दैनिक समसामयिकी

10 August 2017(Thursday)

1.नए भारत निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया संकल्प

• भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा ने देशवासियों को साथ लेकर 2022 तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सभी स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों के भारत का निर्माण करने के लिए राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन का संकल्प व्यक्त किया।
• लोकसभा में भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष र्चचा के बाद सदन ने एक संकल्प स्वीकार किया जिसे सदन में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पढ़ा।
• संकल्प में कहा गया है, आज 9 अगस्त 2017 को भारत छोड़ो आंदोलन के 75वें साल में हम संकल्प लेते हैं कि सशक्त, समृद्ध, स्वच्छ और वैभवशाली भारत के निर्माण के लिए एवं भष्टाचार मुक्त, सुशासन युक्त, विज्ञान एवं तकनीक में उन्नत, सबके विकास के लिए संकल्पित, सद्भाव एवं राष्ट्रप्रेम से ओत प्रोत, लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति दृढ़ संकल्पित राष्ट्र की संकल्पना को फलीभूत करने के लिए हम सतत प्रतिबद्ध रहेंगे।
• भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सवा सौ करोड़ जनता और जन प्रतिनिधियों से आपसी मतभेद भुलाकार देश से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता खत्म करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति तथा संकल्प के साथ आगे बढ़ते हुए वर्ष 2022 तक एक नए भारत के निर्माण का आह्वान किया।
• प्रधानमंत्री ने लोकसभा में इस अवसर पर बुधवार को आयोजित विशेष र्चचा में कहा कि आंदोलन से जुड़े लोगों के संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति ने इसे इतनी तीव्रता दी किअंग्रेजी हुकूमत को भारत छोड़कर जाना पड़ा। यह जनता और उनका नेतृत्व कर रहे जननायकों का कर्तव्यबोध था जिसने उन्हें अपने देश के लिए न्यौछावर होने की प्रेरणा और शक्ति दी, लेकिन आज इस कर्तव्यबोध की कमी नजर आती है।
• लोग अपने अधिकारों के प्रति जितने सजग हैं, उतने कर्तव्यों के प्रति नहीं। अधिकारों के साथ कर्तव्यबोध भी जरूरी है। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन के साथ ही भारत के नवनिर्माण में भी महिलाओं की अहम भूमिका का उल्लेख करते हुये कहा कि आज समय आ गया है कि हम महिलाओं की बेड़ियों को तोड़कर उन्हें आगे बढ़ने का समुचित अवसर दें।
• मोदी ने कहा कि राजनीति राष्ट्रनीति से ऊपर होती है। देश हित में हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा और इसके लिए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की दृढ़ इच्छाशक्ति को पुनर्जीवित करते हुये एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसका सपना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देखा था।
• प्रधानमंत्री ने कहा कि 1942 में ‘‘करो या मरो’ के नारे ने पूरे देश को प्रेरित किया, उसी प्रकार से हमें भी आज ‘‘करेंगे और करके रहेंगे’ का संकल्प लेना है। और 2017 से 2022 तक पांच वर्ष की अवधि के दौरान सिद्धि के भाव के साथ कार्य करते हुये गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण और भ्रष्टाचार की चुनौती से लड़ने और उसे दूर करने का कार्य करें।

