1.बांग्लादेश चुनाव : हसीना की पार्टी जीत की ओर
• बांग्लादेश के आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी शुरुआती रूझानों के मुताबिक भारी अंतर से आगे चल रही है। पार्टी की जीत के साथ हसीना का चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
• देर रात मिली खबरों के मुताबिक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रविवार को गोपालगंज-3 निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों के अंतर से चुनाव जीत गई। उन्हें 2,29,539 वोट मिले, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीएनपी के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले। चुनाव आयोग ने शाम में आधिकारिक तौर पर हसीना की जीत की घोषणा की।
• इस सीट से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार एसएम जिलानी को 123 वोट, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के उम्मीदवार मारूफ शेख को 71, जबकि बाकी उम्मीदवारों को कुल 14 वोट मिले।
• चुनाव आयोग के मुताबिक इस सीट पर कुल 2,29,747 वोट पड़े। इस बीच बांग्लादेश के विपक्षी एनयूएफ गठबंधन ने रविवार को आम चुनाव के परिणाम को खारिज कर दिया और निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार के अंतर्गत फिर से मतदान कराने की मांग की। इस गठबंधन में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी भी है।
• नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) में मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), गोनो फोरम, जातीय समाजतांत्रिक दल-जेएसडी, नागोरिक ओइकिया और कृषक श्रमिक जनता लीग है।

2. अफगानिस्तान का शांति वार्ता प्रस्ताव तालिबान ने ठुकराया
• आतंकी संगठन तालिबान ने जनवरी में सऊदी अरब में शांति वार्ता का अफगानिस्तान सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। तालिबान पहले अमेरिका के साथ किसी समझौते पर पहुंचना चाहता है। अमेरिका का हालांकि कहना है कि आखिरी समझौता अफगान सरकार के नेतृत्व में ही होना चाहिए। अफगान सरकार ने भी कहा है कि शांति वार्ता उसके नेतृत्व में ही होगी। तालिबान को यह बात समझ लेनी चाहिए।
• इस महीने अमेरिका के साथ कई अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान में 17 वर्षो से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अबूधाबी में तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। जनवरी में तालिबान के प्रतिनिधि फिर अमेरिकी अधिकारियों से मिलेंगे।
• तालिबान के प्रवक्ता का कहना है कि इस बैठक में अबूधाबी में अधूरी रह गई बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने रविवार को कहा, ‘हम सभी संबंधित पक्षों को स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम अफगान सरकार से बात नहीं करेंगे।’
• इस साल अमेरिकी दूत जालमे खलीलजाद और तालिबान नेताओं की मुलाकातों के बाद से अफगान शांति वार्ता में तेजी आई है।

ECONOMY

3. कर दायरा बढ़ाएगी सरकार
• सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कर राजस्व की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इसके लिए वह कर अनुपालन को बेहतर बनाने और उन क्षेत्रों की पहचान कर रही है जो कि कर दायरे से बाहर रह गए हैं। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने यह जानकारी दी है।
• उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ईमानदारी से कर चुकाने वाले करदाताओं को परेशान नहीं किया जाए लेकिन जो लोग कर भुगतान में आनाकानी करते हैं या रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं उन्हें कर दायरे में लाया जाए।
• पाण्डेय ने ने कहा कि आयकर विभाग अगले एक वर्ष में कर मामलों की जांच के लिए अधिकारी-करदाता के बीच आमना-सामना हुए बिना ही आकलन करने की पण्राली को लागू करेगा। इसका उद्देश्य प्रक्रिया को पूर्वाग्रह से मुक्त कराना है।
• जीडीपी में कर अनुपात बढ़ाने के लिए सरकार के कदम के बारे में पूछने पर पाण्डेय ने कहा, ‘‘इससे जुड़े दो मुद्दे हैं। एक में सरकार की नीति शामिल है जैसे कि जिन क्षेत्रों पर कर नहीं लगता है, उन्हें कर के दायरे में लाया जाना चाहिए। जबकि दूसरे में कर नियमों के अनुपालन में सुधार लाने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। अत: उन क्षेत्रों में जिन्हें कर के दायरे में लाने की गुजाइंश है और जहां बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के ऐसा किया जा सकता है, ऐसे क्षेत्रों की पहचान करनी होगी और उसके बाद हमें इस पर काम करना होगा।
• वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि वेतन भोगी श्रेणी तो अपने हिस्से का कर देते हैं लेकिन ज्यादातर अन्य क्षेत्रों को कर भुगतान का अपना रिकार्ड बेहतर करने की जरूरत है। इसकी वजह से देश एक बेहतर कर अनुपालन वाले समाज की पहचान से दूर बना हुआ है। पाण्डेय ने कहा कि आकलन वर्ष 2018-19 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 6 करोड़ से अधिक हो गई है। यह इससे पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।
• उन्होंने कहा कि कर अनुपालन में सुधार, ईमानदार करदाताओं को सुविधा देने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) विभिन्न पहलों की योजना बना रहा है। जीएसटी को लेकर पाण्डेय ने कहा कि यह कर चोरी को रोकने के हमारे प्राथमिक क्षेत्रों में से एक है क्योंकि इससे न सिर्फ सरकार को राजस्व का नुकसान होता है बल्कि उन कारोबारों की प्रतिस्पर्धा को कम करता है जो ईमानदारी से कर चुका रहे हैं।

