INTERNATIONAL/BILATERAL
1.आज ‘बिम्सटेक’ में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी, पड़ोसी देशों से मजबूत सहयोग पर होगी बात
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश नेपाल में गुरुवार और शुक्रवार को हो रही ‘बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल ऐंड इकॉनमिक को-ऑपरेशन’ (बिम्सटेक) की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, आपदाओं के अलावा कारोबार एवं कनेक्टिविटी से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा।
• पीएम मोदी की यह यात्रा भारत द्वारा पड़ोस को उच्च प्राथमिकता देने तथा दक्षिण पूर्व एशिया के विस्तारित पड़ोस में अपने संबंधों को गहरा बनाने का प्रतीक है। यात्रा पर रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में मोदी ने कहा कि शिखर बैठक के दौरान वे ‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल’ (बिम्सटेक) देशों के नेताओं के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने, कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे।
• उन्होंने कहा, ‘ शिखर सम्मेलन का विषय शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बंगाल की खाड़ी है और यह हम सभी की साझी आकांक्षाओं एवं चुनौतियों के संबंध में सामूहिक प्रतिक्रिया में मददगार होगा।’
• प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चौथा बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन अब तक इस समूह के तहत हुई प्रगति को और आगे बढ़ाएगा और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
• उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन से इतर उन्हें बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, भूटान और थाईलैंड के नेताओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा। मोदी ने कहा, ‘मैं नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ बैठक को आशान्वित हूं। इस दौरान मई 2018 में अपनी नेपाल यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करूंगा।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली और उन्हें पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में नेपाल भारत मैत्री धर्मशाला का उद्घाटन का अवसर मिलेगा।
आपसी सहयोग बनाने पर होगा जोर

• समझा जाता है कि इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा। सात देशों के इस समूह में दक्षेस के पांच देश -बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं। इनके अलावा आसियान के दो देश म्यांमार और थाईलैंड भी इसके सदस्य हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवाद से मुकाबला सभी बिम्सटेक देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है।
गोवा में हुआ था पिछला बिम्सटेक

• गोवा में वर्ष 2016 में संपन्न बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में आतंकवाद से मुकाबले पर विचार विमर्श हुआ था। उस बैठक में जोर दिया गया था कि आतंकवादी गतिविधियों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का विषय तब से राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों तथा अन्य क्षेत्रीय बैठकों में चर्चा से संबंधित महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है।
हो सकती है द्विपक्षीय बैठक व चर्चा

• पिछली बैठक में बिम्सटेक नेताओं ने आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा था कि आतंकवादियों, आतंकवादी संगठनों और नेटवर्क के खात्मे और उन्हें प्रोत्साहन, समर्थन, वित्तीय सहयोग और सुरक्षित पनाह देने वाले देशों की जवाबदेही तय करने और उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। बिम्सटेक बैठक से इतर प्रधानमंत्री समूह के देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक एवं चर्चा भी कर सकते हैं।
31 अगस्त को होगा समापन

• बैठक 30 अगस्त को शुरू हो रही है जिसमें समूह के नेता संयुक्त बैठक करेंगे। इसी दिन दोपहर में पूर्ण सत्र होगा। इस दिन रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रात्रि भोज होगा। अगले दिन 31 अगस्त को सदस्य देशों के नेताओं की मुलाकात एवं बैठकें होंगी। दोपहर बाद बिम्सटेक का समापन सत्र होगा।

