*1.नीति आयोग ने हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद का गठन किया है।*
नीति आयोग ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने हेतु ‘हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद’ का गठन किया है।
हिमालय की विशिष्टता और सतत विकास के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को ध्‍यान में रखते हुए नीति आयोग ने वर्ष 2017 में पांच कार्य समूहों को गठन किया था।
इस परिषद का गठन पांच कार्यसमूहों की रिपोर्टों के आधार पर पहचाने गए कार्य बिंदुओं के कार्यान्‍वन और समीक्षा हेतु किया गया है, जो कार्यवाही हेतु योजना तैयार करने के लिए विषयगत क्षेत्रों के साथ स्‍थापित किए गए हैं।
पांच विषयगत क्षेत्र हैं:

जल सुरक्षा के लिए हिमालय में बसंत के पुन:उत्‍थान और वस्‍तुसूची
भारतीय हिमालयी क्षेत्र में सतत पर्यटन
खेती को परिवर्तन दृष्टिकोण की ओर स्‍थानांतरित करना
हिमालय में कौशल और उद्यमिता (E&S) परिदृश्‍य को सुदृढ़ करना
सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा/ सूचना
संबंधित जानकारी

हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य डॉ वी. के. सरस्ववत होंगे और इस परिषद में हिमालयी राज्य के मुख्य सचिवों के साथ-साथ प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव, नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी और विशेष आमंत्रितगण भी शामिल होंगे।
हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद, हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास हेतु प्रधान एजेंसी होगी।
इस परिषद में 12 राज्‍य शामिल हैं, जिनके नाम- जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम के दो जिले जिनके नाम दिमा हसाओ और करबी अंगलॉंग और पश्चिम बंगाल का कालीम्पोंग जिला हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –गवर्नैंस

स्रोत-पी.आई.बी.

*2..दिल्ली पुलिस ने ई-लर्निंग पोर्टल लॉन्च किया है: ‘एन.आई.पी.यू.एन.’*
दिल्ली पुलिस ने अपने कर्मियों को सेवा प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु एक ई-लर्निंग पोर्टल ‘एन.आई.पी.यू.एन.’ लॉन्च किया है।
ई-लर्निंग पोर्टल का उद्देश्य विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किए गए विशिष्‍ट पाठ्यक्रमों के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण और जानकारी प्रदान करना है।
यह कानून पर ऑनलाइन संसाधन और जानकारी, स्थायी आदेश, जांच सूची, केस फाइलों के लिए फॉर्म, उच्च न्यायालय और सर्वोच्‍च न्‍यायालय के नवीनतम फैसलों को प्रदान करके विभिन्न मुकदमों की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों की मदद करेगा।
संबंधित जानकारी

सहयोगी शिक्षा और साझेदारी (सी.एल.ए.पी.) परियोजना के अंतर्गत कई पाठ्यक्रमों को स्‍वयं से विकसित किया गया है जब कि अन्य पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.), फिक्की, एन.एच.आर.सी., एन.सी.पी.सी.आर. और जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज, दिल्ली विश्‍वविद्यालय के सहयोग से विकसित किया गया हैं।
प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट का उद्देश्य दिल्ली पुलिस के पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में संकाय और प्रशिक्षुओं के मध्‍य सूचना साझा करने में सहायता करना है।
यह वेबसाइट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, अध्ययन सामग्री, सैंपल प्रश्न पत्र, मैनुअल, कानून आदि प्रदान करती है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 – गवर्नैंस

स्रोत- बिजनेस स्‍टैंडर्ड

*3.भारत डाक ने ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च किया है।*
डाक विभाग को भारत डाक के रूप में भी जाना जाता है, भारत डाक ने अपने पार्सल बिजनेस नेटवर्क का विस्तार करने के लिए अपनी ई-कॉमर्स साइट लॉन्च की है।
डी.ओ.पी., ऑनलाइन वाणिज्य के माध्यम से अपना राजस्व बढ़ाने की योजना बना रहा है।
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भारत की डाक सेवा ने इस वर्ष इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक नामक एक स्वतंत्र बैंकिंग सेवा को भी सूत्रबद्ध किया है।
भारत डाक

डाक विभाग (डी.ओ.पी.) को भारत डाक के रूप में जाना जाता है, यह भारत में डाक विभाग के अंतर्गत एक सरकार-संचालित डाक प्रणाली है।
यह भारत सरकार के संचार मंत्रालय का हिस्सा है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महत्‍वूपर्ण संस्‍थान

स्रोत-पी.आई.बी.

