1.एनजेएसी पर सुप्रीम कोर्ट मार्च में सुनवाई को सहमत*

• एनजेएसी (नेशनल जूडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन) एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सुनवाई के लिए सहमति दी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच ने अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिग व सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में रिक्त पदों के विज्ञापन निकालने के मामले में भी विचार करने को कहा है।
• गौरतलब है कि 2015 में पांच जजों की संविधान बेंच ने एनजेएसी एक्ट के साथ कांस्टीट्यूशन (99वें संशोधन) एक्ट 2014 को खारिज कर दिया था। तब बेंच ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्टो में जजों की नियुक्ति व स्थानांतरण के लिए कोलेजियम प्रणाली पर मुहर लगाई थी। पांच में से केवल एक जज ने इस फैसले के विरोध में मत दिया था। जस्टिस जे चेलामेश्वर ने संविधान संशोधन को तब जायज ठहराया था।
• सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की।
• अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदमपारा का कहना था कि पहले भी जब एनजेएसी एक्ट की वैधानिकता पर सुनवाई होनी थी तब वरिष्ठ वकीलों की वजह से उसे टालना पड़ा। उनकी दलील थी कि एक्ट को लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि कोलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है।
• नेदमपारा ने तीन याचिकाएं लगाई थीं। इसमें वीडियो रिकार्डिग के साथ रिक्त पदों के विज्ञापन निकाले जाने की मांग भी शामिल है, जिससे अधिवक्ता भी सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्टो में जजों के लिए आवेदन कर सकें। चीफ जस्टिस ने कहा कि मार्च में एक साथ तीनों याचिकाओं की सुनवाई की जाएगी।

*2. 🌏दुनिया का तीसरा सबसे भरोसेमंद देश है भारत*

• सरकार, कारोबार, एनजीओ और मीडिया के मामले में भारत दुनिया के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले यहां लोगों का भरोसा डिगा है। एडलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
• वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से ठीक पहले आए इस सर्वेक्षण के मुताबिक, ग्लोबल स्तर पर उपरोक्त चार मानकों को लेकर लोगों का भरोसा काफी हद तक पिछले साल जैसा ही है। सर्वेक्षण में शामिल 28 देशों में से 20 देश गैर भरोसेमंद की श्रेणी में रखे गए हैं। 2017 में इस श्रेणी में 19 देश थे।
• सर्वेक्षण में दो वर्गो में रैंकिंग दी गई। एक में संबंधित मानकों से जुड़े हुए लोगों से राय ली गई और दूसरे में आम जनता से राय पूछी गई।
• दोनों वर्गो में क्रमश: 83 और 74 अंक के साथ चीन पहले स्थान पर रहा। वहीं 77 और 68 अंकों के साथ भारत का स्थान तीसरा रहा। इंडोनेशिया सूची में दूसरे स्थान पर रहा।
• सूची 28 देशों के 33,000 से ज्यादा लोगों पर किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई। भरोसे के मामले में चीन, भारत, यूएई, इंडोनेशिया और सिंगापुर की स्थिति कमोबेश एक जैसी है। हालांकि, भारत पिछले साल के मुकाबले भरोसा गंवाने वाले देशों में छठे नंबर पर रहा।
• पश्चिम के अधिकतर देश गैर भरोसेमंद की श्रेणी में हैं। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि पहली बार मीडिया सबसे कम भरोसे वाला संस्थान रहा। 28 में से 22 देशों में लोगों ने इसे गैर भरोसेमंद की श्रेणी में रखा। इसके अलावा, ऐसी कंपनियां जिनके हेडक्वार्टर कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में हैं, उन पर लोगों ने सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया।

 

आइएमएफ ने कहा, इस साल 7.4 फीसद की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था*

