*1.भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान विकसित करेंगे वैकल्पिक इन्फ्रास्ट्रक्चर*

• चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) के विकल्प में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान मिलकर क्षेत्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इन देशों ने मिलकर alt147संयुक्त क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा योजना’ पर बात की है।
• यह चीन के महत्वाकांक्षी परियोजना ओबीओआर का वैकल्पिक रास्ता होगा। ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू की रिपोर्ट में अमेरिका के एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
• हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चारों देशों के द्वारा बनाई गई इस योजना को लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गई है। पिछले सप्ताह ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल अमेरिकी दौरे पर गए थे।
• अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी दौर पर गए टर्नबुल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से इस प्रोजेक्ट के एजेंडे पर चर्चा की थी। इस परियोजना को चीन के ओबीओआर का प्रतिद्वंद्वी के बजाय विकल्प’ नाम देना सही माना गया।
• हालांकि इस मामले पर टर्नबुल के प्रतिनिधि विदेश मंत्री जूली बिशप और व्यापार मंत्री स्टीवन सियोबो ने कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की है।

• चीन की ओबीओआर योजना

• यह परियोजना एशिया के 60 देशों के वैश्विक परिवहन और व्यापार लिंक से जोड़ेगा, जो उनके विकास के लिए फायदेमंद साबित होगा। पिछले साल शी ने विश्व के कई देशों के नेताओं को इस परियोजना के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया था, जहां उन्होंने उनसे 124 अरब डॉलर की सहायता की मांग की थी।

*• बंदरगाह को सड़क या रेललाइन से जोड़ेंगे *

• अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘कोई नहीं कह रहा है कि चीन को बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं करना चाहिए। चीन एक पोर्ट का निर्माण कर सकता है, जो अपने आप में आर्थिक रूप से व्यवहारिक नहीं है। हमारी योजना बंदरगाह को सड़क या रेललाइन से जोड़ने की है, जो आर्थिक रूप से व्यवहारिक और उपयोगी हो।’

*🔷⭕️2. लिंगानुपात में केरल के बाद छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान*

• नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार लिंगानुपात के मामले में केरल के बाद छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है।
• स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2005-06 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 में छत्तीसगढ़ राज्य में शिशुओं के जन्म के समय बालक-बालिका लिंगानुपात प्रति 1000 बालकों पर 972 था, जो वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार बढ़कर प्रति 1000 बालकों पर बालिकाओं की संख्या 977 हो गया है।
• आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इसके पहले यह लिंगानुपात वर्ष 2011-2013 की स्थिति में छत्तीसगढ़ में 961 दर्ज किया गया था, जबकि केरल में यह 967 दर्ज हुआ था। इस प्रकार लिंगानुपात के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य आज भी राष्ट्रीय स्तर पर काफी बेहतर स्थिति में है।
• रिपोर्ट में समग्र स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर छत्तीसगढ़ को देश के नौ सफलतम राज्यों (एचिवर्स स्टेट्स) की सूची में पहले नंबर पर शामिल किया गया है। अन्य राज्यों में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तेलांगना शामिल है