*4.’सुपर-अर्थ’ सूर्य के निकटतम एकल तारे के चारो-ओर चक्‍कर लगाती पायी गई है।*
खगोलविदों ने पृथ्वी के तीन गुना से अधिक भारी बर्फ से ढके हुए ग्रह की खोज की है, जो सूर्य के निकटतम अकेले तारे के चारो-ओर चक्‍कर लगा रहा है।
संभावित रूप से इस पथरीले ग्रह को बर्नार्ड स्टार बी के नाम से जाना जाता है, जो कि एक ‘सुपर-अर्थ’ है और यह प्रत्‍येक 233 दिनों में अपने तारे का एक चक्‍कर पूरा करता है।
यह ग्रह ‘स्‍नोलाइन’ नामक तारे से सुदूर क्षेत्र में स्थित है।
यह ग्रह रहने योग्‍य नहीं है क्‍यों कि यहां पर पानी और गैस ठोस रूप में स्थित है, अत: यहां जीवन संभव नहीं है।
इस ग्रह की सतह का तापमान लगभग -170 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है।
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बर्नार्ड स्‍टार, खगोलविदों और एक्सोप्लानेट वैज्ञानिकों के मध्‍य एक कुख्यात पिंड है, क्यों कि यह उन पहले तारों में से एक था जहां पहले ग्रह होने का दावा किया गया लेकिन बाद में यह गलत साबित हुआ।
बर्नार्ड स्‍टार बी, “प्रॉक्सिमा सेंटौरी बी” के बाद हमारे सूर्य के सबसे निकट ज्ञात दूसरा एक्‍सोप्‍लैनेट है।
अल्फा सेंटौरी ट्रिपल सिस्टम के बाद बर्नार्ड स्‍टार, सूर्य के सबसे निकटतम स्थित अगला तारा है।
यह एक प्रकार का धुंधला और कम द्रव्यमान का तारा है जिसे लाल बौना भी कहा जाता है।
लाल बौने को एक्सप्लानेट उम्मीदवारों को देखने के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है, जो ग्रह हमारे सौर मंडल से बाहर स्थित हैं।
शोधकर्ताओं ने अवलोकन के दौरान त्रिज्‍या वेग विधि का उपयोग किया था जिसके कारण बर्नार्ड स्टार बी की खोज हुई थी।
यह तकनीक एक तारे में झोंको का पता लगाती है जो एक कक्षीय ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उतपन्‍न होते हैं।
ये झोंके तारे से आने वाले प्रकाश को प्रभावित करते हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –विज्ञान एवं तकनीकि

स्रोत- द हिंदू

*5.आदि महोत्सव*
“आदी महोत्सव”, एक राष्‍ट्रीय आदिवासी महोत्‍सव है जिसे आदिवासी मंत्रालय और टी.आर.आई.एफ.ई.डी. के द्वारा नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया था।
यह महोत्‍सव आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य की भावना को पोषण और संवर्धन देने हेतु मनाया जाता है।
इस त्यौहार की थीम: “आदिवासी संस्कृति, शिल्प, व्यंजन और वाणिज्य की भावना का उत्सव” थी।
इस महोत्सव में आदिवासी कला और शिल्प के उत्‍पाद, आदिवासी दवा और चिकित्सक, आदिवासी व्यंजन और आदिवासी लोक अभिनय का प्रदर्शन और उत्‍पादों की बिक्री भी शामिल की जाएगी।
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(टी.आर.आई.एफ.ई.डी.) – भारतीय आदिवासी सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड

यह आदिवासी मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत कार्यरत एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है।
इसे बहु राज्य सहकारी समिति अधिनियम 1984 के अंतर्गत कल्याण मंत्रालय (जिसे अब बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है) द्वारा स्थापित किया गया था।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
इसका मुख्य उद्देश्य लघु वन उत्पादन (एम.एफ.पी.) और आदिवासियों द्वारा इकठ्ठा अथवा काटे जाने वाले अधिशेष कृषि उत्पादन (एस.ए.पी.) के व्‍यापार को संस्‍थागत बनाना है क्‍यों कि वे अपने जीवनयापन के लिए इन प्राकृतिक उत्‍पादों पर पूर्णतय: निर्भर हैं।
टी.आर.आई.एफ.ई.डी., गेहूं और चावल की खरीद के लिए एफ.सी.आई. हेतु एक एजेंसी के रूप में काम करता है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –कमजोर वर्ग हेतु कल्‍याणकारी योजनाएं

स्रोत-पी.आई.बी.

