24 November 2017(Friday)

1.ओबीसी आयोग के लिए फिर बिल लाएगी सरकार
• सरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिये संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में फिर विधेयक पेश करेगी। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह बात बतायी।
• अधिकारियों ने बताया कि यह कदम राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा के लिए पूर्ण अधिकार प्रदान करने में मददगार होगा। एक अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए समानता और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है और संसद के आसन्न सत्र में इस विधेयक को लाने का निर्णय किया है।
• उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित विधान को ओबीसी समुदाय के मतदाताओं पर पकड़ मजबूत बनाने के भाजपा के कदम के रूप में देखा जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय आयोग के समकक्ष दर्जा प्रदान करने के लिए सरकार ने पहले एक विधेयक पेश किया था।
• प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयक पहले लोकसभा में पेश किया गया जहां यह पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में यह कुछ संशोधनों के साथ पारित हुआ । इसके कारण विधेयक के दो तरह के प्रारूप दोनों सदनों से पारित हुए।

2. वैश्विक साइबर स्पेस सम्मेलन में मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी तोड़ती है हर बाधा
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर स्पेस को आतंकवाद और कट्टरपंथ का मैदान बनने के खतरे को रोकने के लिए दुनिया के देशों के बीच सूचना के आदान-प्रदान और समन्वय स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि निजता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच बारीक संतुलन बनाया जा सकता है।
• बृहस्पतिवार को वैश्विक साइबर स्पेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटरनेट अपने आप में समावेशी प्रकृति का है, लेकिन खुले और सुलभ इंटरनेट की खोज अक्सर खतरे को बुलावा देती है। वेबसाइट की हैकिंग और उसे विकृत बनाने की खबरें तो छोटी बात है।
• इनसे स्पष्ट होता है कि साइबर हमले एक बड़ा खतरा हैं विशेष तौर पर लोकतांत्रिक विश्व में। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे समाज के संवेदनशील वर्ग साइबर अपराधियों के दुष्ट साजिशों के जाल में नहीं फंसें। हमें इसके लिए सजग रहने की जरूरत है।
• मोदी ने कहा कि इसके लिए इस बात पर काफी ध्यान देने की जरूरत है कि साइबर खतरों से निपटने के वास्ते हमारे पास अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सक्षम पेशेवर हों। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मई और जून में वैश्विक स्तर पर साइबर हमले में 3,00,000 कम्प्यूटर प्रभावित हुए। इसके कारण बैंकों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कई प्रतिष्ठानों का कामकाज बाधित हुआ।
• उन्होंने कहा कि हैकिंग शब्द ने आज रोमांचक रूप ले लिया है, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि साइबर सुरक्षा हमारे युवाओं के कैरियर के लिए आकर्षक और व्यवहार्य विकल्प बने।
• मोदी ने कहा कि इसी के साथ सभी देशों को यह जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ की अंधकारपूर्ण ताकतों का मैदान नहीं बनना चाहिए।
• सूचनाओं का आदान-प्रदान और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल इस खतरे के सतत रूप से बदलते स्वरूप से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में जन धन बैंक अकाउंट, आधार प्लेटफार्म और मोबाइल माध्यम पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है।
• मोदी ने डिजिटल माध्यम और प्रौद्योगिकी की सराहना करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी हर बाधा को तोड़ती है। सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।

3. पीएम ने की उमंग एप की शुरुआत
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों को एक ही मंच पर सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ देने के लिए बृहस्पतिवार को मोबाइल एप उमंग की यहां शुरुआत की।
• इस एप की शुरुआत पिछले साल दिसम्बर में ही की जानी थी। इस एप पर आधार, डिजिलॉकर, भारत बिल पेमेंट सिस्टम समेत कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक उमंग एप पर केंद्र समेत राज्य सरकारों की 1,200 से अधिक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
• इस एप के जरिये लोग कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सेवाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके अलावा स्थायी खाता संख्या (पैन) का आवेदन तथा रोजगार तलाश रहे लोग प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में पंजीयन भी करा सकेंगे।
• यह एप 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। यह जल्दी ही यूएसएसडी के जरिये फीचर फोनों पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

