07 Aug Daily Current Affair
1.भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को मंजूरी
• राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को मंजूरी दे दी है। भगोड़े आर्थिक अपराधी को भारत में कानूनी प्रक्रिया से बचने से और देश से भागने से रोकने में इस विधेयक की अहम भूमिका होगी।
• भगोड़ा आर्थिक अपराधी वह व्यक्ति होता है जिसके खिलाफ 100 करोड़ रपए या उससे अधिक मूल्य के चुनिन्दा आर्थिक अपराधों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो और वह आपराधिक अभियोजन से बचने को देश से बाहर चला गया हो।
• इस नए कानून से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे, बड़े आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों को देश से भागने और कानून से बचने से रोका जा सकेगा। माल्या और मोदी की आर्थिक अपराधों में तलाश है। दोनों ही देश छोड़कर जा चुके हैं। दोनों के मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
• इस नए कानून के तहत प्राधिकृत विशेष अदालत को किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी बेनामी तथा अन्य संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होगा। यह कानून कहता है, ‘‘जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा।’
• भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 राज्यसभा में 25 जुलाई को पारित हुआ था। लोकसभा ने इस विधेयक को 19 जुलाई को मंजूरी दी थी। इस कानून के तहत न्यूनतम 100 करोड़ रूपये की सीमा को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संसद में कहा था कि इसके पीछे मकसद बड़े अपराधियों को पकड़ना है।
2. संरा के शांति मिशन के 70 वर्ष पूरे : भारत के योगदान को सराहा
• संयुक्त राष्ट्र ने शांतिरक्षक अभियानों में भारत के बहुमूल्य योगदान के लिए उसकी सराहना की है साथ ही शांति के लिए भारत के वर्दीधरी पुरु षों तथा महिलाओं की प्रेरणादायक सेवा के लिए उनकी तारीफ की।
• शांतिरक्षक अभियानों के लिए अवर महासचिव जीन पेरी लेक्रोइक्स ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक अभियान बेहद जटिल वातावरण में चलते हैं और हम भारत जैसे दृढ़ साझेदारों के आभारी हैं जो नई चुनौतियों के सामने खड़ा है और नागरिकों की रक्षा के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखे है।’
• संयुक्त राष्ट्र का जन सूचना विभाग (डीपीआई) संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा के 70 वर्ष पूरे होने पर ‘‘यूएन पीस की¨पग-सर्विस एडं सेक्रीफाइज नाम से एक अभियान चला रहा है। इस अभियान का मकसद संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के साथ ही उन देशों के प्रति आभार व्यक्त करना है जो कि शांतिरक्षक अभियानों में अपने वर्दीधारी पुरूष और महिलाओं को भेजते हैं।यह अभियान एक-एक देश को आधारित करके चलाया जा रहा है और इस सप्ताह यह भारत पर केन्द्रित है।
• भारत शांतिरक्षक अभियानों में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है और सबसे ज्यादा कर्मी यहीं के मारे गए हैं। विशेष फीचर ‘‘इंडिया एडं द यून: सेलिब्रेटिंग 70 इयर्स ऑफ इनवैल्यूएबल सर्विस टू द कॉज ऑफ पीस’ के अनुसार लैक्रोइस ने कहा, ‘‘किसी भी अन्य सदस्य देश की तुलना में भारत ने सबसे ज्यादा शांतिरक्षक खोए हैं। हम इस नुकसान के लिए उनके परिवारों और भारत सरकार के लोगों के प्रति दुख व्यक्त करते हैं।
3. बैंकों के ऋण और जमा में हुई बढ़ोतरी
• बैंकों से ऋण का उठाव 20 जुलाई को समाप्त पखवाड़े में 12.44 प्रतिशत बढ़कर 86,13,164 करोड़ रूपये पर पहुंच गया। एक साल पहले समान अवधि में बैंकों से ऋण का उठाव 76,59,898 करोड़ रपए रहा था।
• समीक्षाधीन अवधि में बैंकों के ऋण में वृद्धि छह जुलाई को समाप्त पखवाड़े की तुलना में मामूली कम रही । उस समय ऋण 12.78 प्रतिशत बढ़कर 86,60,069 करोड़ रूपये रहा था।
