School of Economics | 15वें वित्त आयोग का गठन
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15वें वित्त आयोग का गठन

 

*प्रश्न-हाल ही में केंद्र सरकार ने किसकी अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग का गठन किया?*
(a) डॉ. अनूप सिंह
(b) डॉ. रमेश चंद
(c) डॉ. रघुराम राजन
*(d) एन. के. सिंह*
उत्तर-(d)

*संबंधित तथ्य*

27 नवंबर, 2017 को केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग का गठन किया।

आयोग की अध्यक्षता पूर्व राज्य सभा सदस्य एवं केंद्र सरकार के पूर्व सचिव और योजना आयोग के पूर्व सदस्य एन. के. सिंह करेंगे।

केंद्र सरकार के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनूप सिंह आयोग के अन्य सदस्य होंगे।

बंधन बैंक के अध्यक्ष (गैर-कार्यकारी अंशकालिक) डॉ. अशोक लाहिड़ी और नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे।

अरविंद मेहता आयोग के सचिव होंगे।

आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्य उस तारीख से, जिसको वे अपना पद धारण करते हैं, रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तारीख तक या 30 अक्टूबर, 2019 तक जो भी पहले हो, पद धारण करेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 (1) के अंतर्गत वित्त आयोग का गठन किया जाता है।

15वां वित्त आयोग 1 अप्रैल, 2020 से लागू होगा।

*आयोग निम्नलिखित विषयों के बारे में सिफारिशें करेगा, अर्थात-*

(i) संघ और राज्यों के बीच शुद्ध आगमों का,

(ii) भारत की संचित निधि में से राज्यों के राजस्व में सहायता अनुदान को शासित करने वाले सिद्धांत और उन राज्यों को जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 275 के अधीन उनके राजस्वों में सहायता अनुदान के रूप में उस अनुच्छेद के खंड (1) के परंतुक में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों से भिन्न प्रयोजनों के लिए सहायता की आवश्यकता है, संदत्त की जाने वाली धनराशियां, और

(iii) राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिए किसी राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिए आवश्यक अध्युपाय।

इसके अलावा आयोग संघ और राज्यों की वर्तमान वित्त व्यवस्था, घाटे, ऋण स्तरों, नकद अनिशेष और राजकोषीय अनुशासन कायम रखने के प्रयासों की स्थिति की समीक्षा करेगा और मजबूत राजकोषीय प्रबंधन के लिए राजकोषीय समेकन की रूपरेखा की सिफारिश करेगा।

आयोग, 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों का अनुसरण करते हुए राज्यों को कर, न्यागमन में सारवान रूप से वृद्धि के साथ-साथ न्यू इंडिया, 2022 सहित राष्ट्रीय विकास एजेंडा की अनिवार्यता जारी रखने से संघ की सरकार की वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करेगा।

आयोग, केंद्र और राज्यों के वित्त साधनों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) के प्रभाव पर विचार करेगा।

जिसमें 5 वर्षों के लिए संभावित राजस्व हानि के लिए प्रतिकर का भुगतान और प्रतिकर के लिए कतिपय उपकरों की समाप्ति जिन्हें प्रतिकर हेतु निर्धारित किया जाएगा और अन्य संरचनागत सुधार भी सम्मिलित हैं।

आयोग अपनी सिफारिश करते समय वर्ष 2011 की जनसंख्या आंकड़ों का उपयोग करेगा।

आयोग 1 अप्रैल, 2020 से प्रारंभ होने वाली 5 वर्ष की अवधि को संभावित करते हुए 30 अक्टूबर, 2019 तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत करेगा।

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