4. सरकारी बैंकों के बैड लोन में आई कमी, पहली छमाही में 23,860 करोड़ रुपये की कमी
• सरकारी बैंकों के बैड लोन में कमी आई है और बैंक ज्यादातर स्ट्रेस्ड असेट्स की पहचान कर चुके हैं। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने दी है। सरकारी बैंकों के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) मार्च में पीक पर पहुंचने के बाद कम हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2019 की पहली छमाही में इसमें 23,860 करोड़ रुपये की कमी आई है।
• फाइनैंशल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार ने बताया, ‘बैड लोन की पहचान और उन्हें बैलेंस शीट में दिखाने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। रिस्ट्रक्चर्ड स्टैंडर्ड असेट्स मार्च 2017 के 7 पर्सेंट के पीक लेवल से सितंबर 2018 तक गिरकर 0.59 पर्सेंट तक आ गए थे।’

• वित्त मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोन अकाउंट्स की किस्त में 31 से 90 दिनों की देरी हुई है और जो अभी तक एनपीए नहीं बने हैं, वे लगातार पांच तिमाहियों में 61 पर्सेंट की गिरावट के साथ सितंबर 2018 में 0.87 लाख करोड़ के रह गए थे, जबकि जून 2017 में ऐसा एनपीए 2.25 लाख करोड़ रुपये का था। इससे पता चलता है कि अब नए बैड लोन बहुत कम बन रहे हैं।
• इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकारी बैंकों ने रिकॉर्ड 60,726 करोड़ की रिकवरी की है, जो साल भर पहले की इसी तिमाही का दोगुना है। कुमार ने बताया, ‘सरकारी बैंकों का प्रोविजन कवरेज रेशियो (पीसीआर) मार्च 2015 में 46.04 पर्सेंट था, जो सितंबर 2018 तक बढ़कर 66.85 पर्सेंट हो गया था। इससे बैंकों की नुकसान बर्दाश्त करने की क्षमता बढ़ी है।’
• पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार और पैसे लगा रही है। केंद्र का मानना है कि इससे कम से कम दो या तीन बैंक रिजर्व बैंक के प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क से इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले बाहर आ जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसी महीने कहा था कि सरकार पहले पब्लिक सेक्टर बैंकों में जितने निवेश की बात कह चुकी है, उसके अलावा उन्हें 41 हजार करोड़ रुपये देगी। इससे सरकारी बैंकों में केंद्र की तरफ से लगाई जाने वाली रकम 65 हजार करोड़ से बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
• जेटली ने कहा था कि इससे सरकारी बैंकों की लोन देने की क्षमता बढ़ेगी और वे रिजर्व बैंक के पीसीए फ्रेमवर्क से भी बाहर आ पाएंगे। पीसीए में उन बैंकों को डाला जाता है, जो कुछ मानकों का पालन नहीं कर पाते। प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क में डाले जाने के बाद बैंकों के लोन देने और नई शाखाएं खोलने पर रोक लग जाती है।