4. शंघाई सम्मेलन में सुषमा करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व
• विदेशमंत्री सुषमा स्वराज इस महीने के अंत में रूस के सोची में होने वाले शंधाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
• यह सम्मेलन 30 नवम्बर और 1 दिसम्बर को होने वाला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, सुषमा स्वराज 30 नवम्बर और 1 दिसम्बर को रूस के सोची में होने वाले शंधाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
• वह 29 नवम्बर को वहां पहुंचेंगी और 30 नवम्बर को द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कहा, सुषमा इस दौरान रूसी प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव की ओर से आयोजित भोज में भी शामिल होंगी।
• कुमार ने कहा, सुषमा का एक दिसम्बर को शिष्टमंडल के प्रमुखों के साथ सीमित लोगों के लिए निर्धारित बैठक में हिस्सा लेने का कार्यक्र म है और इसके बाद प्रारंभिक सत्र का आयोजन होगा।

5. अब होगी रोहिंग्या मुसलमानों की वतन वापसी : म्यांमार और बांग्लादेश ने किए समझौते पर हस्ताक्षर
• वैश्विक समुदाय से पड़ रहे दबाव के बीच म्यांमार ने उन लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने पर बृहस्पतिवार को सहमति जताई जिन्होंने सैन्य कार्रवाई की वजह से भागकर बांग्लादेश में शरण ली।
• अमेरिका ने म्यांमार की सैन्य कार्रवाई को नस्ली संहार करार दिया है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रवाई के बाद अगस्त से अब तक 6.20 लाख लोग पलायन कर बांग्लादेश चले आए हैं।
• बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हफ्तों की बातचीत के बाद दोनों पड़ोसी देशों ने विस्थापित लोगों की वापसी की व्यवस्था को लेकर हस्तक्षर किया। म्यांमार की नेता आंग सान सू की और बांग्लादेश के विदेशमंत्री अबुल हसन महमूद अली से राजधानी ने पी ताव में बातचीत की और दोनों देशों ने इस बारे में एक करार पर हस्ताक्षर किया।
• बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि जिस करार पर हस्ताक्षर किया गया है उसको लेकर पिछले कुछ महीने से बातचीत हो रही हैं और बुधवार को दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसको अंतिम रूप दिया। बांग्लादेश ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, दोनों पक्षों ने दो महीनों में शरणाथियों की म्यांमार में वापसी शुरू कराने पर सहमति जताई है। अली ने म्यांमार के रखाइन प्रांत के लिए तीन एंबुलेंस भी सौंपी।
• सू की और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष के बीच यह बातचीत पोप फ्रांसिस के इन दोनो देशों के दौरे से पहले हुई है। रोहिंग्या की दुर्दशा के बारे में पोप मुखर होकर सामने आए हैं।
• बांग्लादेश के विदेशमंत्री ने एक संक्षिप्त वक्तव्य में कहा, यह शुरुआती कदम है। वह रोहिंग्या को वापस लेंगे। अब हमें काम शुरू करना होगा। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि कितने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापसी करने दिया जाएगा।

