*🌑विश्व विकास रिपोर्ट 2018 जारी:🗓*

किसी देश के विकास के लिए उसकी शिक्षा का दुरुस्त होना सबसे जरूरी होता है। देश को प्रगतिशील बनाने के लिए लोगों में ज्ञान की गंगा का बहाव निरंतर बहना चाहिए। अच्छी शिक्षा पाने से जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त करना आसान होता है जो देश को आगे बढाता है।

*📘रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:*

विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन 12 देशों की सूची में दूसरे नंबर पर है जहां दूसरी कक्षा के छात्र एक छोटे से पाठ का एक शब्द भी नहीं पढ़ पाते। इस सूची में मलावी पहले स्थान पर है।

भारत समेत निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अपने अध्ययन के नतीजों का हवाला देते हुए विश्व बैंक ने कहा कि बिना ज्ञान के शिक्षा देना न केवल विकास के अवसर को बर्बाद करना है बल्कि दुनियाभर में बच्चों और युवाओं के साथ बड़ा अन्याय भी है।

विश्व बैंक ने 26 सितम्बर 2017 को अपनी ताजा रिपोर्ट में वैश्विक शिक्षा में ज्ञान के संकट की चेतावनी दी। कहा, ‘इन देशों में लाखों युवा छात्र बाद के जीवन में कम अवसर और कम वेतन की आशंका का सामना करते हैं क्योंकि उनके प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल उन्हें जीवन में सफल बनाने के लिए शिक्षा देने में विफल हो रहे हैं।’

*🌑वर्ल्ड डिवेलपमेंट रिपोर्ट 2018:*

लर्निंग टू रियलाइज़ एजुकेशंस प्रॉमिस में कहा गया, ‘ग्रामीण भारत में तीसरी कक्षा के तीन चौथाई छात्र दो अंकों के घटाने वाले सवाल हल नहीं कर सकते और पांचवीं कक्षा के आधे छात्र ऐसा नहीं कर सकते। शिक्षा बिना ज्ञान के गरीबी मिटाने और सभी के लिए अवसर पैदा करने और समृद्धि लाने के अपने वादे को पूरा करने में विफल होगी। यहां तक कि स्कूल में कई वर्ष बाद भी लाखों बच्चे पढ़-लिख नहीं पाते या गणित का आसान-सा सवाल हल नहीं कर पाते।’

विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में ग्रामीण भारत में पांचवीं कक्षा के केवल आधे छात्र ही दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम के स्तर की किताब अच्छे से पढ़ पा रहे थे, जिसमें उनकी स्थानीय भाषा में बोले जाने वाले बेहद सरल वाक्य शामिल थे। इस रिपोर्ट में ज्ञान के गंभीर संकट को हल करने के लिए विकासशील देशों की मदद करने के लिए ठोस नीतिगत कदम उठाने की सिफारिश की गई है।

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