• सरकार को सलाह देने वाली संस्था नीति आयोग ने साल 2022 तक गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता मुक्त नए भारत की परिकल्पना की है।
• नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने पिछले महीने राज्यपालों के सम्मेलन में न्यू इंडिया ए-2022 दस्तावेज पेश किया था। इसके मुताबिक, अगर भारत 8 प्रतिशत की वृद्धि दर से आगे बढ़ना जारी रखता है तो 2047 तक विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। इसके साथ ही हम साल 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत का सपना भी पूरा कर लेंगे।
• दस्तावेज में दिखाया गया है कि सरकार 2019 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 500 से अधिक आबादी वाले (विशेष इलाकों में 250 से अधिक की आबादी वाले) गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ सकती है।
• साथ ही 2022 तक भारत में 20 विश्वस्तरीय उच्च शिक्षण संस्थानों की परिकल्पना की गई है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के तहत चयनित सभी गांव 2022 तक आदर्श गांव का दर्जा प्राप्त कर सकते हैं। दस्तावेज में यह कहा गया है कि हमें 2022 तक भारत को गरीबी मुक्त बनाने का संकल्प लेना चाहिए।

*ढांचागत विकास में होगा 25 लाख करोड़ का निवेश*

• सड़क परिवहन तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि उनके दोनों मंत्रालय ढांचागत विकास को विशेष महत्व दे रहे हैं। 2025 तक इस तरह की परियोजनाओं पर 25 लाख करोड़ रपए का निवेश किया जाएगा।
• उन्होंने कहा कि हमारे यहां संसाधनों की कमी नहीं है, बल्कि उनके संरक्षण के लिए ढांचागत विकास की कमी है जिसके कारण हमें नुकसान उठाना पड़ता है।

• गडकरी ने यहां चल रहे र्वल्ड फूड इंडिया 2017 सम्मेलन में ‘‘बुनियादी ढांचा प्रौद्योगिकी एवं उपकरण क्षेत्र में संभावना’ विषय पर बोलते हुए कहा कि सड़क परिवहन और राजमागरे का विस्तार तथा जल संसाधन का व्यवस्थित इस्तेमाल देश के ढांचागत विकास में मील का –

पत्थर साबित होंगे और उनके प्रभार वाले मंत्रालयों में इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
• गडकरी ने कहा कि उनके दोनों मंत्रालयों की योजना अगले सात साल में ढांचागत विकास के क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रपए का निवेश करने की है। उन्होंने कहा कि छह लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके लिए भूमि का अधिग्रहण भी किया जा चुका है।
• केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में फल-सब्जी का उत्पादन करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है, लेकिन खराब फसल प्रबंधन तथा शीतगृह जैसे भंडारणों की कमी और ढांचागत विकास की अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण अपने उत्पाद का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इस अभाव के कारण 35 प्रतिशत सब्जी खराब हो जाती है, जिसका सीधा नुकसान किसान और कारोबारियों को होता है।
• उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी भारत की स्थिति दुनिया में बहुत कमजोर है। दुनिया में होने वाले कुल फूड प्रोसेसिंग में भारत की भागीदारी सिर्फ एक फीसद है, जबकि हमारे यहां 20 करोड़ लोग खेतीबाड़ी के कार्य से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश में कुल उत्पादित फल-सब्जी का सिर्फ 10 प्रतिशत ही प्रसंस्कृत होता है। इसको देखते हुए सरकार ने 2019 तक खाद्य प्रसंस्करण का लक्ष्य 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य तय किया है।

• गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इकॉनोमिक कोरिडोर तथा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना पर काम कर रहा है। चेन्नई, बेंगलुरू, विजयवाड़ा, हैदराबाद, सूरत तथा गुवाहाटी में लॉजिस्टिक पार्क बनाने का काम शुरू हो चुका है।

• योजना के तहत देशभर में 24 लॉजिस्टिक पार्क और 44 इकॉनोमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। इकॉनोमिक कारिडोर बनने से ट्रकों की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति दिन बढ़ जाएगी।

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