5. अगले साल विकास और ई-मोबिलिटी पर नीति आयोग का जोर
• नीति आयोग का मुख्य ध्यान अगले साल आर्थिक विकास और ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने वाले कदमों और मोदी सरकार द्वारा अपना गए सुधारों को लागू करने पर रहेगा। आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि अगले कैलेंडर वर्ष में भारत की विकास दर करीब 7.8 फीसद रहेगी और निवेश की रफ्तार और बढ़ेगी।
• वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की विकास दर 6.7 फीसद रही थी। कुमार ने साथ ही कहा कि अगले साल गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को प्रभावित कर रही नकदी समस्या का निदान हो जाने की उम्मीद है।
• प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) के तहत लाए गए बैंकों की कर्ज देने की क्षमता भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इन सब के परिणामस्वरूप निवेश चक्र में मजबूती आएगी।
• मोदी सरकार द्वारा अपनाए गए कई सुधारों के कारण उच्च विकास दर और कम महंगाई की नींव तैयार हो चुकी है और अब उन्हें लागू किए जाने पर ध्यान देने की जरूरत है।

NATIONAL

6. ओबीसी के उपवर्गीकरण के लिए होगा देशव्यापी सर्वेक्षण
• अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची के उपवर्गीकरण का अध्ययन कर रहे एक आयोग ने देशव्यापी सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है, ताकि जातिवार आबादी के आंकड़े जुटाए जा सकें। यह सर्वेक्षण एक एजेंसी से करवाया जाएगा।
• आयोग ने इसके लिए केंद्र से 200 करोड़ की भी मांग की है। पांच सदस्यीय समिति का नेतृत्व कर रहीं न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जी रोहिणी ने इस संबंध में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को पत्र लिखा है।
• यह समिति ओबीसी आरक्षण के समान बंटवारे के लिए मानदंड तय करने पर सुझाव देगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर को आयोग का कार्यकाल 31 मई, 2019 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी।
• जस्टिस रोहिणी के अनुसार, ओबीसी की केंद्रीय सूची में 2,600 से अधिक जातियां हैं। इनमें से कई की संख्या छोटी है और भौगोलिक रूप से अलग स्थानों पर रहती है। इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हर उप जिले को शामिल करते हुए व्यापक नमूने की आवश्यकता है।
• उन्होंने मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि ओबीसी की केंद्रीय सूची के उपवर्गीकरण के लिए हमारे आयोग को जातिवार आबादी के आंकड़ों की जरूरत है। चूंकि आजादी के बाद जातिवार आबादी के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं इसलिए आयोग ने सक्षम एजेंसी द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर एक सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है।
• जस्टिस रोहिणी ने कहा कि यह सर्वेक्षण ओबीसी परिवारों में शिक्षा का स्तर और रोजगार की स्थिति के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएगा।

SCIENCE

7. परमाणु संयंत्रों के लिए 15000 टन यूरेनियम की जरूरत
• परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने संसदीय समिति से कहा है कि देश के परमाणु संयंत्रों के लिए ईंधन की सुरक्षा आपूर्ति हासिल करने के लिए 15,000 टन यूरेनियम की जरूरत है। संसद के वर्तमान सत्र में पेश की गई समिति की रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि आयातित यूरेनियम पर निर्भरता घटाने के लिए नई यूरेनियम खदान खोलने के लिए जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाए जाएं।
• यूरेनियम के घरेलू उत्पादन में झारखंड का सबसे ज्यादा योगदान : अभी यूरेनियम के घरेलू उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा झारखंड की जादूगोड़ा खदानों से आता है। ये अब पुरानी हो गई हैं और वहां अब यूरेनियम गहराई पर मिलता है।
• इसके अलावा उसके उत्खनन की ऊंची लागत उसे आयातित यूरेनियम की तुलना में अव्यावहारिक बनाती है। जादूगोड़ा खदानों के अलावा, यूरेनियम आंध्र प्रदेश की तुम्मलपल्ले खदानों से निकाला जाता है। इसके अलावा मेघालय, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी यूरेनियम के भंडार हैं।
• 22 परमाणु संयंत्र अंतरराष्ट्रीय निगरानी निकाय से बाहर : भारत में 22 परमाणु विद्युत संयंत्र अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी निकाय अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अंतर्गत नहीं हैं। इनमें घरेलू यूरेनियम का इस्तेमाल किया जाता है। भारत फिलहाल कजाखिस्तान, कनाडा और रूस से यूरेनियम का आयात करता है।
• समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘समिति का मानना है कि जहां तक परमाणु संयंत्रों के वास्ते परमाणु ईंधन की सुरक्षा आपूर्ति हासिल करनी है तो डीएई का लक्ष्य आरामदेह स्थिति हासिल करने के लिए 15,000 टन यूरेनियम का भंडार सुनिश्चित करना है।’ सरकार की योजना एक रणनीतिक यूरेनियम भंडार कायम करना भी है ताकि उसके परमाणु रिएक्टरों के लिए यूरेनियम की कमी न हो।