2. रोहानी ने दो महिलाओं को उपराष्ट्रपति नियुक्त किया

• ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने अपने मंत्रिमंडल में किसी महिला मंत्री को नामांकित नहीं करने पर सुधारवादियों के निशाने पर आने के एक दिन बाद बुधवार को दो महिलाओं को उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया है।
• वर्ष 1980 में अमेरिकी दूतावास में बंधक संकट के दौरान प्रवक्ता के रूप में अपनी भूमिका के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली मास्सोमेह एबतेकार को महिला मामलों के प्रभारी के रूप में उपराष्ट्रपति नियुक्त किया हैं।
• इससे पहले वह रोहानी के कार्यालय में पर्यावरण मामलों से जुड़ी हुई थीं।इसके अलावा लाया जोनेयदी को कानूनी मामलों के लिए उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया है। जबकि एक अन्य महिला शाहिनदोख्त मोवलावर्दी को नागरिक अधिकारों का विशेष सलाहकार नामांकित किया गया हैं।
• अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सरकार में तीन महिला उपराष्ट्रपतियों को रखने वाले रोहानी को अपने अधीन अभी कई और पदों को भरना है और यह स्पष्ट नहीं है क्या इन पदों पर किसी महिला की नियुक्ति की जाएगी।
• मंगलवार को घोषित रोहानी के नए मंत्रियों में किसी महिला को शामिल नहीं किए जाने की उनके सुधारवादी सहयोगियों ने कड़ी आलोचना की थी।
• उनका कहना था कि रोहानी धार्मिक संगठनों के दबाव के आगे झुक गए हैं। रोहानी ने नागरिक अधिकारों में सुधार और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों के पुनर्निर्माण के संकल्प के बाद मई में सुधारवादियों के समर्थन से कट्टरपंथी इब्राहिम रेइसी पर जीत दर्ज की थी।

3. भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल की दूसरी प्रतिबद्धता अवधि की पुष्टि की

• भारत ने जलवायु परिवर्तन पर अपने रुख को फिर से दोहराते हुए क्योटो प्रोटोकॉल की दूसरी प्रतिबद्धता अवधि की पुष्टि की है।
• संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि भारत ने मंगलवार को यहां जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के तहत क्योटो प्रोटोकॉल में दोहा संशोधन को स्वीकृति दे दी।
• इसी के साथ भारत क्योटो प्रोटोकॉल की दूसरी प्रतिबद्धता अवधि से संबंधित संशोधन को स्वीकार करने वाला 80वां देश बन गया है।
• क्योटो प्रोटोकॉल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्सर्जन में कमी लाने की संधि है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा, जलवायु परिवर्तन पर रख बरकरार है।
• भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल में दोहा संशोधन को स्वीकृति दे दी है। क्योटो प्रोटोकॉल को दिसम्बर 1997 में जापान के क्योटो में स्वीकार किया गया था और यह फरवरी 2005 से लागू हुई थी।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय संधि की दूसरी प्रतिबद्धता अवधि की पुष्टि को जनवरी में मंजूरी दी थी।

4. कंपनियों ने दी सेबी के आदेश को चुनौती

• बाजार नियामक सेबी की मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई की जद में आईं कई फर्मो ने प्रतिभूति ीय टिब्यूनल (सैट) का दरवाजा खटखटाया है।
• इनमें पाश्र्वनाथ डेवलपर्स, जे कुमार इंफ्रा और प्रकाश इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने सैट से नियामक के आदेश पर स्टे मांगा है। उनकी अर्जी पर सुनवाई गुरुवार को होगी। सेबी ने भी अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा कि उसने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय से सूची मिलने के बाद कार्रवाई की है।
• बीते दिन नियामक ने 331 कंपनियों को मुखौटा (शेल) कंपनी मानते हुए उनके शेयरों में कारोबार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था।
• कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय ने कई विभागों से जानकारी मिलने के बाद इन कंपनियों को संदिग्ध मुखौटा कंपनी माना गया है। इनमें से कई कंपनियों में नामी-गिरामी घरेलू व विदेशी निवेशकों ने पैसा लगाया है।
• सेबी ने एक्सचेंजों को यह प्रतिबंध तत्काल लागू करने का निर्देश दिया था।
• कथित कर चोरी और दूसरे तरह की धोखधड़ी के लिए जांच का सामना कर रही इन कंपनियों पर कार्रवाई के लिए सरकार ने सेबी को कहा था। आयकर विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) की जांचों के निष्कर्ष सामने आने के बाद इन कंपनियों पर सेबी और स्टॉक एक्सचेंज और भी कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं।
• कर चोरी के आरोपों में घिरी 175 कंपनियों में से कम से कम 124 कंपनियों के खिलाफ एसएफआइओ द्वारा जांच की जा रही है। सेबी ने बीएसई और एनएसई को इन संदिग्ध कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था।
• पत्र में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय द्वारा चिह्नित 331 मुखौटा कंपनियों की सूची है। एक्सचेंजों को ऐसी कंपनियों के ऑडिट के लिए स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है।