• इस साल चीन को पछाड़कर भारत फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के अनुमान के मुताबिक, 2018 में चीन के 6.8 फीसद की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसद की दर से आगे बढ़ेगी। पिछले साल भारत की विकास दर नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की शुरुआती दिक्कतों के चलते कम रही थी।
• सोमवार को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) में आइएमएफ ने 2019 में भारत की विकास दर 7.8 फीसद रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
• अक्टूबर, 2017 में जारी डब्ल्यूईओ में भी 2018 और 2019 में भारत की विकास दर का अनुमान क्रमश: 7.4 और 7.8 फीसद ही रखा गया था। 2019 में चीन की विकास दर 6.4 फीसद रहने का अनुमान है।1आइएमएफ के अनुसार, उभरते बाजारों और विकासशील देशों के लिए विकास का अनुमान पहले जैसा ही बना हुआ है।
• 2017 की तरह ही उभरते और विकासशील एशिया में 2018-19 के दौरान अर्थव्यवस्था करीब 6.5 फीसद की दर से बढ़ेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी आधी से ज्यादा बनी रहेगी। ग्लोबल अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चिंता जताई है।
• आइएमएफ का कहना है कि 2018 और 2019 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति बनी रहेगी, लेकिन यह तेजी ज्यादा समय तक रहने की उम्मीद नहीं है। आइएमएफ के इकोनॉमिक काउंसलर और रिसर्च डायरेक्टर मॉरिस ऑब्स्टफेल्ड ने कहा, ‘वैश्

विक अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है। यह अच्छी खबर है। लेकिन राष्ट्रों को ध्यान रखना होगा कि अभी तेजी के कुछ ऐसे कारक हैं, जो ज्यादा लंबे समय तक शायद नहीं बने रहेंगे।
• वैश्विक आर्थिक संकट हमें बहुत पीछे छूटा हुआ लग रहा है, लेकिन समावेशी विकास और बेहतर नीतियों के बिना अगला संकट बहुत जल्द आ सकता है। इससे निपटना ज्यादा मुश्किल होगा।’
• 2017 में ग्लोबल इकोनॉमी अनुमानित तौर पर 3.7 फीसद की दर से बढ़ी। 2018 और 2019 में यह 3.9 फीसद रह सकती है।

*4⭕. तेल कीमत के मसले पर भारत-चीन एक साथ*

• कूटनीतिक तौर पर तो भारत और चीन के रिश्तों में लगातार तल्खी बढ़ रही है लेकिन कच्चे तेल की खरीद के मुद्दे पर दोनों देशों न सिर्फ एक दूसरे के साथ हैं बल्कि मिलजुलकर तेल उत्पादक देशों पर दवाब बनाने में जुटे हैं। इसमें भारत और चीन के साथ दक्षिण कोरिया भी शामिल है।
• अप्रैल, 2018 में जब भारत में इंटरनेशनल एनर्जी फोरम (आइईएफ) की बैठक होगी तब इन तीनों देशों का संगठन तेल उत्पादक देशों पर इस बात के लिए दवाब बनाएंगे कि एशिया के सबसे बड़े तेल खरीदार देश होने के नाते उन्हें कीमत में थोड़ी राहत दी जाए।
• तीन देशों के बीच बन रहा यह गठबंधन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर से तेजी आ रही है और इसका असर इन तीनों देशों पर ही पड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
• अप्रैल में आइईएफ की बैठक होने वाली है जो भारत में अंतरराष्ट्रीय तेल व गैस उत्पादक व उपभोक्ता देशों का अभी तक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। इस बैठक में 50 देशों के ऊर्जा मंत्री हिस्सा लेने जा रहे हैं।
• पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान का कहना है कि पहली बार भारत में एक साथ 50 देशों के ऊर्जा मंत्री आ रहे हैं। इनमें से कई के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी जो आने वाले दिनों में भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए बेहद अहम साबित होगी।
• आइईएफ की बैठक में कुल 92 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। भारत, चीन और दक्षिण कोरिया तीनों इस सम्मेलन के संयुक्त आयोजक है। ये तीनों देश मिलकर तेल कारोबार के मौजूदा स्वरूप को बदलने का माद्दा रखते हैं।
• भारत, चीन और दक्षिण कोरिया न सिर्फ एशिया के तीन सबसे बड़े तेल खरीददार देश हैं बल्कि इनकी मांग भी लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ यूरोपीय देशों में तेल की मांग घट रही है जबकि अमेरिका ने अपने यहां काफी तेल उत्पादन कर रहा है।
• साथ ही अमेरिका में शेल ऑयल का उत्पादन भी तेजी से हो रहा है जिससे उसने तेल उत्पादक देशों से कम तेल खरीदना शुरू कर दिया है। ऐसे में सऊदी अरब, ईरान, नाइजीरिया, कतर जैसे तमाम तेल उत्पादक देशों के लिए भारत, चीन और दक्षिण कोरिया की अहमियत बहुत बढ़ गई है।