• समीक्षाधीन पखवाड़े में बैंकों का जमा 8.15 प्रतिशत बढ़कर 1,14,38,121 करोड़ रूपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 1,05,75,615 करोड़ रूपये रहा था। इससे पिछले छह जुलाई को समाप्त पखवाड़े में बैंकों की जमा वृद्धि 8.33 प्रतिशत बढ़कर 1,14,85,768 करोड़ रूपये रही थी।
• जून, 2018 में बैंकों का गैर खाद्य ऋण 11.1 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल समान महीने में यह 4.8 प्रतिशत बढ़ा था। जून में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण की वृद्धि घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई, जो जून, 2017 में 7.5 प्रतिशत थी।
• जून में व्यक्तिगत ऋण या पर्सनल लोन खंड की वृद्धि दर 17.9 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 14.1 प्रतिशत रही थी। समीक्षाधीन महीने में उद्योग को ऋण 0.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 1.1 प्रतिशत घटा था।
4. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत 21 से
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त को बहुप्रतीक्षित भारतीय डाक के भुगतान बैंक आईपीपीबी का शुभारंभ करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की प्रत्येक जिले में कम से कम एक शाखा होगी और यह ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
• संचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आईपीपीबी के उद्घाटन के लिए 21 अगस्त को समय दिया है। बैंक की दो शाखाएं पहले से परिचालन में हैं। शेष 648 शाखाएं देश के प्रत्येक जिले में शुरू की जाएंगी।’अधिकारी ने कहा कि आईपीपीबी 1.55 लाख डाकघर शाखाओं के जरिये ग्रामीण इलाकों के लोगों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
• अधिकारी ने कहा कि सरकार इस साल के अंत 1.55 लाख डाकघर शाखाओं को आईपीपीबी सेवाओं से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इससे देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क अस्तित्व में आएगा जिसकी गांवों के स्तर तक मौजूदगी होगी।
• आईपीपीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश शेट्टी ने पिछले सप्ताह कहा था कि आईपीपीबी 650 शाखाओं के साथ शुरू होगा।
• इसके अतिरिक्त डाकघरों में 3,250 एक्सेस पॉइंट होंगे और साथ ही 11,000 डाकिये होंगे।ये ग्रामीण और शहरी इलाकों दोनों में घर के दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। आईपीपीबी को 17 करोड़ डाक बचत बैंक खाते को अपने खाते से जोड़ने की अनुमति है।
5. कश्मीर में अनुच्छेद 35 ए और सियासत
• जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए की संवैधानिकता के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है। पिछले साल तत्कालीन महबूबा मुफ्ती सरकार ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था का हवाला देकर सुनवाई टालने का आग्रह किया था।
• अब राष्ट्रपति शासन में आसार इसके नजर आ रहे हैं कि पंचायत चुनावों के कारण सुनवाई आगे बढ़ाने का आग्रह किया जा सकता है। राज्य के दो प्रमुख दल महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) 35 ए हटाए जाने के खिलाफ हैं, जबकि भाजपा का रुख इसके उलट है।
• सियासत के जानकारों का मानना है कि 35 ए सिर्फ संवैधानिक प्रावधान, बल्कि राजनीतिक मसला बन चुका है। इसके पीछे वोट बैंक की सियासत है। विधानसभा की 87 में से 37 सीटें जम्मू संभाग की हैं, जिनमें से 20 पर मुस्लिम वोटर अहमियत रखते हैं।
• कश्मीर संभाग में 46 और लद्दाख की चार में से दो सीटों पर मुस्लिम वोटर प्रत्याशी की जीत में अहम हैं।
• एनसी और पीडीपी की सियासत कश्मीर केंद्रित है। इनका राजनीतिक एजेंडा ऑटोनामी और सेल्फ रूल है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को न्यायालय पर छोड़ दिया है। भाजपा 35 ए को हटाने के पक्ष में है।
