1.भारत-पाक रिश्ते सुधारने में रचनात्मक भूमिका चाहता है चीन
• चीन ने बुधवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है। चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के अपने समकक्ष इमरान खान को पत्र लिखे जाने का स्वागत किया। हालांकि, बीजिंग की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उसकी ‘‘रचनात्मक भूमिका’ का क्या अभिप्राय है।
• चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने को लेकर भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बयानों का हम स्वागत करते हैं। लू ने कहा, पाकिस्तान और भारत के पड़ोसी होने के नाते चीन दोनों पक्षों के बीच वार्ता में प्रगति लाने और आपसी विास बहाली व उनके मतभेदों को सही तरीके से सुलझाने का समर्थन करता है। हम आशा करते हैं कि क्षेत्रीय शांति और विकास के प्रति दोनों पक्ष संयुक्त रूप प्रतिबद्ध हो सकते हैं।
• चीन इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है। उनसे जब यह पूछा गया कि चीन द्वारा ‘‘रचनात्मक भूमिका’ निभाने से उनका क्या अभिप्राय है तो उन्होंने कहा, मैंने महज इतना कहा कि हम द्विपक्षीय संबंधों में सुधार लाने के लिए भारत और पाकिस्तान के सकारात्मक बयान से प्रसन्न हैं। हम उसका स्वागत करते हैं और हम इस संबंध में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहेंगे।
• उनसे जब पूछा गया कि रचनात्मक भूमिका से क्या उनका मतलब मध्यस्थ की भूमिका निभाना है तो उन्होंने कहा, ‘‘‘‘इस संबंध में मैं पहले से ही निर्णय नहीं दे सकता या यह कि किस पहलू व क्षेत्र में हम क्या करेंगे।
• मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने जाने पर इमरान खान को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने क्षेत्र की भलाई के लिए पड़ोसी देश के साथ अच्छे रिश्ते बनाने और ‘‘अर्थपूर्ण व रचनात्मक संपर्क’ पर बल दिया था। मोदी ने भारतीय उपमहाद्वीप को आतंक और हिंसा मुक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
• बजाहिर, मोदी के पत्र पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए खान ने ट्वीट के जरिए कहा, आगे बढ़ने के लिए भारत और पाकिस्तान को बातचीत करनी ही चाहिए और कश्मीर समेत आपसी मतभेदों का समाधान करना चाहिए। इससे पहले, खान ने कहा था कि भारत अगर एक कदम चलेगा तो पास्तिान दो कदम बढ़ाएगा।

2. सरकार ने जैव ईधन के आयात पर पाबंदी लगाई
• सरकार ने आयात नीति में संशोधन कर एथाइल अल्कोहल, जैव डीजल, पेट्रोलियम तेल तथा बिटुमिन्स खनिज से प्राप्त तेल समेत जैव ईधन के आयात पर पाबंदी लगा दी है। अब तक इन जैव ईंधन के आयात पर कोई पाबंदी नहीं थी। लेकिन अब केवल गैर ईंधन उद्देश्य के लिए वास्तविक इस्तेमाल के आधार पर ही इसके आयात की अनुमति होगी।
• विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा, ‘‘जैव ईंधन के आयात की नीति को ‘‘मुफ्त’ से ‘‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में लाकर संशोधित किया गया है।
• राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति के तहत वास्तविक उपयोग आधार पर गैर-ईंधन मकसद से आयात की अनुमति दी गई है।’
• एक अन्य अधिसूचना में सरकार ने कहा कि समुद्री रेत खनिज के निर्यात को राज्य व्यापार उपक्रम के दायरे में लाया गया है और इसे इंडियन रेयर अर्थ लि. के जरिये उपलब्ध कराया जाएगा।

3. हंबनटोटा को सैन्य गतिविधियों से मुक्त रखने के पक्ष में जापान
• श्रीलंका की यात्रा पर आए जापान के रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनेडेरा ने कहा है कि उनका देश हंबनटोटा बंदरगाह को सैन्य गतिविधियों से मुक्त रखने के पक्ष में है। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका ने अपना हंबनटोटा बंदरगाह ठेके पर चीन को दे रखा है। यहां की यात्रा पर आने वाले ओनेडेरा जापान के पहले रक्षा मंत्री हैं। उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही है।

• राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात के बाद एक जापानी समाचार चैनल से बात करते हुए ओनेडेरा ने कहा कि उन्होंने इन नेताओं के सामने चीन का मुद्दा उठाया है।
• उन्होंने कहा कि लीज के तहत हंबनटोटा को सैन्य गतिविधियों से मुक्त रखने का करार भी किया गया था।
• भारत की चिंताओं के जवाब में भी श्रीलंका कहता रहा है कि चीन को हंबनटोटा में सेना रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

4. नासा ने केरल में भारी बारिश के कारणों का खुलासा किया
• नासा ने उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए एक वीडियो जारी किया है। इससे केरल में बारिश और बाढ़ की स्थिति की भयावहता का पता चलता है।भारत में आम तौर पर इस समय में ग्रीष्मकालीन मॉनसून आता है और क्षेत्र में भारी बारिश होती है।
• हालांकि सामान्य मॉनसून के दौरान समय-समय पर कम दबाव के क्षेत्र बन सकते हैं। इस कारण अधिक बारिश हो सकती है। केरल पिछले सौ साल में सबसे विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है और अब तक 231 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
• केंद्र ने इस आपदा को ‘‘गंभीर’ बताया है। नासा ने एक बयान में कहा है कि हिमालय की भौगोलिक स्थिति और पश्चिमी घाट के कारण दक्षिणी पश्चिमी तट पर भारी बारिश हो रही है। यह पर्वतश्रेणी हिमालय जितनी बड़ी तो नहीं है लेकिन भारत के पश्चिमी तट के समानांतर चलती है।
• इसकी कई चोटियां 2,000 मीटर से भी अधिक ऊंची हैं। इस तरह से देखें तो पश्चिमी घाट की माकूल स्थिति के कारण भारत के पश्चिमी तटीय इलाकों में अधिक बारिश होती है।
• दक्षिण पश्चिम मॉनसून के तहत उत्तरी ¨हद महासागर और अरब सागर से आने वाली गर्म हवाओं में निहित नमी इस पर्वत श्रेणी से टकराती है, जिससे अधिक बारिश होती है।

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