2. भारत, कंबोडिया में दो समझौते
• विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने अपने कंबोडियाई समकक्ष प्राक सोकोन से मुलाकात कर द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर र्चचा की और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
• दो देशों की चार दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में कंबोडिया पहुंची स्वराज ने यहां विदेश मंत्रालय में सोकोन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर र्चचा की। नोम पेन स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया है, प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर र्चचा की।
• स्वराज बुधवार को कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन और सीनेट (देश की संसद) के अध्यक्ष से चुम से भी मिलेंगी। वियतनाम से होते हुए स्वराज मंगलवार को कम्बोडिया पहुंची थीं। दोनों देशों के बीच पहला समझौता कंबोडिया के प्री विहार स्थित भगवान शिव के मंदिर और विश्व विरासत स्थल की मरम्मत और संरक्षण को लेकर हुआ।
• प्री विहार मंदिर 11वीं सदी के पहले भाग में बना हुआ है। यह प्राचीन शिव मंदिर है।दूसरे सहमतिपत्र पर भारत के विदेश सेवा संस्थान (एफएसआई) और कंबोडिया के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस ने हस्ताक्षर किए। आसियान के दो महत्वपूर्ण देशों के, स्वराज के इस दौरे को दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर संतुलन बनाने की भारत की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और अमेरिका के बीमा नियामकों के बीच आपसी सहयोग के समझौते सहित तीन देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग के करारों पर हस्ताक्षर किये जाने को बुधवार को स्वीकृति दे दी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में ये फैसले लिये गए।
• इस करार में भारतीय बीमा नियामक तथा विकास प्राधिकरण और अमेरिका सरकार के संघीय बीमा कार्यालय के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान एवं शोध में सहयोग का प्रावधान किया गया है। मंत्रिमंडल ने भारत और बुल्गारिया के बीच पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के करार पर दस्तखत करने को भी स्वीकृति दी है। इससे भारत में बुल्गारिया से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
• भारत और मोरक्को के विभिन्न शहरों के बीच विमान सेवाएं शुरू करने, एक दूसरे के विमानन कंपनियों को कार्यालय खोलने संबंधी द्विपक्षीय करार पर हस्ताक्षर किये जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की।
• इसके अलावा मंत्रिमंडल ने भारत और रवांडा के बीच व्यापार सहयोग की रूपरेखा को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है। व्यापार सहयोग ढांचे पर 23 जुलाई, 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे। व्यापार सहयोग की रूपरेखा दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाएगी।

3. सिंधु संधि पर भारत, पाक वार्ता शुरू
• भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को यहां सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण र्चचा शुरू की। प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के शपथ लेने के बाद से यह पहली द्विपक्षीय बातचीत है। राष्ट्रीय इंजीनियरिंग सर्विसेस पाकिस्तान में दो दिन की बैठक का पहला दौर शुरू हुआ।
• पाकिस्तान और भारत के जल आयुक्तों को साल में दो बार मुलाकात करनी होनी है। लेकिन पाकिस्तान समय पर बैठकों को लेकर दिक्कतों का सामना कर रहा है। वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व जल आयुक्त पीके सक्सेना की अगुवाई में भारतीय जल आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल कर रहा है वहीं पाकिस्तान की ओर से उनके आयुक्त सैयद मेहर अली शाह और उनका प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है।
• बातचीत के दौरान दोनों देश अपनी रिपोर्ट रख सकते हैं। बैठक के बाद संयुक्त अधिसूचना जारी की जाएगी। मंगलवार को शाह और अतिरिक्त आयुक्त शहराज जमील ने सक्सेना की अगुवाई वाले नौ सदस्यीय भारतीय दल की अगवानी की।
• पाकिस्तान-भारत के स्थाई सिंधु आयोग की पिछली बैठक मार्च में नई दिल्ली में हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने 1960 की सिंधु जल संधि के तहत पानी के प्रवाह और इस्तेमाल किए जा रहे पानी की मात्रा का ब्योरा साझा किया था

NATIONAL

4. असहमति है लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व रोका तो होगा विस्फोट : सुप्रीम कोर्ट
• भीमा कोरेगांव हिंसा , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश और नक्सलियों से संपर्क के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए पांचों वाम विचारकों को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फौरी राहत दे दी। उन्हें पांच सितंबर तक पुलिस हिरासत में रखने के बजाय उनके घरों में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया है।
• शीर्ष कोर्ट ने इस आदेश के साथ कड़ी टिप्पणी की, ‘विरोध या असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, यदि आपने इसकी अनुमति नहीं दी तो विस्फोट होगा।’
• भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के दौरान पुणो पुलिस ने इसी साल जून में पांच माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के आधार पर मंगलवार को पुणो पुलिस ने छह राज्यों में छापे मार कर पांच और माओवादी कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून और आइपीसी के तहत गिरफ्तार किया।
• इतिहासकार रोमिला थापर समेत पांच लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर गिरफ्तारियों को चुनौती दी है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यी पीठ ने याचिका पर केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। इन्हें पांच सितंबर तक जवाब दाखिल करना है। इसके बाद याचिकाकर्ता को उत्तर देने का वक्त देते हुए मामले को छह सितंबर को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।
• कोर्ट ने अंतरिम राहत की मांग पर विचार करते हुए कहा कि फिलहाल पांचों को उनके घरों में नजरबंद रखा जाएगा। कोर्ट ने साफ किया कि यह आदेश सिर्फ अंतरिम है। बाकी सारे मुद्दे बहस के लिए खुले रहेंगे। पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएम खानविलकर हैं।