8. चांद के अनदेखे हिस्से पर उतरने को तैयार चीन का यान
• अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में चीन नया इतिहास लिखने को तैयार है। चांद के अनदेखे हिस्से की पड़ताल के लिए लांच किया गया चीनी यान चांग ई-4 लैंडिंग के लिए तैयार है। यान रविवार को लैंडिंग के लिए निर्धारित कक्षा में पहुंच गया।
• चीन की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि यान चांद की दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पहुंच गया है। इस कक्षा में चांद से इसकी न्यूनतम दूरी करीब 15 किलोमीटर और अधिकतम दूरी करीब 100 किलोमीटर है। यान की गतिविधि और अन्य परिस्थितियों के हिसाब से नियंत्रण केंद्र तय करेगा कि इसे चांद की सतह पर कब उतारा जाए।
• यान को आठ दिसंबर को सिचुआन प्रांत के शिचांग सेटेलाइट लांच सेंटर से मार्च-3बी रॉकेट की मदद से लांच किया था। इसने 12 दिसंबर को चांद की कक्षा में प्रवेश किया था। इससे पहले भेजे गए यान से चांद के इस हिस्से को देखा तो गया है लेकिन अब तक कोई यान इसकी सतह पर नहीं उतरा है।
• इस यान के साथ चार विशेष पेलोड भी भेजे गए हैं, जिनका इस्तेमाल मिशन के दौरान किया जाएगा। इन पेलोड को नीदरलैंड, जर्मनी, स्वीडन और सऊदी अरब ने विकसित किया है।
• संपर्क स्थापित करना भी है चुनौती : चांद के अनदेखे हिस्से की ओर से भेजे गए यान से सीधे धरती पर स्थित केंद्र की मदद से संपर्क साधना संभव नहीं है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए चीन ने मई में ही क्यूकिआओ नाम का सेटेलाइट लांच कर दिया था। यह सेटेलाइट चांग ई-4 से संपर्क स्थापित करने में मदद करेगा।
• खुलेंगे चांद के कई राज : यान चांद के अनदेखे हिस्से में दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा। यान की मदद से उस हिस्से के रहस्यों का पता लग सकेगा। इस मिशन के तहत वहां की भू-संरचना व घाटियों का अध्ययन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त चांद पर मौजूद खनिजों और उसकी सतह की संरचना का भी पता लगाया जाएगा।
• क्यों अनदेखा है हिस्सा? :-चांद अपनी धुरी पर इस तरह से घूमता है कि हमेशा इसका एक हिस्सा ही धरती से दिखाई देता है। चांद के दूसरी ओर का 18 फीसद हिस्सा ही विशेष खगोलीय घटना के कारण कभी-कभी धरती से दिख जाता है। इस तरह पूरे चांद का करीब 59 फीसद हिस्सा धरती से दिखता है।
• बाकी हिस्से के बारे में कोई जानकारी नहीं होने के चलते इसे ‘डार्क साइड’ भी कहा जाता है। हालांकि यह हिस्सा अंधेरे में नहीं है। चांद के दोनों हिस्सों पर सूर्य का लगभग बराबर प्रकाश पड़ता है और दोनों हिस्सों पर करीब दो-दो हफ्ते का दिन-रात होता है।

PERSONALITY

9. मृणाल सेन
• दिग्गज फिल्म निर्माता मृणाल सेन का दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास में रविवार सुबह उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।

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