1.विश्व असमानता सूचकांक में भारत अंतिम 10 देशों में
• असमानता घटाने की प्रतिबद्धता के मामले में ब्रिटेन स्थित ‘ऑक्सफेम इंटरनेशनल’ ने अपना नया विश्वव्यापी सूचकांक जारी किया। इसमें भारत का स्थान अंतिम 10 देशों की सूची में शामिल है। इस सूची में डेनमार्क शीर्ष पर है।
• इस सूचकांक को तैयार करने के लिए 157 देशों का विश्लेषण किया गया और इसमें भारत का स्थान 147वां है। इसमें असमानता घटाने में भारत की प्रतिबद्धता को ‘बेहद चिंताजनक हालात’ के रूप में बताया गया है।
• सूचकांक के मुताबिक, ‘ऑक्सफेम का आकलन है अगर भारत को असमानता में एक तिहाई की कमी लानी है तो उसे 17 करोड़ से ज्यादा लोगों की गरीबी दूर करनी होगी। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर सरकारी खर्च बेहद कम है और निजी क्षेत्र को अक्सर छूट प्रदान की जाती है, जबकि सिविल सोसायटी लगातार खर्च बढ़ाने की मांग करती रही है।’
• सूचकांक कहता है कि कागजों पर भारत का टैक्स ढांचा काफी प्रगतिशील दिखाई देता है, लेकिन व्यवहार में धनी लोगों की आय पर टैक्स नहीं वसूला जाता। इसके अलावा श्रम अधिकारों और कार्यस्थलों पर महिलाओं के सम्मान के मामले में भी भारत का प्रदर्शन बेहद खराब है।
• 157 देशों का विश्लेषण कर तैयार किया सूचकांक, डेनमार्क शीर्ष पर
• भारत की प्रतिबद्धता को ‘बेहद चिंताजनक हालात’ के रूप में बताया गया

2. इराक में मंत्री बनाने को लेकर अनूठी पहल
• इराक के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल महदी ने अपने मंत्रिमंडल में इराकी नागरिकों को शामिल करने के लिए अनूठी पहल करते हुए एक वेबसाइट लॉन्च की है। महदी ने इराक के आम लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा है कि जिन लोगों के पास काम करने का अनुभव और कौशल हो, वह नई सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
• बीबीसी न्यूज के मुताबिक इराककैबिनेट डॉट कॉम नामक वेबसाइट पर आवेदन की समय सीमा 9 से 11 अक्टूबर के बीच बताई गई है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि महदी ने वेबसाइट बनाने का फ़ैसला तब लिया जब उनके पास नई सरकार में मंी बनने के लिए व्यक्तिगत बैठक करके आवेदन करने की दरख्वास्त आई। इराक के नए राष्ट्रपति बरहाम सालेह ने गत सप्ताह श्री महदी को नई सरकार बनाने के लिए चुनाहै। महदी को अगले 30 दिनों में नई सरकार का गठन करना है।
• इराक़ युद्ध और आईएस के साथ लंबे समय तक चले संघर्ष के बाद इराकियों के लिए यह सरकार एक नई सुबह जैसी है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है और सरकार बीते कुछ सालों में अपने नागरिकों को आम सुविधाएं देने में असफल रही है। इसकी वजह से कई बार इराक़ी लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। ऐसे में इराक की नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये होगी कि वह इराकी जनता का भरोसा जीत सके।
• सत्तर के दशक में महदी इराक़ कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में शामिल होने के बाद साल 1980 तक इसके लिए काम करते रहे। इसके बाद शिया समुदाय से आने वाले महदी ने ईरान के इस्लामिक विचारों को स्वीकार कर लिया। लेकिन सद्दाम हुसैन युग के बाद वाले इराक़ में महदी ने कार्यकारी सरकार में उप-राष्ट्रपति का पद भी संभाला।

3. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीनों करारों को मंजूरी दी गई
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कृषि के क्षेत्र में लेबनान और पर्यावरण के क्षेत्र में फिनलैंड के साथ अलग-अलग सहमति पत्रों (एमओयू) को मंजूरी दी जबकि रोमानिया के साथ पर्यटन में एक सहमति पत्र को पूर्व तिथि से मंजूरी दी गई।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को यहाँ हुई बैठक में तीनों करारों को मंजूरी प्रदान की गई। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया, लेबनान के साथ कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों के लिए हुए एमओयू से दोनों देशों को फायदा होगा। इससे दोनों देशों में कृषि के बेहतरीन तरीकों को समझने में मदद मिलेगी जिससे कृषि उपज बढ़ेगी और नियंतण्र बाजार में सुधार होगा।
• कृषि में नवाचारी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल बढ़ेगा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।फिनलैंड के साथ हुए करार के तहत पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में दोनों देशों के बीच दीर्घकालीन निकट संबंध स्थापित होगा। इससे पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन प्रबंधन और वन्य जीव संरक्षण बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
• वायु एवं जल प्रदूषण की रोकथाम और प्रदूषित मृदा को पुन: प्रदूषण मुक्त करना, कूड़ा प्रबंधन तथा कूड़े से ऊर्जा की प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना, चक्रीय अर्थव्यवस्था का संवर्धन, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण एवं वन निगरानी एवं डाटा प्रबंधन, सामुद्रिक एवं तटीय संसाधनों का संरक्षण तथा समुद्री जल का एकीकृत प्रबंधन इस करार के दायरे में होगा।
• उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की या के दौरान सितम्बर में रोमानिया के साथ पर्यटन पर हस्ताक्षरित एक एमओयू को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इसमें दोनों देश पर्यटन में आपसी सहयोग बढ़ाएंगे तथा एक-दूसरे के यहाँ पर्यटन को प्रोत्साहित करेंगे।

NATIONAL

4. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सीलबंद लिफाफे में मांगी राफेल सौदे की निर्णय प्रक्रिया
• सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार की 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को खारिज करने की मांग नजरअंदाज करते हुए सरकार से राफेल खरीद की निर्णय प्रक्रिया बताने को कहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सीलबंद लिफाफे में निर्णय प्रक्रिया देने को कहा है। साथ ही साफ किया कि वह विमान की गुणवत्ता और कीमत का पहलू नहीं जानना चाहता और ना ही वह जनहित याचिकाओं पर नोटिस ही जारी कर रहा है।
• विपक्ष लगातार इस सौदे पर सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं। हालांकि सरकार और वायुसेना सौदे को देशहित में लिया गया फैसला व वायुसेना की क्षमता बढ़ाने वाला बताती आ रही है। कोर्ट में तीन जनहित याचिकाओं के जरिये राफेल सौदे पर सवाल उठाए गए जिसमें से एक याचिका तहसीन पूनावाला की थी, जो वापस ले ली गई थी। बाकी दो सुप्रीम कोर्ट के वकील एमएल शर्मा और विनीत ढांडा की हैं।
• मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, संजय किशन कौल और केएम जोसेफ की पीठ ने याचिकाओं पर बहस सुनने के बाद सरकार को निर्देश दिया कि वह सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को फ्रांस से 36 जेट लड़ाकू विमान खरीदे जाने की निर्णय प्रक्रिया बताए।
• कोर्ट ने साफ किया कि वह सौदे की निर्णय प्रक्रिया याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों के आधार पर नहीं मांग रहा क्योंकि याचिकाओं में दिए गए आधार पर्याप्त नहीं हैं।
• कोर्ट ने कहा कि वह अपनी संतुष्टि के लिए प्रक्रिया देखना चाहता है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह यह नहीं जानना चाहता कि भारतीय वायुसेना के लिए विमानों को खरीदने की जरूरत या उद्देश्य क्या था। न ही सौदे की गुणवत्ता या कीमत जानना चाहता है।
• कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सीलबंद लिफाफे में दी जाने वाली सौदे की निर्णय प्रक्रिया कोर्ट रजिस्ट्री में नहीं दाखिल की जाएगी। सरकार की ओर से यह प्रक्रिया तीन सीलबंद लिफाफों में 29 अक्टूबर तक कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को दी जाएंगी। कोर्ट इस मामले पर 31 अक्टूबर को फिर सुनवाई करेगा।
• इससे पहले, बगैर नोटिस के ही सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जनहित याचिकाओं को राजनीति से प्रेरित बताते हळ्ए कहा,चुनाव के माहौल में ये याचिकाएं दाखिल की गई हैं। लोग जनहित याचिकाओं में संसद के सवाल-जवाब के चुने हुए अंशों का हवाला दे रहे हैं।
• इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा शामिल है। ऐसे में इसके बारे में किसी को बताया नहीं जा सकता। इन दलीलों पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह अपनी संतुष्टि के लिए प्रक्रिया देखना चाहते हैं।
• सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को प्रक्रिया देने में क्या आपत्ति है। वे सौदे की कीमत या गुणवत्ता नहीं जानना चाहते और न ही उसके बारे मे पूछ रहे हैं।