5. प्रोन्नति में आरक्षण पूरे समाज का नहीं, सिर्फ कर्मचारियों से जुड़ा मुद्दा : सुप्रीम कोर्ट
• पिछड़ेपन का आंकड़ा जुटाए बगैर एससी/एसटी कर्मचारियों को प्रोन्नति में आरक्षण देने की दलीलों का विरोध करते हुए बुधवार को आरक्षण विरोधियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह मामला पूरे एससी/एसटी समाज से नहीं, बल्कि सिर्फ एससी/एसटी कर्मचारियों से जुड़ा मुद्दा है। इसे एससी/एसटी समाज के सशक्तीकरण से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि कर्मचारियों की निगाह से देखा जाना चाहिए। प्रोन्नति में आरक्षण देने से पहले उनके पिछड़ेपन और पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के आंकड़े जुटाना जरूरी है।
• एम. नागराज फैसले को पुनर्विचार के लिए भेजे जाने का विरोध करते हुए वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने यह दलील दी। द्विवेदी ने कहा कि केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल द्वारा समाज में एससी/एसटी लोगों पर हो रहे अत्याचार या एससी/एसटी दूल्हे की बरात में र्दुव्यववहार का उदाहरण दिया जाना ठीक नहीं है। क्योंकि यह मामला पहले से ही नौकरी कर रहे एससी/एसटी कर्मचारियों से जुड़ा है।
• उन्होंने कहा कि नौकरी में शुरुआती प्रवेश के दौरान पूरे एससी/एसटी वर्ग को पिछड़ा मानकर आरक्षण दिया जाना ठीक है, लेकिन यहां मामला प्रोन्नति में आरक्षण का है। ऐसा नहीं है कि कोई चतुर्थ श्रेणी या तृतीय श्रेणी कर्मचारी भर्ती हुआ है और एससी/एसटी होने के कारण नहीं बढ़ पा रहा। प्रोन्नति में आरक्षण देते समय पिछड़ापन और पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाने जरूरी हैं। इस लिहाज से एम. नागराज फैसला बिल्कुल सही है।
• कानून कहता है कि पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने पर सरकार आरक्षण का प्रावधान कर सकती है, लेकिन आरक्षण देना अनिवार्य नहीं है। ऐसे में जब तक आंकड़े नहीं होंगे तब तक उनके पिछड़ेपन और अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का पता नहीं चल सकता।
• उनसे पहले आरक्षण विरोधियों की ओर से बहस करते हुए राजीव धवन ने कहा कि सरकार जो काम संसद के जरिये कानून संशोधन कर नहीं कर पाई वह वह सुप्रीम कोर्ट से आदेश के जरिये कराना चाहती है।
• उन्होंने कहा कि 2012 में उत्तर प्रदेश के प्रोन्नति में आरक्षण के कानून को रद करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तत्कालीन सरकार कानून में संशोधन विधेयक लेकर आई थी। जिसमें कोर्ट के एम. नागराज सहित कई फैसलों का जिक्र था।
• उस विधेयक में व्यवस्था थी कि एससी/एसटी अपने आप में पिछड़ा माने जाएंगे। उनके पिछड़ेपन के आंकड़े जुटाने की जरूरत नहीं है। लेकिन यह विधेयक संसद से पास नहीं हो पाया।