5. कतर में अब बिना वीजा के जा सकेंगे भारत समेत 80 देशों के नागरिक

• अरब देशों के प्रतिबंध का सामना कर रहे कतर ने 80 देशों के नागरिकों को वीजा मुक्त प्रवेश की अनुमति देने की घोषणा की है। इस सूची में भारत के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देश शामिल हैं।
• पाकिस्तान को इसमें जगह नहीं दी गई है। 1कतर पर्यटन प्राधिकरण (क्यूटीए) के कार्यवाहक अध्यक्ष हसन अल इब्राहिम ने बुधवार को बताया कि वीजा मुक्त यात्र आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘80 देशों के नागरिकों को बिना वीजा देश में प्रवेश की अनुमति देने के साथ ही कतर क्षेत्र का सबसे ज्यादा खुला देश हो गया है।
• पर्यटक कतर की मेजबानी, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक नजारे का लुत्फ उठा सकेंगे।’ इस सूची में शामिल देशों के नागरिकों को कतर आने के लिए कोई वीजा आवेदन या शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
• उन्हें प्रवेश स्थल पर ही विशेष छूट प्रदान की जाएगी। बस इसके लिए संबंधित व्यक्ति के पास पासपोर्ट (कम से कम छह महीने की वैधता) और वापसी का टिकट होना अनिवार्य है।1दो सूची 80 देश1वीजा से छूट पाने वाले देशों की दो सूची तैयार की गई है।
• पहली सूची में 33 देश शामिल हैं, जिनके नागरिकों को दी गई छूट 180 दिनों के लिए वैध रहेगी और वे 90 दिनों तक कतर में रह सकेंगे। दूसरी सूची में 47 देश (भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत) हैं।
• इन देशों के नागरिकों को दी गई छूट 30 दिनों के लिए वैध होगी और वे इतने ही दिन कतर में रह सकेंगे। बाद में इसे 30 दिन के लिए और बढ़ाया जा सकता है।

6. आकाशगंगा में दस करोड़ से भी ज्यादा ब्लैक होल मौजूद

• आकाशगंगा में दस करोड़ से भी ज्यादा ब्लैक होल हो सकते हैं। यह संभावना वैज्ञानिकों के एक दल ने जताई है, जिसमें एक भारतीय मूल का वैज्ञानिक भी शामिल है। इन्होंने ब्रह्माण्ड का सर्वेक्षण करने के बाद एक गणना की, जिसमें उन्हें करोड़ों अंधेरे ऑब्जेक्ट होने की संभावना दिखाई दी।
• इस आकाशीय जनगणना लेजर इंटरफेरोमीटर गुरुत्वाकर्षण वेव वेधशाला को दो ब्लैक होल मिलने के बाद शुरू हुई थी, जिनका आकार सूरज से 30 गुना अधिक था। इसमें करीब डेढ़ साल का समय लगा।
• अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया, इरविन (यूजीआइ) के जेम्स बुल्लॉक के मुताबिक, वह खोज एक महत्वपूर्ण कदम था। इससे आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की कुंजी मिली। इसके बाद हमने उन ब्लैक होल का बारीकी से निरीक्षण किया और ये देखना चाहा कि इतने बड़े आकार के ब्लैक होल का होना कितनी सामान्य बात है और वे कितनी बार आपस में जुड़ जाते हैं।
• वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि विशालकाय सितारों के जीवन के खत्म होने के बाद जब उनके अवशेष ब्लैक होल में मिलते हैं तो उनका वजन हमारे सूरज जितना हो सकता है।
• यूसीआइ के प्रोफेसर मनोज कपलिंगघात के मुताबिक, इस वजन के ब्लैक होल की संख्या हर आकाशगंगा में उस आकाशगंगा के आकार पर निर्भर करती है। इसकी वजह यह है कि ज्यादा बड़ी आकाशगंगा में अधिक बड़े तारे होते हैं।
• इसके बाद हमने उनके आकार और वजन के अनुसार उनकी संख्या की गणना की। इसमें सामने आया कि दस करोड़ से भी ज्यादा विशाल ब्लैक होल का अस्तित्व है।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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