 

*5🌏. और गहराई अमीरी-गरीबी की खाई, सिर्फ 1% ने कब्जाई 73% नई संपत्ति*

• देश की आय में असमानता की चिंताजनक तस्वीर पेश करते हुए पिछले साल के आधार पर नए सर्वे ने बताया है कि 2017 में अर्जित देश की 73 फीसदी संपत्ति सिर्फ देश की एक फीसदी आबादी के पास गई है।
• 73 फीसदी संपत्ति सिर्फ एक फीसदी आबादी के पास
जबकि, 67 करोड़ भारतीयों की संपत्ति में सिर्फ एक फीसदी का इजाफा हुआ है, जो देश की कुल आबादी का करीब आधा हिस्सा है। यह सर्वे इंटरनेशनल राइट्स ग्रुप ऑक्सफेम की तरफ से दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की बैठक से महज कुछ घंटे पहले ही रिलीज किया गया है। जहां पर दुनियाभर के शक्तिशाली और अमीर लोग इकट्ठा हो रहे हैं।
• दुनिया में 82 फीसदी अर्जित संपत्ति 1 फीसदी के पास
वैश्विक स्तर पर अगर देखें तो आंकड़े और भी चिंता पैदा कर रहे हैं। सर्वें में बताया गया है कि पिछले साल दुनिया में अर्जित की गई कुल संपत्ति का 82 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक फीसदी के पास गया है। जबकि, 3.7 बिलियन आबादी जो कुल आबादी का आधा हिस्सा है उसकी संपत्ति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। पिछले साल हुए सर्वे में यह बताया गया था कि भारत की कुल संपत्ति का 58 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक फीसदी अमीरों के पास है जो दुनियाभर में ज्यादा है। पूरी दुनिया में यह आंकड़ा 50 फीसदी था।
• ओक्सफेम इंडिया के मुताबिक, इस साल के सर्वे में यह भी पता चला है कि 2017 के दौरान भारत के एक फीसदी अमीरों की संपत्ति में 20.9 लाख करोड़ रूपये की वृद्धि हुई है। ये केन्द्र सरकार के 2017-18 के कुल बजट के बराबर है।
• ‘रिवॉर्ड वर्क, नोट वेल्थ’ शीर्षक के साथ ओक्सफेम की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कैसे दुनियाभर में अमीरों की संपत्ति में लगातार तेज़ी के साथ इजाफा हो रहा है जबकि सैकड़ों करोड़ों लोग गरीबी रेखा के नीचे संघर्ष कर दो जून की रोटी के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
• रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में अरबपतियों की संपत्ति में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। जिसमें हर दो दिन पर एक अरबपति पैदा हुआ है। साल 2010 के बाद से अरबपतियों की संपत्ति में 13 फीसदी औसत रूप से इजाफाहुआ है जो सामान्य श्रमिकों के वेतन की तुलना में छह फीसदी ज्यादा है। क्योंकि, एक सामान्य श्रमिक की सालाना की संपत्ति में सालाना औसत वृद्दि करीब 2 फीसदी के बराबर है।
• ऑक्सफेम रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल देश में 17 नए अरबपति बने हैं। इस तरह देश में कुल अरबपतियों की संख्या 101 हो गई है। भारतीय अरबपतियों की संपत्ति बढ़कर 20.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है, जो कि सभी राज्यों कि स्वास्थ्य और शिक्षा बजट के 85 फीसदी के बराबर है।

 

