नेपाल के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा: इसका महत्व

नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में पुनः देश की बागडोर संभालने के बाद अपने पहले विदेश दौरे के लिए भारत को चुना। ओली एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए।

नेपाल के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाक़ात में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए ‘बराबरी, परस्पर विश्वास और सम्मान’ की भावना पर ख़ासा ज़ोर दिया गया।

नेपाल में परंपरा रही है कि वहां प्रधानमंत्री अपने विदेश दौरों की शुरुआत भारत से करते हैं। लेकिन ओली को चीन के करीबी के तौर पर देखा जाता रहा है। साल 2016 में ओली ने सार्वजनिक तौर पर भारत की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि वो नेपाल के ‘आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।’

भारत नेपाल संबंधों में कटुता:

पिछले कुछ समय से नेपाल के आंतरिक मामलों के कारण भारत – नेपाल सीमा कई दिनों तक अवरुद्ध रही, जिसके कारण नेपाल ने अपनी कुछ महत्त्वपूर्ण सीमा चौकियों पर भारत द्वारा आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया।

यद्दपि भारत ने नेपाल के इस आरोप को खारिज़ कर दिया परन्तु नेपाली मधेसी समुदायों की कुछ चिंताओं के प्रति भारत की सहानुभूति भी किसी से छिपी नहीं है। इन मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट देखने को मिली, जिसका पूर्ण लाभ चीन ने उठाया है।

एक नयी शुरुआत:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के.पी.शर्मा ओली ने 07 अप्रैल 2018 को द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बैठक की और रक्षा व सुरक्षा, संपर्क और व्यापार जैसे मुख्य क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। जिन अहम मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें नई दिल्ली से काठमांडू तक नए रेलमार्ग का निर्माण भी शामिल है।

इस दौरान पीएम मोदी और केपी ओली ने साथ मिलकर नेपाल पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन का उद्घाटन भी किया।

भारत के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू को इलेक्ट्रिक रेल लाइन से जोड़ने पर सहमति बनी। इसके लिए भारत वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, देश की प्राथमिकताओं के तहत नेपाल को सपॉर्ट करना जारी रखेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों ही देश संपर्क संबंधी सभी परियोजनाओं में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग से नेपाल का लोकतंत्र सुदृढ़ होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों पड़ोसी काठमांडू और दिल्ली के बीच नया रेलमार्ग तैयार करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में मजबूत गठजोड़ है और दोनों ही अपनी खुली सीमा का दुरुपयोग रोकने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।

नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि वह भारत का दौरा 21वीं सदी की वास्तविकता के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध को नई ऊंचाई देने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों करीबी पड़ोसियों के बीच भरोसा आधारित संबंध की मजबूत इमारत खड़ी करना चाहते हैं।’

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