NATIONAL
*1.विपक्ष की लगभग पूर्ण गैर-मौजूदगी में लोस में तीन विधेयक पारितविपक्ष की लगभग पूर्ण गैर-मौजूदगी में लोस में तीन विधेयक पारित*
• विपक्ष की लगभग पूर्ण गैर-मौजूदगी में लोकसभा ने आधार एवं अन्य विधियां, कंपनी संशोधन विधेयक और राजधानी में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किए जाने संबंधी विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया।
• राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर नियम 193 के तहत हुई र्चचा पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद वाणिज्य राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने कंपनी संशोधन विधेयक 2018 पर सदन से विचार करने और इसे पारित करने का अनुरोध किया, लेकिन मुख्य विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
• विपक्षी खेमे में बीजू जनता दल के दो और तेलंगाना राष्ट्र समिति के दो सदस्य मौजूद थे। इस विधेयक के तहत विशेष न्यायालयों का बोझ कम करने के प्रयास किए गए हैं और इसके तहत 16 धाराओं में संशोधन प्रस्तावित है। विधेयक के माध्यम से इन धाराओं में उपबंधित सजा के प्रावधान में कुछ बदलाव करके आर्थिक दंड के प्रावधान किए गए हैं।
• इससे यह अपेक्षा की जा रही है कि विशेष न्यायालयों पर इस समय सुनवाई का जो बोझ है, वह काफी घट जाएगा और वे अधिक गंभीर कॉरपोरेट अपराधों की सुनवाई पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे।
• संशोधन के जरिए छोटी कंपनियों और एक व्यक्ति वाली कंपनियों पर लगाए जाने वाले दंड को सामान्य कंपनियों की तुलना में आधा किए जाने का प्रस्ताव है।
• उन्होंने कहा कि विधेयक में राष्ट्रीय कम्पनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) के कार्यभार को कम करने का प्रावधान किया गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अब क्षेत्रीय निदेशक के दंडात्मक क्षेत्राधिकार को बढ़ाया जा रहा है।
• इसके अतिरिक्त विधेयक के तहत केंद्र सरकार को यह शक्ति दिए जाने का प्रावधान है कि यदि कोई कम्पनी वित्तीय वर्ष में बदलाव चाह रही है तो इस पर वह अपनी स्वीकृति दे सकती है, साथ ही वह किसी कम्पनी को सार्वजनिक कम्पनी से निजी कम्पनी में परिवर्तित करने की मंजूरी दे सकती है।
• बीजद के तथागत सतपति और टीआरएस के बी वी पाटिल ने अध्यादेश लाने के सरकार के फैसलों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार की यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। बाद में सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।

*2. आधार अधिनियम संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित*
• लोकसभा ने आधार अधिनियम और दो संबंधित कानून संशोधन विधेयक पारित कर दिया। इससे लोगों को बैंक खाता खोलने और मोबाइल सिम लेने के लिए बायोमेटिक आइडी का स्वैच्छिक इस्तेमाल करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
• आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक में आधार अधिनियम, भारतीय टेलीग्राफ एक्ट और मनी लांडिंग रोकथाम अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। यह कदम पिछले वर्ष 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में उठाया गया है।
• शीर्ष कोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों और बदलावों के साथ विशिष्ट पहचान परियोजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था। कोर्ट ने मोबाइल कनेक्शन और बैंक खाते के लिए आधार आधारित केवाईसी की अनिवार्यता को प्रतिबंधित कर दिया है।
• केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधार एक डिजिटल पहचान है जिसने बिचौलिए की भूमिका पर्याप्त रूप से खत्म कर दी है। ऐसे लोग कटिंग, फिटिंग और सेटिंग का काम करते थे।
• अपना आधार कार्ड दिखाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह उनकी जाति, धर्म और स्वास्थ्य की स्थिति नहीं बताता है। यह बिलकुल सुरक्षित है और भारत एवं भारतीयों के लिए है।

*3. कंपनी संशोधन विधेयक को लोक सभा से मंजूरी मिली*
• लोक सभा ने शुक्रवार को कंपनीज (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी। इसमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार, नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) पर दबाव कम करने और नियमों का अनुपालन न करने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करने के प्रावधान हैं।
• कंपनी मामलों के राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने यह विधेयक पेश किया। सदन से इसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। विधेयक के प्रावधानों से एससीएलटी और विशेष अदालतों पर बोझ कम होगा और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा।
• विधेयक को मंजूरी देने से पहले हुई बहस में बीजेडी के तथागत सतपति ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में सिर्फ व्यापारिक वर्ग के मामलों पर ही ध्यान दिया है। सरकार ने पिछले साल कंपनी कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था। कंपनी मामलों का मंत्रलय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के साथ नियमों के अनुपालन में सुधार पर जोर दे रहा है।
• पिछले साल अगस्त में सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने कंपनियों के अपराधों का पुनर्गठन करने और छोटे मामले आंतरिक तंत्र के जरिये निपटाने का सुझाव दिया था ताकि अदालतें गंभीर मामलों पर ध्यान दे सकें।