*6.भारत ने मृत्युदंड के उपयोग पर यू.एन.जी.ए. मसौदा संकल्प के खिलाफ मतदान किया है।*
भारत ने मृत्युदंड के इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के मसौदे संकल्‍प के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है और कहा है कि यह देश के सांविधिक कानून के खिलाफ है जहां “दुर्लभ से भी दुर्लभ” मुकदमों में निष्पादन किया जाता है।
मसौदा संकल्‍प को महासभा की तीसरी समिति (सामाजिक, मानवतावादी, सांस्कृतिक) में स्‍वीकार किया गया था।
भारत, इस प्रस्‍ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों में से एक था, जो मृत्‍युदंड का सामना करने वाले लागों के अधिकारों पर अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों का सम्‍मान करने हेतु सभी राज्‍यों की विधानसभा बैठक बुलाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे भेदभावपूर्ण कानून अथवा भेदभाव के परिणामस्‍वरूप अथवा कानून के मनमाने आदेश के आधार पर लागू नहीं किया गया है।
संबंधित जानकारी

भारत में मृत्‍युदंड को दुर्लभ से भी दुर्लभ मामलों में प्रयोग किया जाता है, जिस मुकदमें में किया गया अपराध इतना जघन्‍य हो कि जिससे समाज की आत्‍मा कांप जाए, वहां मृत्‍युदंड प्रयोग किया जाता है।
भारतीय कानून सभी आवश्यक प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय प्रदान करता है, जिसमें एक स्वतंत्र न्यायालय द्वारा निष्पक्ष परीक्षण, निर्दोषता की संभावनाएं, रक्षा के लिए न्यूनतम गारंटी और उच्च न्यायालय द्वारा समीक्षा करने का अधिकार शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा

संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है।
यह एक मात्र ऐसा संगठन है जिसमें सभी सदस्य राष्‍ट्रों के समान प्रतिनिधि, मुख्य विचार-विमर्श, नीति-निर्माण और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि अंग होते हैं।
इसकी शक्तियों में संयुक्त राष्ट्र के बजट की निगरानी करना, सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यों की नियुक्ति करना, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की नियुक्ति करना, संयुक्त राष्ट्र के अन्य हिस्सों से रिपोर्ट प्राप्त करना और महासभा संकल्‍प के रूप में सिफारिशें करना शामिल है।
संयुक्‍त राष्‍ट्र का मुख्‍यालय न्यूयॉर्क शहर में स्थित है।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय IV में इसकी संरचना, कार्य, शक्तियां, मतदान और प्रक्रियाएं निर्धारित की गई हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महत्‍वूपर्ण संस्‍थान

स्रोत- इंडियन एक्‍सप्रेस

*7.हिमाचल ने युवाओं के लिए ‘स्टार्टअप वैन’ की शुरूआत की है।*
हिमाचल प्रदेश ने युवाओं के लिए ‘स्टार्टअप वैन’ की शुरूआत है जिसका उद्देश्य नौकरी तलाशने वाले युवाओं को नौकरी प्रदाताओं में बदलना है। स्टार्टअप और नवाचार परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए राज्य सरकार युवाओं को उद्यमिता विकसित करने हेतु हर प्रकार की संभव सहायता प्रदान करेगी।
इस योजना का मूल उद्देश्य स्व-रोजगार और रोजगार उत्‍पन्‍न करना, उद्यमियों के कौशल का उन्‍नयन करना और व्‍यवसायिक मार्गदर्शन के अंतर्गत अपनी इकाइयों को स्थापित करने हेतु उन्‍हें समर्थन प्रदान करना है।
इस योजना का उद्देश्य उद्यमियों को विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के संभावित क्षेत्रों में व्यावहारिक परियोजनाओं का चयन करने, स्टार्टअप स्थापित करने और उसे व्‍यवसायिक तरीके से चलाने हेतु प्रशिक्षित करने में उनकी मदद करना भी है।
इस योजना के अंतर्गत ध्‍यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी संचालित नवाचार क्षेत्र, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और सुविधाओं, शिल्प, कला, जल और स्वच्छता, अक्षय ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ तकनीक, कृषि, बागवानी और इससे संबंधित क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण, खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य, मोबाइल, आई.टी. और जैव प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
संबंधित जानकारी