ECONOMY

6. आरबीआइ ने माना, वापस आए अधिकतर प्रतिबंधित नोट
• नोटबंदी के तकरीबन 22 महीने बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सिस्टम में वापस लौटे प्रतिबंधित नोटों की जानकारी सार्वजनिक की है। बुधवार को जारी अपनी सालाना में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने बताया है कि आठ नवंबर 2016 को घोषित नोटबंदी के तहत लाख करोड़ रुपये मूल्य के 500 और 1000 रुपये के नोट बैंकों में वापस किए गए।
• नोटबंदी के समय सिस्टम में 500 और 1000 रुपये के लाख करोड़ रुपये थे। इस आधार पर तकरीबन 99.3 फीसद प्रतिबंधित नोट वापस आ गए।
• वैसे पिछले वर्ष की में ही यह बात साबित हो गई थी कि जनता से 99 फीसद नोट वापस आ गए थे। लेकिन यह पहला मौका है कि आरबीआई की तरफ से स्पष्ट आंकड़े दिए गए हैं। आरबीआई की इस स्वीकारोक्ति ने नोटबंदी की सफलता और असफलता पर बहस को एक बार और हवा दे दी है। 500 और 1000 के नोटों को प्रचलन से बाहर करते हुए सरकार को उम्मीद थी कि काले धन के रूप में इन मूल्य वर्गो के तकरीबन तीन लाख करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आएंगे।
• सिस्टम में जारी किए नोट सरकार की जिम्मेदारी होती है और उसका हिसाब-किताब सरकारी तौर पर रखा जाता है। सिस्टम में वापस लौटने वाली राशि की मात्र सरकार के लिए अतिरिक्त संचय होती है। वित्त मंत्रलय के अधिकारियों ने वापस न आने वाली राशि का इस्तेमाल ढांचागत सुविधाओं के विकास में करने की बात कही थी।
• यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि अभी नेपाल, भूटान के बैंकों में जमा भारतीय मुद्रा वापस नहीं हुई है। आए दिन देश के कई हिस्सों से पुराने नोट पकड़े जाने की खबरें आती हैं। इससे संकेत हैं कि देश में कुछ पुराने नोट लोगों के पास रखे हैं।
• भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की के मुताबिक जाली नोटों के कारोबार पर भी इसका कुछ खास असर नहीं पड़ा।

7. विकास दर 7.4 फीसद रहने की आशा
• बेहतर मानसून और औद्योगिक गतिविधियों में उछाल की बदौलत चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं महंगाई के मोर्चे पर अब भी चिंता बरकरार है। साथ ही चालू खाते के घाटे को काबू रखने और बैंक कर्ज में धीमी वृद्धि के मद्देनजर अर्थव्यवस्था में निवेश की रफ्तार बढ़ाना भी बड़ी चुनौती है।
• अर्थव्यवस्था की यह तस्वीर रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट 2017-18 में पेश की गयी है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में विकास दर ने जो रफ्तार पकड़ी थी, वह आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। इसलिए मौजूदा आर्थिक स्थिति के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि 2017-18 में यह 6.7 प्रतिशत थी।
• आरबीआइ ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग और खनन गतिविधियों के लगातार अच्छे प्रदर्शन से औद्योगिक क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर हो रहा है। वहीं कृषि क्षेत्र में भी प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। कंपनियों की बिक्री बढ़ रही है और लाभ में सुधार आ रहा है। साथ ही सेवा क्षेत्र की गतिविधियां भी जोर पकड़ रही हैं। कोयला, खाद और सीमेंट की ढुलाई में वृद्धि से रेलवे की माला भाड़े से आय भी बढ़ रही है।
• महंगाई पर रहेगी नजर : वहीं महंगाई के मोर्चे पर आरबीआइ का कहना है कि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में महंगाई दर औसतन 4.8 प्रतिशत रही है। आने वाले महीनों में इसके कुछ और ऊपर जाने की स्थितियां बन सकती हैं इसलिए स्थिति पर लगातार नजर रखनी होगी। आरबीआइ का कहना है कि वैश्विक बाजार में जिंसों के बढ़ते भाव खासकर कच्चे तेल में तेजी और वैश्विक बाजार में हाल के घटनाक्रम से लागत बढ़ रही है।
• बैंक कर्ज की मांग बहुत कम : बैंक कर्ज की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए हुए आरबीआइ का कहना है कि कर्ज और जीडीपी के बीच फासला यानी क्रेडिट टू जीडीपी गैप वित्त वर्ष 2017-18 में भी नकारात्मक बना हुआ है। इसका मतलब यह है कि कर्ज की वास्तविक मांग इसकी संभावनाओं के मुकाबले काफी कम है।
• गौरतलब है कि मार्च 2017 में बैंक कर्ज में वृद्धि न्यूनतम स्तर 3.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गयी थी। हालांकि इसके बाद इसमें कुछ सुधार हुआ लेकिन अब भी यह अपेक्षानुरूप स्तर पर नहीं है। मार्च 2018 के अंत में कर्ज में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले यह 4.5 प्रतिशत थी।