INTERNATIONAL
*4. अमेरिका : स्पीकर चुनी गई नैंसी पेलोसी*
• अमेरिका में विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैन्सी पेलोसी अंतत: तीन जनवरी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की अध्यक्ष चुन ली गई। पेलोसी के समक्ष इस पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के केविन मैककार्थी खड़े थे।
• सदन में पेलोसी को 220 वोट मिले जबकि मैककार्थी को 192 मत मिले। अमेरिका में नवंबर 2018 में हुए मध्यावधि चुनावों से पहले लोगों को संदेह था कि क्या 78 वर्षीय पेलोसी सदन में अपनी पार्टी को बहुमत दिला सकेंगी और वह अध्यक्ष बन सकेंगी। लेकिन चुनाव में मिली जीत और तीन जनवरी को उनके चयन ने सभी सवालों का जवाब दे दिया।

ECONOMY
*5. भारतीय रिजर्व बैंक की जवाबदेही से जुड़े मुद्दों पर गौर करे सरकार*
• संसद की एक समिति ने सरकार से एक नियामक के तौर पर केंद्रीय बैंक की जवाबदेही से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के वास्ते एक समिति बनाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही समिति ने रिजर्व बैंक से बैंकों के पूंजी पर्याप्तता नियमों में ढील देने और त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की समीक्षा करने को कहा है।
• संसद की वित्तीय मामलों की स्थायी समिति ने आरबीआई को इस बात का आकलन करने को भी कहा है कि धोखाधड़ी से निपटने के लिए उसके द्वारा बनाए गए दिशानिर्देश कितने प्रभावी रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 70 साल करने का सुझाव भी दिया है। इसके अलावा सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों में श्रमबल और मानव संसाधन के उचित प्रबंधन का परामर्श भी दिया गया है। समिति की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को संसद के पटल पर रखी गई।
• आरबीआई द्वारा पूंजी पर्याप्तता को बासेल तीन की नियंतण्र रुपरेखा के तहत निर्दिष्ट सीमा से अधिक रखने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए समिति ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने कर्ज देने की क्षमता को सीमित कर दिया है।

*6. इश्यू में बदलाव के लिए नए नियम पेश*
• सेबी ने 31 दिसम्बर को जारी अधिसूचना में कहा कि नए प्रावधानों के तहत किसी इश्यू के अनुमानित आकार में 20 फीसद से अधिक घट-बढ़ होने की स्थिति में नया पेशकश दस्तावेज दायर करने की जरूरत होगी। अभी नए इश्यू तथा ऑफर फोर सेल दोनों के लिए इसकी जरूरत होती है।
• सेबी ने कहा कि यदि किसी ओएफएस में पेश किए गए शेयरों में या इश्यू के अनुमानित आकार में 50 फीसद से अधिक बदलाव किया जाता है तो नए दस्तावेज दायर करने होंगे। सेबी ने इन बदलावों को प्रभावी बनाने के लिए पूंजी एवं खुलासा की जरूरतों से संबंधित प्रावधानों को संशोधित किया है।

SCIENCE
*7. यूजर को डेटा पर कंट्रोल दिलाएगा प्रोजेक्ट बाली*
• आज की तारीख में मोबाइल और कम्प्यूटर इस्तेमाल करने वाले लोगों के डेटा की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के साथ कई तरह के एप पर यूजर का डेटा चुराने और अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जो हर यूजर को उससे जुड़े डेटा पर पूरा कंट्रोल देगा। इस प्रोजेक्ट का नाम बाली रखा गया है। टेक्नोलॉजी के जुड़े पोर्टल जेडडी-नेट ने इसका खुलासा किया है।
• प्रोजेक्ट बाली के तहत ऐसा इकोसिस्टम डेवलप किया जा रहा है जो अभी चलन में मौजूद इनवर्स प्राइवेसी से यूजर को बचाएगा। इनवर्स प्राइवेसी का मतलब ऐसे डेटा से है जो हमारे लिए प्राइवेट है लेकिन उन पर हमारा नियंत्रण नहीं होता है।
• इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि मोबाइल और कम्प्यूटर इस्तेमाल करने के साथ-साथ, वर्क प्लेस, शॉपिंग सेंटर, अस्पताल आदि में हमारी डिजिटल गतिविधियों से कई तरह के डेटा जेनरेट होते हैं। ये डेटा काम करने के हमारे तरीके, शॉपिंग की पसंद, दवाओं की जरूरत आदि से जुड़े होते हैं।
• कोई कंपनी इन डेटा की मदद से यूजर के मुताबिक पर्सनलाइज्ड और कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट तैयार कर सकती है। प्रोजेक्ट बाली यूजर को उसके डेटा पर इतना कंट्रोल देगा कि वह इसे खुद मैनेज और शेयर कर सके। साथ ही यूजर अपने डेटा को मोनेटाइज भी कर सकता है। यानी वह चाहे तो इसे खुद बेच सकता है।
• इनवर्स प्राइवेसी पर सबसे पहले 2014 में यूरी गुरेविच, एफिम हुडिस और जेनाटे विंग ने 2014 में एक रिसर्च पेपर जारी किया था। ये तीनों उस समय माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहे थे। इन तीनों ने माइक्रोसॉफ्ट में इस प्रोजेक्ट पर काम चलने की बात स्वीकार की है। हालांकि, वे खुद अबसे जुड़े हुए नहीं हैं। वहीं, , माइक्रोसॉफ्ट की ओर से प्रोजेक्ट बाली को लेकर अभ तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
• दुनिया में 2.5 अरब जीबी डेटा रोज जेनरेट होता है :- आज की तारीख में रोजाना 2.5 अरब जीबी डेटा जेनरेट होता है। अब तक जितने डेटा जेनरेट हुए हैं उसका 90% पिछले तीन साल में जेनरेट हुए हैं। दुनियाभर की कंपनियां अपने प्रोडक्ट या सर्विस को बेहतर बनाने के लिए यूजर्स के डेटा की तलाश में रहती हैं। इसके लिए वे बड़ी राशि भी खर्च करती हैं।