6. अमेरिका को सुपर पावर बने रहना है तो भारत से बढ़ाए रिश्ते : आस्ट्रेलिया
• ऑस्ट्रेलिया ने विदेश नीति पर श्वेत पत्र जारी करके भविष्य के संबंधों को लेकर दशा-दिशा स्पष्ट कर दी। अमेरिका से कहा है कि उसे अगर सुपर पावर का रुतबा कायम रखना है तो एशिया के मामलों में रुचि ले और यहां पर अपनी मौजूदगी बढ़ाए। एशिया में समान विचारधारा वाले देशों से सहयोग बढ़ाए। जाहिर है अमेरिका के इस निकट सहयोगी देश का इशारा भारत की ओर है। ऑस्ट्रेलिया ने चीन के बढ़ते प्रभाव से अमेरिका को आगाह किया है।
• 115 पेज के इस श्वेत पत्र में ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि दुनिया के धनी और ताकतवर देश ही अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से कुशलता के साथ मुकाबला कर सकते हैं। खुलेपन की नीति से ही अमेरिका दुनिया को उदारवादी नीतियों पर आधारित नेतृत्व दे सकता है।
• अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति के रूप में चुनाव दुनिया में सुपर पावर की भूमिका को संकुचित करने वाला है। यह ऑस्ट्रेलिया जैसे निर्यात पर आधारित देश के लिए नकारात्मक घटनाक्रम है। क्योंकि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रांस पैसीफिक पार्टनरशिप रीजनल ट्रेड एग्रीमेंट को रद कर दिया।
• अमेरिका सहित 12 देशों के बीच हुआ यह समझौता वर्षो के विचार-विमर्श के बाद हुआ था। ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका के इस फैसले पर निराशा जताई है। श्वेत पत्र में कहा गया है कि मजबूत और बहिमरुखी अमेरिका दुनिया में शांति, स्थिरता और संपन्नता के लिए आवश्यक है।
• अमेरिका की कमजोरी और उसके अंतमरुखी होने से दुनिया की उदारवादी शासन व्यवस्था के कमजोर होने का खतरा है। श्वेत पत्र में कहा गया है कि मौजूदा समय में दो देशों में ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के नेतृत्व में युद्ध लड़ रहा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से अमेरिका के नेतृत्व में यही स्थिति रही है। अमेरिका तेज आर्थिक और सामरिक तरक्की का फायदा लेता रहा है।
• वैश्विक उदारवादी शासन व्यवस्था के चलते ऑस्ट्रेलिया को कभी उसको लेकर आपत्ति भी नहीं रही। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। चीन से अमेरिका को चुनौती मिल रही है। हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर का इलाका संतुलन का नया क्षेत्र बन गया है। ऐसे में अमेरिका को अपनी हैसियत बरकरार रखने के लिए नीति बदलनी होगी।

7. ब्रह्मपुत्र नहीं, तिब्बत की नदियों पर बांध बनाएगा चीन
• तिब्बत में कई जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण कर रहे चीन ने ब्रह्मपुत्र के बजाए अपने प्रांतों के करीब स्थित नदियों पर बांध बनाने की योजना बनाई है। चीनी के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में इसकी जानकारी दी।
• उल्लेखनीय है कि ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध को लेकर भारत कई बार चीन के सामने ऐतराज जता चुका है। पिछले महीने चीन ने उन मीडिया रपट को खारिज करते हुए गलत करार दिया था, जिसमें कहा गया था कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी से पानी को मोड़ने के लिए तिब्बत में अरुणाचल प्रदेश के समीप 1000 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रहा है।
• चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदियों पर बनाए जा रहे विभिन्न बांधों को लेकर भारत ने पड़ोसी देश (चीन) के सामने अपनी चिंताएं उठाई थी। ब्रह्मपुत्र को चीन में यरलुंग त्संगपो के नाम से जाना जाता है।ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में कहा, जिनशा, लान्कांग और नुजूयांग नदियां विशाल जल विद्युत क्षमता के साथ तिब्बत में खासे लोकप्रिय जलमार्ग हैं। साथ ही वह भारत से होकर नहीं गुजरती हैं।
• लेख में कहा गया है कि इसका यह मतलब नहीं है कि चीन से भारत में बहने वाली नदियों-जैसे यरलुंग जैगंबो नदी (ब्रह्मपुत्र) पर बने पनबिजली स्टेशन को तिब्बत में बिजली पहुंचाने की योजना से पृथक किया जाएगा, लेकिन वे इसके लिए पहली पसंद नहीं हो सकते।
• पहली बड़ी जल विद्युत परियोजना के रूप में ब्रह्मपुत्र पर जांगमू बांध समेत तिब्बत में सीमावर्ती नदी पर बनी चीन की कुछ और योजनाओं पर भारत में चिंता जताई थी।