इस योजना के अंतर्गत क्षमता निर्माण करने, नेटवर्किंग विकसित करने, आवश्यक बुनियादी ढांचा स्‍थापित करने और जागरूकता पैदा करने के क्रम में राज्य के कई संस्थानों में इनक्‍यूबेशन सेंटरों का निर्माण करने का प्रावधान है।
इक्‍यूबेशन सेंटर स्‍थापित करने के लिए मंडी आई.आई.टी., हमीरपुर एन.आई.टी., पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद, नौनी बागवानी विश्वविद्यालय, बीर प्रौद्योगिकी उद्यान, एच.पी. विश्वविद्यालय, पालमपुर सी.एस.आई.आर. और जे.पी.यू.आई.टी. वकनाघाट का चयन किया गया है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महत्‍वूपर्ण योजनाएं

स्रोत- टी.ओ.आई.

*8.नीति आयोग ने शहरी आधारभूत ढांचे पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है।*
“शहरी आधारभूत ढांचे: सार्वजनिक और निजी साझेदारी और नगर निगम वित्त नवाचारों के प्रति नए दृष्टिकोण” पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन नई दिल्‍ली में शुरू किया गया है।
इस सम्‍मेलन का आयोजन एशिया और प्रशांत हेतु संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग और एशियाई विकास बैंक के साथ साझेदारी में नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शहरी आधारभूत ढांचे में मुख्य मुद्दों, दृष्टिकोणों और आगे बढ़ने के तरीकों पर चर्चा करना है।
इसका लक्ष्य समग्र मुद्दों की समीक्षा करना, दक्षिण एशिया में शहरी वित्‍त और पी.पी.पी. की स्थिरता का मूल्‍यांकन करना है, विशेषकर तब जब भारत अपने ज्ञान के आधार को अधिक व्‍यापक बना रहा और अंतर्राष्‍ट्रीय सर्वश्रेष्‍ठ अभ्‍यासों में व्‍यस्‍त हो।
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शहरी आधारभूत ढांचे पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन इस प्रकार का पहला सम्‍मेलन है, जिसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्र से सरकार, उद्योग, अनुसंधान संगठन, अकादमियों, प्रबुद्ध मंडल और नागरिक समाज के नेतृत्‍वकर्ता शामिल हैं।
इस सम्‍मेलन का लक्ष्य समग्र मुद्दों की समीक्षा करना, दक्षिण एशिया में शहरी वित्‍त और पी.पी.पी. की स्थिरता का मूल्‍यांकन करना है, विशेषकर तब जब भारत अपने ज्ञान के आधार को अधिक व्‍यापक बना रहा और अंतर्राष्‍ट्रीय सर्वश्रेष्‍ठ अभ्‍यासों में व्‍यस्‍त हो।
सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पी.पी.पी.) एक ऐसा विकल्प रहा है जो सरकारों को परियोजना के जीवन चक्र से जुड़े जोखिमों को बेहतर रूप से साझा करने में सक्षम बनाता है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –गवर्नैंस

स्रोत-पी.आई.बी.

*9.पर्वतीय गोरिल्‍ला समाप्‍त होने की कगार से वापस आ गए हैं।*
अंतर्राष्‍ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आई.यू.सी.एन.) ने एक बयान जारी किया है कि यह प्रजातियां “गंभीर रूप से लुप्तप्राय” खतरे के स्तर से “लुप्तप्राय” तक स्‍थानान्‍तरित हुई हैं।
वर्ष 2008 में पर्वतीय गोरिल्ला की जनसंख्या लगभग 680 होने का अनुमान लगाया गया था लेकिन वर्ष 2018 के अनुमानों से पता चलता है कि इनकी जनसंख्‍या बढ़कर एक हजार से अधिक हो गई है, जो इस उप-प्रजाति के लिए अभी तक दर्ज आंकड़ों में उच्चतम है।
समन्वित और विकसित सर्वेक्षण विधि के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि की पुष्टि की गई है।
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गोरिल्ला

गोरिल्ला, कांगो के लोकतांत्रिक गणराज्य, रवांडा और युगांडा में पाए जाते हैं, ये देश अफ्रीका के बहुत ही असुरक्षित क्षेत्रों में स्थित हैं।
जिन तीन देशों में गोरिल्‍ला पाए जाते हैं उन देशों की सरकार ने राष्ट्रीय उद्यान सीमाओं के प्रवर्तन को बढ़ा दिया है, जहां शिकार, जमाव और पक्की सड़कों अवैध हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –वन्‍यजीव एवं जैवविविधता

स्रोत- डाउन टू अर्थ

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