*8. अमेरिकी मदर ऑफ आल बम के जवाब में चीन ने बनाया महाबम*
• अमेरिका की तर्ज पर चीन ने भी महाबम बना लिया है। साथ ही कहा है कि यह अमेरिका के सबसे बड़े गैर परमाणु बम ‘मदर ऑफ आल बम’ का चीनी संस्करण है। रूस के पास भी इसी तरह का शक्तिशाली बम है। उसने अपने बम को ‘फॉदर ऑफ आल बम’ बताया था।
• सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, सरकारी रक्षा उद्योग चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनओआरआइएनसीओ) ने पहली बार इस बम को प्रदर्शित किया है। दावा किया गया है कि यह परमाणु हथियार के बाद भारी तबाही मचाने वाला दूसरा सबसे घातक हथियार है।
• एनओआरआइएनसीओ ने अपनी वेबसाइट पर दिसंबर के आखिर में बमवर्षक विमान एच-6के से इस बम को गिराने का वीडियो जारी किया था। इसमें बम के गिरने से हुए बहुत बड़े धमाके को भी दिखाया गया है।
• ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को बीजिंग में रहने वाले सैन्य विश्लेषक वेई डोंगक्सु के हवाले से कहा, वीडियो से जाहिर होता है कि बम के भीषण धमाके से मजबूत इमारतों जैसे लक्ष्यों को पूरी तरह नेस्तनाबूद किया जा सकता है। चीनी बम अमेरिकी महाबम के मुकाबले छोटा और हल्का है।

*9. नासा ने कहा, अल्टिमा थुले पर वायुमंडल के सुबूत नहीं*
• नासा ने बताया है कि इतिहास के सबसे दूरस्थ ब्रrांडीय पिंड अल्टिमा थुले पर वायुमंडल के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी जानकारी दी है कि न्यू होराइजंस अंतरिक्ष यान ने इतिहास में उस समय सबसे दूर की उड़ान भरने का रिकॉर्ड कायम किया,
• जब यह एक जनवरी को 12.33 बजे अल्टिमा थुले की सीमा के लगभग 2,200 मील (3,500 किलोमीटर) अंदर आया। इस सप्ताह की शुरुआत में न्यू होराइजंस अंतरिक्ष यान ने कुईपर बेल्ट में स्थित इस पिंड को खोज निकाला था।
• नासा ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि यहां पर वायुमंडल के कोई सुबूत नहीं मिलने के अलावा प्रारंभिक डाटा विश्लेषण में भी एक मील से बड़े व्यास वाले छल्ले या उपग्रहों के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। अल्टिमा थुले का रंग भी कुईपर बेल्ट के समान है।
• कोलरेडो के बोल्डर स्थित साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के एलन स्टर्न ने बताया कि हालांकि यह खोज अब एक इतिहास है, लेकिन भविष्य में इसमें लगभग सभी डाटा विश्लेषण निहित हैं। उन्होंने बताया कि न्यू होराइजंस अंतरिक्ष यान से डाटा भेजने का काम एक सप्ताह तक बंद रहेगा।
• अब यह 10 जनवरी से फिर शुरू होगा। पृथ्वी से 6.5 अरब किलोमीटर की दूरी पर स्थित अल्टिमा थुले का अर्थ है ज्ञात दुनिया से परे।
• वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पूरे अभियान से हय पता लगाने में मदद मिलेगी कि जब अरबों साल पहले हमारे सौर मंडल का निर्माण हो रहा था तब क्या परिस्थिति थी। वहीं, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह अभियान ब्रrांड के कई रहस्य खोलने में मददगार साबित हो सकता है।
Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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