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पेट्रोलियम उद्योग का महत्त्वः भारत में पेट्रोलियमउद्योग का महत्त्व उसकी मांग एवं पूर्ति से लगाया जासकता है। देश में कच्चे तेल का कुल भंडार 75.6 करोड़टन अनुमानित है। परंतु फिर भी भारत अपनी कुलआवश्यकता का मात्र 20% भाग ही स्वदेशी उत्पादनद्वारा प्राप्त कर पाता है।

पेट्रोलियम उद्योग का प्रारंभ से अब तक की स्थितिः

वर्ष 1956 तक भारत में केवल एक ही खनिजतेल उत्पादन क्षेत्र विकसित थी जो डिग्बोई असममें था। डिग्बोई के जिस तेल कुएं से तेल निकालागया था वहां से आज भी तेल निकाला जा रहा है।वर्तमान में भारत असम, त्रिपुरा, मणिपुर, पश्चिमबंगाल, मुम्बई, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हिमाचलप्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, केरल केतटीय प्रदेशों तथा अंडमान एवं निकोबार सेखनिज तेल प्राप्त करने का कार्य कर रहा है।भारत में तेल की खोज और इसके उत्पादन काकाम व्यापक और व्यवस्थित रूप से 1956 मेंतेल और प्राकृतिक गैस आयोग (Oil and Natural Gas Commission—ONGC) केस्थापना के बाद प्रारंभ हुआ। इसी क्रम में ऑयलइंडिया लि- (Oil India Limited—OIL) सार्वजनिक क्षेत्र की दूसरी कम्पनी बन गई।

नोटः 1 फरवरी, 1994 में तेल और प्राकृतिक गैसआयोग (Oil and Natural Gas Commission) कानाम बदलकर Oil and Natural Gas Corporationकर दिया गया।

वर्ष 1999 में केंद्र सरकार ने तेल एवं गैस कीखोज एवं उत्खनन (Quarrying) के लिएलाइसेंस प्रदान करने की नई नीति न्यूएक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (New Exploration Licensing Policy—NELP) तैयार की है।NELP के 9वें दौर के तहत 33 तेल ब्लाकों केलिए बोलियां लगाने की तिथि 15अक्टूबर, 2010 से 18 मार्च, 2011 के दौरानसरकार द्वारा आमंत्रित की गई थी जिनमें से 16ब्लाक आवंटित कर दिए गए हैं।वर्तमान में देश में 21 Oil Refineries हैंजिनमें 17 सार्वजनिक क्षेत्र, 3 निजी क्षेत्र एवं 1संयुक्त क्षेत्र की है।

नोटः भारत सरकार NELP के बाद तेल की खोज वउत्खनन के लिए ओपेन एक्रीएज लाइसेन्सिग पॉलसीलाने का सरकार का इरादा है। जिसके तहत तेल कम्पनीकोई भी नया ब्लाक स्वतः ही चुनकर तेल उत्खनन हेतुअपना प्रस्ताव सरकार को प्रस्तुत कर सकेगी अतःउन्हें NELP के तहत सरकारी पेशकश की प्रतीक्षा नहींकरनी पड़ेगी।

प्राकृतिक गैस उत्पादन के मामले में देश की निजीकम्पनी ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लि-’ देश की अग्रणीकम्पनी बन गई है। रिलायंस ने कृष्णा गोदावरीबेसिन् (K.G. Bassein) के D-6 क्षेत्र से 2010के अंत तक 80 मिलियन स्टैण्डर्ड क्यूबिक मीटरपर डे (MSCMD) गैस का उच्चतम उत्पादन स्तरप्राप्त करने की संभावना है।भारत में दूसरे स्थान पर प्राकृतिक गैस काउत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र कीओएनजीसी (ONGC) द्वारा किया जाताहै। ONGC प्राकृतिक गैस का उत्पादन मुख्यतयादो तेल क्षेत्रें Bombay Hai व Bassein सेकिया जाता है। वर्ष 2009 में ONGC काउत्पादन स्तर 49.6 mscmd का है।तीसरे स्थान पर प्राकृतिक गैस का उत्पादन BGग्रुप करता है जिसका मुक्ता (पन्ना) व ताप्ती तेलक्षेत्रें से लगभग 16 mscmd उत्पादन का स्तरहै।भारत में खनिज तेल की आत्म निर्भरता हेतुकाली क्रांति (Black Revolution) का प्रारंभकिया जा रहा जिसके अन्तर्गत पेट्रोल में ऐथनालका मिश्रण 10% बढ़ाने तथा बायोडीजल(जेट्रोफा) का उत्पादन करने की सरकार कीयोजना है। बायोडीजल के उत्पादन का कार्यग्रामीण विकास मंत्रलय (Ministry of Rural Development) को दिया गया।

नवीनतम तेल परिशोधनशाला (Latest Rectification House)

भारत की नवीनतम तेल परिशोधनशाला निम्नलिखित हैं:

बीना ऑयल रिफाइनरीःमध्य प्रदेश के सागर जिले में 20मई, 2011 को प्रधानमंत्री डॉ मनमोहनसिंह द्वारा इसका उदघाटन हुआ।यह भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि- (BPCI) व ओमान ऑयलकम्पनी (BOL) का संयुक्त उपक्रम है।इसमें 1% हिस्सेदारी MP Govt. की, 26% हिस्सेदारी ओमान ऑयलकम्पनी तथा शेष 73% हिस्सेदारी भारतपेट्रोलियम कार्पोरेशन लि- की है।वर्ष 2015–16 में इस रिफाइनरी कीक्षमता 150 लाख टन करने की योजना है।गुरू गोविन्द सिंह रिफाइनरीःपंजाब के भटिंडा में स्थित इस रिफाइनरीका उदघाटन 28 अप्रैल, 2012 कोप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया।यह सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी हिंदुस्तानपेट्रोलियम कारपोरेशन लि- (HPCL) तथालक्ष्मी निवास मित्तल की मित्तल एनर्जीइन्वेस्टमेंट प्राइवेट लि- का संयुक्त उपक्रमहै।इस रिफाइनरी (Refinery) के प्रारंभ होनेसे भारत में कुल तेलशोधन क्षमता 213मिलियन मीट्रिक टनसलाना (MMTPA) हो गया है।अन्य रिफाइनरीःONGC द्वारा 3 रिफायनरियां स्थापितकरने की योजना है—(1) मंगलौर(कर्नाटक), (2) काकीनाड़ा (आंध्र प्रदेश)और (3) बाड़मेर (राजस्थान)।IOC द्वारा 2 रिफायनरियां स्थापित करनेकी योजना है—(1) एन्नोर (तमिलनाडु)और (2) पाराद्वीप में।

नोटः खनिज तेल की खपत से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जाएजेन्सी के ताजा आंकड़ों के आधार पर अमेरिका काप्रथम, +

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