*🔷🗞3. बैंकों और उद्योगों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप*

⭕️नीरव मोदी,
⭕️विजय माल्या,
⭕️ललित मोदी के बाद अब बैंक धोखाधड़ी में ⭕️कोठारी समूह के प्रवर्तकों का भी नाम आने के बाद बैंकों और उद्योग संगठनों में रार पैदा हो गई है। उद्योगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दिया जाना चाहिए वहीं बैंक इस तरह की धोखाधड़ी के लिए उद्योगों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
• रविवार को एसोचैम द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण की मांग किए जाने के बाद सोमवार को प्रमुख उद्योग संगठन फिक्की ने भी निजीकरण की मांग की है। फिक्की ने कहा कि पिछले 11 वर्ष से बैंकों का पुनपरूंजीकरण किया जा रहा है लेकिन उसका प्रभाव सीमित रहा है।
• उसने कहा कि भारतीय बैंकिंग तंत्र में सरकारी बैंकों की हिस्सदारी करीब 70 फीसद है।सरकार पिछले 11 वर्ष में पुनपरूंजीकरण के तहत 2.6 लाख करोड़ रपए का निवेश कर चुकी है, लेकिन सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति पर इसका सीमित असर हुआ है। उसने कहा कि इन बैंकों के कमजोर प्रदर्शन के मद्देनजर सरकार को इनका निजीकरण करने पर विचार करना चाहिए।
• उधर बैंकों ने कहा है कि अगर उद्योग जगत कर्ज की वापसी समय से कर देता तो ऐसे हालात न पैदा होते। हैदराबाद से मिली खबरों के अनुसार अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बैंकों के निजीकरण की एसोचैम की मांग को ¨नदनीय बताते हुए कहा कि उद्योग संगठन को अपने सदस्यों को बैंक ऋण का भुगतान करने की सलाह देनी चाहिए और बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए नीरव मोदी की ¨नदा करनी चाहिए।
• एआईबीईए के
महासचिव सी. वेंकटाचलम ने कहा कि यह सच में दिलचस्प है कि औद्योगिक और कारोबारी घरानों के प्रवक्ता एसोचैम ने पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) के घोटाले के संदर्भ में बैंकों के निजीकरण की सलाह दी है। वे सुविधानुसार इस देश के निजी बैंकों के ट्रैक रिकार्ड को भूल गए हैं।

*🔷⭕️4. उज्ज्वला में अति गरीबों को तलाशने की मुहिम शुरू*

• उज्ज्वला योजना के जरिए गरीबों के घर-घर तक पैठ बनाने में कामयाबी हासिल करने के बाद अब सरकार ने अति गरीबों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर दी है। गरीबों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन देने की मुहिम में शामिल अति गरीबों की सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
• अबकी बार की उज्जवला में वनवासी से लेकर चाय बागान तक के परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देना है। लिहाजा वन विभाग और चाय बागान बोर्ड आदि से ऐसे लाभार्थियों की सूची जुटाई जाएगी। इस प्रक्रिया में तेल वितरण कंपनियों को लगाया जाएगा। उधर, जिस तरह से एलपीजी कनेक्शनों को दूरदराज इलाकों में दिया जा रहा है वहां जल्दी सिलेंडर पहुंचाने के लिए नए वितरकों की नियुक्ति की जा रही है।
• केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही उज्जवला योजना में अब तक करीब साढ़े तीन करोड़ गरीबों को एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। करीब डेढ़ करोड़ एलपीजी कनेक्शन और दिए जाने हैं। यह वे लाभार्थी हैं जो कि बीपीएल श्रेणी में आते हैं और इनका आंकड़ा 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर लिया गया है। हालांकि सरकार ने यह पांच करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने की संख्या में वृद्धि कर आठ करोड़ कर दिया है।
• नए तीन करोड़ एलपीजी कनेक्शन अति गरीबों को दिए जाने हैं, जो कि जंगलों और वन क्षेत्रों में आदि में काम करते हैं। लिहाजा उज्जवला के विस्तारित योजना में अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति परिवार, वनवासी, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग, द्वीपों पर रहने वाले, चाय बगानों में रहने वालों तथा प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को शामिल किया गया है।

*🌐🔷5. तीन साल में ढाई गुना हो जाएगा देश का ऑनलाइन खुदरा बाजार: क्रिसिल*

• देश में ऑनलाइन रिटेल मार्केट अभी करीब 70,000 करोड़ रुपए का है। यह 35-40% सालाना की दर से बढ़ते हुए 2019-20 तक 1.75 से 1.95 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा। यह अनुमान रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का है।
• सोमवार को जारी रिपोर्ट में इसने कहा है कि इंटरनेट की पहुंच बढ़ने और डिस्काउंट के कारण पिछले तीन साल में ऑनलाइन रिटेल तीन गुना बढ़ा है। वर्ष 2013-14 में यह बाजार 20-25 हजार करोड़ का था। 2016-17 में यह बढ़कर 68-73 हजार करोड़ पर पहुंच गया।
• हालांकि देश के 49 लाख करोड़ रुपए के कुल खुदरा कारोबार में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 1.5% के आसपास है। अप्रैल-दिसंबर 2016 की तुलना में चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में ऑनलाइन रिटेल कंपनियों में निवेश 25,000 करोड़ रुपए बढ़ा, लेकिन निवेश की जाने वाली कंपनियों की संख्या 30% घट गई है।

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