयम को सात साल कठोर कारावास और दामाद कैप्टन मुहम्मद सफदर को जांच में सहयोग नहीं करने पर एक साल कैद की सजा सुनाई गई। मरयम को भी जांच में सहयोग नहीं करने पर एक साल की सजा दी गई है।
• उनकी भी दोनों सजाएं साथ चलेंगी। मरयम पर 20 लाख पौंड का जुर्माना भी लगा है। इस समय शरीफ बीमार पत्नी कुलसुम के साथ लंदन में हैं। उनके साथ मरयम भी हैं। शरीफ परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो अन्य मामले चल रहे हैं। यह फैसला एक ऐसे समय आया है जब देश में 25 जुलाई को आम चुनाव होने जा रहे हैं।
• एनएबी कोर्ट ने एवेनफील्ड मामले में फैसला सुनाया है। यह लंदन के पॉश इलाके एवेनफील्ड में स्थित चार लक्जरी फ्लैटों से जुड़ा है। नवाज शरीफ परिवार ने अपनी विदेशी कंपनियों नील्सन इंटरप्राइजेज लिमिटेड और नेस्कोल लिमिटेड के जरिये इन संपत्तियों को खरीदा था। ये फ्लैट 1993 से 1996 के दौरान खरीदे गए थे।
• इस मामले में शरीफ के अलावा उनकी बेटी मरयम, दामाद सफदर और दोनों बेटे हसन और हुसैन सहआरोपी बनाए गए थे।1इस्लामाबाद की एनएबी अदालत के जज मुहम्मद बशीर ने 100 से ज्यादा पेजों में अपना फैसला सुनाया।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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