*6⭕. दावोस में कठिन प्रश्न उपस्थित करेगी कमाई की गैर-बराबरी*

• विश्व आर्थिक मंच की सालाना दावोस बैठक से ठीक पहले आक्सफैम नामक अधिकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्था ने अपने सर्वेक्षण में भारत में पिछले साल कमाई के दौरान उत्पन्न बेइंतहा गैर-बराबरी की चिंताजनक तस्वीर प्रस्तुत की है, जिसका प्रभाव वहां निवेश की बड़ी उम्मीद लेकर गए भारत के प्रधानमंत्री और उनके प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल पर पड़ सकता है।
• आक्सफैम का सर्वेक्षण बताता है कि 2017 में होने वाली कमाई का 73 प्रतिशत धन देश के सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के हाथ में केंद्रित हुआ है और देश की आधी आबादी यानी 67 करोड़ लोगों की कमाई में महज एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
• देश के अमीरों की आय में पिछले साल होने वाली बढ़ोतरी 20.9 लाख करोड़ रुपए है जो कि देश के सालाना बजट के बराबर है। कमाई में होने वाली यह गैर-बराबरी इसलिए भी चौंकाती है, क्योंकि 2016 के मुकाबले इसमें बहुत अंतर आया है। उस साल देश के एक प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल कमाई का 58 प्रतिशत हिस्सा गया था, जबकि वैश्विक अनुपात 50 प्रतिशत का था।
• दुनिया के दस देशों के 70,000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में इस साल का वैश्विक अनुपात 82 प्रतिशत का है जो और भी चिंता बढ़ाने वाला है। बड़े लाव-लश्कर के साथ दावोस पहुंचे मोदी सरकार के लिए यह सर्वेक्षण कठिन प्रश्न खड़े करेगा, क्योंकि उस सम्मेलन में निवेश की उम्मीद होती है तो दुनिया में बढ़ती असमानता को मिटाने पर चर्चा भी होती है।
• भारत में बढ़ती असमानता के आंकड़ों पर तब से बहस छिड़ी हुई है जब से दुनिया के मशहूर अर्थशास्त्री और ‘कैपिटल इन ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी’ जैसी पुस्तक लिखने वाले थामस पिकेटी ने इस ओर ध्यान खींचा है। अब आक्सफैम की ओर से आए उसी तरह के आंकड़ों पर देश में बहस तेज होगी। सामाजिक स्तर पर देश के विभिन्न तबकों में कभी आरक्षण, तो कभी स्वाभिमान के नाम पर फूटते असंतोष और बढ़ती हिंसा लोगों की बेचैनी के प्रमाण हैं।
• मोदी सरकार के पास सिर्फ एक बजट पेश करने का अवसर है और इस असमानता को कम करने का कोई ठोस उपाय दिख नहीं रहा है। थामस पिकेटी और आक्सफैम ने असमानता की बढ़ती खाई को घटाने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स बढ़ाने और कंपनियों के प्रमुखों के वेतन की सीमा तय करने का सुझाव दिया है। सवाल है कि क्या सरकार उस दिशा में कोई कदम उठा पाएगी?

 