• सर्वोच्च न्यायालय में जिस संगठन वी द सिटीजन्स संस्था ने 35ए के मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की है, वह आरएसएस से संबंधित बताई जा रही है। गठबंधन सरकार में रहते हुए भाजपा ने 35 ए हटाने को लेकर ज्यादा जोर नहीं दिया था। हालांकि अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना कहते हैं कि 35ए फ्रॉड है।
• कश्मीर मामलों के जानकार अहमद अली फैयाज के अनुसार अनुच्छेद 370 हो या 35 ए, दोनों को न तो आसानी से केंद्र सरकार भंग कर सकती है और न कोर्ट, क्योंकि कश्मीर में अलगाववाद एक बड़ा खतरा है।
• 35ए के समर्थन में कश्मीर की आजादी ब्रिगेड : कश्मीर के अलगाववादी ही नहीं, आतंकी संगठन भी 35 ए का समर्थन करते हैं, जबकि यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का हिस्सा है, जम्मू-कश्मीर के संविधान का नहीं। इसे कश्मीर की आजादी ब्रिगेड का दोहरापन ही कहा जाएगा कि वह भारतीय संविधान को तो नकारती है, लेकिन अपने फायदे वाले प्रावधानों को लेकर इसका समर्थन करती है।
• अलगाववादियों को डर है कि अनुच्छेद 35 ए हटने से कश्मीर में भारत के विभिन्न हिस्सों से लोग आकर बसेंगे, जिनमें से अधिकांश गैर-मुस्लिम होंगे और इससे कश्मीर में अलगाववादी एजेंडा कमजोर पड़ेगा।
• 1954 में लागू हुआ था अनुच्छेद : भारतीय संविधान का अनुच्छेद 35 ए तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश जारी कर 14 मई 1954 को लागू किया गया था।
• इस अनुच्छेद के जरिये वहां की विधानसभा को राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है। इसके अलावा नागरिक को मिलने वाली सुविधाओं जैसे राज्य में रोजगार, स्थायी संपत्ति की खरीद करना, राज्य में बसना, छात्रवृत्ति की सुविधा और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ के लिए नियम बना सकती है।
6. इसरो ने फिर टाला चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण
• चांद पर उतरने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को फिर से टाल दिया गया है। इसे अक्टूबर में भेजा जाना था, अब यह सपना जनवरी 2019 से पहले पूरा नहीं हो पाएगा। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है।1बता दें कि चंद्रयान-1 और मंगलयान मिशन के बाद चंद्रयान-2 इसरो के लिए एक बहुत बड़ा मिशन है।
• इसरो से जुड़े अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।’ अब चंद्रयान-2 मिशन को जनवरी में रवाना किया जा सकता है। इस संबंध में इसरो अध्यक्ष के. सिवन से संपर्क नहीं हो पाया है। अप्रैल में उन्होंने सरकार को अक्टूबर-नवंबर में होने वाले प्रक्षेपण को टालने की सूचना दी थी।
• चंद्रयान-2 की समीक्षा करने वाली एक राष्ट्रीय स्तर की समिति ने मिशन से पहले अतिरिक्त परीक्षण की सिफारिश की थी। चंद्रयान-2 को सबसे पहले अप्रैल में ही पृथ्वी से रवाना किया जाना था। 1चांद पर रोवर उतारने की पहली कोशिश : चंद्रयान-2 चांद पर रोवर उतारने की इसरो की पहली कोशिश है।
• इस पर करीब 800 करोड़ का खर्च आया है और यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। चांद के इस हिस्से की ज्यादा जांच-पड़ताल अब तक नहीं हुई है। 1इसरो के लिए था बड़ा धक्का : इसरो एक साल के भीतर दो बड़ी असफलताओं को ङोल चुका है। साल की शुरुआत में इसरो ने सैन्य उपग्रह जीएसएटी-6ए प्रक्षेपित किया था, लेकिन इसके साथ इसरो का संपर्क टूट गया था।
• इसके बाद फ्रेंच गुयाना से प्रक्षेपित होने वाले जीएसएटी-11 के प्रक्षेपण को यह कहते हुए टाल दिया था कि कुछ अतिरिक्त तकनीकी जांच की जाएगी।
• पिछले साल सितंबर में आइआरएनएसएस-1एच नौवहन उपग्रह को लेकर जा रहे पीएसएलवी-सी-39 मिशन अभियान भी असफल रहा था, क्योंकि इसका हीट शील्ड नहीं खुलने की वजह से उपग्रह नहीं छोड़ा जा सका।
Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)
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