ECONOMY

5. बंद की जाएंगी घाटे वाली तीन कंपनियां
• सरकार ने तीन सरकारी कंपनियों नेशनल जूट मैन्युफैक्र्चस कापरेरेशन लिमिटेड (एनजेएमसी), उसकी इकाई बर्डस जूट एंड एक्सपोट्र्स लिमिटेड (बीजेईएल) तथा तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनी बाइको लारी लिमिटेड को बंद करने का फैसला किया है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मत्रिमंडल आर्थिक मामलों की समिति की यहां हुई बैठक में ये फैसले किए गए। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद बताया कि इन कंपनियों के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
• सरकार ने लंबे समय से घाटे में चल रही बाइको लाउरी को बंद करने का फैसला किया है। इस पर मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को मुहर लगा दी। साथ ही कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का विकल्प दिये जाने की भी मंजूरी दी गई।
• बाइको लाउरी में 67.33 प्रतिशत हिस्सेदारी आयल इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड की और 32.33 प्रतिशत केंद्र सरकार की है। शेष 0.44 प्रतिशत शेयर अन्य के हैं। इस साल 31 मार्च को कंपनी का नेटवर्थ 78 करोड़ रपए ऋणात्मक तथा घाटा 153.95 करोड़ रपए है।श्री प्रसाद ने बताया कि एनजेएमसी का मामला वर्ष 1993 से ही औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्गठन बोर्ड के पास है। पिछले 25 साल में उसे पटरी पर लाने के काफी प्रयास किए गए, लेकिन सारे विफल रहे। निजी कंपनियों को भी मौका दिया गया, लेकिन कंपनी पुनर्जीवित नहीं हो सकी।
• कपड़ा मंत्रालय ने इस कंपनी की जमीन के इस्तेमाल में कोई रुचि नहीं दिखाई है और इसलिए भूमि प्रबंधन एजेंसी के सुझाव पर इस जमीन का उपयोग भारत सरकार की संस्थाएं करेंगी। बीजेईएल का संयंत्र बंद पड़ा है और अभी कंपनी में कोई कर्मचारी नहीं है।

6. भारत को अतिरिक्त तेल आपूर्ति करेगा सऊदी अरब
• ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए सऊदी अरब भारत को अतिरिक्त कच्चा तेल मुहैया कराएगा। ईरान पर चार नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध प्रभावी होंगे। इसके बाद ईरान से तेल खरीदने वाली कंपनियों व देशों के खिलाफ अमेरिका आर्थिक प्रतिबंध जैसे कदम उठा सकता है।
• सूत्रों का कहना है कि दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोलियम निर्यातक देश सऊदी अरब भारतीय कंपनियों को 40 लाख बैरल कच्चे तेल की अतिरिक्त आपूर्ति करेगा। यह आपूर्ति चार भारतीय रिफाइनरियों को की जाएगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और मंगलौर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड इनमें शामिल हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि इनमें से किसी कंपनी की ओर से नहीं हुई है। अभी सऊदी अरब से भारत हर महीने औसतन 2.5 करोड़ बैरल कच्चा तेल आयात करता है।
• भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारतीय कंपनियां कच्चे तेल के बड़े हिस्से के लिए ईरान पर निर्भर हैं। ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंध के बाद कच्चे तेल की जरूरत पूरी करने के लिए उन्हें अन्य विकल्प तलाशने होंगे।
• हालांकि हाल ही में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने स्पष्ट किया था कि अमेरिकी प्रतिबंध प्रभावी होने के बाद भी ईरान से तेल आपूर्ति जारी रखी जाएगी। दो सरकारी कंपनियों ने नवंबर के लिए तकरीबन 90 लाख बैरल तेल खरीद का सौदा ईरान से किया है। इनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी शामिल है।
• प्रधान ने कहा था, ‘हमने ईरान से तेल खरीदने का अपना विकल्प जारी रखा है। नवंबर के लिए भी भारत की दो तेल कंपनियों ने ईरान से तेल खरीदने का समझौता किया है। हमें नहीं पता कि अमेरिका इस सौदे पर प्रतिबंध से छूट देगा या नहीं।’
• ईरान के साथ भारतीय रुपये में भुगतान को लेकर भी बातचीत चल रही है। इस बीच अमेरिकी प्रशासन ने कुछ देशों को प्रतिबंध से सशर्त छूट देने की बात भी कही है।

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