SCIENCE & ENVIRONMENT

8. सामुद्रिक अनुसंधान और चेतावनी प्रणाली के लिए ओ-स्मार्ट को मंजूरी
• सरकार ने सामुद्रिक अनुसंधान एवं शोधों को प्रोत्साहित करने तथा सुनामी और तूफानों की चेतावनी पण्राली बेहतर बनाने के लिए 1,623 करोड़ रपए की लागत वाली समेकित योजना ‘‘ओ-स्मार्ट’ को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की आज यहाँ हुई बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गयी।
• योजना की अवधि दो साल की होगी। यह 2017-18 में शुरू हुई है और 2019-20 तक चलेगी। इसके तहत 16 उपपरियोजनाएँ होंगी जिनका संबंध सेवा, प्रौद्योगिकी, संसाधन, पर्यवेक्षण और विज्ञान से होगा।
• ‘‘ओ-स्मार्ट’ योजना के तहत सामुद्रिक पर्यवेक्षण और मॉडलिंग को मजबूत बनाने, मछुआरों के लिए सामुद्रिक सेवाओं में सुधार, समुद्र के प्रदूषण की निगरानी के लिए सामुद्रिक तटीय पर्यवेक्षणशाला की स्थापना, कावारत्ती में सामुद्रिक ताप ऊर्जा संचयन केंद्र की स्थापना, तटीय अनुसंधान के लिए दो तटीय अनुसंधान जहाजों की खरीद, खनिजों तथा जैव संसाधनों की खोज के लिए सामुद्रिक सव्रेक्षण एवं अन्वेषण को जारी रखने, गहरे समुद्र में गहरे खनन के लिए प्रौद्योगिकी का विकास और लक्षद्वीप में छह डिसेलिनेशन संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
• आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि इससे योजना से मछुआरे, गहरे समुद्र में काम करने वाले उद्योग, तटीय राज्य, रक्षा क्षेत्र, जहाजरानी उद्योग तथा बंदरगाह लाभांवित होंगे। मौजूदा समय में पाँच लाख मछुआरों को रोजाना मोबाइल पर संदेश के जरिये स्थानीय मौसम, समुद्र के रुख और मछलियों की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी जाती है।
• इससे मछुआरे कम समय में मछली पकड़ सकेंगे जिससे समय के साथ उनकी ईंधन लागत भी कम होगी। इसके तहत सुनामी तथा तूफानों की अग्रिम चेतावनी पण्राली को भी अद्यतन बनाया जायेगा।

9, कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर बढ़ने से भारतीयों में होगी पोषक तत्वों की कमी
• कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में वृद्धि के कारण चावल और गेहूं जैसी मुख्य फसलों की पौष्टिकता कम हो रही है। परिणामस्वरूप वर्ष 2050 तक करोड़ों भारतीयों में पोषक तत्वों की कमी का संकट हो सकता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है।
• अमेरिका के हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने पाया है कि मानव गतिविधियों से कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में हो रही वृद्धि से दुनिया भर में 17.5 करोड़ लोगों में जिंक और 12.2 करोड़ लोगों में प्रोटीन की कमी हो सकती है। ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि एक अरब से अधिक महिलाओं और बच्चों के आहार में लौह तत्व की उपलब्धता में भारी कमी हो सकती है।
• इससे एनीमिया और अन्य बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।1अध्ययन में पाया गया है कि भारत को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है और करीब पांच करोड़ लोगों में जिंक की कमी होने का अनुमान है।
• शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत में 3.8 करोड़ लोगों में प्रोटीन की कमी हो सकती है और लौह तत्वों में कमी के कारण 50.2 करोड़ महिलाओं और बच्चों को खतरा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया, अफ्रीका व पश्चिम एशिया के अन्य देशों पर भी इसका विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है।
• भावी पीढ़ी को चुकानी पड़ेगी कीमत : हार्वर्ड टीएच चान स्कूल में मुख्य शोध वैज्ञानिक सैम मायर्स कहते हैं कि हमारी रोजमर्रा की गतिविधियां जैसे हम घरों को कैसे गर्म रखते हैं, खाने में क्या लेते हैं, आवागमन के लिए कैसे वाहनों का प्रयोग करते हैं और यहां तक कि हम क्या खरीदते हैं, इन सबका असर हमारे आहार पर पड़ रहा है।
• इससे उनकी पौष्टिकता कम हो रही है। इसकी सबसे ज्यादा कीमत भावी पीढ़ी को चुकानी पड़ेगी।
• यह होगी स्थिति : शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस सदी के मध्य में यानी 2050 के करीब कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर 550 पीपीएम तक पहुंच जाएगा। इससे दुनिया की 1.9 फीसद आबादी को जिंक और 1.3 फीसद आबादी को प्रोटीन की कमी से जूझना पड़ेगा।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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