*7⭕. फॉकलैंड पहुंचा नौसेना का आइएनएसवी तरिणी*

• महिला नाविकों के साथ समुद्र यात्रा पर निकला भारतीय नौसेना का पोत आइएनएसवी तरिणी फॉकलैंड द्वीप में पोर्ट स्टेनले पहुंच गया है। सोमवार को पोर्ट स्टेनले पहुंचने से पहले पोत ने 18 जनवरी को केप ऑफ हार्न पार किया था। यह पोत दुनिया की पहली सागर यात्रा पर निकला हुआ है। पोर्ट स्टेनले से यह पोत चार फरवरी को आगे की यात्रा शुरू करेगा।
• प्रशांत महासागर को पार करने के दौरान पोत और इसके चालक दल के सदस्यों को विषम मौसमी परिस्थितियों और तूफानी हवा का सामना करना पड़ा। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि आइएनएसवी तरिणी को प्रशांत महासागर पार करने में में करीब दिन लगे। इस दौरान क्षेत्र में अत्यंत सर्द मौसमी परिस्थितियों थी। पोत में सवार भारतीय नौसेना की जांबाज महिला नाविकों के लिए यह चुनौतीपूर्ण रहा। हवा की गति 60 नॉट्स से ज्यादा थी और सात मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें पोत के लिए चुनौती बनी रहीं।
• पांच चरणों में पूरी होगी यात्रा : इस यात्रा के पांच चरण हैं। पोत को चार बंदरगाहों पर रुकना है। इनमें फ्रेमैन्टले (आस्ट्रेलिया), ल्याट्टलेटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनले (फॉकलैंड), और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) शामिल हैं। अभी तक पोत समुद्र यात्रा के पांच में से तीन चरण पार कर चुका है।
• ये महिलाएं कर रही हैं पोत का संचालन : पोत की कप्तान लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी हैं। चालक दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जमवाल, पी. स्वाती, लेफ्टिनेंट एस. विद्या देवी, लेफ्टिनेंट बी. एश्वर्या और लेफ्टिनेंट पायल गुप्ता शामिल हैं।

*8🌎. अंतरराष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन-2018 आज से*

• जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यों में चलाई जा रही बांध सुरक्षा पुनर्वास व उन्नयन परियोजना के तहत मंत्रालय द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन मंगलवार से किया जा रहा है।
• इस सम्मेलन में विश्व के लगभग500 विशेषज्ञ शामिल होंगे। झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु एवं उत्तराखंड के सात राज्यों में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा बांध सुरक्षा पुनर्वास एवं उन्नयन परियोजना (डीआरआईपी) चलाई जा रही है।
• कुल 2100 करोड़ रु पए की इस परियोजना का लक्ष्य देश में पुराने बांधों का पुनर्वास करना तथा उन्हें सुरक्षित बनाना है। इसी परियोजना के तहत ही बांध सुरक्षा सम्मेलनों का आयोजन विभिन्न राज्यों में वार्षिक समारोह के रूप में किया जाता है।
• इसमें बांध से संबंधित विशेषज्ञ, शिक्षाविद, वैज्ञानिक तथा संबंधित उद्योग बांध सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं पर विचार करने के लिए एकत्र होते हैं तथा नए बांधों के डिजाइन तथा निर्माण पर ध्यान देने तथा वर्तमान बांधों के लिए आपदा कम करने के उपायों के साथ उनकी निगरानी, अनुवीक्षण, परिचालन, रख-रखाव, पुनर्वास के लिए भी उपलब्ध विचारों, तकनीकों, माध्यमों, सामग्रियों आदि साझा करते हैं।

*9. 🌺दिलीप शेनाय फिक्की के महानिदेशक नियुक्त*

• उद्योग मंडल फिक्की ने दिलीप शेनाय को महानिदेशक नियुक्त किया है। शेनाय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), सियाम के महानिदेशक और सीआईआई के उप महानिदेशक रह चुके हैं।
• ’शेनाय ने 2015 के आखिर में एनएसडीसी से इस्तीफा दे दिया था। उस समय ऐसी खबरें आई थीं कि सरकार कौशल विकास निकाय के कामकाज से नाखुश है। उनकी नियुक्ति पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी।

*10. आनन्द प्रकाश दीक्षित को भारत भारती सम्मान*

• हिन्दी गौरव सम्मान डॉ. विद्याविन्दु सिंह को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान नन्द किशोर आचार्य को दिया गयापंडित दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान महेश चन्द्र शर्मा को मिलाप्रो. नेत्रपाल सिंह को अवन्तीबाई साहित्य सम्मान से नवाजा गया
• उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को साहित्य जगत के पुरोधा आनन्द प्रकाश दीक्षित को ‘‘भारत भारती’ सम्मान से अलंकृत किया।
• मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग पर आयोजित सम्मान समारोह में राजनीतिक और साहित्य जगत की कई नामचीन हस्तियां मौजूद थीं। योगी ने साहित्यकार को दुशाला पहनाया और प्रतीक चिन्ह एवं पांच लाख रपए की धनराशि देकर सम्मानित किया।
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