8. ईपीएफ खाते में दर्ज होंगी ईटीएफ यूनिटें
• कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ खातों में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) यूनिटें जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे करीब पांच करोड़ खाताधारकों को फायदा होगा। अगले साल मार्च अंत तक सभी खाताधारक कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते में ईटीएफ यूनिटों की स्थिति भी देख सकेंगे।
• केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की गुरुवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। सीबीटी ईपीएफओ की निर्णायक कमेटी है। इसके अध्यक्ष केंद्रीय श्रम मंत्री होते हैं।
• बैठक के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि सीबीटी ने इक्विटी में होने वाले निवेश के मूल्यांकन के लिए नई अकाउंटिंग नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के सुझावों को भी शामिल किया गया है।
• श्रम सचिव एम सत्यवती ने बताया कि खाताधारक जब भी ईपीएफ खाते से एडवांस निकालेंगे या खाता बंद कराएंगे, ईपीएफओ ईटीएफ यूनिटों को लिक्विडेट कर देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईटीएफ यूनिटों को पीएफ खाते में जोड़ने के बाद भी यह डीमैट से अलग रहेगा।
• इस खाते में ईटीएफ यूनिटें जुड़ने के बाद भी खाताधारक यहां ट्रेडिंग नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा ईपीएफओ ईटीएफ यूनिटों को तभी लिक्विडेट करेगा, जब खाताधारक धन निकासी के लिए आवेदन करेंगे।
• ईपीएफओ ने अगस्त, 2015 में ईटीएफ में निवेश की शुरुआत की थी। श्रम सचिव के मुताबिक, ‘ईपीएफओ अब तक करीब 32,000 करोड़ रुपये ईटीएफ में निवेश कर चुका है।
• इस पर अब तक 21.87 फीसद का रिटर्न मिला है। हालांकि यह रिटर्न केवल अनुमानित ही है। ईपीएफओ को यह रिटर्न तभी मिलेगा, जब इस निवेश को भुनाया जाएगा।

9. चिट्ठी में पता लिखने की जरूरत नहीं अब हर घर का होगा यूनीक कोड
• आधार की ही तरह अब हर घर का यूनीक कोड होगा। यह उस घर की डिजिटल पहचान होगी, जिसमें पते का पूरा विवरण समाहित होगा। यानी चिट्ठी में पते की जगह अब बस एक कोड दर्ज करना होगा, चिट्ठी पते पर पहुंच जाएगी। गूगल मैप पर यदि लोकेशन ढूंढना है, तो पूरा पता लिखने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ यूनीक कोड डालने से लोकेशन सामने आ जाएगी।
• सरकार की ई-एड्रेस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए डाक विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसमें उसका साथ मैप माई इंडिया कंपनी दे रही है। योजना की शुरुआती दिल्ली, नोएडा और बोकारो से की जानी है।
• ऐसे बनेगा कोड : आपके घर या ऑफिस के पते की जियो टैगिंग की जाएगी। यानी रिमोट सेंसिंग के जरिये उसकी जियोग्राफिक लोकेशन को दर्ज किया जाएगा। इससे यह लोकेशन डिजिटल मैप से कनेक्ट की जा सकेगी। आपसे मोबाइल नंबर व परिवार के एक या दो सदस्यों का आधार नंबर भी लिया जाएगा।
• मैप माई इंडिया के मौजूदा ई-लॉक सॉफ्टवेयर की तर्ज पर डाक विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार करेगा। जिसके जरिये डिजिटल कोड जेनरेट किया जाएगा। छह डिजिट का यह कोड अल्फा न्यूमेरिक होगा, यानी यह अंकों और अल्फाबेट का मिलाजुला रूप होगा।
• इसमें घर की लोकेशन, गली, मोहल्ला, जिला, राज्य और देश मैप पर टैग रहेगा। गूगल मैप जैसे किसी भी डिजिटल मैप पर यह कोड डालते ही घर या गंतव्य का पता, मैप पर उसकी जियोग्राफिक लोकेशन सामने आ जाएगी।
• डाक के अलावा फायर सर्विस, एम्बुलेंस सेवा, आपातकालीन सेवा, कोरियर आदि के लिहाज से भी यह सुविधाजनक होगा। इसे प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड से भी जोड़ा जा सकेगा।

10. नेवी को मिली पहली महिला पायलट
• भारतीय नौसेना में पहली बार किसी महिला पायलट की नियुक्ति की गई है। उत्तर प्रदेश की शुभांगी स्वरूप जल्द ही मेरीटाइम रिकानकायसन्स विमान उड़ाती दिखाई देंगी।
• इसके अलावा नई दिल्ली की आस्था सेगल, पुड्डूचेरी की रूपा ए और केरल की शक्ति माया एस को नौसेना की नेवल आर्मामेंट इंस्पेक्टोरेट (एनएआई) शाखा में देश की पहली महिला अधिकारी बनने का गौरव हासिल हुआ है।
• चारों महिलाओं ने बुधवार को एक कार्यक्र म में एझीमाला नौसेना अकादमी में नेवल ओरियन्टेशन कोर्स पास करने के बाद पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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